Wednesday, November 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI चोदो बहुत मन कर रहा है-2

FUN-MAZA-MASTI

चोदो बहुत मन कर रहा है-2




थोड़ी न नुकुर करते हुए उसने मुँह मेंब लंड ले लिया और उसे चूसने लगी। उसकी आँखों से आनन्द चमक रहा था। लंड मुँह से बाहर निकाल कर बोली- मुँह में चूसने में मज़ा आ गया। एक बार और चोदिये, ऊ उह उइ उई एक बार और चोदिये ना ! बड़ा अच्छा लग रहा है।
इस बार मैंने उसे लेटते हुए अपनी गोद में लोड़े पर चढ़ा लिया और लंड अंदर घुसा कर धीरे धीरे चोदते हुए उसके होंठ चूसने लगा।
15 मिनट होंट चूसने के बाद मेरा माल उसकी बुर में बह गया।
सुबह के 6 बज़ रहे थे, मैक्सी पहन कर सुमन नहाने चली गई।
मैं 2-3 घंटे सोया और उसके बाद ऑफिस निकल गया।
ऑफिस में मेरा काम कम्पनी में आने वाले मेहमानों का प्रबन्ध और उनका ख्याल रखना होता है। आज बॉस ने बताया कि दो विदेशी आ रहे हैं, ऑफिस के गेस्ट हाउस में आज रात रुकेंगे, उनके लिए लड़की का इंतजाम करना है।
मैंने अपने एजेंट को फोन किया, उसने मुझे तीन बजे बुलाया। इसके बाद मैं तीन दिन बाद होने वाले सेमीनार के लिए होटल बुक करने चला गया। इन सब काम में 2 बज़ गए। तब मैं अपने एजेंट के ऑफिस गया, ऑफिस एक होटल में था, मुझे वो अंदर ले गया, वहाँ उसने मुझे 10-12 लड़कियों की नंगी एल्बम दिखाई। उनमें से मैंने 4 लड़कियाँ देखनी चाहीं, उसने चारों को ऊपर बुला लिया।
एजेंट के कहने पर चारों ने अपने टॉप उतार कर नंगे स्तन दिखाए, सबका बदन एक से बढ़कर एक था। उनसे बात करने के बाद मैंने 2 लड़कियाँ 12-12 हज़ार में पूरी रात के लिए बुक करा दीं।
एजेंट का नाम राजीव था, हम लोग साथ साथ खाना खाने लगे, उसने बताया कि वो भी मेरी तरह एक कर्मचारी है, 10 लड़कियाँ उसे रोज़ की बुक करनी होती हैं। महीने के 1 लाख उसे मिल जाते हैं। लड़कियाँ अधिकतर 20-22 साल की बार गर्ल हैं। कभी फंस जाती हैं तो जमानत भी करानी पड़ती है। कभी कोई काम हो तो बताना, इस धंधे में अच्छे बुरे कई लोगों से पहचान हो जाती है, और कभी चोदने का मन हो तो बताना, फ्री में दिलवा दूँगा।
हम लोग एक घण्टा साथ साथ रहे, इसके बाद मैं वापस ऑफिस आ गया।
रात को मैं 9 बजे वापस आया तो भाभी नीचे मिल गईं, अनु के साथ चाय पी रही थीं। मुझे 15 दिन हो गए थे आए हुए, आज पहली बार अनु से मिल रहा था।
अनु कमसिन बदन की सुंदर सी 21 साल की लड़की थी लेकिन मुझे थोड़ी घमंडी सी लगी।
अनु से मैंने पूछा- क्या काम करती हो?
अनु बोली- राज होटल में फ़ूड मैनेजर हूँ।
उसके बाद नमस्ते करके अंदर चली गई।
भाभी बोलीं- अच्छा कमा लेती है, अभी एक लाख का सोने का हार खरीदा है।
इसके बाद भाभी बोलीं- कल कैसा रहा?
