Thursday, April 16, 2015

FUN-MAZA-MASTI भतीजी के साथ जन्नत का मज़ा

FUN-MAZA-MASTI

भतीजी के साथ जन्नत का मज़ा

 हैलो.. मेरा नाम सोनू चौहान है और मैं नोएडा में रहता हूँ,   मैं आज आप लोगों को अपनी कहानी सुनाता हूँ.. जो मैंने अपनी रिश्ते में लगने वाली भतीजी के साथ किया था, यह मेरी वास्तविक कहानी है, मैं कहानी पहली बार लिख रहा हूँ.. इसलिए हो सकता है कि कुछ गलती भी हो जाए और कोई चीज छूट भी जाए।
उसका नाम नेहा है। उसकी हाइट भी मेरे जितनी ही है। वो बहुत ही ज्यादा गोरी है, उसके मम्मे का साइज़ 34 है और शरीर से थोड़ी स्थूल लगती है, उसकी उठी हुई गाण्ड भी बहुत मस्त है, दिल करता है कि उसे सहलाता ही रहूँ और हमेशा उसकी गाण्ड में अपना लण्ड डाले रहूँ।
बात आज से 5 साल पहले की है, वो और मैं साथ-साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे। उसी वक्त उससे मुझे प्यार हो गया और उसे भी मुझसे प्यार हो गया था। चूंकि वो रिश्ते में मेरी भतीजी लगती थी लेकिन एक ही उम्र होने के कारण वो हमेशा मुझे नाम से बुलाती थी।
एक दिन की बात है, मेरी फुफेरी बहन की शादी थी.. तो मैं और नेहा अपनी बुआ, चचेरी बहन और जीजाजी के साथ अपनी बुआ के गांव जा रहा था।
हम गांव ट्रेन से गए। लेकिन गांव स्टेशन से 3 किमी दूर था सो बुआ ने गांव से किराए की टैक्सी का इन्तज़ाम किया था।
जब हम सब लोग टैक्सी में जा रहे थे तो नेहा मुझे जीजाजी के साथ मिल कर मुझे छेड़ने लगी। मैं बुआ और चचेरी बहन के साथ में होने के कारण चुप था.. लेकिन जीजाजी को मैं जवाब दे रहा था।
कुछ दूर जाने के बाद वो मुझे चुटकी काटने लगी। कभी वो मेरी बांह में चुटकी काटती.. तो कभी मेरी कमर में..
मैं क्या करता मैंने कितनी ही बार बुआ और बहन को बोला तो आखिर बुआ ने उसे डांट दिया.. तो उसने अपनी हरकत कुछ समय के लिए बंद कर दी.. लेकिन कुछ देर के बाद वो फिर मुझे चुटकी काटने लगी।
फिर मैं भी उसको कभी-कभी उसकी बाँहों में जाकर चुटकी काट लेता था।
ऐसे करते-करते हम गांव पहुँच गए। हम सब टैक्सी से उतरे और घर में चले गए।
मैं सीधा ऊपर पहली मंजिल पर चला गया।
कुछ देर के बाद वो भी कोई काम का बहन करके ऊपर आ गई, वो फिर से मुझे चुटकी काटने लगी। अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने पहली बार उसकी बांह में चुटकी काटी, वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने उसके गाल पर चुटकी काटी, वो फिर भी कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने हिम्मत करके उसकी समीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे पर चुटकी काटी.. वो अब भी कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया कि ये लड़की आज चूत देने के मूड में है।
फिर मैंने उसकी समीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने चालू करते हुए उसे कमरे में ले गया और बिस्तर पर पटक दिया। फिर मैंने उसकी होंठों की चुम्मी ली। कम से कम 5 मिनट तक मैं उसके होंठों का चुम्बन लेता रहा और फिर उसके एक मम्मे को चूसने लगा।
वो कुछ नहीं बोल रही थी। सिर्फ़ मुझे अपनी बाँहों में कसे हुए थी।
फिर मैंने उसकी समीज़ को थोड़ा ऊपर खोल कर उसके एक मम्मे को चूसता रहा। फिर दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसता रहा। बीच-बीच में कभी मैं उसके होंठों का चुम्बन लेता.. तो कभी मैं उसके मम्मों को चूसता।
