Wednesday, November 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI मामी ने जमकर रस पिलाया

FUN-MAZA-MASTI

मामी  ने  जमकर रस  पिलाया


मैं राज एक बार फिर फन मज़ा मस्ती में आपका स्वागत करता हूँ .....
मैं  बी. टेक 3र्ड   ईयर  का स्टूडेंट  हु  और  रतलाम   का  रहने
वाला  हु . आज  मैं  आपको  अपनी ज़िन्दगी  की  एक  सच्ची  घटना सुनाने  जा  रहा  हु .
बात  तब  की  है  जब  मै  स्कूल में  पढता  था , गर्मी  की छुटिया मै  मामाजी  ने  मुझे
अपने  पास  उदयपुर बुला  लिया.
मामी  जी  अजमेर  में   काम  करती थी  और  मुझे  उन्हें  लेते  हुए उदयपूर  जाना  था 
मामाजी  ने हम  दोनों  के  लिए  एक  बस में डबल स्लीपर  बुक  करवा  दिया .
मैं   घर  से   रवाना  हो  गया और  बस  अजमेर  पहुंच  गयी .
मैंने  मामीजी   का  सामान रखवा  दिया  और  वो  स्लीपर  में आकर  लेट  गयी , साथ  मै  उनकी
1 साल  की  बेटी  भी  थी रात  हो चुकी  थी   और  हम  सोने  लगे .
मामीजी  ने  अपनी  बेटी  को  दूध पिलाने  के  लिए  जैसे  ही अपनी चूची निकली … तोह  मेरा  मन डोलने  लगा … मै  चुप-चुप  कर तिरछी  निगाहो  से  उनके  बूब्स देखने  लगा.
मेरा  मंन कर  रहा  था  की बच्ची  को  हटा  कर  खुद चूसने  लग  जाऊ … पर  ऐसा मुमकिन  नहीं  था.
रात  बढ़ी  और  ठण्ड  भी  बढ  गयी , ऐ सी और  मामी  की  जवानी दोनों  मेरे  शरीर  को  और ठंडा  किये  जा  रही  थी … लेकिन लंड  तोह  आग  उगल  रहा  था.
मै कुछ  देर  तक  ठिठुरता रहा … फिर  मामी  को  भी  ठण्ड लगने  लगी  और  उन्होंने  बस  वाले
से   एक  कम्बल  और  ले  लिया, मैं भी  कम्बल  में  घुस  गया …
फिर  भी  ठण्ड  काम  होने  का  नाम नहीं  ले  रही  थी … मंन में गुदगुदी  हो  रही  थी .
मैंने  मामी  से  जब  ज्यादा  ठण्ड होने  की  बात  कही … तब  वो मेरे  और  करीब  आ  गयी . उनके जिस्म  की  गर्मी  से  मेरी  ठण्ड कुछ  कम  हुआ और  मामीजी  सो
गयी . इस  सफर  से  पहले  मैंने उनके  बूब्स  को  देखने  से  मेरे अंदर  की  वासना  जग  चुकी  थी .
मामी  सो  रही  थी  और  मैंने मौके  का  फायदा  उठा  कर  उनके बूब्स  और  चूतड़  सहला  लिए
और  उनको  कुछ  पता  नहीं  चला .
मैंने  फिर  मुठ  मार  कर  अपने आपको  शांत  किया  और  सो  गया …
सुबह  हम  मामाजी  के  घर पहुंच  गए .
मामाजी  उदयपुर  की  दवाई  की कंपनी  मई  काम   करते  थे .करीब  9 बजे  मामाजी  कंपनी

चले  गए  और  घर  पर  सिर्फ मामी ,मैं  और  उनकी  एक  साल  की बेटी  थे . मामी  घर  का  पोंछा लगा  रही  थी  और  मई  नहा  कर पलंग  पर  बैठा  था
झुक  कर  पोछा  लगाने  की  वजह से  मामी के  बड़े -बड़े  बूब साफ़  दिखाई  दे  रहे  थे . मेरा
मंन उन्  आमो  का  रस  पीने के  लिए  बैचैन  हो  उठा .
