Thursday, April 2, 2015

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--61

 FUN-MAZA-MASTI
 सौतेला बाप--61

अब आगे
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''हाआआआआआआआआआआअ........ उम्म्म्ममममममममममममम.......''

और अगले ही पल वो भूखी बिल्ली की तरह उस माँस के लोथड़े पर टूट पड़ी और उसे एक ही झटके में मुँह के अंदर लेकर ज़ोर-2 से सक्क करने लगी...

नशे मे होने के बावजूद उस आदमी को कुछ एहसास हो रहा था और वो अपना सिर इधर-उधर घुमाते हुए फिर से बुदबुदाने लगा...

वो उस गीले लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपने चेहरे पर...अपनी आँखो पर...अपने होंठों पर..लगाने लगी...उसके अंदर से निकल रहे प्रीकम को उसने अपने पूरे चेहरे पर क्रीम की तरह लगा लिया और उसकी भीनी खुश्बू को सूँघकर वो पहले से ज़्यादा उत्तेजित हो गयी..

और अगले ही पल वो वापिस बाहर निकलकर खड़ी हुई और उसने एक ही झटके में अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और अपनी ब्रा भी खोलकर वहीं ज़मीन पर फेंक दी..और आनन फानन में उसने अपनी जीन्स को भी पेंटी समेत उतार दिया..


 और अब वो खुले मे बिल्कुल नंगी होकर खड़ी थी..



ऐसे में अगर वहाँ कोई आ जाता तो उसे ऐसी हालत में देखकर उसके साथ क्या करता ये वो वही जानती थी..पर इस वक़्त उसके उपर जो चुदासी चढ़ी हुई थी उसके सामने उसे कुछ भी दिखाई नही दे रहा था..

और पूरी नंगी होने के बाद वो उसके उपर झुकी और उसकी पेंट को खोलकर उसने नीचे की तरफ खींचकर उसे भी निकाल दिया..

और अब वो आदमी भी नीचे से नंगा होकर पिछली सीट पर लेटा हुआ था..

वो जम्प मारकर वापिस अंदर घुसी और फिर से नीचे मुँह करके उसके लंड की कटोरी से मक्खन चाटने लगी..

घनी झान्टो के बीच उसका बुर्ज खलीफा जैसा लंड उसे बड़ा अच्छा लग रहा था...वो उसके लंड को चूमती हुई उपर तक गयी और अपनी चूत को उसके लंड वाले हिस्से पर ज़ोर से दबा दिया

अब काव्या अपनी चूत को उसके लंड के उपर लगाकर उसके उपर लेटी थी और उस आदमी का चेहरा ठीक उसके सामने था...उसके मुँह से दारू की गंदी सी स्मेल आ रही थी..पर इस वक़्त उसे वो स्मेल भी किसी नशीली खुश्बू जैसी लग रही थी...और उसके पूरे चेहरे पर रंग लगा होने के बावजूद काव्या ने धीरे से अपना चेहरा नीचे किया और अपने रसीले होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उन्हे धीरे-2 चूसने लगी..

पहले धीरे और फिर ज़ोर से...पहले सिर्फ़ होंठ और बाद में अपनी जीभ भी अंदर घुसेड कर उससे मज़े लेने लगी...उसके चेहरे और होंठों का रंग काव्या के उपर लगता जा रहा था पर कामाग्नि में जल रही काव्या को उसकी बिल्कुल भी चिंता नही थी...वो तो अपनी रसीली चूत को उसके लंड पर रगड़ती हुई उसे चूसने में लगी थी...और वो बेवड़ा तो अपनी ही दुनिया में मदहोश सा होकर बस थोड़ा बहुत हिल डुल रहा था...शायद नशे में उसे यही लग रहा था की वो काल्पनिक दुनिया में किसी लड़की से मज़े ले रहा है पर वो ये नही जानता था की यथार्थ में उसके साथ वही हो रहा है...

उसका लंड थोड़ी देर पहले तक तो कड़क हो गया था पर मुँह से निकालने के बाद फिर से मुरझाने लगा...ऐसे मे उसे चूत के अंदर नही लिया जा सकता था..इसलिए वो घूमकर 69 की पोज़िशन में उसके लंड की तरफ आई और अपनी रसीली चूत को उसके रंगीले मुँह के उपर दबाते हुए उसके नशीले लंड को अपने मुँह में लेकर पहले की तरह ही उसकी सकिंग करने लगी..