मैं बोला- ठीकठाक था।
भाभी ने मेरी चुटकी काटी और बोलीं- सुमन से कुछ मज़ा लिया या ऐसे ही गए और आ गए, साली के दूध बड़े सुंदर हैं दबा देते कुछ ऊँच नीच होती तो मैं संभाल लेती।
मैंने भाभी का हाथ दबाते हुए कहा- पहले क्यों नहीं बताया? मैं दबा देता।
भाभी मुस्करा कर बोलीं- अब दबा दो, आज तो अकेली है।
मैं हिम्मत करके बोला- भाभी, चुच्चे तो आपके भी मस्त हैं।
भाभी बोलीं- चूसने हैं क्या?
मुस्कराते हुए मैंने कहा- आपकी मर्जी।
मेरा हाथ दबाते हुए बोलीं- ठीक है, मौका मिला तो चुसवा दूंगी।
तभी दरवाज़े से भाईसाहब आ गए मेरे और उनके बीच 10 मिनट बाद हुई, फिर मैं ऊपर अपने कमरे मैं चला आया।
सुमन 10 बजे खाना ले आई और बोली- कल अनुज के मामा जी आ रहे हैं, एक शादी मैं जाना है, आपसे एक हफ्ते बात नहीं हो पाएगी।मैंने उसे खींच लिया और चिपकाते हुए बोला- आज साथ साथ सो जाते हैं।
सुमन ने मेरे होंटों को चूसा और बोली- नीचे खुजली ज्यादा हो रही है, क्रीम लगा देना, साथ साथ सोए तो आप अंदर डाल देंगे।
मैंने कहा- ठीक है।
खाने के बाद 11 बजे वो दूध ले आई उसने पास में रखी क्रीम उठाकर अपनी मैक्सी उतार दी। आज वो नीचे कुछ नहीं पहने थी, अब सुमन पूरी नंगी थी।
नंगी सुमन को मैंने उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया। उसकी नंगी चूत मेरे लंड को पागल करने लगी उसने मेरी उंगली पर क्रीम लगा कर उंगली चूत के मुँह पर रख दी। उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत में अंदर तक मालिश करी। वो भी गरम हो रही थी और पानी छोड़ रही थी, बोली- मुँह में डाल दो, रहा नहीं जा रहा है।
मैंने अपना पजामा उतार दिया और उसे गोद में लेटा लिया। सुमन ने कुछ देर तक मेरा लोड़ा पकड़ कर सहलाया और बाद में मुड़ कर लंड अपने मुँह में ले लिया और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। मेरे हाथ उसके स्तनों और जाँघों पर चल रहे थे। सुमन के स्तनों की घुंडियों को मैंने खूब मसला। 10 मिनट के खेल में सुमन ने मुझे मस्त कर दिया, मेरा माल स्खलन होने वाला था, मैंने सुमन को बताया लेकिन सुमन लोड़ा चूसती रही कुछ देर बाद सुमन के मुँह मैं मैंने अपना माल उड़ेल दिया। सुमन पूरा माल अंदर गटक गई और मुझसे कस कर चिपक गई। 5 मिनट बाद उसने मेरे 3-4 चुम्बन लिए।
उसके बाद उठकर सुमन अपने कमरे में चली गई। अगले दिन सुमन अपने मामा के साथ 7 दिन के लिए गाँव चली गई।
तीन दिन बाद शनिवार था, मैं रात 9 बजे घर आया और अपने कमरे में चला आया। आजकल सुमन नहीं थी, मैं बाहर खाना खाकर आता था।
निधि ने मुझे आवाज़ लगाई- निखिल, कॉफी पिओगे?
मैंने हाँ कर दी।
दस मिनट बाद मैं नीचे कॉफी पीने आ गया, भाभी अकेली थीं, उन्होंने बताया कि बच्चों की कल छुट्टी है, भाईसाहब उन्हें  बुआ के यहाँ ले गए हैं, कल रात को वापस आ जाएँगे।
कॉफी पीने के बाद भाभी ने टीवी चला दिया टीवी पर मूवी आ रही थी, बोली यहीं पलंग पर बैठो, बातें करते हुए देखेंगे।
भाभी सट कर बैठ गईं और मेरा हाथ पकड़ लिया। भाभी ने बातों बातों में बताया- शनिवार और इतवार की रात को होटल में देर तक पार्टी होती है इसलिए रजनी रात को होटल में ही रुकती है।
हम दोनों एक दूसरे को नॉन वेज चुटकले सुनाने लगे, बातें करते करते मेरे हाथ भाभी के ब्लाउज में घुस गए और मैं उनकी चूचियाँ दबाते हुए मूवी का मज़ा लेने लगा। भाभी भी मेरा लोड़ा सहला रही थीं।
थोड़ी देर बाद भाभी उठीं और उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी, अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, मेरे को आँख मारते हुए बोलीं- दूध पीना है क्या?
