Thursday, November 6, 2014

FUN-MAZA-MASTI एक दूसरे की मम्मी के साथ--

FUN-MAZA-MASTI


एक दूसरे की मम्मी के साथ--1

हाय दोस्तों मेरा नाम रानी मिश्रा है। मेरी हाल ही में शादी हुई है। ये बात मेरी शादी से पहले की है में बेंगलोर में रहती थी और मेरे घर में हम पांच लोग थे। में, मेरी बड़ी बहन, छोटा भाई बबलू और मेरे मम्मी, पापा। मेरे पापा का ट्रान्सफर हो गया था लेकिन हमारी पढ़ाई के कारण केवल पापा ही दिल्ली गये और मेरी दीदी रात को कॉल सेंटर में काम करती थी। वो इस कारण से अकेले रूम लेकर रहने लगी। अब घर में हम तीन लोग बचे में, मेरा छोटा भाई और मम्मी। मेरी मम्मी नीलम की उम्र उस वक़्त 39 थी यूपी की होने के कारण सभी उत्तर प्रदेश की महिलाओं की तरह मेरी मम्मी भी दिखने में बहुत सुंदर थी।
उनकी हाईट 5.2 इंच गोरी, गोल चेहरा, पतले होंठ कामुक फीचर्स, लंबे बाल, माँग में सिंदूर और शरीर भरा भरा था। बालों को वो बाँध के जूड़ा बना लेती थी शेम्पू करने से पहले अक्सर बालों में तेल लगती थी। गोल मोटी सी गांड पीछे को निकली हुई थी। जब वो चलती थी तो साड़ी पहनने के बावजूद उनकी गांड जेली की तरह हिलती थी बूब्स मीडियम आकार के थे। वो रोज़ सुबह बूब्स मसल मसल कर नहाती थी और अपना फेस स्क्रबर से साफ करती थी उनके हाथ और फेस बहुत सॉफ्ट थे, उनके हाथ छोटे और बहुत गौरे थे छोटी छोटी उंगलियों के साथ जिस पर वो डार्क नेल पॉलिश लगा लेती थी। कभी कभी फेस पर लाल कलर की क्रीम भी लगाती थी हाथों में चूड़ियाँ थी और पैरों में पायल कभी कभी हाथों में मेहंदी भी होती थी। नाक में छोटा सा डाईमंड पहन रखा था जब वो बाहर निकलती थी तो कॉलोनी के सभी लड़के मेरी तरफ नहीं देखते थे लेकिन मम्मी को बहुत गंदी नज़रों से देखते थे।
बाहर के लड़के उनका पीछा करते हुए कॉलोनी तक आ जाते थे लेकिन मम्मी किसी को भी बिल्कुल भाव नहीं देती थी। मेरी मम्मी बहुत ही सीधी साधी महिला है घर से बाहर निकलते ही वो सर पर साड़ी का पल्लू डाल लेती थी। मेरी मम्मी के कमरे की खिड़की के सामने दूसरे घर की रूम विंडो पर पड़ती थी। उस कमरे में एक लड़का राजेश रहता था। वो लड़का मेरी ही उम्र का था लेकिन वो बहुत पढ़ने वाला लड़का था उसके मूंछ थी और चश्मा लगा था। उसको देखकर लगता था कि वो सेक्स से अंजान है। उसको कभी चुदाई का मज़ा नहीं मिलेगा क्योंकि उसको कोई लड़की भाव नहीं देती थी। हमेशा अकेला रहता था लेकिन मम्मी को देखते ही ना जाने उसको क्या हो जाता था। मुहं खोलकर बिना आँख झपकाए वो मम्मी को देखता था। अपनी खिड़की से भी मम्मी के कमरे में तांका झांकी करता था लेकिन मम्मी उसकी तरफ ध्यान नहीं देती थी।