और साथ ही साथ अपनी चूत की फांको को उसके होंठों के उपर रगदकर खुद भी मज़े लेने लगी...उसके चेहरे पर घनी मूँछे थी जो उसकी चिकनी चूत पर चुभ रही थी और उसे गुदगुदी का एहसास भी दे रही थी...वो अपनी छूट को उसके होंठों से रगड़ खिलाती हुई उसकी मूँछों पर मसलती और फिर थोड़ा और उपर लेजाकर उसकी लंबी नाक की नुकीली नोक से अपनी चूत के दाने को रगड़ती...और एक बार तो ऐसा हुआ की उसने उसकी पूरी की पूरी नाक को ही अपनी चूत के अंदर ले लिया और उससे चुदने लगी...एक तो उसकी चूत ने उसके मुँह को पूरी तरह से कवर किया हुआ था उपर से नाक से भी साँस ना मिलने की वजह से वो विचलित सा हो उठा और ज़ोर-2 से खाँसता हुआ वो अपने नशे की दुनिया से बाहर निकल आया और उसने अपने उपर लेटी हुई नंगी काव्या को धक्का देकर साइड में किया और कार से बाहर निकल आया..

भले ही वो होश में आ चुका था पर था अभी भी वो गहरे नशे में ..बाहर निकल कर वो ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था...उसने कार को पकड़ा और बड़ी मुश्किल से अपने को सहारा दिया और ये जानने की कोशिश करने लगा की वो है कहाँ और उसके साथ हो क्या रहा है...

और दूसरी तरफ काव्या तो उसके होश में आने के बाद घबरा सी गयी...उसने तो इस बारे में सोचा भी नही था...उसकी समझ से तो वो उससे नशे की हालत मे चुदाई करवाती और उसे वहीँ छोड़कर निकल जाती पर उसे ऐसे होश में आता देखकर उसके होश उड़ गये थे और इससे पहले वो कुछ और सोच पाती उस आदमी की नज़र उसके उपर पड़ी...और वो बेचारी नंगी पुँगी सी अपनी कार की पिछली सीट पर सिकुड कर बैठ गयी...

थोड़ी देर तक दोनों के बीच सन्नाटा सा छाया रहा और फिर वो आदमी लड़खड़ाती लेकिन कड़क आवाज़ में बोला : "ऐ छोरी ...कौन है री तू...और ये क्या कर रही थी मेरे साथ...''



 वो बड़ी मुश्किल से खड़ा हो पा रहा था और बात कर पा रहा था...उसे ऐसे बात करता देखकर वो थोड़ा नॉर्मल हुई और फिर जल्द ही उसने एक कहानी अपने दिमाग़ मे बना ली और बोली : "बड़ी जल्दी भूल गया रे तू...थोड़ी देर पहले तक तो मुझे चोदने की बातें कर रहा था...और अब काम करने की बारी आई तो पूछता है की मैं कौन हूँ ..साला बेवड़ा...''

काव्या अपने आप को एक धंधे वाली दर्शा रही थी और उस बंदे को अपना कस्टमर..

वो बेचारा हैरान परेशान सा उसे देखने लगा और अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए सोचने लगा की उसने ऐसा कब कहा उससे ...और अगर कहा भी तो ये धंधे वाली तो लगती नही, इतनी सुन्दर ...इतनी जवान सी...और साथ ही कार में भी...

वो बोला : "पर....वो.....वो....मुझे याद नही है...और ये कार....''

काव्या अब करीना कपूर के चमेली वाले कैरेक्टर में आ चुकी थी, वो थोड़ी उँची आवाज़ में बोली : "तुझे याद नही है तो मैं याद दिलाती हू तुझे साले ....पूरे 5 हज़ार में बात हुई थी हमारी...और ये कार मेरी है...तुझ जैसे हरामियों से चुदाई करवाकर खरीदी है, अपनी मेहनत से...''

अपनी चूत को रगड़ती हुई बोली थी उसने ये बात....

