Tuesday, October 21, 2014

FUN-MAZA-MASTI अकेली

FUN-MAZA-MASTI


अकेली



मैं वडोदरा हर महीने अपने कंपनी के काम जाया करता  था.वडोदरा मे उस के मोहल्ले के एक चाचा रहते थे जिन्की डेथ पीछले साल हो गयी थी. चाचाजी का परिवार छोटा था. परिवार मे चाची (३८) की थी और एक बेटा(१४) था जो दिल्ली मे पढाई  कर रह था. अचानक चाचा जी के गुजर जाने से उनकी पत्नी (चाची) अकेली रह गयी थी. इस  बार जब जीत चाची से मिले गया तो चाची बोली की वो उसी के घर रुका करे. जीत १०दिन की अन्तर पर वडोदरा जाता था. जीत पहले नहीं करता रहा फिर मान गया. उसी दिन जीत अपना सामान होटल से चाची के घरपर ले आया. चाची किराये के मकान मे रहने लगी थी और एक स्कूल  मे टीचर थी. किराये का मकान छोटा था और एक रूम,एक रसोई और टॉयलेट था. रूम मे सोने क लिये एक डबल बेड था. जीत को समझ नहीं आ रह था पर वोह कुछ बोल नहीं पा रहा था. चाची देखने मे आकर्षक थी. स्कूल  मे टीचर होने के कारण चाची अपने बनाव श्रंगार का ध्यान रखती थी. रात के खाने के बाद सोने के समय जीत बोला के वो ज़मीन पर बेड लगा लेगा तो चाची बोली" ज़मीन  पर क्यों, डबल बेड  है, मे अकेली तो सोती हूँ,तुम भी सो जाना." जीत मान गया. वो रात मे लेट कर बाते करते रहे. चाची ने गाउन पहन रखा था. चाची ने नीले  रंग का गाउन पहन लिया था और बाल खोल लिये थे. चाची बदन से थोड़ी भारी थी और जीत को वो बहुत उत्तेजक लग रही थी. बात करते करते जीत को नींद आने लगी और वो सोने लगा. थोड़ी देर मे जीत पूरा सो गया. जीत ने एक t-शर्ट और नेकर पहन रखा था. बीच रात मे जीत की

आंख खुली तो उसने पाया चाची उस के बिल्कुल नजदीके सो रही थी. गाउन क़मर तक उठ गया था और गोरी नंगी जांघे दीख रही थी.Night लैंप मे उस ने देखा की चाची ने पैंटी नहीं पहनी है. चाचीका एक हाथ जीत के लण्ड पर था और ऐसा लग रह था की सोते-सोते हाथ उस के लण्ड पर आ गया. जीत वैसे भी चाची के गदराये बदन को देख कर पागल हो रह था और उस पर चाची का हाथ उस के लण्ड की तो हालत और खराब हो गयी थी. एक बार जीत का मन् कियाकि हिम्मत कर के वोः आगे कदम बढे पर वोह हालत को जांच करही कुछ करना चाहता था.