अगर मम्मी उसको बाहर मिल जायें तो वो मम्मी से हंस हंसकर बात करता था और मम्मी की तारीफ़ करता रहता था। मम्मी को बार बार कहता था की आंटी में आपको कंप्यूटर चलाना सिखा देता हूँ या फिर अगर मम्मी के हाथ में बेग हो तो कहता था कि आंटी जी मुझे दीजिए में उठता हूँ लेकिन मम्मी मना कर देती थी। वो किसी ना किसी बहाने से मम्मी को टच करने की कोशिश करता था। उसकी मम्मी काम करती थी और डॅडी उनके साथ नहीं रहते थे और दिनभर घर में केवल वो ही होता था।
एक शाम जब में अपनी मम्मी के साथ बस से घर आ रही थी तो वो लड़का भी हमारे ही स्टॉप से बस में चढ़ा। बस में बहुत भीड़ थी वो मम्मी के पीछे आकर खड़ा हो गया और वो मम्मी से बिल्कुल चिपक कर खड़ा था और उसका लंड मम्मी के चूतड़ो के बीच घुस रहा था। फिर मम्मी बहुत गंदा रिएक्ट कर रही थी उनको उस लड़के से चिढ़ हो रही थी लेकिन वो बेशर्मी से मेरे ही सामने मेरी मम्मी के चूतड़ो के बीच अपना लंड रखे हुए था। साथ साथ वो मम्मी के बालों को भी सूंघ रहा था में साईड में खड़ी थी। फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने अपनी नज़रें दूसरी तरफ कर ली और एक्टिंग करने लगा कि उसने मुझे नहीं देखा और जैसे ये सब अंजाने में हो रहा है। मैंने एक साईड से पुश करके उसको पीछे से हटाने की कोशिश की तो उसको तो जैसे मज़ा आने लगा।
फिर मैंने देखा कि उसने अपना लंड ऊपर की तरफ पार्क कर रखा है और उसकी पेंट में एकदम लंबा मोटा सा आगे को फूला हुआ है और मेरी उसको पीछे से हटाने की कोशिश की वजह से मम्मी की गांड के छेद पर रगड़ रहा है। तभी मम्मी ने उसको पलट कर बहुत गुस्से से देखा वो डर गया की मम्मी कहीं शोर ना मचा दे और पीछे हो गया। फिर जब वो पीछे हुआ तो मैंने देखा कि उसकी पेट में टेंट जैसा बना हुआ था। फिर वो भी हमारे साथ ही बस से उतार गया और हमारे पीछे पीछे कॉलोनी में आ गया। फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र मम्मी के हिलते हुए चूतड़ो और मम्मी के सॉफ्ट पैर पर थी। कॉलोनी में आकर उसने मम्मी को नमस्ते किया और कहने लगा कि आंटी जी आप कहीं घूम कर आ रही हैं क्या? तो मम्मी ने गुस्से से कहा कि बस में तुम भी तो हमारे साथ आए हो। तो वो बोला हाँ आंटी जी बड़ा मज़ेदार सफ़र रहा आपके साथ टाईम का पता ही नहीं चला।
फिर उसने मम्मी से कहा कि आंटी जी अंकल तो आज कल दिल्ली में रहते हैं ना। तभी मम्मी ने कहा हाँ। फिर वो बोला कि आंटी जी आप ये लंबी ठंडी रातें अकेले कैसे गुज़ारती हैं? तभी मम्मी बोली तुम्हारा क्या मतलब है? फिर वो बोला कि आपको डर लगता होगा ना, आप कहें तो में रात को आ जाऊं मम्मी चुपचाप सुनती रही फिर वो बोला कि आंटी जी मैंने सुना है आप आज कल योगा सीख रही हैं। फिर मम्मी ने कहा हाँ अब तो में एक्सपर्ट हो गयी हूँ और कॉलोनी में दो तीन औंरतो को सीखा रही हूँ। तो राजेश बोला कि आंटी जी और कौन कौन सीख रहा है? फिर मम्मी ने कहा एक दो और कॉलोनी की औरतें हैं। तो राजेश बोला कि अब तो आप सबकी बॉडी बहुत लचीली हो गई होगी फिर मम्मी बोली वो तो है ही योगा से शरीर में बहुत लचीलापन आ जाता है।
