Thursday, November 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI कभी चूत कभी सूखा--2

FUN-MAZA-MASTI

कभी चूत कभी सूखा--2



राजु अपने माँ को चोदकर बहुत खुश हो गया था. राजु ने उसकी माँ को अब तक दो बार चोदा था पर अब तक उसने पूरा मजा नही किया था. राजु आज काम पर गया था राजु को देखकर मारवाड़ी बोला "अच्छा हुआ राजु तुम आ गए दोपहर को खाना खाने के वक्त मुझसे आकर मिलो तुमसे कुछ जरूरी काम है"
राजु: जी मालिक मिलता हूँ.
इतना बोलकर राजु अपने काम पर लग जाता है. दोपहर के २ बजे राजु खाना खाकर मारवाड़ी के पास जाता है राजु को देखकर मारवाड़ी बोलता है "मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था",
राजु: क्या बात है मालिक.
मारवाड़ी(राजु को बैठने का इशारा करते हुए): अरे मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी थी.
राजु(आश्चर्य से): कैसी बात मालिक.
मारवाड़ी: तेरे घर मे कौन कौन रहता है.
राजु: मै और मेरी माँ, पिताजी गुजर गए हैं.
मारवाड़ी: तेरे पिताजी को गुजरें कितने साल हो गए हैं.
राजु: एक साल हुआ है.
मारवाड़ी: इसलिए तुने स्कूल छोड़ दिया है क्या.
राजु: हा मालिक मैं जब दसवीं कक्षा में था तब पिताजी गुजर गए उसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए माँ के पास पैसे नही है और माँ जितना कमाती है उतना हमारे लिए काफी नही है इसलिए मैं भी काम करता हूँ.
मारवाड़ी: तेरी माँ का नाम क्या है.
राजु: अनिता
मारवाड़ी: अच्छा वो क्या काम करती है.
राजु: वो कुछ घर के काम करती है.
मारवाड़ी: मतलब खाना बनाना, कपड़े और बर्तन धोने का काम करती है.
राजु: हा वही काम करती है.
मारवाड़ी: मेरी बीवी बीमार रहती है इसलिए मुझे घर के काम करने के एक औरत चाहिए क्या तेरी माँ हमारे घर काम करने आ सकती है.
राजु: हा आ सकती है पर काम का टाइम क्या है.
मारवाड़ी: घर के काम करने के साथ साथ मेरी बीवी का ख्याल भी रखना है इसलिए हमें ऐसी औरत चाहिए जो हमारे साथ हमारे घर पर रह सके.
राजु: माँ आपके साथ रहेगी तो मैं अकेला कैसे रहूँ.
मारवाड़ी: अरे पागल तो तु भी तेरी माँ के साथ हमारे घर पर रह सकता है ना.
राजु: आप इसके बारे मे माँ से ही बात कर लो सब फैसले वही लेती है.
मारवाड़ी: ठीक है आज मैं तुम्हारे साथ आता हूँ और तुम्हारी माँ से बात करता हूँ.
राजु: ठीक है मालिक.
रात के ९ बजे मारवाड़ी राजु को अपनी कार में बिठाकर उसके घर जाता है. राजु के घर में राजु और मारवाड़ी दोनों अंदर प्रवेश करते हैं.
राजु: माँ देखो तुमसे मिलने कौन आया है.
अनिता (मारवाड़ी की तरफ देखते हुए): अरे मालिक आप, अंदर आइए ना.
मारवाड़ी: नमस्ते अनिताजी.
अनिता: नमस्ते मालिक इतनी रात को हम गरीब के घर में कैसे आना हुआ.
राजु: माँ मालिक आपसे कुछ बात करना चाहते है.
अनिता(आश्चर्य से): क्या बात है.
मारवाड़ी: अनिताजी आप रोज कितने घरों में काम करती है.
अनिता: ५-६ घरों के करती हूँ.
मारवाड़ी: वही काम हमारे घर में रहकर हमारे लिए कर सकती हो.
अनिता: मतलब मैं कुछ समझी नहीं मालिक.
