Sunday, November 29, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..39

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..39



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अब आगे
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पूजा अपने मुँह से अजीब-2 सी आवाज़ें निकाल रही थी...और अजय को अपने होंठों के ज़रिए पिये जा रही थी.

रिया ने दरवाजा बंद कर दिया.

अजय ने इतनी ज़ोर वाली सकिंग पावर आज तक महसूस नही की थी...उसने भी अपने आप को पूजा के हवाले छोड़ दिया..और आराम से खड़ा होकर उसकी स्मूच का लुत्फ़ उठाने लगा.

उसकी आँखे खुली हुई थी और वो पीछे खड़ी रिया को बिल्कुल करीब से देख पा रहा था...उसने अपनी बाहें पूजा के चारों तरफ लपेट दी और पूजा को उतनी ही तेज़ी से चूमने लगा जितनी ज़ोर से वो चूम रही थी.



रिया उन्हे किस्स्स करते हुए देखकर यही सोच रही थी की ना जाने किस जन्म का बदला ले रहे है एक दूसरे से जो इतनी ज़ोर से चूम रहे है...

अजय ने अपना हाथ पीछे की तरफ बढ़ाकर रिया के बूब्स पर रख दिया...और इस तरह से पूजा के साथ-2 रिया को भी अपने लपेटे में ले लिया अजय ने...रिया तो अपने जीजू के सख़्त हाथों को अपनी कोमल और नन्ही छाती पर महसूस करते ही रीरिया उठी...और अपने होंठों को दांतो तले दबाकर अंदर ही अंदर सिसक पड़ी..

कुछ देर तक चूमने के बाद पूजा को जैसे होश आया...उसने आँखे खोली और अजय को अंदर की तरफ चलने को कहा..

पूजा की आँखे खुलते ही अजय ने तुरंत रिया के बूब्स छोड़ दिए...रिया को तो मज़ा आना शुरू ही हुआ था की अजय ने हाथ झटक लिए..उसे बहुत बुरा लगा..पर वो कर भी क्या सकती थी...आज उसका दिन नही था...इसलिए ऐसे में उसे आज जो भी मिल रहा था उसके लिए वही बहुत था..

अजय भी जानता था की पूजा को अच्छा प्यार देने की खातिर आज उसे रिया से दूर ही रहना होगा...और शायद पूजा अपनी बहन रिया को दूसरे कमरे में जाने के लिए कहे..

लेकिन पूजा के दिमाग़ में कुछ और ही था.

अजय का हाथ पकड़कर पूजा उसे बेडरूम में ले गयी...उसी बेडरूम में जहाँ उसकी बहन ने अपना कौमार्य खोया था...और तब से ना जाने कितनी रातें अपने पति से चुदती चली आई थी...उसी बेडरूम में अब पूजा अपना कुँवारापन लुटाने के लिए पहुँच चुकी थी.

पूजा ने अजय और रिया को देखा और बोली : "जीजू....मैने कुछ सोचा है...आई होप आपको बुरा नही लगेगा...''

अजय उसकी तरफ देखने लगा...की ऐसा क्या चल रहा है इसके दिमाग़ में ...

पूजा : "मैने....मैने और रिया ने सोचा है की.....ये सब करते हुए....ये...ये भी इसी कमरे में रहे...''

अजय की तो बाँछे खिल उठी...यानी आज की रात डबल मज़ा आने वाला था उसे...वैसे तो उसने खुद ही रिया को किसी और दिन के लिए रख छोड़ा था...लेकिन जब सामने से ही ऐसा ऑफर आए तो वो कौन होता है मना करने वाला...




लेकिन जैसा वो सोच रहा था,वैसा बिल्कुल नही था...क्योंकि अगले ही पल पूजा ने उसके अरमानॉ पर पानी फेर दिया.