राजेश बोला फिर तो आपको बहुत से पोज़ आते होंगे मम्मी ने कहा लगभग सभी पोज़िशन आती है योगा की। तभी वो बोला कि आंटी जी आप मेरे साथ मेरे घर चलिए और मुझे योगा सिखाइये घर में कोई नहीं है, तो हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं करेगा अलग अलग पोज़ में करेंगे। में उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी कि वो मेरे ही सामने मेरी मम्मी को चुदाई के लिए बुला रहा था और सिर्फ़ चुदाई नहीं अलग अलग पोज़ में चुदाई। फिर मम्मी ने कहा कि फिर कभी सिखाएँगी। कुछ दिन बाद मैंने देखा कि मम्मी अपने कमरे की खिड़की की सफाई कर रही थी। राजेश मम्मी को देखकर खिड़की पर आ गया मम्मी चुपचाप खिड़की साफ करती रही लेकिन खिड़की साफ करते करते मम्मी की नज़रें कई बार उसकी तरफ जा रही थी। वो पेंट के बाहर से अपना लंड सहलाने लगा और फ्लाईंग किस दे रहा था और दबाने के इशारे कर रहा था। फिर मम्मी बजाए परदा लगाने के ग्रिल साफ करती जा रही थी उसने एक हाथ से छेद बनाया और दूसरे हाथ की उंगली को छेद के अंदर बाहर करने लगा।
फिर मेरी मम्मी ने उसको इशारा करके कहा कि नीचे पार्किंग में मिलो। मेरी मम्मी नीचे गयी और पाँच मिनट में लौट आई। मुझे लगा कि मेरी मम्मी उसको धमकाएँगी और ज़रूर उसकी मम्मी को शिकायत करेंगी तो में भी सीन देखने मम्मी के पीछे गई वो जानबूझ कर पार्किंग के अकेले कोने में खड़ा था। तभी मम्मी उसके पास गयी और उसको डाँटने लगी वो बस आँखें फाड़े मम्मी को ऊपर से नीचे देख रहा था। फिर अचानक से उसने मम्मी के बूब्स दोनो हाथों से पकड़ लिए और किस करने की कोशिश करने लगा तो मम्मी ने उसको धक्का देकर दूर हटा दिया और एक थप्पड़ मारा फिर मम्मी ने उसको कहा कि अगर तुमने फिर से हमे परेशान किया तो हम तुम्हारी मम्मी से शिकायत करेंगे और मम्मी वापस आ गई।
मेरा भाई स्कूल जा चुका था और मुझे भी कॉलेज के लिए निकलना था। नौकरानी आई तो मम्मी ने कहा कि आज रहने दे फिर मम्मी ने मुझसे पूछा कि में अभी तक क्यों नहीं गई? फिर मम्मी बोली आज मेरे कुछ फ्रेंड्स आने वाले हैं हम शायद बाहर जायें तो तू जल्दी मत आना वरना बाहर वेट करना पड़ेगा। तभी में कॉलेज चली गई लास्ट 2nd लेक्चर नहीं थे तो मैंने सोचा कि बाहर गेट पर वेट करना पड़ेगा लेकिन जैसे ही में अपने घर के दरवाजे के सामने पहुँची तो मैंने देखा कि वो लड़का राजेश मेरे घर से निकल रहा है और उसने मेरे भाई के कपड़े पहन रखे थे और वो अपने हाथ में पकड़ कर कुछ सूंघ रहा था। फिर उसने निकलते हुए मुझे देखा और चौंक गया और हड़बड़ाते हुए बोला तुम्हारी दीदी से बुक चेंज करने आया था लेकिन आंटी ने बताया कि वो अलग रह रही है तो जा रहा हूँ।