मैं बोला- पिला दो !
उन्होंने अपना ब्लाउज उतार दिया, नंगी चूचियाँ बाहर आ गईं। भाभी की बड़ी बड़ी चूचियाँ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगीं। भाभी ने एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी दोनों चूचियाँ हिलाईं और आँख मारते हुए मुझसे बोलीं- कैसी लगीं?
मैंने कहा- भाभी, अब जल्दी से दूध पिलाओ, अब नहीं रहा जा रहा है।
भाभी आकर पलंग पर बैठ गईं, मैंने अपना मुँह उनकी निप्पल पर लगा दिया और चूसने लगा, मैंने दोनों निप्पल चूस चूस कर नुकीली कर दीं। उसके बाद उन्होंने मेरा पजामा खोल दिया और उसे उतरवा दिया, मेरा लोड़ा अब उनके हाथों में आ गया था।
मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, कितना साफ़ सुथरा लंड है।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना कुरता भी उतार दिया और उन्हें लेटा कर उनके स्तन दबाते हुए होंट चूसने लगा। भाभी भी मुझसे चिपक कर मेरे होंट चूसने लगीं। हम दोनों की जीभें एक दूसरे के मुँह में घुसी हुईं थीं।
भाभी ने मुझे हटाया और अपना पेटीकोट उतार दिया, दूधिया रोशनी में उनकी गोरी गोरी मासल जाँघों के बीच में उनकी साफ़ सुथरी चूत चमक रही थी।
मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, उइ ! चूसने का मन कर रहा है।
मैं उनकी चूचियों को दोनों हाथों से दबाते हुए बोला- भाभी चूसो न !
भाभी ने मेरे सुपाड़े पर जीभ फिराई, लोड़ा मुँह में ले लिया और चूसने लगीं, मुझसे बोलीं- मेरी चूत भी चूसो न !
मैं अब 69 में लेट गया। सच, साफ़ सुथरा बदन हो तो सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता है, भाभी की चूत चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।5 मिनट बाद भाभी हट गईं और दीवार से टिककर उन्होंने अपनी जांघें चौड़ी कर लीं और बोली- चोदो निखिल चोदो ! अब नहीं रहा जा रहा, आह तुमसे चुदने में मज़ा आ जाएगा।
भाभी की चिकनी चूत पर मैंने अपना लोड़ा लगा दिया, भाभी ने मुझे अपने में भींच लिया, मेरा लोड़ा उनकी चूत में अंदर तक घुस चुका था, मुँह एक दूसरे के मुँह में घुसा हुआ था, चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत मेरे लंड के झटके खा रही थी।
भाभी आहें भरने लगीं, उनकी चुदाई शुरू हो गई थी, स्तनों को दबाते हुए चूत धक्के पर धक्के खा रही थी

10 मिनट तक हमने जन्नत का मज़ा लिया। इसके बाद मेरा वीर्य भाभी की चूत में छूट गया। हम लोग 10 मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे। भाभी ने उठकर तौलिये से मेरा लोड़ा साफ़ किया और हम बातें करने लगे।
12 बजे करीब मैं ऊपर अपने कमरे में आ गया। निधि देखने में काली थी लेकिन चुदने में उसने सुमन से ज्यादा मज़ा दिया था। मुझे किरायेदार बनकर बड़ा मज़ा आ रहा था, दो दो औरतों की चूत मैं फतह कर चुका था।