मारवाड़ी: मतलब मेरे घर में सिर्फ मैं और मेरी बीवी दोनों रहते हैं मेरी बीवी के पैरो में दर्द की वजह से वो ये काम नही कर सकती तो ये सब काम करने के लिए औरत की जरूरत है तो मैंने सोचा किसी और को ये काम देने से अच्छा तुम्हें दे.
अनिता: क्या क्या काम करना होगा.
मारवाड़ी: अब तुम जितना काम करती हो उससे तो काफी कम काम है, तुम्हें सिर्फ दो टाइम का खाना पकाना होगा और कुछ कपडे धोने पडेंगे और मेरे बीवी का ख्याल रखना पड़ेगा.
अनिता: ठीक है मालिक मुझे मंजूर है.
मारवाड़ी: राजु तु कल काम पर मत आ मैं कल सुबह तुम दोनों को लेने के लिए गाड़ी भेजूंगा.
राजु: ठीक है मालिक.
मारवाड़ी: चलो अनिताजी अब मैं चलता हूँ कल सुबह मेरे घर पर मिलते है.
जाते जाते मारवाड़ी मन मे बोलता है "अब अनिता को चोदने के लिए मुझे जादा मेहनत नहीं करनी पडेगी"

जाते जाते मारवाड़ी मन मे बोलता है "अब अनिता को चोदने के लिए मुझे जादा मेहनत नहीं करनी पडेगी",
मारवाड़ी के जाने के बाद अनिता राजु से बोलती है "राजु बेटा तेरा मालिक जितना सोचा था उससे कुछ ज्यादा अच्छा है"
राजु: हा माँ चल अब मुझे जल्दी से खाना दे बहुत भूख लगी है.
अनिता: हा पहले हाथ मुँह धो ले
खाना खाने के बाद दोनों रोज की तरह सोने की तैयारी करते हैं अनिता राजु की तरफ देखकर बोलती है "बेटा कल से हम मारवाड़ी के घर रहने वाले हैं इसलिए हमें ये सब बंद कर देना चाहिए"
राजु (जानबूझकर बोलता है): माँ क्या बंद कर देना चाहिए.
अनिता: जो हमारे बीच कल रात हुआ था वो.
राजु: माँ पर कल रात तुम्हें ये सब करने में मजा आ रहा था और हमने सिर्फ दो बार चुदाई कि है.
अनिता: हा बेटा मुझे कल रात बहुत मजा आया पर कल से हम मारवाड़ी के घर रहने वाले हैं अगर वहां हमें किसने ये सब करते देख लिया तो अनर्थ हो जाएगा.
राजु: माँ पर वहाँ सिर्फ मालिक और उनकी बीवी रहती है.
अनिता: नहीं बेटा मैं कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती अगर हमारे शारीरिक संबंध के बारे में किसी को पता चल गया तो समाज में बहुत बेइज्जती होगी.
राजु: ठीक है माँ मुझे आज आखिरी बार तुम्हें चोदना है.
अनिता: ठीक है आज मैं भी जी भर के चुदवाने वाली हूँ पता नहीं आगे मुझे ये सुख फिर ना भी मिले.
राजु: माँ हमे जब मौका मिलेगा तब हम जरूर चुदाई करेंगे.
अनिता: ठीक है बेटा.