एक हाथ से मैं उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था.. तो दूसरे हाथ से मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। उसने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी तो मेरी ऊँगली आसानी से सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत में जा रही थी।
वो बहुत जोर से मादक आवाजें कर रही थी- उन्नन्नन्न.. न्नन्नन्नह्हह.. आआआअह्ह.. ऊऊह्ह.. ह्हहाआन्न.. और चूसो जोर से..
वो जोर-जोर से सिसिया रही थी।
फिर मैंने उसके मम्मों को चूसना छोड़ कर उसके होंठों का चुम्बन लेना शुरू कर दिया क्योंकि वो बहुत जोर से आवाज़ कर रही थी। मुझे डर हो गया.. कहीं नीचे बुआ और बहन न सुन लें।
मैंने दरवाजा बंद किया और फिर से उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए और चूसता भी रहा।
कुछ देर के बाद वो फिर से गरम हो गई। फिर मैंने अपना पैंट खोला और अपना लण्ड उसके हाथ में थमा दिया।
मेरा लण्ड अब तन कर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। मैंने अपना लण्ड उसके हाथों में पकड़ा दिया। वो पहले तो शरमाई.. लेकिन कुछ देर के बाद जब मैंने फिर से पकड़ाया तो वो पकड़ लिया।
मैंने उसे बोला- इसे सहलाओ.. और आगे-पीछे करो..
वो वैसा ही करने लगी। मैंने फिर उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी। वो जोर से सिसयाने लगी- आआह्हह्ह..।
जब मैंने उसकी चूत में ऊँगली की वो मेरे लण्ड को जोर से आगे-पीछे करने लगी और जोर से ‘ऊह-आह’ करने लगी।
फिर मैंने कुछ देर के बाद मैंने उसकी सलवार भी उतार दी।
वाह.. क्या चूत थी.. चूत पूरी रस से भीगी हुई थी।
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता था कि उसने आजकल में ही शेव की हो, उसकी चूत पूरी पावरोटी की तरह फूली हुई थी।
फिर मैंने उसे अपना लण्ड चूसने के लिए बोला.. तो उसने मना कर दिया।
मैंने उससे बोला- चूस न.. कुछ नहीं होता।
तो वो बोल रही थी- नहीं.. मुझे घिन आ रही है।
फिर मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
वो चिल्लाने लगी- आआह्हह्हह्हह्हह..
मैं अपनी जीभ से उसे चोद रहा था।
वो बहुत जोर से मचल रही थी- अईईईईई तूने..एई.. यययईईईईह.. क्कक्कक्या कर दिया.. मेरी चूत में आग लग रही है..इ.. कुछ करो
मैं लगातार उसे चूसता रहा.. वो जोर से चिल्ला रही थी और बहुत मस्तिया रही थी।
वो अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत के ऊपर खींच रही थी। अपने पैरों को कभी ऊपर तो कभी दोनों जांघों को जोर से दबा रही थी।
कभी-कभी तो मेरी साँसें फूल जाती थीं।
कुछ देर के बाद उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया। मैंने सारा का सारा पानी पी लिया। अब वो मुझे देख रही थी और जोर से हाँफ़ रही थी.. जैसे वो कई मील से दौड़ कर आई हो।
अब मैंने उसे चित लिटाया और उसकी गाण्ड के नीचे तकिया लगाया.. उसके पैरों को फैलाया। फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया। जब मेरा लण्ड का सुपाड़ा ही उसकी चूत में गया था.. वो जोर से चिल्लाने लगी- नहीं.. उई.. मुझे छो..ओ..ओ..ड़ दो.. मुझे.. न..अहीं.. चुदना.. म्मम्ममाआआआइन.. माअर.. जाऊँ.. ग्गगीई.. अपन्ना.. लण्ड निकाल लो.. ओह्ह्ह..
लेकिन मैंने अनसुने के जैसा करते हुए एक जोर का धक्का लगाया, वो और जोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके होंठों पर चुम्बन करते हुए उसके मुँह को बंद किया और धक्का लगाता गया।
