Tuesday, October 21, 2014

FUN-MAZA-MASTI ये सब मुझे पसंद नही

FUN-MAZA-MASTI

  ये सब मुझे पसंद नही

हाई दोस्तों,

मेरा हर दिन एक जैसा ही होता हे, कुछ बदलता नहीं और कुछ खास होता भी नही | पर एक दिन ऐसा आया जिस दिन मेरी हालत खराब हो चुकी थी | एक दिन की बात हे में गया हुआ था स्कूल, स्कूल में मैं अपने कंप्यूटर क्लास के लिए जा रहा था | सब मुझसे पहले ही चले गए थे, हमारे स्कूल में दो कंप्यूटर लैब एक साथ हे | उस समय में कुछ सोचते सोचते जा रहा था, मुझे घुसना था दूसरे कमरे में पर में गलती से पहले वाले रूम में घुस गया | मैं जब अंदर घुसा तो मेने देखा की अपनी मैडम टेबल पे कुछ काम कर रही हे पर उनका एक हाथ उनकी चुत के उपर था और शायद वो उन्हें मसल रही थी | मेने उन्हें मसलते हुए तो देखा नही पर में समझ गया की वोही हो रहा था | मैं मैडम को सॉरी बोलके बाहर आ गया और दूसरे कमरे में घुस गया | अब पूरा दिन मेरे खोपड़ी में वही चलता रहा, की मैं जल्दी क्यों घुसा आराम से दख सकता था की साली क्या कर रही थी | मेने सोचा आज बच गयी तो क्या हुआ कल साल मेरे हाथो ही पकड़ी जायेगी | मैं फिर दूसरे दिन उन्ही के कमरे में गया और देखा की कोई नही हे तो में अंदर घुस के कंप्यूटर रूम के दरवाजे में एक काले रंग की प्लास्टिक लगी होती थी जिससे आरा पार नही दीखता था, मेने उसे हल्के से काट दिया निचे से, बहुत ही बारीक़ से काट के निकाल दिया | अब मुझे जब भी मोका मिलता में उनके कमरे के आस पास चक्कर लगाता और देखता की क्या चलता हे अंदर | मुझे एक हफ्ते तक कुछ नही मिला पर एक दिन मुझे बहुत कुछ दखने को मिल गया | उस दिन हुआ यूँ की में अपनी एक नोट्स भूल गया था स्कूल में, में बिच रस्ते से वापस गया और फिर नोट्स लेके जाने लगा तो मेरे मन में हुआ की एक उपर से चक्कर मार के आऊ |

मैं जब उपर गया और फिर उस जगह से झांक के देखा तो मेरी फट गयी, अंदर देखा की मैडम कोई सेक्स साईट खोल के उसमे छोटी छोटी वीडियो क्लिप दख रही हे और अपनी चुत में पेन डाल रही थी | मेरा उसी वक्त मूड बन गया की आज में इसे चोद के ही छोडूंगा | मेने दरवाजा खटखटा दी, और मैडम झट से उठके अपने आप को ठीक की और फिर कुछ मिनटों में दरवाजा खोल दी और मुझे दख के बोली क्या हुआ बोलो ? मैं बोला की मैडम मेरी पेन यहाँ छूट गयी हे वो लेना हे, मैडम बोली दख लो कहा पे हे | मैडम जाके अपने कुर्सी पे बैठ गयी और में एक्टिंग चोदने लगा की सही में पेन गुम हुई हे | यहाँ वहा दखने के बाद मैं दरवाज़ा के पास गया और कुण्डी लगा दी, मैडम मेरी तरफ देखी और बोली ये क्या किया तुमने, मेने कहा की जादा मत बोलो मेने आपको दख लिया की आप क्या कर रही थी | मैडम के तब हल्के हल्के पसीने आने लग गयी, में बोला डरो मत में किसी को कुछ नही बताऊंगा पर एक शर्त हे मेरी | मैडम बोली की क्या देखा तुमने ये बोलो पहले, मेने बोला अच्छा आब नाटक कर रही हो, जरा अपना पेन देना में जरा सूंघ के देखूं उसे, तब मैडम की गांड फट गयी और मुझे बोलने लगी की प्लिज्ज़ प्लिज्ज़ किसी को मत बोलना कुछ में हाथ जोड़ती हू | मेने कहा मैं नही बोलूँगा पर एक शर्त हे मेरी | वो बोली की बोलो बोलो में हर शर्त मानूंगी, मेने बोला की इस पेन के जगह अब से मेरा मोटा पेन होगा | वो बोली में कुछ समझी नही, मैं बोला हर बात पे एक्टिंग मत पेला करो और फिर में खड़ा हो गया और उनके सामने अपना लंड निकाल दिया और बोला की मुझे ये वहा डालना हे |

वो मेरा लंड दख के बोली की ये क्या हे सब, मुझे ये सब पसंद नही हें | मेने बोला उन्हें " ओये जादा दिमाग मत चाटो मेने देखा तुम्हे चुत मै पेन करते हुए, और जब असली चीज़ निकला तो नाटक चोद रही हो | आप चुप चाप मेरे साथ करो मै किसी को कुछ नही बोलूँगा वेसे भी आप भी प्यासी हो और मै भी प्यासा हूँ " | वो कुछ सोची और फिर आँखे निचे कर ली, मेने पास ही रखे एक कंप्यूटर मै नेट खोल के ब्लू फिल्म लगा दी और मैडम के बाजू मै बैठ गया और उनके जिस्म को सहलाने लग गया, और मैडम धीरे धीरे मुझमे सिमट जाने लग गयी | मेने उनका मुह फिल्म की तरफ कर दिया और खुद उल्टा एट गया, अब मै उनके पुरे जिस्म पे हाथ फेरने लग गया, और वो मुझसे धीरे धीरे कर के पूरा ही चिपक गयी और अब वो मुझे चूमने लग गयी | मैं अपने दोनों हाथो को उनके छाती से चिपका दिया और उनके चूचो को मसलने लग गया, वो अब अपने सर को यहाँ वह हिलाने लग गयी और मेरे शारीर पे हाथ फेरने लग गयी | मै उनके चूचो पे अब अपने मुह को रख दिया और उनके चूचो को काटने लग गया | वो अब हल्की हल्की सिसकिय भरने लग गयी और मेरे सर को पकड़ के अपने चाहती से कस के लगाने लग गयी | मेने उन्हें टेबल पे लेटने को कहा और वो लेट गयी और फिर अब मै बाजू मै खड़े होके उनके चूचो को मसलने लग गया |

मेने उनकी सलवार उपर उठा दी और उनके पेट को चूमने लगा, कुछ देर चूमने के बड मेने अपना हाथ उनके सलवार के अंदर डाल दिया और उनके चूचो को ब्रा के उपर से ही मसलने लग गया | मेने उसे सलवार उतारने को कहा और फिर उसने उतार दिया और सिर्फ ब्रा मै लेट गयी फिरसे, मैं अब उसके चूचो को ब्रा के उपर से ही काटने लग गया, मेने फिर उसके निप्पल को ब्रा के उपर से निकला और उन्हें चूसने लग गया, एक को चुस्त तो दुसरे को उंगलियो से मसलता रहता | थोड़े देर के बाद उसने खुद अपनी ब्रा खोल दी और मुझे फिरसे चूसने को कहा, मैं अब बहुत जोर सोर से उसके चूचो को चूसने लगा | वो ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह्ह किये जा रही थी, उसकी जिस्म की गर्माहट मुझे साफ़ महसूस हो रही थी | वो आराम से टेबल पे लेती हुई थी और में बाजु में खड़े होके कांड कर रहा हा | मैं अब उसके चुचो को चूसते चूसते एक हाथ उसकी चुत के उपर ले गया और सहलाने लग गया | उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को पकड़ के अपनी चुत में रगड़ने लग गयी, और मेने भी उसका साथ देते हुए, उसके पजामे के अंदर हाथ डाल दिया और पेंटी के उपर से चुत को रगड़ने लग गया | वो अपने पजामे को ढीला करने लगी तो मेने उसे पूरा ही उतार दिया और अब वो पनटी में ही लेती हुई थी टेबल पे | उसकी सफ़ेद रंग की पेंटी एक दम गीली हो चुकी थी सो मेने उसे भी उतार दिया | उसकी चुत पे में एक ऊँगली करने लग गया और दूसरी तरफ उकसे चुचो को चूसता रहा, काफी देर तक यही चला और इसी बिच वो एक बार झड चुकी थी |

कुछ देर के बाद मेने उसकी चुत पे मुह रखा और उसकी चुत पे जीभ रगड़ने लग गया | मेने अपनी उंगलियो से उसकी चुत की पंखडियो को अलग किया और अब मुझे उसकी चुत की छेद साफ़ नजर आ रही थी, मेने उसकी छेद पे जीभ घुमाने लग गया तो वो एक दम से कराहने लग गयी उम्म्म्म्म्म्म ई उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ और करो ऐसे ही करो बहुत मज़ा आ रहा हे, और करो करते रहो पुरे दिन ऐसे ही करो....... ऐसे बड बड़ा रही थी वो | उसकी चुत से लगातर पानी निकल रहा था और में अपने जीभ से उसकी चुत रस कू पिता जा रहा था | मैं उसकी जीभ को ऐसे चाट रहा था जेसे कोई हलवा रखा हे उसमे | आब वो बोल उठी की अपनी पेचील डाल दो, मुझसे और रुका नही जा रहा | मेने बोला कंडोम नही हे, वो बोली कोई बात नही तुम बस लड़ आलो बाकी का में देख लुंगी | उसकी चुत का छेद दख के लगा की इस चुत में अब तक लंड नही गया पर पेंसिल ऊँगली ये सब जा चूका हे | मेने फिर उसके चुत पे थूका और आने लंड पे भी और सटा दिया लंड और फिर एक कस के शोट दिया और मेरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ अंदर घुस गया | मेडम तो एक दम से चीख उठी पर मेने उनके मुह पे तभी हाथ रख दिया और उनकी आवाज़ तब गयी | मेने लंड धीरे से निकला तो देखा की उसमे खून लगे हे, जादा नही पर हलके फुल्के खून लग गए | मैं लंड धीरे से निकाल के उसकी चुत में फिर से दे दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा में, अब उसे मेरे लंड का स्वाद मिलने लग गया, और अब वो धीरे धीरे कमर भी हिलाने लग गयी और मेरे लंड को अपनी चुत से और कस कस के घिसने लग गयी |

काफी देर उन्हें उसी हाल में पेलने के बाद जब उनकी मुह से कराहने की आवाज़ कम हो गयी तो मेने उन्हें टेबल पर बिठा दिया और फिर उनकी चुत में लंड देने लग गया अब मेने उन्हें अपने सिने से लगाये रखा था और उन्हें फोल्ड कर लिए था अपने से और निचे से शोट दिए जा रहा था | वो कभी मेरे कान को कटती तो कभी मेरे जिस्म पे हाथ फेरती और नाख़ून भी गाड देती | मेने फिर उनकी टांगो को कंधो पे ले लिए अब गजब का शोट देने लग गया, वो अब कस कस के उ उ उ उ उ हम्म्म्म उईई अह्ह्ह ओह्ह करने लग गयी थी | वो अब तक दो बार झड चुकी थी और मेरा भी समय आ गया था निकलें का, सो दो मिनट की और चुदाई के बाद मैं भी उन्ही की चुत में झड गया और उन्हें टेबल पे लेटा के उनके उपर चड के सो गया | उनको फिर मेने घोड़ी बना के भी पेला और उसदिन और तो नही पेला पर उसके बाद जब भी मोका मिला उनके घर पे सुहागरात मनाते और उनके पती को काम पे भेजता रहा |





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