अनिता उठकर उसका ब्लाउज और पेटीकोट उतारकर पुरी नंगी हो जाती है राजु उसे देखकर झटके में खुद के कपड़े उतारकर नंगा हो जाता है. राजु खड़े खड़े ही अनिता की चूचियां चूसने लगता है अनिता उसके ८ इंच बड़े लंड को हाथ से सहलानी लगती है राजु अपने माँ चूचियां चूसते चूसते उसकी गर्दन तक पहुंच जाता है अनिता मदहोशी में अपने बेटे का चहरा पकड़कर उसके होंठों पर होंठ रख देती है राजु भले ही अनिता को दो बार चोद चुका था पर अब तक कभी भी उसने किस नही किया था. अनिता ने अब अपनी जबान राजु के मुँह में डाल दी और अपने जबान से राजु के जबान के साथ खेल रही थी. राजु को अपनी माँ को किस करने में बहुत मजा आ रहा था, उसने अपने दोनो हाथों से अनिता को कस के पकड़ा था, उसका लंड अनिता के नाभि को टच कर रहा था. अनिता ने अब किस करना रोक दिया और बिस्तर पर लेट गई , राजु झट से उसके उपर चढ गया और उसे फिरसे किस करने लगा अनिता ने किस करते करते ही उसके लंड अपने हाथ से चूत पर रखा और चूत के अंदर ले लिया. लंड अंदर घुसते ही राजु चूत मे धक्के लगाने लगा, अनिता भी निचे से गांड उठा उठा के चूत में लंड ले रही थी. दोनों के होंठ अभी भी चिपके हुए थे, राजु लगादार चूत मे धक्के लगा रहा था अचानक अनिता के बदन मे सिहरन हुए और वो जोर जोर से गांड गोल गोल घुमाने लगी, राजु भी उसकी चरम सीमा पर पहुँच चुका था. राजु ने ५-६ धक्के लगाये और दोनों एक साथ झड गए

कल रात अनिता और राजु ने तीन बार चुदाई कि थी सुबह उठकर अनिता बहुत कमजोर महसूस कर रही थी, जल्दी से नहा कर उसने नाश्ता बनाया और राजु को उठाकर नहाने भेजा फिर दोनों ने नाश्ता किया. ठीक १० बजे दरवाजे पर एक टैक्सी वाला आया. टैक्सी वाला राजु को बोला "मुझे सुरेश शेठ ने भेजा है और सिर्फ तुम्हारा जरूरी सामान ले लो बचा हुआ सामान लेने बाद में शेठ टेम्पो भेज देगें" राजु ने उसके तरफ देखकर हाँ में मुंडी हिलाइ. अनिता और राजु सब जरूरी सामान लेकर टैक्सी में बैठ गए, १५ मिनट में वो मारवाड़ी के घर पोहँच गय. मारवाड़ी का घर एक अच्छा खासा बंगला था, अंदर जाने के लिए एक बडा गेट था, घर अंदर से भी बहुत खूबसूरत था निचे सिर्फ हाॅल और किचन था और किचन मे ९ लोगों के लिए डायनिंग टेबल था, उपर सिर्फ एक मंजिल थी, उस मंजिल पर ४ बेडरूम, एक बाथरूम और टाॅयलेट था, उसमें से दो बेडरूम मे बाथरूम और टाॅयलेट अंदर ही था. अनिता ऐसे ही घरों मे काम करती थी इसलिए उसके लिए वो ये सब शान देख चुकी थी, पर राजु के लिए ये सब नया था, इसलिए वो आँखें फाड फाड के घर में इधर उधर देख रहा था. अनिता और राजु को देखकर मारवाड़ी उनका घर में स्वागत करता है.
मारवाड़ी: अरे तुम दोनों आ गए मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था, अंजली ओ अंजली जरा नीचे आओ देखो वो लोग आ गए है.
उपर के मंज़िल से आवाज आती है "हा आ रही हूँ थोड़ा सब्र करो"
राजु(आश्चर्य से): मालिक क्या इतने बड़े घर में आप सिर्फ दो लोग रहते हो.