 पर मैं  उनकी  नज़र  में   एक  दुबला पतला  शरीफ  बच्चा  था  इसलिए कोई  प्रयास  करना  मैंने  ठीक नहीं  समझा  और  किसी  तरह  खुद को  रोक  लिया .
कुछ  देर  बाद  मामी  नहाने चली  गयी  और  मैं  दरवाजे   के  की -होल  से  उनको  नहाते  हुए
देखने  लगा . मामी  ने  अपने कपडे  उतरे  और  साबुन  से रगड़  कर  नहाने  लगी .
क्या हसीन   नज़ारा  था … मुझे उम्मीद  नहीं  थी  की  छुटियो  में मुझे  किसी  ज़बरदस्त  माल  के दर्शन  होंगे .
उनकी  उम्र  27 साल … गोरा  रंग … दिलकश चेहरा  और  उनके  मादक  जिस्म  का
उतार  चढ़ाव  तो लाजवाब  था … उनका फिगर 34-26-34 रहा  होगा .
शाम  को  मामा  जी  आये  और हमने  खूब  मस्ती  की … रात  को हम  खाट पर  बिस्तर   निचे  लगा कर  सो  गए .
मै मामा   और मामी  के  बीच  मई  सोया  हुआ था .
थोड़ी  देर  मई  मामा  ने  कहा -मच्छर  के  कारन  उन्हें  नींद नहीं  आ  रही  है .
और  वो  अंदर  कमरे  मै  कूलर चला  कर  सो  गए .. कुछ  देर
मै मामी  भी  सो  गयी … पर  मैं उनके  नंगा  बदन  याद  करके उत्तेजित  हुए  जा  रहा  था .
कुछ  हिम्मत  जूटा   कर  मई  उनके करीब   गया  और  नींद   होने
का  नाटक  करते  हुए  उनके  बूब्स पर  अपना  हाथ  रख  दिया . कुछ देर  हाथ  वैसे  हे  रखा  और फिर  हल्का - हल्का  दबाना  शुरू किया .
 मै  तो मदहोश  हुए  जा रहा  था  लेकिन  अचानक  मामी उठ  गयी  और  मेरा  हाथ  उठा
कर  हटा दिया दिया.
मुझे  बहुत  डर  लगा  की  कही उन्होंने  मामा   से  कुछ  कह दिया  तोह  बहुत  बेज़्ज़ती  होगी …
पर  सब  कुछ  ठीक  रहा .फिर  कुछ  दिन  मैंने  युही  उनके मोटे  चूतड़  और बूब्स
देखते  हुए  निकल  दिए , शायद उन्हें  भी  मेरे  इरादे  समझ आने  लगे  थे .
मेरी  छुट्टियाँ   खत्म  हो  गयी और  मुझे  अपने  अधूरे  सपने लेकर  घर  जाना  पड़ा .मैं  घर
पर  अक्सर  सोते  समय  मामी  की हसीं  जवानी  को  याद  करता और  इस -से  मेरा  लौड़ा  खड़ा हो  जाता  था  और  में  कई  बार मामी  को  सपनो  मई  भी  चोद दिया  करता  था … जिस -से  मेरी चड्डी  गीली  हो  जाती  थीं,
दिन  यू   बीतते   गए  और  मेरी प्यास  और  बढ़ने  लगी .. लेकिन मैंने  पढाई  में  कभी कोताही
नहीं  बरती …
इसका  परिणाम  यह  हुआ  की  मेरा एडमिशन  ित  डेल्ही  में  हो गया.
मेरा  पूरे  परिवार  मै  नाम हो  गया  और  मैं   बहुत  खुश था .
छुट्टियों   में   नानीजी  के  घर सिरसा  गया … वह  बड़ो  की बाते  सुनकर  मुझे  यह  पता चला  की  मामी  का  अजमेर में ऑफिस  के  किसी  आदमी  के  साथ सम्बन्ध  स्थापित  हो  गया था …
यह  सुनते  हे  मुझे  उम्मीद  की किरण  नज़र  आई .