उसके हाथ में कपड़ा था वो एक्टिंग करने लगा कि ये रुमाल है और वो अपनी नाक साफ कर रहा है। फिर वो बोला कि मुझे कोल्ड है इसलिए रुमाल रखा है। तभी मैंने मन में सोचा कि तेरे से पूछा था क्या? साले अकबर बादशाह है क्या जो अनाउन्स्मेंट करके तशरीफ़ ले जाएगा? पक्का चूतिया है ये औरतों की पेंटी जैसा रुमाल रखा है साले ने, इसको कभी कोई मिलेगी क्या? रंडी भी थप्पड़ मारकर भगा देगी और जब इसकी शादी होगी तो इसकी बीवी की चूत का हलवा सारे एरिया में बंटेगा। फिर में अंदर गयी तो मेरे होश उड़ गये। तभी मैंने देखा कि ड्राइंग रूम में मम्मी की साड़ी पढ़ी थी मम्मी अपने कमरे में बिस्तर ठीक कर रही थी, जिस पर बहुत सलवटें पड़ी थी बिस्तर पर मम्मी के साईड वाले तकिये पर मम्मी के कुछ टूटे बाल और बिंदी चिपकी थी और मम्मी का जूड़ा ढीला हो गया था और फेस पर भी बाल बिखरे हुए थे। माथे पर बिंदी नहीं थी और लिपस्टिक सिर्फ़ होंठ के कोने पर थी। बाकी होंठ पर से लिपस्टिक उतर चुकी थी गालों पर दाँतों के निशान थे। मम्मी एकदम थकी थकी सी लग रही थी। 
मम्मी हमेशा साड़ी पहनती है लेकिन तब मम्मी ने मेक्सी पहनी थी बिस्तर की हालत और मम्मी को देखकर लगता था कि बहुत ज़ोर ज़बरदस्ती और संघर्ष हुआ है। एक कोने में पेटिकोट पड़ा हुआ था और मम्मी ने मुझे नहीं देखा और बिस्तर ठीक करके नहाने चली गयी। फिर में मम्मी के कमरे में गई तो मैंने देखा कि जिस कोने में पेटिकोट पढ़ा था उसकी दीवार पर मम्मी के बालों का तेल लगा हुआ था ऐसा लगता था की मम्मी को कोने में खड़ा किया हो दबाते हुए बिस्तर के साईड वाली टेबल पर जहाँ पर हमारी फेमिली फोटो रखी थी उसके ऊपर एक और सामने दो कंडोम पढ़े हुए थे और फोटो के सामने पढ़े कंडोम में कुछ सफ़ेद कलर का लिक्विड जैसा था।
जबकि फोटो के ऊपर पढ़ा कंडोम आगे से फटा हुआ था। तभी में समझ गई कि तीन बार चुदाई हुई है आज उस लड़के के साथ। मम्मी का कबार्ड खुला पढ़ा था और उस कबर्ड के अंदर मम्मी का लॉकर जिसकी चाबी हमेशा मम्मी के पास रहती है और जिसके अंदर मैंने आज तक नहीं देखा आज खुला हुआ था। उसके अंदर देखा तो कंडोम के दो पैकेट (20 कंडोम वाले) पड़े थे और एक आई पिल गोली थी। शायद पापा का स्टॉक था लेकिन उसे राजेश यूज कर रहा था। बिस्तर के एक साईड में एक टूटी हुई चूड़ी थी और दूसरी साईड मम्मी का ब्लाउज पढ़ा था जो बुरी तरह से फटा हुआ था साथ ही उनकी ब्रा पढ़ी थी जो हुक्स से फटी थी। राजेश के हाथ में जो कपड़ा था वो शायद मम्मी की पेंटी थी जो वो अपने साथ ट्राफी की तरह ले गया। फिर में चुपचाप अपने कमरे में चली गई।
तभी मम्मी नहाकर बाहर निकली तो मुझे देखकर पूछा कि में कब आई? तो मैंने कहा जब आप नहा रही थी मैंने कहा कि वो सामने वाला लड़का क्यों आया था? तो मम्मी थोड़ा घबरा गयी और दूसरी तरफ मुहं करते हुए बोली कि वो पूछने आया था की आज नौकरानी आई थी या नहीं क्योंकि जो हमारे यहाँ काम करती है, वो वहाँ भी काम करती है। फिर मम्मी अपनी तरफ से बाते जोड़ने लगी कि वो कितना अजीब दिखता है। इसको कोई लड़की घास भी नहीं डालती होगी। फिर अगले दिन से मम्मी बोली कि वो कोई कुकिंग कोर्स जॉइन कर रही हैं और रोज़ वहाँ जाना पड़ेगा रोज़ दिन में। फिर में जब कॉलेज से आती थी तो मम्मी घर पर नहीं होती थी।