पूजा : "मैने डिसायीद किया है की...ये इसी कमरे में बैठकर...सब देख लेगी...जो शायद इसके लिए भी काम आएगा...कुछ सीख सकेगी ये सब देखकर ..लेकिन सिर्फ देखेगी , हमारे बीच में पड़कर कुछ करेगी नहीं ''

अजय का तो सिर घूम गया....ऐसे मौके पर आकर ये क्या सूझा पूजा को....वैसे तो आज रिया का यहाँ होने का कोई मतलब ही नही था...लेकिन जब वो आ ही गयी है तो उसे दूसरे कमरे में भी तो बिठाया जा सकता है...और अगर वो इसी कमरे में रहना चाहती है तो सिर्फ़ एक दर्शक बनकर ना रहे ना...

लेकिन इन सब सवालो को अजय ने मन में ही रखा...क्योंकि ऐसे मौके पर किसी भी तरह की बहस करके वो अपना और पूजा का मूड खराब नही करना चाहता था...और वो जानता था की ऐसे नाज़ुक मौके पर अच्छे मूड का होना कितना जरुरी है...

उसने हाँ कर दी.

उसकी हाँ सुनते ही पूजा उसके गले से लिपट कर उसे चूमने लगी...रिया के चेहरे पर भी हँसी आ गयी.

पूजा को चूमते-2 अजय के हाथ उसके बूब्स पर चले गये...पूजा को हमेशा से ही अपने बूब्स पर हाथ लगने के बाद गुदगुदी सी महसूस होती थी...उसने अजय के हाथ वहां से हटाना चाहा पर वो तो शैतान जीजू की तरह अपनी साली की कमज़ोरी जानने के बाद उसके पीछे ही पड़ गया...और अपना मुँह नीचे करते हुए उसने टी शर्ट के उपर से ही उसके उभरे हुए निप्पल को अपने दांतो में दबोच लिया और ज़ोर से काट लिया.



''आआआआआआआआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....जिजुउुुुउउssssssssss .....''

एक साथ दो सिसकारिया गूँजी थी....पूजा के साथ-2 रिया भी कसमसा उठी थी.

दोनो ने एकदम से अपनी किस्स तोड़कर रिया की तरफ देखा तो वो थोड़ा डर सी गयी...की कहीं उसे कमरे से बाहर जाने के लिए ना बोल दे...वो चुपचाप जाकर कोने में पड़ी चेयर पर जाकर बैठ गयी.

पूजा और अजय मुस्कुरा दिए और एक बार फिर से अपने काम पर लग गये.पूजा उसे चूमने में और अजय उसके बूब्स को दबोचने में ..

अब पूजा अपने जंगली रूप में आने लगी थी...अजय जिस अंदाज से उसके बटन्स को छेड़ रहा था,पूजा अपनी उत्तेजना की सीमा के करीब पहुँचती जा रही थी.

अजय ने अपनी टी शर्ट उतार दी और अपना कसरती बदन पूजा को दिखाया.




जवाब ने पूजा ने भी उतनी ही बेशर्मी से अपनी टी शर्ट को उतार फेंका...अजय ने उसकी टी शर्ट उतारने में मदद की और उतारने के बाद उसे हवा में उछाल दिया .... अब वो सिर्फ़ ब्रा और जींस में खड़ी थी.



ऐसा लाजवाब हुस्न देखकर अजय का लंड उसके शॉर्ट्स में खड़ा हो गया....जिसे आगे बढ़कर पूजा ने अपने हाथो में पकड़ा और ज़ोर से दबा दिया...अजय ने अपना हाथ उसकी कमर पर लेजाकर उसकी ब्रा के हुक्स खोल दिए और अपनी आँखो का इशारा करके उसे नीचे जाने को कहा...

पूजा ने अपने हाथ उसकी शॉर्ट्स पर रखे और अजय ने उसकी ब्रा पर..और जैसे ही पूजा नीचे बैठी, उसकी ब्रा अजय के हाथ में रह गयी...और नीचे बैठते-2 अजय की शॉर्ट्स पूजा ने नीचे कर दी..इस तरह से दोनो एक ही साथ नंगे हो गये..

