Thursday, May 14, 2015

FUN-MAZA-MASTI चोदने की हसरत

FUN-MAZA-MASTI


 चोदने की हसरत

दोस्तो.. मेरा नाम शाहनूर आलम है प्यार से सभी मुझे सैम कहते हैं.. मैं हल्द्वानी.. नैनीताल का रहने वाला हूँ।
  बात तब की है.. जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था। हम लोग 2009 में हल्द्वानी आए थे। मैंने अपने बारे में भी कुछ बता देना चाहता हूँ। मैं बहुत ही सीधा-साधा लड़का हूँ और देखने में काफी आकर्षक भी हूँ।
मैं अधिक मोटा नहीं हूँ.. पर चिकना काफी हूँ.. मेरी लम्बाई 6 फिट है और स्किन का रंग काफी गोरा है.. मेरे होंठ गुलाबी हैं। मेरी चमड़ी लड़कियों की तरह है.. और काफी चमकीले काले बाल हैं। मुझ पर काफी लड़कियाँ मरती हैं।
जब हम हल्द्वानी रहने आए थे.. तब मैं काफी सीधा हुआ करता था.. इन सब बातों में ध्यान नहीं दिया करता था। मेरे सामने वाले घर में एक लड़की रहती थी.. उसका नाम रुबैया था.. वो काफी सुन्दर थी और उसका जिस्म भी बहुत मस्त था.. जैसा मुझे पसंद है।
उस समय उसकी उम्र 23 की होगी और मेरी 18 थी.. पर वो मुझे हमेशा घूर-घूर कर देखती थी। मैं यह सोचता था कि इस कॉलोनी की लड़कियाँ मुझे इतना घूरती क्यूँ हैं? मैं अपनी कॉलोनी में किसी से भी बात नहीं करता था.. क्योंकि मैं उस जगह पर नया-नया आया था।
जब मैं घर से बाहर निकल कर आता था.. तो लड़कियाँ मुझे पीठ पीछे घमंडी कह कर चिढ़ाती थीं और पलट-पलट कर देखती भी थीं।
अब मैं भी कुछ चंचल होने लगा था.. मैंने धीरे-धीरे सबसे बात करनी शुरू कर दी और फिर मुझे रुबैया ने एक दिन अपने घर बुलाया।
वो दो बहनें थीं.. उसकी बड़ी बहन सलमा की शादी होने वाली थी.. तो मैं उनके घर चला जाता था। सब लोग मुझसे काफी अच्छी बात करते थे और मैं भी उन सभी से काफी क्लोज हो गया था।
धीरे-धीरे रुबैया की और मेरी दोस्ती काफी गहरी होती चली गई और मैं रोज़ रात को उसके घर पर जाकर छत पर बैठ जाते था क्योंकि मैं छोटा था.. इसलिए कोई मुझ पर शक नहीं करता था। हम आराम से बातें करते थे।
एक दिन उसने पूछा- सैम, आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं है यार और बनानी भी नहीं है..
उसने कहा- ऐसा क्यूँ..? क्यूँ नहीं बनानी है?
मैंने जबाव दिया- मुझे ये सब ठीक नहीं लगता.. क्या होगा गर्लफ्रेंड बना कर?
मैं उस समय तक काफी चालू हो गया था और अपने स्वार्थ के लिए उसे चूतिया बना रहा था।
वो यह सब नहीं समझ रही थी क्योंकि मैं देखने में भी काफी भोला लगता हूँ।
फिर बातों-बातों मैं एक दिन मैंने उसे कहा- लोग शादी क्यों करते हैं?
उसने कहा- आपको नहीं पता?
मैंने कहा- नहीं पता.. बताओ न यार!
तो वो शरमाई और बोली- मैं नहीं बता सकती।
वो मुझसे मजाक में कहने लगी थी- मैं तो तुझसे ही शादी करुँगी।
मैंने बोला- मैं कभी शादी ही नहीं करूँगा।
उसने कहा- ऐसा क्यों?
‘मुझे तो कुछ पता ही नहीं है शादी के बारे में..’
तो उसने मेरे काफी जोर डालने के बाद सब कुछ बता ही दिया कि शादी के बाद लोग क्या करते हैं।
मैंने हिम्मत करके उसे पूछा- क्या आप भी मेरे साथ ऐसा ही करेंगी?