सुमन घर पर नहीं थी, रविवार को मैं और निधि भाभी साथ साथ नीचे भाभी के बाथरूम में नहाने चले गए। भाभी का बाथरूम अच्छा बड़ा था, भाभी ने पहले मुझे नंगा कराया और मेरे हाथ पीछे करके नल से बाँध दिए। इसके बाद उन्होंने अपने कपड़े एक एक करके उतार दिए और मेरे सारे बदन पर अच्छी तरह से साबुन लगाने लगी, मेरे लोड़े को मुँह में ले लिया और शावर चला दिया। मेरा बड़ा मन कर रहा था कि भाभी की जवानी से खेलूं, लेकिन मैं मजबूर था, उह आह की आवाजें मेरे मुँह से निकल रहीं थीं। मेरा लोड़ा गरम हो रहा था।
भाभी ने अपने हाथों से पकड़ कर उसे चूचियों के ऊपर फिराया। मेरा रस जब निकलने को हो रहा था, भाभी हट गईं एक तेज धार मेरे माल की निकली जो उनकी चूचियों पर जाकर गिरी।
इसके बाद भाभी ने मुझे खोल दिया अब मेरी बारी थी।
मैंने उनके हाथ अपनी तरह से नल से बाँध दिए और उनकी चूचियाँ कस कस कर दबाने लगा शावर खोलकर उनकी निप्पल नोच नोच कर कड़ी कर दीं और उनकी चूत के दाने को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगा।
भाभी की सिसकारियाँ गूंजने लगीं, चूत से पानी बहने लगा।
10 मिनट बाद उन्हें मैंने खोल दिया हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए। मेरा लोड़ा उनकी चूत में घुस गया। 5 मिनट एक दूसरे से चिपक कर चुदाई का खेल खेलते हुए हम नहाए, उसके बाद अलग हो गए, कपड़े पहन कर भाभी और मैं 1 से 4 मूवी देखने बाहर चले गए।
रात को भाईसाहब और बच्चे आ गए। मैं 10 बजे सो गया, एक अच्छे रविवार का अंत हो गया।
अगले दिन सुबह बाहर कुछ खट पट हुई तो मुझे लगा सुमन आ गई है। मैंने झांककर देखा तो सुमन का पति अनुज था, बाहर निकल कर मैंने हाल चाल पूछे। अनुज के बदन से गन्दी बदबू आ रही थी और मुँह से दारु की दुर्गन्ध आ रही थी।
मुझे सुमन की किस्मत पर दुःख हुआ।
अनुज ने बताया- सुमन दो दिन बाद आएगी।
दो दिन बाद सुबह नल चलने की आवाज़ आई मैंने देखा तो 5 बज़ रहे थे। सुमन नहाने की तैयारी कर रही थी, मतलब वो वापस आ गई थी।
सुमन अब भी मेरा दरवाज़ा बाहर से बंद कर देती थी। मैंने सुमन को अभी तक नहीं बताया था कि मैं रोज़ उसे नहाते हुए देखता हूँ। उसको नहाते हुए देखने का अलग मज़ा था।
थोड़ी देर में सुमन नंगी होने लगी। आज उसने अपनी पैंटी भी पहले ही उतार दी थी। नंगी होकर सुमन नहाने लगी, रोज़ की तरह चूचियाँ हिल रही थीं, जाँघों पर साबुन लगते समय चूत पूरी चमक रही थी।
नहाने के बाद सुमन अपने कमरे में चली गई

आठ बजे रोज़ की तरह नाश्ता लेकर मुझसे मिलने आई और मेरी बाँहों में चिपक गई। मैंने उसका एक चुम्बन ले लिया।
सुमन बोली- अनुज 2-10 की शिफ्ट में हैं, 15 दिन ये रात को 1 बजे आएँगे। रात में आपसे बातें करुँगी इतना कहकर वो चली गई।
रात को 10 बजे खाना खिलाने के बाद सुमन मेरे पास आकर बैठ गई, उसने बिना ब्रा-पैंटी के मैक्सी पहन रखी थी। मैंने उसे उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया और उसकी मैक्सी के सारे बटनों को खोलकर मैं उसकी चूचियाँ सहलाने लगा।
सुमन बोली- चूत में खुजली बढ़ गई है।
मैंने उसके होंटों पे होंट लगाते हुए कहा- खुजली तो बढ़ेगी ही ! दवा तो तुम्हारी मेरे पास रखी है।