मामा  जी  हर  महीने  2-3 बार हे  मामी  से  मिलने  अजमेर  जाते थे … शायद  इसलिए  सेक्स  की  प्यास ने  मामी  को  किसी  और  से चुदवाने  को  मज़बूर  किया  था .
मैं  दिन -रात  मामी  की  चूत फाड़ने  के  सपने  देखने  लगा .
कॉलेज  मै  एक  साल  पलक झपकते  ही  बीत गया  और  साल  के अंत   तक  मैंने  एक  गर्ल -फ्रेंड  भी बना  ली .. मई  पिछले  4 महीनो से  उसके  साथ  था .
हम   दोनों  को  एक -दुसरे  का साथ  बहुत  पसंद  था …
लेकिन वो  मुझे  अधरों  के चुम्बन  के  आलावा  और  कुछ नहीं  करने  देती  थी … वो  थोड़ी
शर्मीले  किस्म  की  थी .
एक  लड़की  के  इतने  करीब  होकर भी  मैं  कुछ  नहीं  कर  पा  रहा था .
हॉस्टल  मै रहकर  मैंने   ब्लू -फिल्म  देखी  और  सेक्स  स्टोरीज भी  पढ़ी इस -से  मेरी  कसक 
और  बढ़  गयी  और  मै  अक्सर मुठ  मार  कर  अपनी  प्यास बुझाने  लगा .. कभी  कभी  तो
दिन  में  2-3 बार  मुठ  मार लेता  था 
मैंने  अपना  खुद  का  लैपटॉप  भी ले  लिया  था  और  उसमे  खूब सारी  ब्लू -फिल्म  स्टोर  कर  ली .
एक  साल  पूरा  हुआ  और  फिर छूटिया  हो  गयी . मै  लैपटॉप लेकर  घर  चला  गया  और  वह
भी  चुप -चुप  बैठ  कर  ब्लू -फिल्म्स  देखता  रहा .
एक  दिन  मुझे  मामाजी  का  फ़ोन आया  की  उन्हें  भी  लैपटॉप खरीदना  है … इसलिए  वो  मेरा
लैपटॉप  इस्तेमाल  करके  देखना चाहते  थे . वैसे  भी  पढाई की  व्यस्तता  के  कारन  मैं  पिछले
3 सालो  से  उनसे  मिल  नहीं  पाया था  तो  उन्होंने  मुझे  अपने पास  उदयपुर आने  को  कहा .
मैं  तुरंत  मान  गया  और उदयपुर जाने  की  तैयारी  करने लगा . मेरे  मन में लड्डू फुट  रहे  थे
मामा  से  मिलने से  ज्यादा  मैं  मामी  की  चूत  फाड़ने  को  बेताब  था .. क्यूंकि मामी  का  ट्रांसफर  भी अब उदयपुर में ही  हो  गया  था .
मै  अपना  लैपटॉप  लेकर  मामा  के घर पहुंच  गया … वह पहुंच  कर  मैंने  कपड़ने बदलने  की  सोची  और  मैंने मामी  के  सामने  ही  अपनी  जीन्स उतार  दी … ताकि  उन्हें  अंडरवियर
में  पड़े  मेरे  मोटे  लंड का साइज  पता   चल  सके .
मेरी  चाल  कुछ  हद  तक कामयाब  भी  हुई … मैंने  तिरछी निगाहो  से  पता  चला  लिया  था  की मामी  मेरे  लंड  को  निहार  रही है  और  क्यों  न  देखती .
 मेरा शरीर  अब गढीला  हो  चूका था … जवानी  मुझ  पर  पूरी  तरह छा  चुकी  थी . मेरी  अच्छी  कद –काठी  निकल  आई  थी  और  इससे मेरा  कॉन्फिडेंस  भी  काफी  बढ़ चुका  था .
रात  हो  गयी  और  हम  सब  सो गए … मुझे  अलग  कमरे  में सुला  कर  मामा  -मामी  अपने
कमरे  मई  चले  गए . रात  को जब  मई  पेशाब  करने  के  लिए उठा  तोह  उनके  कमरे  से  मामी की  सिस्कारिया  सुनाई  दे  रही  थी .