वो मुझे घूर कर देखने लगी और बोली- सब ऐसा ही करते हैं।
मैंने उससे फिर पूछा- लड़की की ‘वो’ कैसी होती है?
उसने कहा- तुमने कभी गन्दी मूवी भी नहीं देखी है?
मैंने कहा- नहीं देखी है.. मुझे लड़की की ‘वो’ देखनी है।
उसने कहा- क्या अब मेरी देखोगे.. जो इतनी जिद कर रहे हो?
मैंने कहा- हाँ दिखा दो.. दिखाने में क्या जाता है.. मुझे मालूम करना है कि ऐसा करने में क्या मज़ा मिलता है?
उसने कहा- मैंने भी कभी नहीं किया.. पर जब हम इस बारे में सोचते हैं तो काफी मज़ा आता है.. तो करने में न जाने कितना मज़ा आएगा।
मैंने कहा- तुम करोगी मेरे साथ?
तो उसने मुझे मना कर दिया और बोली- तू अभी मुझसे काफी छोटा है.. और मुझे डर भी लगता है.. करना तो मैं भी चाहती हूँ।
मैंने उससे कहा- तो क्या हुआ.. चलो करते हैं न.. कुछ नहीं होगा।
वो मना करती रही।
मैंने कहा- अच्छा बाबा.. हम थोड़ा मज़ा तो कर ही सकते हैं.. ज्यादा नहीं करते हैं ओके।
तो उसने कहा- चल ठीक है।
अब मैंने उसकी आँखों में देखा.. वो मुझे घूरते हुए मेरे करीब आ गई और मेरी गर्दन मैं हाथ डाला और मेरे होंठों पर एक किस कर दिया।
मुझे काफी अच्छा लगा.. और मैं भी उसकी बांहों में समा गया।
वो मेरे होंठों को भूखी शेरनी की तरह चूस रही थी.. उसने मेरी जीभ को अपने होंठों में दबा लिया और मुझे जोर से पकड़ लिया।
फिर उसने चुदास भरी आवाज में कहा- मुझे अपना लण्ड दिखा सकता है तू?
मैंने कहा- पहले आप मुझे अपनी चूत तो दिखाओ।
तो उसने कहा- चल फिर कभी.. अभी यहाँ ठीक नहीं है.. कोई देख लेगा।
मैंने कहा- ठीक है.. आप हाथ लगा कर मेरा भी ऊपर से ही देख लो।
तो उसने कहा- ठीक है..
उसने चुम्बन करते हुए मेरे लण्ड पर हाथ रख दिया और दबाने लगी।
उसने कहा- तू भी मेरी चूत पर हाथ लगा ले।
मैंने उसकी चूत पर सलवार के ऊपर से ही हाथ फेरना शुरू कर दिया। वो काफी गर्म हो गई थी। हम दोनों की साँसें तेज़ चल रही थीं।
फिर मैंने उससे कहा- मैं इसे छूकर देखना चाहता हूँ।
उसने इधर उधर देखा और अपनी सलवार के नाड़े को थोड़ा ढीला कर दिया।
मैंने उसमें अन्दर हाथ डाल दिया.. तो मुझे उसी चूत में हाथ डालने से बड़ा मज़ा आया। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के छेद के पास लाया और धीरे से छू दिया।
वो एकदम से सिहर गई- उस्श्ह्ह.. ईस्स्श्ह्ह्.. आअह्ह.. अस्स्श्ह्हाअ..
उसकी मदभरी आवाज़ निकलने लगी थी।
उसने कहा- अन्दर मत डाल.. दर्द हो रहा है..
उसने मेरा लण्ड जोर से पकड़ लिया और बोली- बस.. अब रहने दे.. मैं झड़ जाउंगी..
