Sunday, December 14, 2014

FUN-MAZA-MASTI रोल-प्ले में चुदाई-2

FUN-MAZA-MASTI

रोल-प्ले में चुदाई-2


 मैं- मैं तुझे रोज़ चोदूँगा।
मैम- जब तेरा मन करे.. तब चोद लेना.. आख़िर मैं तेरी मम्मी हूँ ना… बस कर बेटा आज के लिए बस इतना ही.. अब कल चुदाई
करेंगे…
मैं- ओके मम्मी… अब मैं तुम्हें कल चोदूँगा।
मैम- ओके बेटा।
मैं- बाय मम्मी।
मैम- बाय बेटा।
मैंने सोचा कि मैम अगर ऐसे हरकतें कर सकती है, तो वो जरूर आसानी से मान जाएगी, पर कुछ योजना बनानी होगी।
अगले दिन स्कूल में मैं मैम का इन्तजार कर रहा था, मैम आईं और वो खुश लग रही थीं, उनके चेहरे पर थोड़ा ग्लो आ गया था।
शायद काफ़ी वक्त बाद वो झड़ी थीं। फिर उन्होंने पढ़ाना शुरू किया, वे बोर्ड में कुछ लिख रही थीं।
मैं एकटक देख रहा था.. मैम की गाण्ड क्या लग रही थी।
आज उसने हल्के गुलाबी रंग का पारदर्शी बिना आस्तीन का सूट पहना हुआ था और आज भी उसके खड़े हुए मम्मे क्या मस्त लग रहे
थे।
उसका गहरे गले का कुर्ता, उसके आधे मम्मे दिखा रहा था।
उसकी पजामी से उसकी पैन्टी की डिज़ाइन साफ़ साफ़ दिख रही थी।
मेरा मन तो कर रहा था कि अभी नाड़ा खीच कर नंगा करके साली को रगड़ दूँ।
मैं पूरी क्लास के समय यही सोचता रहा कि इसके साथ चुदाई में कितना मजा आएगा और यह मुझे रोहन बेटा.. रोहन बेटा कहेगी।
यह दर्द में तड़फती हुई कैसी लगती होगी।
इतने में जब मैं इसे चोद कर रूलाऊँगा तो कैसे यह मुझे रोकेगी।
खैर क्लास खत्म हो चुकी थी, मैम क्लास से बाहर जा रही थीं, तब मैं मैम के पास गया।
मैं- मैम.. आपसे कुछ बात करनी है।
मैम- बोलो।
मैं- थोड़ी लम्बी बात है.. आपको स्कूल ख़त्म होने के बाद मिलूँ?
मैम- ओके!
मैंने पूरे दिन स्कूल ख़त्म होने का इन्तजार किया और प्लान के मुताबिक मैम स्कूल खत्म होने के बाद क्लास में आ गईं।
अब क्लास में सिर्फ़ हम दोनों ही थे।
मैं- मैम मुझे बायोलोजी में कुछ दिक्कत है तो अगर आप बुरा ना माने तो मैं आपके घर आ सकता हूँ.. मैं आपसे ट्यूशन के लिए आना
चाहता हूँ?
मैम- अरे बिल्कुल.. वैसे भी मैं घर पर बिल्कुल अकेली रहती हूँ.. मेरे पति दिल्ली से बाहर ही रहते हैं.. तुम आ जाओगे तो थोड़ा वक्त
भी कट जाएगा।
मैं- ठीक है.. तो फिर मैम आप मुझे हर विषय में थोड़ा-थोड़ा हेल्प कर देना.. और मैं आपके पास ज़्यादा देर तक रह सकूँगा। ऐसे आप
भी बोर नहीं रहोगे और मैं पढ़ाई भी कर पाऊँगा।
मैम- ओके तुम शाम को 5 बजे घर आ जाना।
मैं- ओके।
मैं शाम को मैम के घर पहुँचा और दरवाजे पर दस्तक दी।
फिर उन्होंने दरवाजा खोला और मैं देखता ही रह गया।
मैम ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी और हमेशा की तरफ बिना आस्तीन वाला ब्लाउज था, जो आगे से खुलता था।
मैं- हाय मैम।
मैम- हाय.. अन्दर आ जाओ।
मैम ने मुझे सोफे पर बिठा दिया और खुद मेरे सामने बैठ गईं।
मैम- क्या लोगे.. ठंडा या गरम?