‘आह  आह  और  और … फाड़  डालो …ज़ोर  से  डालो …आह  आह …’
मै   कान  लगा  कर  सुन रहा था .. इतने  में  आवाज़े   आना बंद  हो  गयी  और  फिर  कुछ  देर में  मामी … मामा  को  गालिया देने  लगी .
मामा  बोले - इसमे  मेरी  क्या गलती  है … पिछले  एक  घंटे  से मई  तुम्हारे  बदन  को  गर्मी  दे
रहा  हु …फिर  भी  तेरी  प्यास नहीं  बुझी ..!
मामी  गालिया  देती  रही  और  मैं  चुप  चाप  आकर  अपने  कमरे में   सो  गया  और  सोचने  लगा  की
किस  तरह  मई  मामी  को  चोदु .सुबह  हो  गयी  और  मां -मामी  दोनों  ऑफिस  चले  गए ..
मामी  दोपहर  में   जल्दी  आ  गयी क्यूंकि  वो  सरकारी  नौकरी  में थी .
फिर  हमने  काफ़ी बाते  की …बातो  हे  बातो  में   उह्नोने मुझसे  पूछ   ही लिया - तुम्हारी
कोई  गर्ल -फ्रेंड   है  या  नहीं ?
मैंने  उन्हें  बता   दिया  – हा  है तोह … पिछले  4 महीनो  से  मै  एक लड़की  को  डेट  कर  रहा  हु .
मुझे  थोड़ा  अंदाज़ा  हो  गया  की मामी  मुझ  मई  इंटरेस्ट  आने लगा  है .

फिर  मई  मूवी  देखने  लगा .मूवी  मई  खूब  सारे  किश सीने  थे .. मामी  भी  मेरे पास  बैठ  कर  मूवी  देखने लगी.
इतने  मई  एक  सेक्सी  सीने  आ  गया और  मामी  ने  मुझसे  कहा - तू तो  बिगड़  गया  है … कैसे -कैसे  फिल्म्स  देखता  है .
इस  पर  मैंने  कहा - इसमे शर्माने  वाली  क्या  बात  है …यह  सब  तोह  चलता  है  और
मेरे  पास  तो  इस -से  भी  अच्छी फिल्म्स  है …
मामी  बोली  – अच्छा … तो दिखाओ .. तुम  किन  किन  फिल्म्स  की बाते  कर  रहे  हो ?
मामी  की  दिलचस्पी  देखकर मुझे  लगा  की  अगर  मई  उन्हें ब्लू -फिल्म्स  दिखा  दू … तो
शायद  मेरा  काम  बन  जाये .
मैंने  एक  कुंवारी  लड़की  वाली ब्लू -फिल्म  चालू  कर  दी … जैसे ही   फिल्म  शुरू  हुई  लड़का -लड़की एक -दुसरे  को  चूमने  लगे  और मामी  गौर   से  देखने  लगी .
कुछ देर  मई  दोनों  ने  कपडे  उतारना शुरू  कर  दिए  और  मामी  ने कहा  - मुझे  शर्म  आ  रही है … इससे  बंद  कर  दो …
मई  बोला - मामी  क्यों  मुझे बेवकूफ  बना  रही  हो .. तुमने भी  तोह  अपने  कॉलेज -टाइम  मे
ऐसी  फिल्म्स  देखीं होगी …
तो  मामी  ने  कहा - हमारे ज़माने  में   इससे  फ़िल्म  बड़ी मुश्किल  से  मिलती  थी … इसलिए
कभी  देखने  का  मौका  नहीं मिला .
फिर  हम  दोनों  वापिस  देखने लगे …
लड़की  की  ‘आहे ’ सुनकर  और मामी  के  बड़े  बूब्स  देख  कर मई  तो मचल  रहा  था .
मेरा  लंड  खड़ा  हो  गया  और मामी  की  साँसे  भी  तेज़  हो  गयी थी . उन्हें  बहुत  मज़ा  आ  रहा था .
