Wednesday, November 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI सफ़ेद चड्डी लाल कर दी

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सफ़ेद चड्डी लाल कर दी


मैं सूरत में रहता हूँ मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लण्ड का साइज 6 इंच है
ये मेरी सच्ची कहानी है जो पिछली होली को मेरे साथ घटी।
मैं यहाँ किराये के कमरे में रहता हूँ मेरे बगल में एक परिवार रहता है जिसमे पति पत्नी और उनका एक बेटा और एक बेटी रहते है।
लड़की की उम्र लगभग 19 साल होगी। उसका नाम आरती है।
आरती मुझे देखकर अक्सर लाइन मारती थी पर मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देता था
जब मैं काम पर जाता तो वो छत से मुझे कुछ न कुछ जरूर बोलती पर मैं उसे कुछ नहीं बोलता था क्योकि मैं अकेला रहता था इसलिए मेरी फटती थी
एक दिन काम से आते वक्त वो मुझे बाजार वाली गली में मिली और मुझे रोककर बातें करने लगी और कहने लगी की वो मुझसे दोस्ती करना चाहती है।
मैं भी अकेला था और एक लड़की दोस्ती के लिए बोले तो कैसे मना कर पाता मैंने भी हाँ कर दी।
और एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया ।
अब हम रात में अक्सर बातें और मेसेज करने लगे।
जैसे जैसे दिन बीतते गए हम एक दूसरे के और करीब आ गए
फिर एक दिन वो मुझे छत पर अकेली दिखी तो मैंने इसारे से पूछा की क्या वो अकेली है
उसने भी आँख मारते हुए मुझे इसारा किया की वो अकेली है
मैं भी छत पे चला गया और हम दोनों बातें करने लगे ।
बात करते करते मैने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया और धीरे से दबा दिया ।
उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मैंने अपना होठ उसके होठ पर रख दिया और किस करने लगा।
थोड़ी देर किस करने के बाद उसने मुझे झटका  दे दिया और कहने लगी की तुम जाओ नहीं तो भैय्या आ जायेंगे ।
पर मैंने उसकी एक बात न सुनी और उसको कस के पकड़ लिया और एक बार फिर किस करने लगा और अपना हाथ उसकी चूचियों पे लाकर उन्हें दबाने लगा।
वो भी अब गर्म होने लगी थी और अब मैंने अपना हाथ खिसकाकर उसके लोवर में डालने लगा तो वो मुझे मना करने लगी पर मैंने उसकी एक नहीं सुनी और अपना हाथ उसके लोवर में डालकर उसकी चूत सहलाने लगा ।
मैं अपना हाथ उसकी चूत पर फेर रहा था।उसकी नरम चूत पानी छोड़ने लगी।
अचानक सीढ़ियों पर कुछ आवाज हुई तो मैंने अपना हाथ उसके लोअर से निकल दिया और दूर हट गया । और वो भी निचे चली गयी।
उस दिन के बाद वो मुझे बहुत प्यार भरी नजरों से देखने लगी मैं भी उसके दीदार के लिए तड़पने लगा ।
उस दिन के बाद कुछ दिन तक हमें मिलने का मौका नही मिला।
कुछ दिन बाद होली का त्यौहार था और आप तो जानते ही होंगें की होली में सब लोग एक दूसरे के घर जाते है और होली खेलते है।
होली के दिन सब एक दूसरे को रंग लगा रहे थे तभी आरती मेरे कमरे में आई और
मेरे पीछे से मुझे रंग लगाने लगा
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे सामने लाकर उसकी चूचियों में रंग लगाने लगा
मैंने उसकी चूचियों को में ऐसे रंग लगाया की वो एकदम लाल हो गयी
मैंने उसे जमीन पर गिरा दिया और उसकी सलवार खीच कर उसकी पैंटी के ऊपर से ही रंग लगाने लगा मैंने उसकी सफ़ेद चड्डी लाल कर दी।
वो छटपटा रही थी पर मुझसे छुड़ा नहीं पा रही थी।
मैंने उसकी चड्डी भी निकाल दी और रंग ले कर उसकी चूत पे रगड़ने लगा।
मैंने उसकी लाल चूत को और लाल कर दी।
मेर रगड़ने की वजह से उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी और रंग में मिलकर लाल लाल बह रहा था।
उसने अब मुझसे छुड़ाने की कोसिस बंद कर दी थी और सिसकारियाँ ले रही थी।
उसकी सिसकारियों से मुझे और जोश आ रहा रहा था और मैं उसकी चूत जोर जोर से रगड रहा था।
आज की कहानी बस यही तक आपको कहानी कैसी लगी कृपया अपने कमेंट से हमें बताये।











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