मारवाड़ी(हासते हुए): हा इसलिए तो तुम्हें हमारे साथ रहने बुलाया है
अनिता बस चुप चाप खड़ी थी, मारवाड़ी उसकी चूचियों को घुरते हुए दोनों को बैठने को कहता है. तभी अंजली उपर से सिडीया उतरते हुए धीरे धीरे निचे आती है (अंजली मारवाड़ी की बीवी है, उम्र करीब ४० साल, रंग गोरा बिल्कुल अनिता की तरह, बाल कुछ ज्यादा लंबे नही है हेअर डाय लगाके लाल किये है, कद ५.६ का अनिता से १ इंच लंबी है. शरीर थोडा मोटा है मगर फिटनेस के मामले मे अनिता से कुछ कम नही है ३६-३४-३८ इस फिगर के साथ वो पुरी माल दिखती है उसे देखकर भी कोई कह नही सकता कि ये ४० की है, अंजली एक पढी लिखीं औरत है) नीचे आते हुए अंजली कि गांड मटक रही थी, अंजली हमेशा सलवार और कमिज पहनती थी आज उसने निले रंग का कमिज और सफेद रंग का सलवार पहनी है, दुपट्टा तो जैसे सिर्फ नाम के लिए था उसमें से उसकी बड़ी बड़ी चूचियों का नजारा दिख रहा था. अंजली कि चूचियां अनिता के चूचियों से बड़ी थी, अंजली नीचे आकर मारवाड़ी के बाजु मे बैठ जाती है और अनिता को नमस्ते बोलती है, अनिता भी मुस्कुरा के नमस्ते बोलती है.
अंजली: तो तुम अनिता हो.
अनिता: जी मालकिन और ये मेरा बेटा राजु है.
अंजली: हा इन्होंने तुम दोनों के बारे में बताया है मुझे. वैसे सब काम ठीक से कर लोगी ना तुम.
अनिता: हा मालकिन आपको कभी शिकायत का मौका नही दूंगी.
अंजली: गुड आय लाइक यु
अनिता: क्या मालकिन
मारवाड़ी: अरे अनिताजी इसका मतलब है कि तुम इसे पसंद हो
अनिता: शुक्रिया मालकिन
अंजली(मारवाड़ी की तरफ देखकर कर): सुनिये इन दोनों को रहने के लिए कौनसा कमरा देने का.
मारवाड़ी: वो सब तुम्हारी जिम्मेदारी है.
अंजली: ओके मैं हमारे सामने वाला कमरा दे देती हूँ.
मारवाड़ी: ठीक है मैं दुकान जा रहा हूँ.
राजु: मालिक क्या मैं भी आपके साथ चलता हूँ.
मारवाड़ी: हा पहले जल्दी से तुम्हारा कमरा देखो फिर हम चलते हैं.
अंजली दोनों माँ बेटे को लेकर कमरे में जाती है,
अंजली: आज से ये कमरा तुम दोनों का है
अनिता और राजग जिस रूम में रहते थे उससे ये काफी बड़ा था रुम मे सोने के लिये एक बडा बेड था दोनों को कमरा बहुत पसंद आया. अंजली के कमिज से उसकी चूचियां साफ़ साफ़ दिख रही थी,
राजु(अंजली कि चूचियां घुलते हुए) मालकिन ये कमरा तो बहुत अच्छा है.
अंजली: राजु तुम्हें पसंद आया ना
निचे से मारवाड़ी की आवाज आती है "राजु जल्दी चल देर हो रही है"
राजु: हा मालकिन कमरा अच्छा है अब मैं चलता हूँ, माँ मैं चलता हूँ.
राजु कमरा देखकर मारवाड़ी के साथ दुकान पर निकल जाता है. अंजली राजु को जाते हुए देखती है उसे अनिता के साथ साथ राजु भी पसंद आ गया था. राजु के जाने के बाद अंजली अनिता से बातें करने लगती हैं,
अंजली: अनिता तेरा बेटा कितने साल का है
अनिता: वो अभी १६ साल का है
अंजली: और तेरी उमर कितनी है
अनिता: मेरी ३६ साल है
अंजली: तुझे देखकर लगता नहीं तु इतनी बड़ी हैं
अनिता: सभी ऐसा ही कहते है वैसे आप भी मेरी उम्र की हो ना मालकिन
अंजली: नही रे मैं ४० साल की हूँ
अनिता: मालकिन आपकी कोई औलाद नही है
अंजली: मुझे एक लडका और एक लड़की हैं पर दोनों भी अमेरिका में रहते हैं
अनिता: कभी आते नहीं वो यहां पर
अंजली: उन दोनों ने इनके मर्जी के खिलाफ शादी की है इसलिए वो उन्हें यहां आने नहीं देते, मैं इनसे छिपकर मेरे बच्चों से बात करती हूँ.