वो बेहद छटपटा रही थी.. अपने बदन को इधर से उधर करने लगी लेकिन मैं माना नहीं.. मैं धक्का पर धक्का लगाते गया।
उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।
कुछ देर के बाद मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। फिर मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा।
कुछ देर के बाद वो शांत हुई और मुझे गालियां देने लगी- साले.. तूने ये क्या कर दिया.. अपना लण्ड निकाल.. मुझे नहीं चुदवाना।
मैं उसके मम्मे को चूसने लगा और एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा। कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया।
दोस्तों आप लोगों को तो पता ही होगा कि अगर किसी लड़की या औरत को जल्दी जोश में लाना हो.. तो उसके कान को धीरे-धीरे चूमो और चूसो.. फिर देखो कितनी जल्दी गरम हो जाती है।
हाँ तो.. फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गरम हो गई, फिर मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया।
पहले तो वो चिल्लाई.. लेकिन कुछ देर के बाद मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
वो बोली- हाँ सोनू.. बहुत मजा आआआआ राआआअ हा हाआइ।
वो कामुक आवाजें करने लगी। कुछ देर के बाद मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। अब पूरी मस्ती में थी और मस्ती में चुदासी सी मस्ती कर रही थी।
‘हाआआआआं सोनू..उऊउउ.. आआआऐसीईए.. हीइ.. कर्रर्ररो.. बहुत्तत.. म्मम्मजा.. आआ.. राआअहा है..’
वो इस वक्त इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।
मैं अपनी रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था।
‘आह्ह.. और जोर से चोदो…फाड़ दो मेरी चूत को आह्ह.. चूत फाआआड़े बाआअगैर मत छह्हह्हूड़ना.. आआआअह..’
वो लगातार ऐसे ही आवाजें कर रही थी। कुछ देर के बाद मैंने पाया कि मेरा लण्ड पानी से भीग रहा है, मतलब वो पानी छोड़ने वाली थी।
वो नीचे से कमर उठा-उठा कर चिल्ला रही थी और बड़बड़ा रही थी- और चोदो.. मेरी चूत को आज मत छोड़ना.. इसे भोसड़ा बना देना..
वो एकदम से अकड़ सी गई और कुछ पलों के बाद वो बोली- हाय सोनू.. मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने के करीब पहुँच गया था। क्योंकि हम लोग लगातार 15-20 मिनट से चुदाई कर रहे थे, मैंने बोला- ओह्ह..जान.. मैं भी झड़ने वाला हूँ।
मैंने अपनी रफ्तार एकदम से बढ़ा दी, वो कुछ देर के बाद झड़ गई। मैं भी झड़ने के करीब आ गया था। कुछ देर के बाद मैं भी झड़ गया।
उसने मुझे कस कर बाँहों में जकड़ लिया। मैं भी उसके मम्मों के ऊपर पड़ा रहा।
कुछ देर के बाद उसने मेरा लण्ड और मैंने उसकी चूत को साफ़ किया।
फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और कुछ देर तक एक-दूसरे के बाँहों में पड़े रहे। हम लोग वहाँ 3 दिन रुके, हम लोगों को जब भी मौका मिलता था हम लोग चुदाई कर लिया करते थे।
उसके कुछ दिन के बाद उसकी शादी हो गई.. वो अपनी ससुराल चली गई। फिर मैं भी अपनी जॉब के सिलसिले में नोएडा चला आया। लेकिन नोएडा आने के एक साल के बाद वो फिर मुझे नोएडा में ही मिल गई।
फिर मैंने उसके साथ चुदाई की और क्या क्या किया.. आप सभी को अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।
कैसी लगी आपको ये घटना..

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