कभी कभी तो मम्मी सन्डे को भी क्लास के लिए जाती थी। फिर एक दिन में पास वाली बिल्डिंग में अपने दोस्त से मिलने गई तो देखा कि मम्मी की सेंडल राजेश के घर के सामने पढ़ी हैं। तभी राजेश की मम्मी भी आ गयी उन्हे देखकर में उनकी नज़र से दूर साईड में सीड़ी पर खड़ी हो गयी । तभी उन्होने अपने घर के बाहर लेडिस सेंडिल देखी उन्होने घंटी बजाई तो राजेश ने पांच दस मिनट बाद दरवाज़ा खोला। में साईड में सीड़ी पर खड़ी तो किसी की मुझ पर नज़र नहीं गयी लेकिन मुझे सब सुनाई दे रहा था। राजेश की मम्मी ने उसको कहा कि इतना टाईम क्यों लगा दरवाज़ा खोलने में? कौन आया है? तो राजेश बोला कि मिश्रा आंटी आई हैं। में उनको कंप्यूटर सीखा रहा हूँ।
फिर इतने में मेरी मम्मी बाहर आई ऐसा लगता था जैसे उन्होने साड़ी जल्दी में पहनी है बाल खुले हुए थे बिंदी लिपस्टिक और सिंदूर गायब था। होंठ के ऊपर और नीचे चिन पर कुछ चिपचिपा क्रीम जैसा लगा था जो चिन से थ्रेड की तरह लटक रहा था। तभी मम्मी ने राजेश की मम्मी से हैल्लो हाय किया राजेश की मम्मी को शक हो गया था मेरी मम्मी की हालत देखकर अब राजेश की मम्मी समझ गयी थी की उनका लड़का बड़ा हो चुका है और और वो भी ऐसा बड़ा हुआ है कि अपनी माँ की उम्र की औरत जिसके तीन जवान बच्चे हैं, उसकी चुदाई कर रहा है। शायद वो खुश थी कि उनके लड़के को किसी रंडी के पास नहीं जाना पढ़ा और उसको एक साफ सुथरी घरेलू हाउसवाईफ मिल गयी थी। जो घर पे आकर उसकी सेवा कर देती है। वो मम्मी को ऊपर से नीचे तक देख रही थी मम्मी की हालत ऐसी क्यों है वो समझ गयी कि ज़बरदस्त चुदाई हुई है। फिर मेरी मम्मी जैसी खूबसूरत शादीशुदा हाउसवाईफ अगर किसी जवान ठरकी कुंवारे लड़के को मिल जाए तो वो उसके साथ ऐसे ही ज़बरदस्त चुदाई करेगा। फिर वो राजेश को देखने लगी वो शायद वही सोच रही थी जो में सोच रही थी कि मेरी मम्मी जैसी मज़ेदार माल टाईप आंटी जिसके लिए कॉलोनी का कोई भी लड़का अपनी गांड पर 10 लातें खा लेगा वो इस कबूतर से कैसे सेट हो गयी।
फिर उन्होने मम्मी से कहा कि जब भी राजेश के पास टाईम हो आप कंप्यूटर सीख लीजिए। सन्डे को भी ये बोर होता रहता है तो आप उस दिन भी आ जाइए आप आराम से इसके रूम में कंप्यूटर सीख सकती हैं में तो वैसे भी दिन भर अपने रूम में रहती हूँ। ये अपने रूम का दरवाज़ा बंद कर लेगा मुझे भी डिस्टर्बेन्स नहीं होगी हाँ अगर इसके पास टाईम नहीं है तो.. तभी राजेश बोला कि नहीं मम्मी में आंटी ले लिए टाईम निकाल लूँगा। उसकी मम्मी बोली लेकिन बेटा आंटी को इतना परेशान मत किया कर देख क्या हालत कर दी है तूने और हँसने लगी। फिर उसकी मम्मी बोली कि क्या आज की क्लास हो गई या कुछ बाकी है? तो राजेश मेरी मम्मी से बोला कि आइये आंटी जी एक राउंड और हो जाए मम्मी ने कहा नहीं आज नहीं में लेट हो रही हूँ। फिर राजेश बोला आइये ना आंटी जी बस थोड़ी देर और आइये ना प्लीज़।