उसने मुझे गिरा दिया और वो मेरे ऊपर आ गई.. और उसने मुझे फिर से चुम्बन करना चालू कर दिया। वो एकदम से अकड़ गई शायद वो झड़ने वाली थी.. उसकी चूत ने शायद पानी छोड़ दिया था.. क्यूँकि उसने मुझे काफी जोर से पकड़ लिया था और अपनी चूत मेरे लण्ड के ऊपर घिसने लगी थी। उसकी आँखें मस्ती में बंद थीं.. तभी मैं भी झड़ गया।
क्या बताऊँ यारों.. इस सब में मुझे बड़ा मज़ा आया और उस दिन हम दोनों चले गए।
अब मुझे चूत वाले तो मिल गई थी और मुझे मौके का इंतज़ार था.. कि कब मौका मिलेगा उसे चोदने का।
उसकी बुर में भी चुदास भर चुकी थी। वो भी मौके की तलाश में थी।
फिर वो दिन आ ही गया.. जो उसे चोदने की हसरत को पूरा करने वाला दिन था।
उस दिन मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गए हुए थे.. मैंने उसे बता दिया- आ जाओ आज कोई नहीं है।
वो आ गई और बोली- क्यूँ बुलाया है?
मैंने कहा- थोड़ी मस्ती करते हैं यार..
तो उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और एक जोरदार चुम्मी ली और बोली- रात मुझे नींद ही नहीं आ रही थी.. तेरे साथ वक्त बिताने का बड़ा मन कर रहा था।
हम दोनों बेकरार हो कर कमरे में चले गए।
उसने कहा- आज तो दिखा दे अपना लंड मेरे राजा..
मैंने कहा- पहले आप अपनी ‘वो’ दिखाओ..
तो उसने कहा- खुद ही देख ले न..
तो मैंने उसकी सलवार को उतार दिया और उसके कुरते को उतार फेंका।
उसने मेरी पैन्ट उतारनी शुरू कर दी.. अब मैं अंडरवियर में रह गया था और वो ब्रा-पैन्टी में खड़ी थी।
मैंने अपनी लाइफ में कभी किसी जवान लड़की को नंगा नहीं देखा था।
मैंने बेकाबू होकर उसकी पैन्टी भी उतार दी और उसने मेरा निक्कर नीचे को खींच दिया।
अब हम दोनों ही नंगे हो गए था और आपस में चिपक गए।
मैं उसकी रसमलाई सी चूत को देखता ही रह गया.. उसकी चूत पर हल्के रेशमी मुलायम भूरे बाल थे..
वो मेरे लंड को घूर रही थी और फिर पकड़ कर लौड़े को छूने लगी।
मैंने भी अपनी ऊँगली से चूत को फैलाया और धीरे से एक ऊँगली लगा दी।
वो ऊपर को उठ गई और बोली- आआअह्ह.. स्स्स्स्श् ह्ह्ह्ह्ह्.. जान लेगा क्या मेरी?
‘हाँ.. तेरी जान लूँगा..।’
फिर बोली- ये चूत है.. लण्ड इसमें ही तो जाता है.. आराम से कर न..
मैंने फिर अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में घुसेड़ ही दी।
वो मना कर रही थी- ऐसा मत कर..
मैंने एक न मानी और करता रहा.. उसकी चूत के साथ चुदाई के इस खेल में वो मेरा लण्ड सहलाए जा रही थी और चुम्बन कर रही थी।
मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया- रुबैया.. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है..
उसने कहा- मुझे भी बहुत मजा आ रहा है।
हम एक-दूसरे के ऊपर-नीचे हो रहे थे.. इस बीच उसकी चूत मेरे लण्ड से टकरा रही थी नंगे बदन पर लण्ड का चूत से स्पर्श और चूत की लण्ड से रगड़ बड़ा मजा दे रही थी। बड़ी सनसनी हो रही थी।
अब मैंने उससे कहा- क्या मैं अपना लौड़ा चूत में डाल दूँ?
तो वो मना करने लगी.. मैंने कहा- प्लीज करने दो न.. कुछ नहीं होगा।
मेरी काफी जिद करने के बाद उसने ‘हाँ’ कर दी और बोली- तू प्लीज ये किसी और को मत बताना.. ओके।
मैंने कहा- ठीक है.. नहीं बताऊंगा मेरी जान रुबैया..