काव्या को तो खुद भी विश्वास नही हो रहा था की वो ऐसी बेहूदा बातें और हरकतें इतने आत्मविश्वास के साथ कैसे करती चली जा रही है...अपनी चोरी पकड़े जाने के बाद वो एक रंडी जैसा बर्ताव करके बाजारू लड़कियों की तरह बिहेव कर रही थी...और ऐसा करते हुए वो अब अपने नंगेपन को भी छुपाने का प्रयत्न नही कर रही थी...बल्कि अपनी गीली चूत और कड़क मुम्मे दिखाकर उसे ललचा रही थी ताकि वो जल्दी से उसे चोदने के लिए राज़ी हो जाए...

और वो हो भी रहा था...पर उस आदमी को एक ही चिंता थी...पैसों की...उसकी जेब में तो इस वक़्त एक फूटी कोड़ी भी नही थी...एक सौ का नोट था जिसका उसने अद्धा पी लिया था और वो भी नीट ...इसलिए उसकी ऐसी हालत हो रही थी...

पर इंसान के दिमाग़ में दारू चड़ती है,उसके लंड पर नही, इसलिए नशे की हालत में होने के बावजूद,ऐसी जवान लड़की को नंगा देखकर उसका लंड खड़ा हो चुका था...और वो अंदर ही अंदर उसे चोदने के सपने भी देखने लगा..और वैसे भी, दारू पीने के बाद की चुदाई का मजा कुछ अलग ही होता है

काव्या : "अब खड़ा क्या है, चल वापिस अंदर आ...और काम पूरा कर...''

वो अपनी चूत के उपर अपनी उंगलियाँ मसलती हुई बोली

वो आदमी, जिसका नाम रोहित था, वो हकलाते हुए बोला : "वो...मेरे पास..पैसे नही है...''

अब भला काव्या को उसके पैसों से क्या लेना देना था...वो तो ऐसी हालत में रंगे हाथों पकड़ी गयी थी इसलिए ऐसी कहानी बनाई...वो बोली : "साले, हरामी...जब पैसे नही थे तो पहले क्यों बोला...अब मेरी चूत में आग लगा कर बोलता है की पैसे नही है...''

वो थोड़ा बहुत गुस्सा भी दिखा रही थी,ताकि उसकी एक्टिंग सच लगे..और फिर थोड़ा रुक कर बोली : "चल अब पैसे नही है तो फ्री के मज़े ले...कम से कम मेरी चूत को तो उसका हक मिले ना...ऐसे बीच में लाकर छोड़ेगा तो मैं पूरी रात सुलगती रहूंगी ''

और इतना कहते हुए उसने रोहित के लंड को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसे एक बार फिर से मुँह में लेकर चूसने लगी...

रोहित अपनी बंद हो रही आँखों को बड़ी मुश्किल से खोलने की कोशिश कर रहा था,पर नशे की वजह से वो बंद हुए जा रही थी...पर उसके लंड पर काव्या का मुँह लगते ही वो पूरी तरह से खुल गयी..और वो उसकी पतली कमर और चौड़ी गांड को देखता हुआ उसके मुँह की चुदाई करने लगा...


काव्या उसके लंड को चूसती हुई उसे ही देख रही थी...और उसके मासूम से चेहरे को देखकर रोहित का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था...उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की ये एक रंडी है...ऐसी कमसिन लड़की,जो मुश्किल से 20 साल की भी नही है, उसके मुम्मे भी पूरी तरह से बाहर नही निकले है,इस धंधे मे कैसे आ गयी...और उसकी किस्मत तो देखो, पैसे ना होने के बावजूद वो उससे चुदवाने के लिए तैयार भी हो गयी..


 वो अपनी किस्मत और अपने बड़े लड़ की सराहना कर रहा था,जिसकी वजह से उसे ऐसी लड़की के साथ मज़े करने को मिल रहे थे...आज सच में उसे होली का असली मजा मिल रहा था

अब उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था...काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा : "चल अब, जल्दी से घुसा दे इसे मेरी चूत में ...''

और इतना कहते हुए वो पलट कर दूसरी तरफ हो गयी, उसके पैर कार से बाहर थे और वो पिछली सीट पर घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी..

उसकी गोल मटोल गांड देखकर रोहित तो चकरा कर रह गया... किसी की ऐसी गांड भी हो सकती है उसने तो सोचा भी नही था...एकदम चिकनी...और उसके बीच मे से झाँक रही नन्ही सी चूत की झलक जब उसे मिली तो वो ये सोचने लगा की एक रंडी होने के बावजूद इसकी चूत इतनी छोटी कैसे है...ये तो बोल रही है की इसने इतनी चुदाई करवाई है की इसने उन पैसों से कार खरीद ली है, पर इसकी चूत देखकर तो लगता है की उस कमाई से तो ये अभी तक साइकल भी नही ले पाई होगी...



पर उसे इससे क्या, एक तो फ्री में उसे ऐसी चूत मारने को मिल रही थी उपर से ऐसे सवाल पूछकर वो इस वक़्त उसका मूड खराब नही करना चाहता था...इसलिए चुपचाप उसने अपने लंड के उपर थूक लगायी और उसकी चूत पर अपना लंड टीकाकर धीरे से अंदर घुसाया..

काव्या तो धड़कते दिल से एक एजनबी के मोटे लंड का इंतजार कर रही थी..और जैसे ही उसके सुपाड़े ने उसकी चूत के दरवाजे पर दस्तक दी, उसके शरीर के रोँये खड़े हो गये...और वो कुछ और सोच पाती,इससे पहले ही रोहित ने एक जोरदार शॉट मारकर अपना लंड उसकी चूत के अंदर घुसेड दिया...और वो पिछली सीट की लेदर सीट को पकड़कर ज़ोर से चिल्ला पड़ी..

''आआआआआआआअहह .................. उम्म्म्मममममममममममममममम ...... मरररर गयी .....''


और उसकी चूत इतनी टाइट थी की इतने जोरदार झटके के बाद भी रोहित का लंड सिर्फ़ आधा ही अंदर घुस पाया था...और वो ये सोचकर ही खुश हो गया की शायद इस रंडी ने आज से पहले मेरे जैसे मोटे लंड को अंदर नही लिया है, वरना ऐसी टाइट चूत ना होती इसकी..

अब उस बेचारे को भला कौन समझाए की इसने तो 2 दिन पहले ही चुदाई करवानी शुरू की है....और समीर और नितिन के बाद ये उसकी जिंदगी का तीसरा लंड है जो उसके अंदर जा रहा है...और सबसे मोटा होने की वजह से ये दर्द होना भी स्वाभाविक ही है...

खैर, रोहित ने थोड़ा सा लंड बाहर खींचा और फिर से अंदर डाल दिया...और इस बार और ज़ोर से...पिछली बार आधा सफ़र तय करने के बाद इस बार वो पूरी मंज़िल तक जाना चाहता था...और पहुँच भी गया वो...इस झटके की मदद से उसके लंड के सुपाड़े ने उसकी चूत के आख़िरी सिरे को जाकर चूम लिया...और अपने लंड को उसकी चूत में फँसा कर रोहित ने एक जोरदार हुंकार भरी...जो उस सुनसान इलाक़े में गूँज कर रह गयी..

''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह .....ऊऊऊऊऊहह साआआाआली .....क्या टाइट चूत है रे तेरी............................ अहह मज़ा आ गया कसम से......साली रंडी 


 और उसके बाद तो वो रुका ही नही...और अपने लंड को बाहर निकालकर दुगनी तेज़ी से अंदर घुसेड़ने लगा...और ऐसा 8-10 बार करने के बाद उसकी चूत रंवा हो गयी और फिर तो उसका लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर जाने लगा...बिना कोई रोक टोक के..और उसके अंदर बाहर होने से जो एहसास काव्या को मिल रहा था वो उसे महसूस करती हुई एक असली रंडी की तरह चिल्लाए जा रही थी..

''आआआआआआआईइ................साले ................चोद मुझे...............आआआआआहह ऐसे ही ................. ओफफफ्फ़ ओफफफ्फ़ एसस्सस्स....... फककक मी .....फक्क मी बास्टर्ड....... फक्क मीssssssssssssssss ...''


वो गँवार रोहित भी ये सोचने लगा की शायद उसकी जिंदगी में ये पहली बार है जब वो एक अँग्रेज़ी बोलने वाली रंडी की चुदाई कर रहा है...और वो भी फ्री में ...

ये सोचते -2 वो काफ़ी उत्तेजित हो उठा और उसने अपना लंड खींचकर बाहर निकाल लिया और काव्या को भी बाहर घसीट लिया...और उसे कार की फ्रंट साइड पर ले आया...और बोनट के उपर उसे बिठाकर अपना लंड फिर से उसकी चूत में दाखिल करवा दिया...

काव्या ने उसकी कमर मे अपनी टांगे लपेट कर उसके लंड को अंदर लिया और उसके कानों को चूमते हुए फिर से चीखे मारने लगी..