मैं- कुछ ठंडा ले आओ मैम।
मैम कोल्ड-ड्रिंक लेकर आईं और देने लगीं.. मैम जैसे ही झुकीं उनका पल्लू नीचे गिर गया और उसकी ब्रा की पट्टी बाहर को निकली हुई
दिख रही थी।
मैं मैम के मम्मे देखने लगा, उसके मम्मों का साइज़ 36 से कम नहीं था।
मैम ने अपना पल्लू सही किया और मेरे पास बैठ गईं।
मैं- मैम आपकी ब्रा की स्ट्रेप निकल रही है।
मैम- बदमाश.. क्या-क्या देखता रहता है।
मैं- एक औरत में ये सब नहीं देखूँगा तो क्या देखूँगा?
मैम- तो क्या लगता है.. कैसे हैं?
मैं- मैम सच बोलूँ.. बहुत बड़े और सेक्सी हैं।
लगता है रूचि मैम अब मुझ में रूचि दिखा रही हैं, इन्हें पटा ही लूँगा और आज तो इन्हें चोद कर ही रहूँगा।
मैम- चल पागल कहीं का..
मैं- बस मुझे यह नहीं पता कि आपके ये मुलायम हैं या नहीं..?
मैम- मुलायम भी हैं.. अब यह मत कहना कि छू कर देख लूँ!
मैं- आपने तो मेरे मुँह की बात ही छीन ली…
मैम- अरे.. मैं तो मज़ाक कर रही थी और तू सीरियस ही हो गया?
मैं- मैम प्लीज़ एक बार सिर्फ़ एक बार प्लीज़…
मैम- मैं तुझे ऐसा करते नहीं देख सकती।
मैं- तो आप आँखें बंद कर लीजिए न.. प्लीज़.. मैम प्लीज़्ज…
मैम- ओके.. ओके.. सिर्फ़ एक बार…
फिर मैम ने अपना पल्लू हटाया और आँखें बंद कर लीं।
मैम- जल्दी करियो…
मैंने अपना हाथ मैम के मम्मों की तरफ बढ़ाया और उनके मम्मों को दबाने लगा।
वो बहुत ही मुलायम थे और इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में भी नहीं आ रहे थे।
मेरा मन बहुत उत्तेजित होने लगा और लंड फिर कड़ा होने लगा।
मैम भी अब सिसकियाँ ले रही थीं- आहह.हहाआ…
मैम को मजा आ रहा था और इतने में मैंने मैम के चूचुकों को ब्लाउज के ऊपर से दबा दिया।
वो ज़ोर से चीख पड़ी- ओए साले हरामी… छोड़ मुझे…
मैं- सॉरी अगर आपको दर्द हुआ तो…
मैम- अब बस.. अपनी किताबें खोल और पढ़ना शुरू कर। आज क्या पढ़ना है?
मैं- आज पहला दिन है मैम… आज कुछ नहीं करूँगा.. मैं आपका घर देखना चाहता हूँ।
मैम- पहले तुम ये मैम.. मैम.. बंद करो तुम मेरे घर पर हो.. किसी स्कूल में नहीं हो.. तुम मुझे नाम से बुला सकते हो रोहन बेटा…
मैं- ठीक है.. अगर आप मुझे रोहन बेटा बोल रही हैं तो मैं आपको मम्मी बोल सकता हूँ?
मैम- मुझे मम्मी बोलना चाहता है?
मैं- आप भी तो रोहन बेटा बोल रही हो।
मैम- ठीक है तो मेरे घर में तू मुझे मम्मी बोल ले और मैं तुझे रोहन बेटा बोला करूँगी और इसे अपना ही घर समझ.. कोई रोक-टोक
नहीं है.. जो करना है कर…
मैं- तो मैं थोड़ी देर टीवी देखना चाहता हूँ।
मैम- उधर कमरे में है चला जा…
मैं मैम के कमरे में गया और टीवी देखने लगा।
इधर-उधर के सामान भी देख रहा था तो मेरी नज़र एक कपबोर्ड पर गई।
मैंने उसे खोल कर देखा तो मैं हैरान रह गया था क्योंकि उसमें बहुत सारे डिल्डो और हस्तमैथुन का सामान था।
मेरे दिमाग़ में ख्याल आया कि क्यों ना अपना कैमरा फोन चालू करके यहाँ छुपा दूँ ताकि जो भी इस कमरे में होगा, मेरा फोन उसे
रिकॉर्ड कर लेगा।
मैंने ऐसा ही किया, मैंने फोन कमरे में छुपा दिया और आवाज़ लगाई।
मैं- मम्मी, यह कपबोर्ड में क्या है?
मम्मी- मेरा प्राइवेट सामान है.. रोहन बेटा।
तब मैं रसोई में गया, जहाँ पर मैम खड़ी थीं।
मैं उनके पीछे खड़ा हो गया।
मैम का पिछवाड़ा बहुत कामुक लग रहा था, साड़ी उनके चूतड़ों की दरार में घुसी थी।
मेरा लौड़ा उसे देख कर ही खड़ा होने लगा।
मैं- मैम कपबोर्ड में सामान किस ज़रूरत का है?
मैम- जब अकेली होती हूँ और बदन में आग लगती है तो उसे इस्तेमाल करना पड़ता है।
मैं- क्यों मम्मी?
मैम- मेरा हरामी पति घर ही नहीं आता बाहर ही रंडियों के साथ चुदाई करता है।
मैं- मैम आप कब से ऐसे बात करने लगीं।
मैम- मतलब?
मैं- जैसे आप अभी बात कर रही हो। चुदाई की बातें..
मैम- मैं तो ऐसे ही बात करती हूँ जब मैं घर पर होती हूँ।
मैं- गालियाँ देकर?
मैम- हाँ..
मैं- आपको कौन-कौन सी गालियाँ आती हैं?
मैम- सारी की सारी।
मैं- तो बताओ कि मम्मों को हिन्दी में क्या कहते हैं?
मैम- चूचियाँ..
मैं- और कंट को?
मैम- चूत…
मैं- और लंड को?
मैम- लंड को लंड ही कहते हैं।
मैं- मैम वैसे एक बात बताऊँ?
मैम- क्या?
मैं- अगर आपको याद होगा.. परसों आप चैटिंग कर रही थीं।
मैम- हाँ।
मैं- वो मैं ही था.. जिससे तू चैटिंग कर रही थी।
उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं.. वो हैरान रह गई… उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था।
मैम- क्याआआ…!!!

मैं- हाँ..
मैम- तो तू है जो अपनी रंडी मम्मी को चोदना चाहता है और वो भी इस तरह से..?
मैं- हाँ और तू ही तो है मेरी रंडी मम्मी..
मैम- तो तू क्या सोचता है.. अपनी रंडी मम्मी के बारे में.. उसे कैसे चोदना चाहता है?
मैं- रंडी मम्मी.. मैं तुझे बिस्तर पर बाँध कर, तेरे कपड़े फाड़ कर.. मुझे तेरा रेप करने का मन करता है।
मैम- अपनी रंडी मम्मी को दर्द देना चाहता है?
मैं- बहुत सारा दर्द…
मैम- तो दिखा.. अपनी रंडी मम्मी को तू कितना दर्द दे सकता है..
मैं मैम के पीछे खड़ा हो गया और अपना लंड रंडी मम्मी की गाण्ड के साथ लगा दिया।
अपने हाथों से रंडी मम्मी का पल्लू गिरा कर रंडी मम्मी के कंधे पर चुम्बन किया और रंडी मम्मी के ब्लाउज को खोलने लगा।
मेरा लौड़ा उनकी गाण्ड की दरार में घुसा था।
मैम- आह्ह.. ये क्या कर रहा है?
मैं- तुझे नंगा कर रहा हूँ रंडी मम्मी।
मैम- अपनी रंडी मम्मी को नंगा करना चाहता है?
मैं- हाँ..
फिर रंडी मम्मी का ब्लाउज खोलने के बाद रंडी मम्मी की ब्रा हाथ में आ गई।
उनकी चूचियाँ दिखने लगीं।
उनके चूचुक एकदम कड़क थे।
मैंने उन पर एक चुम्मी कर ली..