तभी राजेश की मम्मी भी बोली कि अब मान भी जाइये बच्चा इतने प्यार से कह रहा है, तो माउस पकड़ भी लीजिए सुना है कि आप बहुत अच्छा खाना बनती हैं। हम भी खाकर देखें। फिर राजेश मम्मी को देखते हुए बोला में तो आम चूसूंगा। राजेश की मम्मी बोली लेकिन बेटा दिसम्बर के महीने में आम कहाँ से मिलेंगे? फिर राजेश मम्मी को देखते हुए बोला कि मम्मी आंटी के गाँव में पूरे साल आम होते हैं। आंटी के खुद के आम हैं मेरा मतलब आंटी के गाँव में आम के गार्डन हैं, उसके आम हैं। बहुत ही सॉफ्ट और मीठे हैं। आपको पता है आंटी को योगा आता है तो आंटी मुझे योगा भी सिखाती हैं। बहुत हल्की और लचीली है आंटी की बॉडी किसी भी पोज़ में बैठ जाती हैं। बहुत सी पोज़िशन ट्राई की हैं मैंने आंटी जी के साथ।
फिर राजेश की मम्मी बोली देखिए ना मिसेज मिश्रा काम वाली नहीं आ रही है, एक हफ्ते से बर्तन सब गंदें पढ़े हैं। वो मम्मी को ऐसे कह रही थी जैसे मम्मी उनकी बहू हो मम्मी ने राजेश की मम्मी से कहा कि आप चिंता मत कीजिए मैंने सभी बर्तन साफ कर दिए और घर साफ कर दिया। तभी राजेश की मम्मी बोली थेंक यू मिसेज मिश्रा। में तो पूरे सप्ताह ऑफीस में रहती हूँ। मुझे समय ही नहीं मिलता, आप अब से ये घर भी संभाल लीजिए ना और इसकी शादी हो गई होती तो इसकी बीवी ये घर संभाल लेती। तभी मेरी मम्मी बोली कि आप चिंता मत कीजिए, राजेश की शादी होने तक आपकी बहू की सारी ज़िम्मेदारियाँ मैं निभाऊँगी राजेश को बीवी की और आपको बहू की कमी महसूस नहीं होने दूँगी।
तभी राजेश की मम्मी बोली कि में तो बहू से पैर भी दबवाती। फिर मेरी मम्मी बोली कि मुझे बहुत अच्छे पैर दबाने आते हैं गाँव वाली सासूजी के भी पैर दबाए हैं मैंने। सास को तो खुश रखना ही पड़ेगा। फिर राजेश अपनी मम्मी से बोला कि अगर आप ही आंटी से सारा काम कराती रहेंगी तो में आंटी की क्लास कब लूँगा.. आपको नहीं पता है कि आंटी कितनी भूखी हैं मेरा मतलब है कंप्यूटर सीखने के लिए.. घर में काम करते वक़्त भी आंटी जी मेरा माउस पकड़ना सीख रही थी। में ऐसा करूंगा कि आंटी को किचन में खाना बनाते वक़्त सिखा दूँगा मम्मी आप मिश्रा आंटी को अपनी एक मैक्सी दे दो आंटी जी आराम से खाना बना लेंगी और में भी आराम से सिखा सकूँगा।
तभी आंटी बोली ठीक है लेकिन दरवाज़ा बंद कर लेना। फिर मेरी मम्मी बोली कि में ज़रा घर होकर आती हूँ। अगर मेरी बिटिया नहीं आई होगी तो थोड़ी देर में आ जाऊंगी। तभी राजेश ने कहा कि आंटी जी तब तक में इंटरनेट पर कुछ पोज़िशन्स देख लेता हूँ आपके आने पर ट्राई करेंगे। मम्मी घर जाने के लिए मुड़ी और घर पर आ गई ।।
दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में …






हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator