Saturday, January 10, 2015

FUN-MAZA-MASTI पापा प्लीज........23

FUN-MAZA-MASTI

 पापा प्लीज........23


 रूपा लेटे लेटे ही नींद में चली गई और मम्मी ने जब खाने के लिए आवाज दी तब रूपा की नींद खुली... रूपा उठी और खाना खा अपने रूम में चली आई... पर सीमा भाभी व डिंपल भाभी की बात उसके अंदर और तेजी से हड़कंप मचा रही थी...

उसने बाहर से फोन उठाई और कनक को फोन लगा दी... फोन लगते ही कनक शुरू हो गई अपनी आदतानुसार....

कनक,"हाय रूपा...पता है आज उस भांजे के मामा की जेब ढ़ीली करने में कितनी मशक्कत करनी पड़ा... शाला का इत्ता मोटा था ना कि मुंह अभी तक दर्द कर रही है..."

कनक की बात सुनते ही रूपा की हंसी निकल पड़ी... रूपा की जो हंसी शाम से गायब थी वो अब थोड़ी देर के लिए वापस आई थी वो भी कनक की वजह से... आखिर दोस्त इसी लिए तो होते हैं...

रूपा,"अच्छा पर तुम तो एक्सपीरीयंस्ड थी तो फिर भी..." रूपा हंसती हुई कनक के जवाब में सवाल दागी... कनक रूपा की हर तरह की आवाज को अच्छी तरह पहचानती थी... वो रूपा की सूनी आवाजें सुनते ही डर सी गई...

कनक,"हे...क्या हुआ...कोई प्रॉब्लम है क्या.."कनक सीधे मुद्दे पर आ गई ... तो रूपा कुछ बुझी सी अफसोस करती हुई बोली,"हाँ यार पर समझ में नहीं आ रही कि क्या करूँ.."

कनक,"अब बोलेगी भी..." कनक के पूछने पर रूपा सारी बात कह डाली... जिसे सुन कनक भी थोड़ी सहम सी गई... पर वो जानती थी ये वक्त सोचने और करने का है वर्ना सीमा भाभी को वो भी जानती थी... ऐसे सुनहरे मौके भला वो क्यों छोड़ती...

कनक कुछ सोचती हुई,"अच्छा रूक एक मिनट... मैं सीमा भाभी की फ्रेंडलिस्ट चेक करती हूँ..." कनक कहती हुई अपने फेसबुक खोल सीमा भाभी की फ्रेंड चेक करने लगी... खासकर डिंपल भाभी के शहर की...

कनक,"रूपा, एक काम कर... मैं सुबह आ रही हूँ और थोड़ा समय लगेगा चेक करने में... तो जब मैं कॉन्फॉर्म हो गई तो बात करती हूँ...ठीक है...फोन अपने पास रखना... कितनी बार कहती हूँ कि एक लैपी ले ले या कोई अच्छी सी मोबाइल ही तो नहीं..कम से कम इस वक्त हेल्प भी तो करती...खैर रखो फोन...बाय..."

कनक के बाइ कहते ही रूपा फोन रख दी...कनक अपने काम में लग गई...कनक सीमा भाभी की फ्रेंडलिस्ट देखे जा रही थी... सीमा भाभी ऑनलाइन नहीं थी... लिस्ट में सैकड़ों फ्रेंड थे...कनक समझ नहीं पाई तो वो पैलेस सर्च कर ली...

अब डिंपल भाभी के पैलेस से सब आ रहे थे... फिर सीमा भाभी में जुड़ी सब लिस्ट देखी तो कुल पाँच लोग मिले... जिनमें तीन मेल और दो फिमेल... कनक फिमेल को इग्नोर कर दे तो भी तीन में से कौन है...

कनक पहले तो तीनों को रिक्वेस्ट भेजी और आईडी लिख कर रख ली जब तक कि रिक्वेस्ट कॉन्फॉर्म नहीं हो जाती...फिर इन तीनों में से कौन है वो मालूम करनी होगी...

रूपा का सर तनाव से दर्द करने लगी थी... वो इससे मुक्त होने के लिए क्या करे, सोचने लगी... फिर उसने फोन से पुनः नम्बर डायल कर दी..इस बार नम्बर उस लड़के को लगाई थी जिससे बात नहीं करने की सोची थी...

फोन रिसीव होते कुछ सुनने से पहले ही रूपा बोली,"नाम क्या है?"
"रोहन...क्या हुआ.."उस लड़के ने रूपा की तेज आवाज से सकपका सा गया...
रूपा,"तुमसे मतलब..."

रोहन,"नहीं...हाँ...पर "रूपा कल तक आप तक थी और आज तुम पर उतर आई...ये रोहन के गले नहीं उतर रही थी...
रूपा,"ये नहीं हाँ क्या लगा रखे हो..."

रोहन,"हाँ, मतलब आपसे नहीं रहेगा फिर किससे होगा...तभी तो पूछा हूँ..."
रूपा,"जी नहीं, मतलब नहीं है...तुम सब एक जैसे हो...मैं सिर्फ ये कहने फोन की थी कि आज के बाद सोचना बंद कर दो कि मैं कभी फोन भी करूँगी.."

रोहन की तो फट के हाथ में आ गई थी...
रोहन,"पर क्यों...मेरा मतलब मैंने ऐसा क्या कर दिया जो इतनी गुस्सा हो रही हो..."
रूपा,"क्या कर दिया...हम्म्म...रात में बात की थी तो बोले कि कनक से भी बात किए हो..."

रोहन,"ओफंफ्फ...तो इस वजह आप गुस्सा हैं... हाँ मैं नहीं बोला था ये मेरी गलती है... मैं आपके फोन से इतना एक्साइमेंट था ना कि और सब भूल गया तो नहीं याद रहा...और वैसे भी आप दोनों दोस्त हैं तो सोचा आपको मालूम पड़..."

रूपा,"शट अप...मुझे बात नहीं करनी अब बस...समझे...गुड बॉय.." रूपा गुस्से से भरी आवाज में बोली...ये गुस्सा सच में था या फिर सीमा भाभी की बात से हुई टेंशन इस पर उतार रही थी, कहना मुश्किल...

रोहन को भी इसी वक्त फंसना था...अभी 24 घंटे में ही सब खत्म... अगर सीमा भाभी की बात से रूपा ऐसी बर्ताव कर रही थी तो उस बेचारे रोहन को क्या मालूम... वो तो बस अपनी छोटी सी गलती को याद कर खुद को कोसे जा रहा था...

रोहन,"हे..एक मिनट प्लीज...फोन मत रखना..." रोहन रूपा की गुड बॉय सुनते ही हड़बड़ा कर रोका जिसे सुन रूपा थोड़ी रूकी और बोली,"जल्दी बोलो..."

रोहन,"देखो मुझे लगा तुम्हारी ही दोस्त है तो बात कर ही लिया तो...." रोहन की बात पूरी ही नहीं हुई कि रूपा बीच में किसी आत्मा की तरह आ टपकी...

रूपा,"हैलो, मैं मना नहीं कर रही हूँ...तुम्हारी मर्जी तुम जिससे बात करो...मैं कौन होती रोकने वाली...मुझे बात नहीं करनी बस..."

रोहन का दिल तो मानो टूट के चूर चूर हो गया था...वो ऐसी उम्मीद कभी नहीं किया था... वो कहना तो बहुत चाहता था, सब कुछ साफ साफ समझाना चाहता था पर रूपा तो बस एक ही रट लगा रही थी... वो अब और ना सुनने की हालत में नहीं था...रोहन की आँखें नम हो चली थी...

उसने आँखें बंद की, लम्बी साँसे खींचा और दांत पीस कर सारी यातना , दर्द का कचूमर निकालते हुए बाहर कर दिया वो भी सिर्फ एक बूंद आँसू के रूप में... वो सम्भला और बोला...

रोहन,"पहली बार दिल से हारा हूँ मैडम... अब कुछ कर भी नहीं सकता...दिल तो मैंने आपके नाम कर दिया... जिस पर अब मेरा भी वश नहीं चलने वाला... और गलती भी इसमें मेरी ही है जो बिना जाने आपसे दिल लगा बैठा... कम से कम आपसे एक बार पूछ तो लेता... पागल था मैं ही..."

रूपा अचानक रोहन की रूखड़ी आवाज सुन थम सी गई... वो फिर से सारी बातें रिपीट कर याद करने लगी... कैसे रात में बात की थी.. फिर सुबह कनक बताई कि वो इससे बात किया था... जिसे सुन मैं सोच ली कि अब बात नहीं करनी... बात क्या थी कुछ नहीं...



 दोस्त थी कनक तो बात किया... अगर मैं भी होती तो जरूर करती... इसमें इतना गलत क्या... रूपा खुद की इस नासमझी से हिल गई और वो इसे सुधारने की सोच रोहन की आवाजें सुनने की कोशिश की... जो अब तक सुन तो रही थी पर समझ नहीं पा रही थी वो क्या कह रहा है...

रूपा हैलो बोली पर तब तक फोन कट गया... क्या सब बोला होगा... रूपा सोचने लग गई... पर कुछ याद नहीं आई... वो तंग आ फोन वापस पटक दी... फोन रखते ही फोन बज उठी जिसे रूपा बिजली की तरह लपक के उठाई...

"शाली, कमीनी कित्ती देर से ट्राई कर रही थी...फोन लग ही नहीं रही थी... क्या कर रही थी तू फोन के साथ..." कनक धड़धड़ाती हुई रूपा को पिलाने लग गई...

रूपा,"सॉरी यार, वो जरा बात कर...."
कनक,"किससे..."रूपा के मुख से अनायास निकले शब्द को लपकती हुई कनक सवाल दाग दी...रूपा तो सर पीट ली... वो कनक की जल्दबाजी में बोल ही दी जो कि अब तक छुपाई थी...

रूपा बात को मोड़ती हुई बोली,"वो...वो...कस्टमर केयर वालों से..." रूपा की झूठ और कनक ना समझे, हंसने वाली ही बात थी... कनक ज्यादा प्रेशर डालने की जोहमत उठाने की सोची भी नहीं और बोली...

कनक,"अच्छा चल ठीक है...मैं गुड नाइट बोलने फोन की थी...रखती हूँ..गुड नाइट..." और रूपा की कान में डिस्कनेक्ट की बीप सुनाई पड़ने लगी...रूपा तो झटके खा गई... आखिर उसी के साथ क्यों हो रहा है...

कनक कुछ बताने फोन की थी जो रूपा की झूठ की वजह से ना बताई... और रूपा जानना चाहती थी... रूपा नाराज कनक को मनाने फोन घुमाई तो अंत समय में जा के कनक फोन रिसीव करती हुई बोली,"क्या यार, सोने भी नहीं देगी क्या.."

रूपा,"रोहन से बात कर रही थी...सॉरी..." रूपा एक ही झटके में सच उगल दी...रोहन सुनते ही कनक की मूड वापस पहले की भांति हो गई...

कनक,"शाली, लंड खाने की शौक चढ़ रही है तो मुझसे भी शर्मा रही है... चल बता अब फोन से कितनी बार पेला तुझे..."कनक खनकती हुई पर धीमी आवाज में बोली...

रूपा कनक की बेशर्मी लब्ज सुन शर्मा सी गई... फिर बोली,"मुंह बंद कर...मैं तेरी तरह नहीं हूँ जो हर वक्त शुरू रहूँ...सिर्फ हाय हैल्लो हुई और कुछ नहीं... काम की बात बोल..."

कनक,"क्या? रोहन सच में लड़का है या नहीं, कन्फ्यूज हो रही मैं...शाला इत्ती मस्त माल से बात किया और वो भी बिना कुछ किए... चेक करना पड़ेगा...."

रूपा,"कर लेना, वैसे भी झगड़ ली है मैंने...." रूपा का सर तो चकरा गया...पहले दिन ही... जब कारण पूछी तो रूपा अपनी गलती बता दी और कनक से इसके लिए सॉरी भी बोल दी...कनक ओके बोलने के साथ साथ ये शर्त भी रख दी कि तुम उसे अभी फोन करके मनाओगी... रूपा भी ओके बोल दी...

कनक,"तो अब सुन,अभी मैं फेसबुक पर ऑन ही हूँ और मुझे उस कमीने की पहचान में थोड़ी प्रॉब्लम हो रही है... पहले तो तीन थे और जब एक ऑफलाइन है इस वक्त तो ब़े दो और सीमा भाभी भी ऑन हैं... मतलब सीमा भाभी उनसे चैट कर रही है पर कौन है ये नहीं समझ पा रही..."

कनक आगे बोली,"दोनों से चैट कर रही हूँ और साले दोनों जवाब दे रहे हैं... सीमा भाभी काफी लेट रिप्लाई देती है पर ये नहीं... मतलब तो साफ है कि बात तो हो रही है पर किनसे ये नहीं साफ हो रही..."

कनक की बात खत्म होते ही रूपा हम्म्म की और बोली,"अच्छा उसकी फोटो तो होगी ना.." कनक बोली,"हाँ पर मैं कैसे पहचानूंगी...मैं तो देखी भी नहीं... रूपा के मुख से"ओह हाँ"निकल गई....

कनक,"अच्छा, तब तक तू यार को मना... मैं कुछ वेट कर देखती हूँ..."

रूपा,"कनक, डिंपल भाभी की पिक्स तो होगी ना तुम्हारे पास..." रूपा के कहते ही कनक फटकारती हुई बोली,"शाली तू पागल है क्या? डिंपल भाभी की पिक्स उसे दिखाई ना तो वो तुरंत सीमा भाभी से पूछ देगा...और सीमा तुरंत हम दोनों को पकड़ लेगी... अभी सिर्फ चैट कर रही तो वो कतई नहीं कहेगा कि और लड़की भी ऑनलाइन है मेरे साथ..."

रूपा "ओह..."कहती अपनी बेहूदगी पर अफसोस जाहिर की जिसे सुन कनक बोली,"अच्छा तू फिलहाल रोहन से बात कर, मैं बाद में कॉल करती हूँ, बॉय..."

फोन कटते ही रूपा सोच में पड़ गई... रोहन के साथ की गई बर्ताव को याद कर... कितनी गंदी सोच थी उसकी..खैर जो बीत गई वो गई ताखे पर, सोचती हुई फोन लगाने लगी...

पूरी रिंग हुई पर फोन नहीं उठी...दूसरी बार परेशान रूपा की पर कोई जवाब नहीं... रूपा रूक सी गई... वो अब सच में परेशान होती जा रही थी और मन ही मन बुदबुदा भी रही थी प्लीज एक बार बात कर लो फिर ऐसी गलती नहीं करूँगी...

तीसरी बार, चौथी बार, पाँचवी...छठी...
सातवी...आठवीं...नौवीं... रूपा लगातार फोन करती जा रही थी पर अब तक कोई जवाब नहीं... रूपा की आँखों से आँसु बहने लग गई थी और तड़पती हुई जल्द से जल्द फोन करने की सोच रही थी पर फोन रिसीव ही नहीं हो रही थी....

रूपा अचानक ये सोचने को मजबूर हो गई कि वो तो अभी तक रोहन से सीरीयस नहीं थी तो रो क्यों रही हूँ... पर रूपा को ये कहाँ मालूम कि ये गुस्ताखी तो दिल करता है... तो उसे कैसे मालूम होती... और वो दिल अब सिर्फ रोहन के लिए धड़क रहा है बिना रूपा को बताए...

रूपा दिमाग में, सोच में, भले ही रोहन को नहीं फटकने दे रही थी पर दिल में तो वो पैर पसार कर लेटा था... और ये बात रूपा को अभी मालूम पड़ी... रूपा जल्द ही हार गई दिल के आगे और बिना किसी आहट के रोने लग गई...

पता नहीं तब तक कितनी बार कॉल कर चुकी थी रूपा... तन से हार चुकी थी, पर मन से और जोश से भर गई थी, दिल तो और ऊर्जावान हो गई थी... अचानक ही रूपा सकते में आ गई... क्योंकि अबकी बार फोन रिसीव हो गई थी... रूपा तुरंत खामोश...

रोहन की आवाज नहीं आई तो रूपा ही पहल की... रूपा के जवाब में एक करूणामयी हल्की सी हैल्लो सुनाई पड़ी... रूपा समझते देर नहीं कि ये वो नहीं, उसके जख्म बोल रहे हैं जो कुछ देर पहले रूपा ने उसे गिफ्ट में दी थी...


 रूपा सुबक पड़ी और कंकपाती हुई बोली,"हे इतनी सी बात पे रोता है भला कोई..." और कहते हुए रूपा फफक पड़ी... रोहन के तो तार तार हिल गए कि कुछ देर तक दहाड़ रही रूपा को अचानक क्या हो गया....

वो जिसे अपनी जिंदगी मान चुका था, उसे ऐसे रोते देख वो पागल सा हो गया .. वो डरते हुए बोला,"नहीं...नहीं... मैं नहीं रो रहा... रो तो तुम रही... मैं तो बस.... डऽर गया...." रोहन और कुछ कहना चाहता था पर कह नहीं पाया...

रूपा,"शाले रो भी रहे और मुकर भी रहे..."रूपा अपनी रूदण पर काबू करती हुई सुबक के बोली... रूपा आँखों से आँसूं पोंछती हुई बोली पर आवाज अभी तक रो ही रही थी...

रूपा,"सॉरी बोलने फोन की थी... " रूपा की सॉरी सुनते ही रोहन भी खुद पर काबू पाते हुए बोला,"क्यों.." रूपा अब इस क्यों का क्या जवाब दे... रूपा सोची फिर बोली,"तेरी उंगली जो की थी और तुझे जोर की लग गई थी..."

रूपा कनक की बोलचाल का सहारा ले स्थिति नॉर्मल करने की सोची... जो हद तक कामयाब भी रही... रोहन की हल्की हंसी निकली... रोहन अब रूपा की भी थोड़ी उंगली करने पे उतरते हुए बोला...

रोहन,"हे नाम तो बता...अभी तक नाम नहीं पूछा..." रूपा हल्की हंसी के साथ नाम बताई तो रोहन बोला,"तो माई डिअर रूपा, आज का बदला तो मैं लूंगा ही और ऐसे लूंगा ना कि तू ना रो पाएगी और ना हंस पाएगी..."

रूपा थोड़ी चौंकती हुई बोली,"मतलब..." रोहन जानता था रूपा समझ जाएगी पर अभी नहीं समझी तो ऐन मौके पर बोलने से चूकना नहीं चाहिए और वो तपाक से बोला,"तू सिर्फ उंगली की है ना... मैं कुछ और करूंगा; वो भी आगे पीछे और ऊपर से..."

रोहन की बात खत्म होते ही रूपा शर्म से लाल हो गई और मुस्कुरा कर ऱह गई... कुछ देर चुप रही फिर खिसियाई बिल्ली की तरह गरजती हुई बोली,"शाले, सोचना भी मत वर्ना..."

रोहन,"वर्ना क्या, तू भी करेगी क्या आगे पीछे से..."और रोहन हंस पड़ा... रोहन की हंसी सुन रूपा जो अब तक बैठी थी, पेट के बल लेट गई और तकिए को अपनी बूब्स के नीचे रख जोर से शरीर को भींचती हुई बोली...

रूपा,"बहुत तेज जबान चलने गई है जनाब की... कुछ देर पहले कितनी बार फोन की पर एक बार भी रिंग सुनाई नहीं दे रहा था और अब फट फट आवाज निकल रही है..."

रोहन,"चल..चल... खुद भी तो आँख लाल कर ली है, आइने में देख..." रूपा रोहन की बात सुन गर्दन घुमा शीशे में देखी तो सच में नाइट बल्ब की रोशनी में भी उसकी आँखें लाल नजर आ रही थी... वो कुछ बोलती इससे पहले ही रोहन बोल पड़ा...

रोहन,"हे, कनक का फोन है..."
रूपा तपाक से बोली,"जल्दी काटो, कनक से कुछ बात करनी है... बाद में करूँगी... ओके...बाय..." और रूपा खट से फोन रख दी और कनक का वेट करने लगी...

रूपा को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा... जल्द ही कनक से बात होने लगी... कनक तो फोन रिसीव होते ही पहले त दो चाल गाली चिपका दी रूपा को जिसे रूपा हंसती हुई स्वीकार कर ली... फिर रूपा बोली,"अच्छा बोलो अब..."

कनक,"यार बात नहीं बनी...उन दो लौंडों से पहले सीमा भाभी ही चली गई... और फिर दोनों लौंडे भी पीछे से बाय बोल निकल गए... भेजे के ऊपर से बाउंस कर गई..."

रूपा मायूस सी हो बोली,"अब क्या करें..." कनक रूपा को आगे बोली,"अब सुबह ही कुछ सोच सकती... बस तुम्हें किसी तरह सीमा भाभी को लपेटे रखना होगा ताकि वो अपनी चाल ना चल दें कोईवर्ना डिंपल भाभी के ऊपर जो बीतेगी वो तो बीतेगी ही साथ पूरे फैमिली की भी इज्जत जाती रहेगी जो कि सीमा भाभी सोचती नहीं..."

रूपा,"हाँ यार उन्हें तो बस अपने से मतलब है...ठीक है सुबह मिलने आना... मैं सुबह ही सीमा भाभी से मिलूंगी..और फिर देखते हैं..."

रूपा की बात खत्म होते ही कनक बोली,"ओके, ठीक है... अच्छा अब एक बात और बता...तू जो इतनी देर से लगी थी रोहन से तो कुछ हुआ या यूं ही टाइम पास..." कनक की बात सुनते ही लूपा खिलखिला पड़ी...

रूपा,"अरे नरीं यार, तू कुछ होने से पहले ही टपकी तो सब गुड़ गोबर..." रूपा की बात सुन कनक माथा पीट कर ओह कहती हुई बोली,"साली इतनी देर टाइमपास ही कर रही थी... इतने देर में तो दो बार किला ढ़ह जाती..."

रूपा,"तेरी तरह फास्ट थोड़े ही हूँ यार..."
कनक,"तो फास्ट हो ना...जितनी तेजी दिखाएगी, उतनी फायदे में रहेगी.."
रूपा,"नो..."
कनक,"यस...और हाँ अब सोने जा रही हूँ... गुड नाइट... और हाँ जरा फास्ट कर, सुबह तेरी पेंटी में दाग ना मिली तो सोच लेना..."

कनक की बात सुन रूपा हंसती हुई गुड नाइट बोली और फोन रख दी... रूपा उठी और फोन रख आई...सोची अब बात नहीं ही करूंगी आज...वरना कहीं सीमा भाभी गड़बड़ कर दी तो... वापस बेड पर आ सो गई...

रूपा सोने की कोशिश करती रही पर नींद तो कोसों दूर... वो बेचैन सी होने लगी और तड़पने सी लगी...इतनी देर में ही इतनी बेचैनी... वो कुछ समझ नहीं पाई और वापस फोन उठा ले आई... फिर रोहन...

फिर शुरू हुआ दो दिलों की बातचीत, कुछ शरारत, कुछ नजाकत...कुछ तारीफ, कुछ शिकायत... रात दो बजे तक बात करते रहे...






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