मैंने पलंग के नीचे से दवा निकाल ली और बोला- अपनी चूत रानी को खोलो, क्रीम लगा देता हूँ।
उसने अपनी मैक्सी उतार दी, अब वो पूरी नंगी थी और जाँघों को चौड़ा करके मेरी गोद में बैठ गई, मैं अपनी उंगली से उसकी चूत में क्रीम की मालिश करने लगा।
सुमन बोली- मामाजी के घर में खुजली कम हो गई थी लेकिन कल रात को ये चढ़ गए और चोदने लगे। 20 दिन से नहीं नहाए हैं, कुछ कहती हूँ तो मारने लगते हैं। मेरे पीछे सस्ती रंडी भी चोद आते हैं, बड़ी दुखी हूँ, बहुत गंदे रहते हैं।
सुमन अपनी कहानी बताने लगी, बोली- मैंने घर से भाग कर शादी की थी, तब मैं 21 साल की थी। पापा की पोस्टिंग अहमदनगर में थी। अनुज अहमदनगर में मेरे पड़ोस में किराए पर रहने वाली आंटी के भांजे थे, इनसे दो साल से मेरे सम्बन्ध चल रहे थे। इन्होंने मुझे ये बता रखा था कि ये एक कम्पनी में मैनेजर हैं। हर शनिवार और रविवार को आंटी के घर आते थे। पापा ने अपने एक दोस्त के बेटे से मेरी शादी तय कर दी थी, तुम्हारी तरह बहुत सुंदर और एम बी ए लड़का था, मुझे भी पसंद था। लेकिन मैंने अनुज के साथ सेक्स कर लिया था। मेरे मन में यह बात बैठी हुई थी कि जिसके साथ सेक्स कर लो, वो ही पति होता है। पापा मम्मी राजी नहीं थे, मैं इनके साथ भाग गई और इनसे शादी कर ली, माँ बाप ने नाता तोड़ लिया। मुझे धीरे धीरे इनकी असलियत पता लगने लगी ये दसवीं फ़ेल थे और बहुत दारु पीते थे। जिस कम्पनी में मुझे ये मैनेजर बताते थे, उसमें ये मजदूर थे। अब मैं क्या कर सकती थी।
उसकी आँखों से आंसू आ गए थे।
अगर मेरी शादी माँ बाप की पसंद से हो जाती तो मैं आज शायद बहुत खुश होती।
मैंने उस लड़के का नाम पूछा लेकिन सुमन ने मुझे नाम नहीं बताया। सुमन की आँखों से आंसू बहने लगे।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके आँसू पोंछे और होटों से होंट चिपका कर एक गहरा चुम्बन लिया। सुमन ने मेरे हाथ अपने स्तनों पर रख लिए और मेरे हाथ के ऊपर अपने हाथ रख दिए 10 मिनट तक हम एक दूसरे की आँखों में देखते हुए ऐसे ही लेटे रहे, इसके बाद सुमन ने मेरी उंगली अपनी चूत में घुसवा ली और बोली- मालिश करिए ना ! आपसे मालिश करवाना अच्छा लगता है।
11 बज़ गए थे, सुमन ने मेरा पजामा खोल कर लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मेरे हाथ उसकी चूत और जाँघों पर चल रहे थे। सुमन पूरे मन से लोड़ा चूस रही थी। थोड़ी देर बाद उसे उठाकर मैंने बिस्तर पर लेटा दिया नंगी सुमन किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी, उसकी चूचियाँ दबाते हुए लंड चूचियों के बीच घुसा दिया थोड़ी देर की, इस चुदाई के बाद ढेर सा वीर्य उसके बदन पर गिर गया था।
5 मिनट हम दोनों एक दूसरे से चिपके रहे उसके बाद उसने उठकर अपना बदन साफ़ किया और मुझसे चिपक कर एक पप्पी ली और अपनी मैक्सी पहन कर अपने कमरे में चली गई।
अगले दिन शाम को भाभी और मैं गप्पें मार रहे थे, अनु संतरे लेकर अंदर आई और मेरे पास बैठ गई।