जबकि वो खुद बहुत चुदासी हो गई थी.. उसने मुझे एक चुम्बन किया और मुझे अपने नीचे लेटा लिया और खुद मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लंड के निशाने पर लगा कर चूत में लण्ड घुसाने लगी।
वो अपनी कमर से चूत पर जोर देने लगी.. उसकी चूत काफी छोटी और सील पैक थी.. इसलिए मेरा लण्ड फिसल रहा था।
उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी फिर उसने मेरा लण्ड पकड़ा और उस पर धीरे से जोर डाल दिया तो मेरा सुपारा उसकी चूत में फंस गया।
वो “ऒफ़्फ़..” करने लगी.. बोली- मुझसे नहीं होगा.. बहुत दर्द हो रहा है।
तो मैंने नीचे से ही थोड़ा और जोर लगाया तो वो दर्द के मारे और ऊपर को उछल गई और बोली- कमीने.. रुक.. दर्द हो रहा है.. आराम से कर..।
फिर उसे मैंने एक लम्बा चुम्बन किया और उसका ध्यान बंटा दिया और एकदम से जोर से धक्का मार दिया।
वो मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा कर रह गई और जोर से आँखें बंद कर लीं.. क्योंकि मैं ही उससे छोटा था.. पर मेरा लण्ड छोटा नहीं था.. चूत में घुसा.. तो पूरा दर्द दिया।
मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और नीचे से चूतड़ों को उठा-उठा कर उसकी चूत में जितना लण्ड घुसा था.. उसी को अन्दर-बाहर करने लगा।
वो पहले तो चिल्लाती रही.. फिर उसे भी मज़ा आने लगा और उसने धीरे से जोर दिया.. तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक समा गया.. और वो मेरी आँखों में कामुकता भरी नजरों से देख कर खुश हो रही थी।
लौड़ा उसकी चूत में घुसने पर मुझे भी बड़ा मज़ा आया..
यारो क्या बताऊँ.. बड़ी कसी हुई चूत थी साली की..
फिर उसने अपनी कमर चलानी शुरू कर दी चूतड़ों को ऊपर-नीचे.. ऊपर-नीचे करती हुई लौड़े से चूत की खुजली मिटा रही थी।
मैंने भी उसके हिलते हुए चूचों को अपने दोनों हाथों से मसलना शुरू कर दिया।
जब वो ऊपर-नीचे धक्के लगा रही थी तो उसके चूचे उसका साथ दे रहे थे.. हिलते हुए आम.. क्या कमाल के लग रहे थे।
हम दोनों एक-दूसरे से ताल मिला कर चुदाई करते रहे.. फिर मैं झड़ने को हो गया.. क्योंकि मेरा वो फर्स्ट टाइम था और मैंने किसी तरह खुद को जल्दी झड़ने से रोका।
यह सोच कर कि मेरा लंड पहली बार किसी की चूत में घुसा है.. तो मैं जल्दी छूटने को हो गया था।
वो ‘आआह्ह.. आह्ह.. ऊऊह्ह्ह.. आऔ ऊउह्म्म..’ की आवाजें कर रही थी।
फिर वो बोली- जब मैं कहूँ.. तो तेजी से चुदाई करना ओके..
मैंने कहा- ठीक है रुबैया मेरी जान..
फिर कुछ धक्कों के बाद उसने कहा- सैम.. अब जल्दी करो.. प्लीज आह्ह्ह.. आअह्ह्ह.. स्स्स्स श्ह्ह्ह्ह्.. कर न कुत्ते.. चूत फाड़ दे मेरी.. ये चूत तेरी ही है.. आज से मैं तेरी जुगाड़..
तभी उसके हाथ-पैर अकड़ गए.. उसे मेरी कमर इतनी जोर से पकड़ लिया कि मुझे काफी दर्द हुआ।
वो ‘आअह्ह.. स्श्ह्ह.. आआअह.. करते हुई मेरी बाँहों में टूट गई.. वो झड़ गई।
इसी के साथ मैंने भी अपना सैलाब छोड़ दिया था।
फिर हमने एक और राउंड चुदाई का खेल खेला..
उसके बाद वो और मैं जब भी मौका मिलता चुदाई करते थे.. अब उसकी शादी हो गई है.. पर अब मेरा लफड़ा.. उसकी भतीजी से है.. मैं उसे भी खूब चोदता हूँ.. वो शादी के बाद अब भी मेरे साथ चुदाई करने को बोलती है।
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न जाने साली में कितनी अधिक चुदास है.. मुझे तो कभी-कभी लगता है कि उसका मुझे खा ही जाने का इरादा है।
दोस्तो, मैं अब चुदाई का बहुत अनुभवी हो गया हूँ और काफी सेक्सी भी हूँ।

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