अजय का लंड पूजा के चेहरे से किसी डंडे की तरह टकराया..जिसे पकड़कर उसने बड़े प्यार से देखा लेकिन जैसे ही वो उसे चूसने के लिए आगे हुई, अजय ने उसे रोक दिया, बेचारी के मुंह का पानी अंदर ही रह गया..

अजय : "ऐसे नहीं ... पहले रिक्वेस्ट करो, इसे चूसने की परमिशन मांगो ''.

पूजा भी अजय की ये बात सुनकर सोचने लगी की ये क्या हो गया है जीजू को, ऐसे मौके पर आकर ये कैसी हरकत कर रहे है, जब वो चूसने के लिए तैयार है ही तो इस तरह की मिन्नतें करवाकर उन्हें क्या मिलेगा.

पर वो बेचारी नहीं जानती थी की आज की रात के लिए अजय ने क्या-२ सोच कर रखा हुआ था, और ये भी उसी सोच का हिस्सा था, अजय जानता था की ये पूजा की पहली चुदाई है, इसलिए उसकी चुदाई की हर मूमेंट को वो यादगार बना देना चाहता था, ताकि वो उसे उम्र भर याद रखे, इसलिए कदम-२ पर उसने इस तरह के छोटे-२ खेल सोच कर रखे हुए थे.

पूजा ने भी बहस करना सही नहीं समझी , वो उसके मोटे लंड को देखते हुए प्यार भरे स्वर में बोली : "प्लीज , लेट मी सक इट, चूसने दो मुझे ''



अजय (मुस्कुराते हुए) : "यस, सक्क इट , चूसो इसे, मेरे लंड को,मेरी बॉल्स को, चाटो , खा जाओ इन्हे ....."




पूजा ने महसूस किया की ये सब सुनकर उसके शरीर में अजीब-२ सी तरंगे उठने लगी है, वो पहले से ज्यादा उत्तेजित महसूस करने लगी, अजय के लंड को चूसने की अभिलाषा और जोर से उभरने लगी, अब वो समझ गयी थी की जीजू ने ये सब किसलिए किया , वो मन ही मन उन्हें थेंक्स बोलते हुए आगे बड़ी और टूट पड़ी अजय की टांगो के बीच ...

कुछ देर तक उसकी बॉल्स को अच्छी तरह चूसने के बाद एक ही बार में उसके मोटे लंड को अपने मुँह के अंदर निगल गयी.



पूजा ने इस पल का ना जाने कितने दिनों से इंतजार किया था...जब से अजय ने ये प्रोग्राम बनाया था,पूजा के दिमाग़ में बस यही चल रहा था की जब जीजू मिलेंगे तो कैसे चुसेगी...कैसे मसलेगी उनके लंड को.

क्योंकि एक बात तो वो समझ ही चुकी थी की उसके जीजू को लंड चुसवाना बहुत पसंद है.

अब इस पगली को कौन समझाए की ये काम तो हर मर्द की पहली पसंद है.

पूजा ने पिछले 2 दिनों से इकट्ठी की हुई लार को चाशनी की तरह अपने जीजू के लंड पर लपेट कर उसे नहला दिया और ज़ोर -2 से अजय का मीठा लंड चूसने लगी.

ये सब देखकर रिया का क्या हाल हो रहा था ये बताने की ज़रूरत नही थी.

वो तो अपनी चूत को अपनी जाँघो के बीच दबाकर अपनी संतरे की फांको को आपस में बुरी तरह से मसल रही थी.. और साथ ही साथ अपनी उंगली खुद ही चूस्कर अपने दिल को तसल्ली दे रही थी की वो भी किस्स कर रही है...और दूसरे हाथ से अपनी छातियों को लाल करने में लगी हुई थी.



अजय तो नीचे मुँह करके पूजा की झूल रही छातियाँ देखकर पागल हुए जा रहा था...उसकी इन्ही तनी हुई कुँवारी छातियो ने ही उसकी तरफ आकर्षित किया था उसे हमेशा से...और अब वही छातियाँ उसके सामने थी...और वो भी पूरी नंगी.