भाभी बोलीं- अनु, निखिल का संतरे खाने का मन कर रहा है।
अनु बोली- शादी कर लें, बीवी रोज़ संतरे खिलाएगी।
मुझसे रहा नहीं गया, मैं बोला- आपके पास इतने अच्छे संतरे हैं, दो मुझे भी खिला दो।
भाभी मुस्कराते हुए बोली- खिला दे ! ये तुझे बदले में केला खिला देंगे।
अनु एकदम से गरम हो गई और बोली- भाभी, मुझे ये सब बिल्कुल नहीं पसंद है आप सबके सामने एसा मजाक मत करा करो।
मुझे लगा अनु पर लाइन मारना ठीक नहीं है। अनु वहाँ से चली गई।
भाभी झेंपते हुए बोलीं- सुमन तो इस से भी तेज है, एक बार पिछले किराएदार ने उसके चूतडों पर अकेले में हाथ फेर दिया था तो सुमन ने दो थप्पड़ जड़ दिए थे। मैंने छुपकर यह देख लिया था किसी को बताना नहीं।
मैं सोच में पड़ गया कि अगर सुमन इतनी तेज है तो मेरे से उसने इतने आराम से कैसे संबंध बना लिए।
थोड़ी देर बाद मैं वहाँ से उठकर चला आया। हमारे और अनु के बीच नमस्ते होती रही लेकिन कभी ज्यादा बात नहीं हुई।
रोज़ रात को 10-11 बजे सुमन मेरे कमरे में आ जाती और पूरी नंगी होकर मेरी गोद में बैठ जाती। मुझसे अपनी चूत में क्रीम लगवाती और जाने से पहले मेरा लोड़ा कम से कम एक बार जरूर चूसती। मेरी रातें सुमन के साथ मजेदार कट रही थीं। 10 दिन में उसकी खुजली गायब हो गई थी। इस बीच मैंने उसकी चूत में लोड़ा एक भी दिन नहीं डाला था। सुमन ने मुझसे बहुत कहा था कि मैं उसकी चूत चोदूँ, उसके पति तो हर दूसरे दिन उसे चोद ही रहे थे लेकिन मैंने एसा नहीं किया।
शनिवार को मैंने वादा किया कि सोमवार को उसकी चूत चोदूंगा।
सोमवार से उसके पति की रात की 10-6 शिफ्ट आ गई थी। रात की शिफ्ट में 8 बजे वो जाते थे और सुबह 8 बजे आते थे।
मैं सोमवार रात को 10 बजे आया, सुमन और दिन की तरह 11 बजे आकर मेरी गोद में नंगी बैठ गई और मुझसे चिपकते हुए बोली- आज तो चोदोगे न?
मैंने निप्पल उमेठते हुए कहा- क्यों नहीं।
सुमन से मैंने पूछा- तुम्हारी गांड में भी डाल दूँ? तुम बता रही थीं कि अरुण जब ज्यादा नशे में होते हैं तब वो तुम्हारी गांड भी चोद देते हैं।
सुमन बोली- आप का मन है तो मेरी गांड में भी डाल दो ! अरुण तो गांड ज्यादा चोदते हैं चूत कम।
सुमन की चूत गीली हो रही थी, मैंने उसे तकिये के ऊपर लेटाया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और दोनों चूचियाँ अपने हाथों में दबा लीं और चोदने लगा।
उह आह की आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था, सुमन की चूत में लंड सरपट दौड़ रहा था। सुमन को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने लंड बाहर निकाल लिया और सुमन के चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- रानी, ऐसे ही लेटी रहो।
उसके बाद मैंने कंडोम लंड पर चढ़ा लिया, सुमन की गांड में उंगली घुमाते हुए बोला- रानी, जरा अच्छी तरह टांगें फ़ैला कर चूतड़ ऊपर उठाओ।
सुमन समझ गई कि मैं उसकी गांड चोदना चाहता हूँ, उसने अच्छी तरह से अपनी टांगें फ़ैला लीं। मैंने सुमन की गांड पर लंड छुला दिया। उह उइ की एक सिसकारी सी उसने भरी, थोड़ी देर में लंड उसकी गांड में घुसने लगा।