''ऊऊऊऊऊओह येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... कितना मोटा है तेरा लंड साले ..............आहह मज़ा आ गया............. उम्म्म्ममममममममममम ..... ओह ....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... चोद .................. फ्री की चूत मिली है आज तुझे...............चोद इसे......अपने लंबे लंड से चोद मुझे कुत्ते हरामी ..............''


रोहित तो उस कॉनवेंट मे पड़ी चूत को चोदकर खुशी से फूला नही समा रहा था....उसका नशा कब का उतर चुका था और सेक्स का नशा चढ़ चुका था अब उसके उपर...

उसने काव्या को नीचे खड़ा किया और उसे घूमाकर उसकी गांड अपनी तरफ कर ली...और उसे झुकाकर उसे घोड़ी बनाया और एक बार फिर से उसकी चूत के अंदर अपना लंड डालकर उसे उस सुनसान सी जगह पर खुल्ले में चोदने लगा...

उसके हर झटके से काव्या उछलकर कार के बोनट पर जा चड़ती और फिर फिसलकर नीचे आ जाती..

उसकी चूत से निकले पानी से कार के बोनट की रबिन्ग-पॉलिशिंग हो रही थी ,जिसकी वजह से कार का अगला हिस्सा चमक उठा था


ऐसा करीब 10 मिनट तक चलता रहा..


 रोहित उसके मुम्मो को दबाकर पूरी ताक़त से उसके नंगे बदन से चिपका हुआ था और ज़ोर -2 से उसकी चूत की कुटाई अपने मूसल से कर रहा था..

और लगातार इतनी लंबी और झटको वाली चुदाई करने के बाद दोनो थक गये..और काव्या के कहने पर वो फिर से वापिस कार में आ गये..

कार की सीट्स को फोल्ड करके उसने पिछली सीट पर ज़्यादा जगह बना ली और उसपर रोहित को लिटाकर खुद उल्टी होकर उसके लंड पर बैठ गयी..


और एक बार फिर से उछल-कूद भरी चुदाई शुरू हो गयी उस कार में ..

उसके मुम्मे हर झटके से जोरों से हिलते जिसे काव्या सामने लगे छोटे से मिरर में सॉफ देख पा रही थी..

और वो देखकर वो काफ़ी उत्तेजित भी हो रही थी...

और आख़िरकार उसकी उत्तेजना का चर्म स्तर आ ही गया

और वो ज़ोर-2 से चिल्लाती हुई उसके खड़े लंड पर झड़ने लगी..

''आआआआआआआआआअहह उूुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममम ऊऊऊऊऊऊऊओफफफफफफ्फ़ ...आई एम कमिंग......''

रोहित भी झड़ने के बिल्कुल करीब था..

पर उसके रस को अपनी चूत में लेकर वो कोई रिस्क नही लेना चाहती थी..

इसलिए झड़ने के बाद जब उसे लगा की रोहित भी झड़ने वाला है तो वो झट से उसके लंड से उतर गयी और अपने हाथों से उसके लंड को मसलने लगी...

और थोड़ी ही देर मे उसके लौड़े से सफेद फुव्वारा निकलने लगा और उसके हाथों और पिछली सीट को गीला करने लगा..


दोनो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुके थे..

ये सब करते - करते 8 बज चुके थे...काव्या ने जल्दी से अपने कपड़े पहने , अपनी पॉकेट से मोबाइल निकाल कर देखा, मों की 8-10 मिस्स कॉल्स थी, जो साइलेंट होने की वजह से सुन नही पाई थी वो...उन्हे फोन करके उसने आधे घंटे में आने की बात कही,साथ ही बहाना बनाकर ये भी बोल दिया की गाड़ी खराब हो गयी थी,इसलिए देर हो गयी..

रोहित को गाड़ी में बिठा कर उसे वापिस मैन रोड पर उतारा ..वो बेचारा समझ भी नही पाया की आख़िर में आकर ऐसी जल्दबाज़ी क्यों दिखा रही है वो..पर वो बिना कुछ बोले उसकी बातें मानता गया..आख़िर आज की होली उसे हमेशा के लिए जो याद रहने वाली थी..

और अपनी रंगीन होली मना कर वो वापिस घर आ पहुँची..जहाँ उसके लिए एक सरप्राइज भी था..

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