अनिता: मालकिन पर मालिक को देखकर लगता नहीं वो इतने गुस्से वाले हैं
अंजली: नहीं वैसे वो इतना गुस्सा करते नहीं पर उनके मर्जी के खिलाफ शादी करने से वो उनपर नाराज हैं वो छोड़ अब मेरे कमरे में चल मैं तुझे कुछ कपडे देती हूँ,


अंजली अनिता को उसके कमरे में ले जाती है, अंजली का कमरा उस कमरे से थोड़ा बडा था और अंदर से बहुत अच्छी तरह से सजाया था, अंजली के कमरे में जो बेड था वो बहुत मुलायम था, अंजली अनिता से बोलती है "अनिता जरा मेरी अलमारी से कपडे निकालने में मदद कर ना"
अनिता: जी मालकिन.
अंजली: तु जब से आइ है तब से मुझे मालकिन बोल रही है प्लीज मुझे मालकिन मत बोल.
अनिता: आप मालकिन है तो मालकिन ही बोलुंगी ना.
अंजली: नही मेरा नाम अंजली है तु मुझे दीदी बोल.
अनिता: ठीक है में अब से आपको दीदी बुलाउंगी.
अंजली: ओके चल अब अलमारी से सब कपडे निकाल.
अनिता(अलमारी से कपड़े निकालते हुए): दीदी मालिक मुझसे कह रहे थे आप बीमार रहती हो मगर आप को देखकर लगता नहीं आप बीमार हो.
अंजली: मैं दिन भर घर में अकेली बोर हो जाती हूँ और पूरा घर जैसे काट खाने को दौड़ता है इसलिए मैंने इनसे कहा था मैं बीमार हूँ.
अनिता: हा कोई अकेला रहेगा तो एसा होगा ही ना.
अंजली: अरे बातों बातों में तुझे जिस काम के लिए आए थे वो तो भूल ही गए. तु सलवार कमिज पहनेगी ना.
अनिता: नहीं मैं नहीं पहन सकती शादी के बाद कभी पहना नहीं.
अंजली: तो अब पहन ले क्या बुराई है सलवार कमिज पहनने मे मैं भी तो पहनती हूँ साड़ी से कई गुना बेहतर है.
अनिता: पर मालिक क्या बोलेंगे.
अंजली: अरे वो मुझे कभी कुछ बोले नहीं तो तुम्हें क्यों बोलेंगे उन्हें भी अच्छा लगेगा.
अनिता: ठीक है दीदी आप इतनी जिद्द कर रही है तो कल से मैं सलवार कमिज ही पहन लुंगी
अंजली: ला वो अलमारी में से सब कपड़े निकालकर यहां बेड पर रख.
अनिता अलमारी में के सारे कपडे निकालकर बेड पर रख देती है, अंजली उस मे पीला, लाल, सफेद और काले रंग के चार ड्रेस निकालकर अनिता को देती है.
अंजली: ले आज से ये चार ड्रेस तेरे है, ये मुझे अब फिट नहीं होते और सिर्फ एक दो बार ही पहन चूकी हूँ तुझे बिल्कुल फिट आएंगे.
अनिता: शुक्रिया दीदी.
अंजली: मुझे पहनकर दिखा तुझे फिट आ रहे है या नही.
अनिता: दीदी यहां आपके सामने कैसे.
अंजली(मुस्कुराते हुए): अरे पागल मेरे सामने नहीं यहा अंदर बाथरूम मे चेंज कर
अनिता: ठीक है दीदी.
अंजली: ये ले पहले ये पीले रंग का पहन के देख.
अनिता बाथरूम मे जाकर साड़ी उतार कर पीले रंग का सलवार कमिज पहनती है, अनिता को सलवार कमिज बिल्कुल फिट बैठ गया था, कमिज का गला थोड़ा गहरा था इसलिए उसमें से अनिता की चूचियों का नजारा दिख रहा था और अनिता उस ड्रेस मे एक २० साल की लड़की दिख रही थी. अनिता ड्रेस पहनकर बाथरूम से बाहर आती है, उसे देखकर अंजली का मुँह खुला का खुला रह जाता है.