ऊ ओइ ऊ ओऊ मर गई !की आवाज़ों से सुमन मचलने लगी। थोड़ी देर में ही 7 इंची लोड़ा उसकी गांड में था। सुमन की गांड चुदनी शुरू हो गई, कभी धीरे, कभी तेज झटकों से उसकी गांड चुद रही थी। 10 मिनट बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया।
सुमन उठ गई, उसकी गांड फट चुकी थी और वो मुझसे चिपक कर सो गई। सुबह 6 बजे मेरी नींद खुली तो सुमन मेरे बिस्तर पर नहीं थी, बाहर से नहाने की आवाज़ सी आ रही थी। मैंने छुपकर देखना शुरू कर दिया।
सुमन अपनी जांघें धो रही थी, उसके स्तन मस्त हिल रहे थे, मैं उसके नग्न स्नान दर्शन का आनंद लेने लगा।
तीन दिन बाद निधि भाभी का फ़ोन मेरे पास चार बजे आया। उन्होंने बताया की अनु को होटल में धंधा करने के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया है। तुम्हारे पास कोई जुगाड़ हो तो उसे बचा लो।
मेरा दिमाग घूम गया। तभी मेरे दिमाग में लड़कियों के दलाल राजीव का नाम आया, मैंने उसे फ़ोन किया और उसे पूरी बात बताई। राजीव ने कहा- चिंता न करो मैं छुड़वाता हूँ। आधे घंटे बाद फ़ोन करो।
20 मिनट के बाद राजीव का फ़ोन आया, वो बोला- अनु छूट गई है, आधा घंटे बाद वो मेरे होटल में आ जाएगी। तुम भी इधर आ जाओ।
मेरे ऑफिस से होटल दूर था, मैं एक घंटे में वहां पहुँच गया, राजीव मुझे एक कमरे में ले गया, वहाँ अनु बैठी हुई थी।
राजीव बोला- घबरा गई थी, अब ठीक है।
मैंने पूछा- क्या बात हो गई थी?
अनु बोली- होटल में पुलिस ने मुझे गलती से पकड़ लिया।
राजीव बोला- अनु, अब तुम झूठ मत बोलो, मैं लड़कियाँ सप्लाई करता हूँ और इस धंधे में मुझे सच के आगे का भी पता है। इसलिए तुम अपने मुँह से सब सच सच बताओ। राकेश हमारे बहुत बड़े क्लाइंट है हर महीने 30-40 लड़कियां इनकी कम्पनी को सप्लाई होती हैं। आज तुम इनके ही कारण बची हो।
अनु बोली- मैं हफ्ते में 1-2 बार धंधा कर लेती थी। मेरे होटल में 8-10 लड़कियाँ रोज़ सेक्स के लिए सप्लाई होती हैं, होटल मालिक जब बाहर होता था तो मैं भी 5000 -7000 रु में ग्राहक पटा लेती थी और उसके साथ सो जाती थी। आज सिर्फ दो लड़कियाँ धंधे पर आइ थीं और आज मालिक भी नहीं था। मैं संजय नाम के ग्राहक के साथ सेक्स कर रही थी, पुलिस ने रेड डाली और दो लड़कियों के साथ साथ मुझे भी पकड़ लिया।
राजीव बोला- पुलिस ने जब इसे पकड़ा तब ये पूरी नंगी थी और संजय का लंड इसकी चूत चोद रहा था।
तभी कॉफी लेकर वेटर आ गया, उसने हम तीनों को कॉफी दे दी और वो चला गया। अनु झेंपी सी बैठी हुई थी।