अजय के मुँह मे पानी भर आया...और उसे मालूम था की इस पानी को कहाँ उड़ेलना है...उसने पूजा की बगल में हाथ डालकर उसे किसी बच्चे की तरह उठाकर बेड पर पटक दिया और उसके मुम्मो पर टूट पड़ा...ऐसा लग रहा था जैसे वो दो मीठे स्पॉंज केक खा रहा था जिनपर लगी चेरी को वो मुँह में लेजाकर चुभलाता और अपने दांतो से उसे उखाड़ने की कोशिश भी करता.



पूजा के दोनो हाथो को उसने बेड पर दबोच रखा था..ताकि वो उसे रोक ना पाए...बेचारी उसके नीचे दबकर सिर्फ़ छटपटाने के अलावा कुछ नही कर पा रही थी.उसके अंदर उठ रही तरंगे उसके जिस्म को उपर की तरफ उचका रही थी..और वो अपने कूल्हे उठाकर अपनी भीनभिनाती चूत को अजय के खड़े हुए लंड से टच करवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

लेकिन अजय बड़ी ही चालाकी से अपने लंड को उसकी चूत से दूर रखकर उसकी बेकरारी को बड़ा रहा था.

अजय उसके बूब्स को चूसता - 2 नीचे की तरफ बढ़ने लगा...उसकी नाभि पर पहुँचकर उसने अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी...और उसकी नाभि को अपनी जीभ से चोदने लगा..

ये देखकर दूर बैठी रिया ने भी अपनी टी शर्ट उठाकर अपनी नाभि की गहराई देखी की क्या वो भी जीभ से चोदने लायक है या नही...वो उतनी गहरी नही थी जितनी पूजा की थी...कारण था पूजा का गदराया हुआ जिस्म, जिसकी वजह से उसकी नाभि उसके पेट में थोड़ा अंदर जा धँसी थी...और इस वक़्त अजय उसी नाभि को अच्छी तरह से चाटकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने फिर से दक्षिण का रुख़ किया और उसकी जीभ की जीप पूजा की चूत के द्वार पर जाकर रुक गयी...

अजय ने उपर मुँह करके उसके चेहरे को देखा...वो साँस रोके उसके अगले कदम की प्रतीक्षा कर रही थी.

अजय ने उसकी जीन्स के बटन खोले और उसकी पेंटी समेत उसे नीचे की तरफ खींच दिया..

जैसे-2 उसकी पेंट उतरती गयी,उसकी कमाल की चूत उभरकर अजय के सामने आती चली गयी.



कमाल की इसलिए की एक तो वो कुँवारी थी...और उपर से उसकी जिस अंदाज में ट्रिमिंग की गयी थी,उसे देखकर अजय अचंभित रह गया..चूत के चारों तरफ हल्के-2 बाल छोड़कर एक डिज़ाइन सा बना दिया गया था..और बाकी हर जगह से वो एकदम सफाचट थी...और ये सब इतने महीन तरीके से किया गया था की वो खुद तो ये कर ही नही सकती थी..अजय समझ गया की उसकी चूत की कलाकारी में रिया का हाथ है.






उसने रिया की तरफ देखा तो वो अपनी चूत मसलते हुए अजय को देखकर मुस्कुरा उठी...और अपने बूब्स को प्रेस करके एक सिसकारी भी मारी...अजय समझ गया की पूजा की चूत के बाल इसी चुहिया ने कुतरे है..

अब अजय के सामने एकदम रसीली और जूस से भरी हुई चूत पड़ी थी...उसने अपनी जीभ को तैयार किया और टूट पड़ा उसकी चूत की नदी में .



सेलाब तो कब से उमड़ रहा था उसकी चूत में ....अब अजय की जीभ ने चप्पू चलाकर उस नदी में सैलाब लेकर आना था....और वो ये काम करना बेख़ुबी जानता था.





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