अंजली: अनिता तु तो बहुत खूबसूरत दिख रही है अब आज से साड़ी पहनना बंद कर दे.
अनिता: दीदी मैं सच में अच्छी लग रही हूँ ना मगर मेरी आधी चूचियां तो कमिज के बाहर है.
अंजली: अरे तुने अंदर से ब्रा नही पहनी
अनिता: नही मालकिन वो सब खरीदने के लिए पैसे कहा है मेरे पास.
अंजली: तेरा साइझ क्या है.
अनिता: कौनसा साइझ.
अंजली: अरे तेरी चूचियों का साइझ.
अनिता(शरमाते हुए): ३६ है.
अंजली: अरे मेरा साइझ भी ३६ है, मैंने कल ही नई ब्रा और पँन्टी खरीदीं है उसमें से दो जोड़ी तु रख लें.
अंजली अलमारी के दूसरे कप्पे से बहुत सारी ब्रा और पँन्टी निकालती है और उसमें से अंजली का डिलडो निचे गिर जाता है, अनिता निचे गिरा हुआ डिलडो हाथ में उठाती है और उसे ठीक से निहारते हुए अंजली से पूछती है "हाय राम दीदी ये क्या चिज है"
अंजली(शरमाते हुए): अरे ये डिलडो है.
अनिता: मतलब, ये तो मुझे कुछ और ही लग रहा है.
अंजली: अरे तु जो समझ रही है ये वही है, ये रबर का लौडा है.
अनिता: मगर दीदी ये रबर के लौडे जैसा खिलौना आप के पास कहा से आया.
अंजली: मैंने इसे खरीदा है.
अनिता: मगर क्यों.
अंजली: अब तुझसे क्या छिपाना, मेरे पति अब मुझे पहले जैसा प्यार करते नहीं महीने में मुश्किल से एक दो बार मेरे साथ सोते है नहीं तो रोज दुसरे कमरे में सोते है.
अनिता: दीदी तो इस रबर के खिलौने से क्या करती है आप.
अंजली: अरे मेरी चूत में जब आग लगती है तो मैं इसका इस्तेमाल करती हूँ.
अनिता: मगर इससे मर्द के लौडे जैसा मजा नहीं आता होगा.
अंजली: अरे पर चूत में उंगली डालने से तो अच्छा है, अगर तुझे चाहिए तो तु ले सकती है.
अनिता: नहीं मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है दीदी पर क्या मालिक इसके बारे में जानते हैं
अंजली: अरे वो इस बारे में कुछ नहीं जानते और वो सब छोड़ ये ले ये ब्रा पहना कर तेरी चूचियां छिपाने के काम आएगी और ये पँन्टी भी पहना कर.
अनिता: ठीक है दीदी.
अंजली: सुन ये कपड़े तेरे कमरे में रखकर निचे किचन मे आ दोपहर का खाना बनाना है.
अनिता और अंजली एक दिन में ही एक दूसरे से पूरी तरह से घुल मिल गई थी, चूत और लौडे जैसे शब्द वो आसानी से एक दूसरे से बोल रही थी.

रात को १० बजे मारवाड़ी और राजु दोनों घर आ जाते है, मारवाड़ी अनिता को देखकर पागल हो जाता है और आँखें फाड फाड कर अनिता के तरफ देखने लगता है.
मारवाड़ी: अंजली तुमने तो अनिताजी का पूरा रूप ही बदल दिया है, अनिताजी आप पर ये ड्रेस बहुत अच्छा लग रहा है.
राजु: हा माँ तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो
अनिता: जी शुक्रिया ये सब दीदी की मेहरबानी है
अंजली: चलो अब जल्दी से खाना खा लो, अनिता तुम टेबल पर सबके लिए खाना लगा दो
अनिता: मैं और राजु बाद में खा लेंगे
मारवाड़ी: ये कैसी बात कर रही हो आप भी आज से हमारे फॅमिली मेंम्बर है तो खाना हमारे साथ ही खाना पड़ेगा
अंजली: हा ये बिल्कुल सही कह रहे हैं
अनिता: ठीक है मालिक
खाने खाते वक्त मारवाड़ी अनिता की और राजु अंजली की चूचियां घुर रहे थे खाना खाने के बाद सब अपने अपने कमरे में सोने जाते अनिता की चूचियां घुर घुर के मारवाड़ी का लंड खड़ा हो गया था और उसपर चुदाई का भूत सवार हो गया था,उसे उसके कमरे में नींद नहीं आ रही थी, इसलिए वो उठकर अंजली के कमरे के दरवाजे पर जाकर दरवाजा खटखटाता है, अंदर से अंजली आवाज देती है "कौन है" मारवाड़ी बोलता है "इतने रात मेरे अलावा कौन हो सकता है"
अंजली(दरवाजा खोलते हुए): आप है मुझे लगा अनिता है
अंजली ने इस वक्त एक सेक्सी नाइटी पहन रखी थी 


अंजली दरवाजा खोलती है और मारवाड़ी उसके कमरे में प्रवेश करता है, अंजली को पता चल गया कि मारवाड़ी आज उसकी चुदाई करने वाला है. अंजली मुड जाती है और मारवाड़ी से पूछती है "आज रात मेरी याद कैसे आ गई आपको"
मारवाड़ी(अंजली को पिछे से बाहों में लेते हुए): आज तुमसे प्यार करने का मूड है
मारवाड़ी का लंड अब अंजली के गांड को छु रहा था, अंजली को भी अच्छा लग रहा था
अंजली: रोज तो नहीं होता मूड आज क्या खास बात है
मारवाड़ी अपने पजामे से लंड बाहर निकलकर अंजली के नाईटी के उपर से ही गांड पर रगडते हुए बोलता है "कुछ नहीं बस मेरा ये बाबुराव आज जोश में आ गया है इसे थोड़ा शांत कर दो"
अंजली मारवाड़ी के बाहों से छूटकर मुड़ जाती है और उसका लंड हाथ मे लेकर सहलाते हुए बोलती है "मैं तो हमेशा आपके बाबुराव का ख्याल रखती हूँ पर आपके बाबुराव को मेरी मुनिया कि फिक्र ही नहीं है"
मारवाड़ी: अंजली में काम कर के थक जाता हूँ इसलिए तुम्हें पहले जैसा प्यार नहीं कर सकता
अंजली: वो छोड़िए पर आज तो मेरी मुनिया शांत कर दीजिए बहुत दिनों से तडप रही हूँ
मारवाड़ी: आज तो तुम्हें आसमान की सैर कराऊंगा
चुदाई करते वक्त मारवाड़ी और अंजली ऐसे ही गंदी गंदी बातें करते थे, मारवाड़ी अब अंजली के होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगता है, ५ मिनट तक वो किस करते हैं फिर मारवाड़ी अंजली की नाईटी उतार देता है, अब अंजली सिर्फ ब्रा और पँन्टी में मारवाड़ी के सामने थी और उसका लंड घुर रही थी. मारवाड़ी उसके लंड के तरफ इशारा करते हुए "आज इसे चूसोगी नही जान" अंजली मुस्कुराते हुए घुटनों के बल बैठ जाती है और मारवाड़ी का पुरा पजामा निकालकर उसका ७ इंच का लंड पकड़कर सुपाडे पर जीभ फिराती है, फिर धीरे धीरे पूरा लंड चाटकर उसे पूरा मुँह में भरकर चूसने लगती है. मारवाड़ी को बहुत मजा आ रहा था वो उसका हाथ अंजली के पीछे ले जाकर अंजली की ब्रा खोल कर उसकी चूचियां दबाने लगता है, अंजली बहुत अच्छी तरह से उसका लंड ५ मिनट तक चूसती है फिर मारवाड़ी उसे बेड पर लिटा देता है और उसकी पँन्टी निकालकर चूत में जीभ डाल देता है, २-३ हफ्ते के बाद मारवाड़ी अंजली की चूत चाट रहा था इसलिए अंजली को बहुत मजा आ रहा था. मारवाड़ी अब उसके दो उंगलियां चूत मे डालकर अंदर बाहर कर रहा था और चूत के दाने (clut) को जीभ से चाट रहा था, अंजली तो जैसे आसमान में उड रही थी, फिर अचानक अंजली के बदन अकड़ने लगता है और वो मारवाड़ी के मुँह पर ही झड जाती है और जोर जोर से साँसें लेने लगती है, फिर मारवाड़ी उठकर उसका लंड चूत के मुँह पर रखता है और जोर से धक्का लगाके पूरा लंड चूत में घुसा देता है. चूत गीली होने की वजह से पूरा लंड चूत की जड़ तक अंदर चला जाता है, अंजली इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए उसके मुँह से जोर से आह निकाल जाती है, मारवाड़ी के ७-८ धक्के चूत में लगते ही अंजली फिर से गरम हो जाती है. अंजली उसके टाँगों से मारवाड़ी से कसके लिपट जाती है और दोनों हाथों के नाखून उसके पीठ में गाड देती है और बड़बड़ाने लगती है "आह चोदीए और जोर से चोदीए बहुत दिनों से प्यासी हूँ आज पूरा लंड चूत में डाल दीजिए, यस फक मी हार्ड पुट युअर डिक मोर इनसाइड यस आह आह" मारवाड़ी को और भी जोश आता है और वो जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोलता है "ले आज तेरी सारी गरमी निकालता हूँ, बहुत आग है ना तेरी चूत में आज सारी मिटा देता हूँ"
मारवाड़ी चूत में जोर जोर से धक्के लगा रहा था, अंजली उसकी चरम सीमा तक पहुँच गई थी. अंजली: "यस यस आह आह आह आय अम कमिंग, आह आह मैं तो गई" अंजली झड जाती है और वो चुप हो जाती है,
मारवाड़ी: "निकाल गई ना गरमी बाहर अब इसे झेल" फिर मारवाड़ी १०-१२ जोर के धक्के लगाता है और अंजली के चूत में झड जाता है, कुछ देर के बाद जब मारवाड़ी अंजली के उपर से हट जाता है तो अंजली के चूत से मारवाड़ी और अंजली दोनों का पानी मिक्स होकर चूत से बाहर बह रहा था, अंजली चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट हो गई थी.

जब मारवाड़ी अंजली को चोद रहा था तब अनिता और राजु के कमरे में भी कुछ हो रहा था आइए फिरसे पीछे चलते हैं,
राजु: माँ आप आज किसी फिल्म की हिरोईन की तरह दिख रही है.
अनिता: क्या सच में वैसी दिख रही हूँ, मालिक भी आज मेरी तारीफ कर रहे थे.
राजु: सच में माँ और तो और इस ड्रेस में आपकी चूचियां बहुत कमाल की लग रही है.
अनिता: चुप बदमाश.
राजु: माँ मेरा लंड खड़ा हो गया है मुझे आपको चोदना है.
अनिता: अभी नहीं सब सो जाने दे.
राजु: माँ हमारे कमरे में कौन आने वाला है इस वक्त चलो ना करते हैं.
अनिता: तु तो मुझे चोदगे ही मानेगा अब, रूक मुझे ये कपड़े निकालने दे तु जानवरों की तरह चूचियां दबाता है ऐसे मे ड्रेस फट जाएगा
अनिता उठकर ड्रेस निकालकर कर पूरी नंगी हो जाती है और राजु भी कपड़े उतारकर नंगा हो जाता है.
राजु: माँ इस बेड पर चुदाई करने में बहुत मजा आएगा ना.
अनिता: हा चल अब मुझे अच्छे से मजा दे.
फिर राजु उसके माँ के उपर चढ जाता है और उसे चोदने लगता है.



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