राजीव बोला- इसके आगे का सच मैं बताता हूँ। अनु 6 महीने से इस होटल में फ़ूड मैनेजर का काम कर रही है। होटल में एक कॉल गर्ल कम्पनी का कॉन्ट्रैक्ट है, वो रोज़ 8-10 लड़कियाँ सप्लाई करती है। पहले महीने में ही इसकी कॉल गर्ल्स से दोस्ती हो गई। उसके बाद अनु भी अपनी मर्जी से महीने में 2-3 धंधे पर जाने लगी, एक रात के 5000 -7000 रु मिलने लगे। 3 महीने तक कोई दिक्कत नहीं थी। 3 महीने के बाद हर शनिवार और इतवार को यह धंधे पर बैठने लगी और महीने में 12-15 बार चुदने लगी। कम्पनी के सुपरवाइजर ने इससे कहा कि हमारी कम्पनी ज्वाइन कर लो। महीने के 50000 रु मिलेंगे लेकिन महीने में 20 दिन कम्पनी जहाँ कहेगी वहाँ जाना पड़ेगा, इसने मना कर दिया और उसके बाद भी यह धंधे पर लगी रही।
अनु बोली- मुझसे तो यह बात राजू वेटर ने कही थी, उसकी तो कोई जरा भी इज्ज़त नहीं करता है सब उसे पागल कहते हैं।
राजीव हँसते हुए बोला- धंधे करने वाली लड़कियों को ये बात पता नहीं होती और जिसे तुम होटल मालिक कह रही हो वो होटल मैनेजर है, उसे सिर्फ होटल का काम देखना है, वो 10 से 5 अपनी नौकरी करता है और शनिवार, रविवार को छुट्टी रखता है। आज होटल मैं कम्पनी ने जान बूझ कर सिर्फ दो लड़कियाँ भेजी थीं, कम्पनी को उन्हें फ़साना था, दोनों ने निजी ग्राहक बना लिए थे साथ ही साथ तुम्हें भी फंसवाना था। संजय ने जब तुम्हें 10000 रुपए ऑफर किए तब तुम आसानी से फंस गईं। दोनों अब सर्टिफाइड रंडियां हो जाएंगी, उसके बाद कम्पनी उनकी जमानत लेगी और उन्हें दुबारा धंधे पर लगा देगी।




राजीव ने बताया कि कम्पनी अगले दिन सुबह-सुबह ही इन लड़कियों की जमानत ले लेगी किसी को पता भी नहीं चलेगा कि ये धंधा करते पकड़ी गईं हैं। उसके बाद कम्पनी इन्हें अपनी शर्तों पर ज़बरदस्ती धंधे पे लगा देगी और शुरू शुरू में ये रोज़ 3 से 4 बार चुदवाई जाएँगी इस तरह फंसी हुई लड़कियों को 1000 से 3000 रुपए एक चुदाई के मिलते हैं जबकि ग्राहकों से 5 से 20 हज़ार तक लिए जाते हैं। संजय भी कम्पनी का गुंडा है। गनीमत है तुम बच गईं। अगर धंधा करना है तो कोई कॉल गर्ल कम्पनी ज्वाइन कर लो नहीं तो आराम से नौकरी करो और बॉय फ्रेंड बनाकर उनसे चुदो।
अनु ने अपने कान पकड़े और बोली- मैं तोबा करती हूँ।
इसके बाद मैंने अनु से कहा- आओ चलते हैं। भाभी से बस यह कहना कि पुलिस को ग़लतफहमी हो गई थी, उसने मुझे छोड़ दिया।
बाइक पर अनु चिपक कर बैठ गई उसने मुझसे अपने पुराने बर्ताव की माफ़ी मांगी और बोली- अगर आज मैं जेल चली जाती तो सर्टिफाइड रंडी बन जाती। मेरे जीजाजी मुझे चोदते थे इसलिए मुझे चुदने की आदत पड़ गई थी यहाँ चुदाई देखकर मैं चुदवाने लगी थी। महीने में मुझे 60-70 हज़ार की कमाई हो रही थी। बाल बाल बच गई नहीं तो परमानेंट रंडी बन जाती।
आधे घंटे में हम घर पहुँच गए। भाभी हम दोनों को देखकर बोलीं- अनु क्या हो गया था? तेरे होटल से फोन आया था, तीन लड़कियाँ धंधा करते हुए पकड़ी गई हैं, उनमें तू भी है।
इतने में मैं बोल पड़ा- एसा कुछ नहीं था, होटल में दो लड़कियाँ पकड़ी गईं थी, यह बहुत घबरा गई थी इसलिए वहाँ से भाग गई थी और फोन ऑफ कर दिया था। हम दोनों कॉफी पीते हुए आ रहे हैं, सब ठीक है।
अंदर आकर अनु अपने कमरे में चली गई और मैं अपने कमरे में चला गया।
   










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