चुदाई  की  इच्छा  बढ़ती  जा रही  थी … कुछ  देर  तक  देखने के  बाद  मई  मुठ  मरने  के
लिए  बाथरूम  चला  गया …
जल्दी  से  मुठ  मार  कर  वापिस आ   गया … क्यूंकि  मुझे  उम्मीद थी  की  अकेले  में   मामी  भी  अपनी खुजली  मिटने  की  कोशिश  करेगी .वही  हुआ … मामी  को  चूत रगड़ते  देखकर  मुझे  जोश  आ गया   और  मैंने  जल्दी  हे  मामी को  पीछे  से  जकड  लिया  और  उनकी सलवार  में  अपना  हाथ  घुसा दिया , उनकी  चुत  मसलने  लगा …
चूत की  गर्मी  देखकर  ऐसा  लगा   की  मामी  चुदने  को बेताब  है.
बस फिर  क्या  था … मैंने  मामी के  बूब्स  मसलने  शुरू  कर दिए  और  मामी  मदहोश  होने
लगी . उन्होंने  मेरा  एक  हाथ पकड़कर  फिर  से  अपनी  सलवार मई  डाल   लिया … मामी  का  जोश देखकर  मेरा  फिर  से  खड़ा  हो गया . मैंने  ज़ोर  से  मामी  की चूत  को  रगड़ा … तोह  वो  झड़ गयी .
झड़ने  के  बाद  मामी  उठकर बाथरूम  चली  गयी .
कमरे  में   आते  हे  मैंने  मामी के  होठो  को  चूम  लिया … पर मामी  ने  मुझे  हटते  हुए
कहा - थोड़ा  सबर  करो …
गुड़िया  ने  देख  लिया  तो
तुम्हारे  मामा   से  कह  देगी …
अकेले  में   जो  चाहे  करना .
मुझे  मंन मार  कर  उसकी  बात मान -नी पड़ी  और  मामी  के एक  बूब्स  को  एक  हाथ  से  पकड़ कर  दुसरे  हाथ  से  मुठ मरने  लगा … फिर  जल्द  हे  झड़ भी  गया .
फिर  न  जाने  मामी  को  क्या  सूझी उन्होंने  हस्ते  हुए  मेरा  लौड़ा
पकड़  लिया  और  ज़ोर -ज़ोर  से मसलने  लगी .
मैंने  कहा - मामी  झड़ जायेगा …
तोह  वो  बोली - मे  तोह  चेक  कर रही  थी  की  तू  ‘मेरी ’ ठीक   से  ले भी  पायेगा  या  नहीं.
यह  सुनकर  मुझे  जोश  आ  गया और  मई  खुद  को  मजबूत बनाने  की  कोशिश  करने  लगा.
मामी  10 मिनट  तक  ज़ोर  से रगड़ती  रही … पर मेरा माल नहीं  निकला . फिर  उसने  मुह  से
लेकर  बहुत  चूसा … आह  क्या एहसास  था …
 उनके  मुह  की  गर्मी और  चूसने  के  स्टाइल  ने   मुझे मदहोश  कर  दिया  था .
लगभग  7-8 मिनट  के  बाद मेरा  माल  निकल  गया .
फिर मैंने  मामी  के  बूब्स  चूसे …
छूट  मई  उंगली  डाली  और  उनको भी  झड़  दिया .
मैंने  इतने  जोश  से  उंगली  की  थी मामी  थोड़ी  हे  देर  छोड़  गयी .
मामा  के  आने  का  और  गुड़िया के  उठाने  का  वक़्त  हो  चला था … सो  उस  दिन  चुदाई  नहीं  की …
लेकिन  अगले  एक  हफ्ते  मैं    वही  रहा … मामी  ने  जमकर  अपनी चूत  का  रस  पिलाया  और  मैंने भी  अपने  लौड़े  का  खूब  दम दिखाया …
मामी  भी  खूब  चुदक्कड़  टी …
अलग -अलग  तरीके  से  चुदवाती थी .
मामी  का  यह  चूत   का  एहसान मैं  ज़िन्दगी  भर  नहीं  भुला पायूँगा .

तो आपको कहानी कैसी लगी कृपया अपने कमेंट से हमें बताये....














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