मेरा मुँह उनके चूचुकों पर था।
मैम- रोहन बेटा, कमरे में चल…
रंडी मम्मी को अपनी गोद में उठा कर उसके स्तनों को चूसता हुआ कमरे में ले गया और दीवार के सहारे खड़ा हो गया।
अब कमरे में छुपा कैमरा सब रिकॉर्ड कर रहा था।
मैम- दर्द दे… अपनी रंडी मम्मी को।
मैंने रंडी मम्मी की ब्रा फाड़ दी और ज़ोर-ज़ोर से उनके मम्मों को दबाने लगा। चूचुक बिल्कुल कड़े हो गए थे।
मैम- हरामजादे.. कुत्ते अपनी रंडी मम्मी का बलात्कार कर मादरचोद…
यह सुन कर मैं और पागल हो गया और रंडी मम्मी की चूची को और बेरहमी से दबाने लगा।
उसके मुँह से अति-उत्तेजना में मादक आवाजें निकल रही थीं।
मैम उत्तेजित होकर लगातार बोलती जा रही थी- आआहह… यह क्या कर रहे हो रोहन बेटा उफ़फ्फ़.. दबा-दबा कर ही मुझे लाल कर दोगे क्या… ओह्ह.. तेरी रंडी मम्मी की चूचियाँ.. हायईईई… मार गइईई.. हाँ.. और कर.. उफफ्फ़… ये क्याअ… उम्म्म.. ओह्ह… मेरी चूचियाँ… इतना… दर्द.. बहुत अच्छा.. लग.. रहा.. पहली बार.. दर्द में भी अच्छा लग रहा है.. ओह्ह.. मेरा बच्चा.. मेरा मादरचोद बच्चा… रोहन बेटा.. आज मार ही डालोगे क्या.. ओह्ह.. मैं मर जाऊँगीईईई बसस्स.. रोहन बेटा… अभी सिर्फ़ चूचियों को ही दबाया है तो ये हाल है.. मेरा आगे क्या होगा? अपनी रंडी मम्मी को मार डाला.. तूने मादरचोद… रंडी मम्मी को मार डाला..
मैं- ऊहह गॉड.. क्या मम्मे हैं रंडी मम्मी..आ…
रंडी मम्मी को दर्द में देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था।
मैम ने अपना नाम रख लिया था ‘रंडी मम्मी’ जो मुझे भी पसंद आया।
कमरे में रंडी मम्मी की सिसकारियाँ गूंजने लगीं- आआहह ऊओह हमम्म्म आहह आहह ऊऊहह और जोर से मादरचोद और जोर से.. रोहन बेटा.. तू जो बोलेगा.. वो मैं करूँगी मेरा बच्चा..
मेरी रंडी मम्मी मुझे और उकसा रही थी।
मैम- मुझे प्यार करो, मुझे.. चोदो..ऊऊओ..
मैं- रंडी मम्मी मैं तुझे पूरा नंगा करना चाहता हूँ।
मैम- कर दे नंगा.. अपनी रंडी मम्मी को..
अब मैं रंडी मम्मी की साड़ी उतारने लगा, रंडी मम्मी अब सिर्फ़ पेटीकोट में थी। मैंने रंडी मम्मी के पेटीकोट को ऊपर सरका दिया।
पेटीकोट के अन्दर सफ़ेद पैन्टी थी, जो इतनी देर में गीली हो गई थी।
मैंने मम्मी की चूत पर अपनी नाक लगा दी।
बहुत मस्त सुगंध आ रही थी।
मैंने जीभ से उस गीले वाली स्थान पर चाटा भी, रण्डी मम्मी यह देख कर और खुश हो गई।
मैम- मेरी चूत की गन्ध सूंघ रहा है.. मेरा छेद ही सूँघो ना… कैसी लगती है तेरी रंडी मम्मी सिर्फ़ पेटीकोट में.. आह्ह..
मैं- एक ऐसी रंडी.. जो चुदने के लिए तड़प रही हो..
मम्मी- आह्ह..
मैं- रंडी मम्मी.. तेरा रोहन बेटा.. अपनी रंडी मम्मी की पैन्टी उतारना चाहता है।
मैम- उतार दे… मादरचोद.. अपने रंडी मम्मी की पैन्टी उतार दे..
तब मैंने पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल कर पैन्टी पकड़ी और एक झटके में पैन्टी खींच कर फाड़ दी।
रंडी मम्मी दर्द से चीख पड़ी… ‘आआह्ह्ह्ह्ह…’ और पेटीकोट के ऊपर से रंडी मम्मी की चूत पकड़ ली।
मैं- बता तू क्या है मेरी?
मैम- तेरी रंडी मम्मी..
मैं- और?
मैम- तेरी रंडी… रंडी मम्मी, तेरी रखैल रंडी मम्मी, तेरी चुड़दकड़ रंडी मम्मी…
मैं- और मैं कौन हूँ तेरा?
मैम- मेरा मादरचोद रोहन बेटा.. मेरा हरामी औलाद.. मेरा दलाल… अपनी रंडी मम्मी को चोदने वाला कुत्ता.. रोहन बेटा.. जो अपनी रंडी मम्मी को नंगा करता है.. उसके कपड़े उतारता है, जो अपनी रंडी मम्मी को चोदना चाहता है और जो अपनी रंडी मम्मी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगता है, जो अपनी रंडी मम्मी का बलात्कार करता है.. अहह.उहह…उईईईईमा…अहह बसस्सस्स रोहन.. आहह. ऊओ. ज़ोर से.. नहींईई… आआहह..
मैं एक तरफ रंडी मम्मी के एक चूचुक दबा रहा था और दूसरी तरफ चूचुक को जोर-ज़ोर से चूस रहा था और दूसरी तरफ रंडी मम्मी की चूत भी रगड़ रहा था।
रंडी मम्मी सिसकारियाँ लेने लगी- आ.. ओह्ह.. फक मी फक्क मी.. चोद डालो.. आज फाड़ डाल अपनी रंडी मम्मी की चूत को मेरे बेटा..
फिर मैंने रंडी मम्मी के पेटीकोट को पकड़ा और उसे खींच दिया।
रंडी मम्मी का पेटीकोट भी फाड़ दिया और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा।
अब रंडी मम्मी नंगी हो चुकी थी और मैं अपने रंडी मम्मी की चूत को देख सकता था।
वो एकदम क्लीन-शेव गुलाबी चूत थी और उसका गोरा बदन मुझे और पागल कर रहा था।
रंडी मम्मी रंडियों की तरह बोल रही थी।
मैम- बेटा, रोहन बेटा अपनी रखैल मम्मी का रेप करना चाहता है?
मैं- हाँ तेरा रेप करना चाहता हूँ.. साली रंडी मम्मी…
मैम- तू अपनी रंडी मम्मी को चोदना चाहता है ना…
मैं- हाँ मैं अपनी रंडी मम्मी को चोदना चाहता हूँ।
मैम- अपनी रंडी मम्मी को गालियाँ दे… मादरचोद और रंडी मम्मी को बहुत सारी गालियाँ दे माँ के लौड़े.. तेरी रण्डी मम्मी को अच्छा लगता है.. जब उसका रोहन बेटा रंडी मम्मी को गलियाँ देता है.. तू गालियाँ देगा ना?
मैं- हाँ मेरी छिनाल रंडी मम्मी.. तुझे बहुत गालियाँ दूँगा.. माँ की लौड़ी..
मैम- और अगर मैं तुझे कहूँ रुकने को तो तू रुकेगा नहीं न?
मैं- नहीं रुकूँगा..
मैम- अगर मैं रोऊँ भी.. चीखूँ भी या मुझे बहुत दर्द भी हो.. तो भी नहीं रुकेगा?
मैं- रंडी मम्मी तू मेरी रखैल है.. मैं तेरे साथ सारी गंदी हरकतें करूँगा.. वो सब कुछ करूँगा, जो तू चाहती है और जो मैं चाहता हूँ…
मैम- तू अपनी रंडी मम्मी को तड़पता देखना चाहता है ना?
मैं- हाँ रंडी मम्मी तुझे तड़पाना चाहता हूँ।
मैम- तो अब तड़फा अपनी रंडी मम्मी को रोहन बेटा… तू जितना तड़फा सकता है, अपनी छिनाल रंडी मम्मी को…
मैं रंडी मम्मी के होंठों को चूसने लगा और रंडी मम्मी ने फिर मेरी शर्ट उतार दी और मेरी घुंडियों को चाटने लगी।
उसने इसके साथ ही मेरा लोवर भी उतारना शुरू किया।
अब मेरा लंड बाहर आ गया और जब रंडी मम्मी ने मेरा लौड़ा देखा तो उससे जैसे नशा सा छा गया।
रंडी मम्मी मेरे लंड प्यार से देखती रही।











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