जीत ने पढ़ रखा था की "धैर्य मे विजय" उस ने अपने पर काबू दिया और हालत को देखने करने का फैसला लिया. उस ने सोने का बहाना बनाया और धीरे से हाथ चाची की उत्तेजक  छाती पर रख दिया और शो दिया की सोते सोते ऐसा होगया. वो चुप चाप पड़ा रहा, जैसे एक अनुभवी शिकारी की तरह, जोअपने शिकार का पूरा इंतज़ार करता है. जीत की आँखों से नींद ग़ायब हो गयी थी. उस ने धीरे धीरे हाथ से कुछ हरकत कर के देखा.चाची थोडा कसमसाई और फ़िर सो गयई. जीत की हिम्मत बढ़ी और उसने चाची की छाती सहला दी. सॉफ्ट छाती को वोह गाउन के ऊपर से हेसहला रहा था. चाची कसमसाई. थोड़ी देर मे जीत ने हाथ हटा लिया. थोड़ी देर मे सुबह होने वाली थी. सो, उसने थोडा इंतज़ार करना सही समझा. जब उससे लगा की चाची अब उठने वाली है तो उसने धीरेसे हाथ उस की नंगी जांघ पर रख लिया और सोने का बहाना करने लगा. कुछ समय के बाद घड़ी मे अलार्म बजा और चाची की आंख खुल गयी. उठते हुए चाची का हाथ उस के लण्ड से छुआ तो चाची ने देखा की जीत का हाथ उस की जांघ पर है. उस ने उसे हटा दिया और कपड़े ठीक कर के रसोई मे चली गयी. जीत भी कुछ देर बाद उठ कर रसोई मे चला गया और नॉर्मल बात करने लगा. उससे लगा की शायद चाची ने उस की हरकत को नींद की हरकत  समझ कर ध्यान नहीं दिया और उस का हाथ जो जीत के लण्ड पर रखा था, वोः भी बेय्ध्यानी मे होगा.अगली रात खाना खा कर फ़िर दोनो बेड पर लेटे. आज जीत पक्का करना चाहता था की चाची के मन मे क्या है. थोड़ी देर मे चाची सो गयी पर जीत को लगा की वोः सोने का बहाना कर रही है. वोः भी सोने का बहाना करने लगा. थोड़ी देर मे चाची का हाथ उस के लण्ड पर आ कर ठहर गया. जीत ने मौका नहीं खोया. उस ने भी उसी अंदाज़ मे अपना हाथ चाची की शानदार सुडोल संगमरमरी गुदाज और रेशमी चिकनी जांघों पर रख दिया. जीत समझ गया कि चाची जग रही है पर जीत और  समझना चाहता था. उस ने धीरे धीरे चाची की जांघ सहलानी शुरू की. चाची का कोई  विरोध नहीं था बल्कि, जीत चाची की शरीर मे उठने वाली सिहरन को महसूस कर रहा था. जीत और ऊपर बढ़ा और उस का हाथ चाची की फ़ूली हुई पावरोटी सी चूत के पास पहुंच गया. चाची के शरीर मे लहर दौड़ गयी. जीत समझ हो गया की लोहा गरम है, वार करने का यही वक़्त है, चाची चुदासी है. जीत ने चाची का मांसल बदन अपनी बाँहों मे भर लिया और होठ चूसने लगा. चाची ने बिना कोई रुकावट के साथ देना शुरू कर दिया. जीत ने चाची का गाउन खोल दिया. चाची अन्दर नंगी थी. जीत चाची की बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने लगा. चाची तो पूरी गरम थी. जीत ने जी भर कर चाची की बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाई. चाची भरपूर साथ दे रही थी. जीत के भी दोनो कपड़े उतर चुके थे. उसका लण्ड देखने मे बड़ा था. जीत का लण्ड की लम्बाई करीब ६.५' और मोटाई करीब ४.५' मतलब, चाची के मतलब का बेहतरीन सामान था.चाची ने जीत का हलव्वी लण्ड सहलाया.

जीत चाची की चूत देखना चाहता था. चाची की शानदार सुडोल संगमरमरी गुदाज और रेशमी चिकनी जांघों के बीच दूध सी सफ़ेद पावरोटी सी चूत अपने मोटे मोटे होठ खोले जैसे लण्ड को अधूरा काम पूरा करने को आमन्त्रित सा कर रही थी । उसके लण्ड का इन्तजार कर रही थी

जीत को उमरदार औरत की चूत देखना बड़ा उत्तेजक लगता था. चाची ने अपनी मांसल जांघे फैला ऊँगली डालदी. काफी गीली थी क्योंकि वो जानती थी कि जीत उसमें (चुत में) सैलाब लाने जारहा था जिससे उस की चूत का एक साल पुराना सूखा खत्म होने वाला था.

चाची ने अपनी जान्घे फैला कर जीत को इशारा दिया की वो अपनी चुदाई शुरू करे अब उसे सिर्फ़ जीत का मोटा लण्ड अन्दर चाहिए. जीत ने समय ना बरबाद करते हुए चाची की शानदार सुडोल संगमरमरी गुदाज और रेशमी चिकनी जांघों के बीच दूध सी सफ़ेद पावरोटी सी चूत के मोटे मोटे होठों के मुहाने पर अपने तनतनाये ६.५' लंड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा धरा

इस्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआह.

चाची के मुँह से निकला

जीत ने एक ही धक्के में पेल दिया और पागलों की तरह चोदने लगा. चाची की चूत का साइज़ भी नॉर्मल से कुछ ज्यादा था तो वोः बडे मजे से जीत के भरपूर धक्कों को लय रही थी. जीत चाची की चूत की सेवा कर रहा था. चाची करीब ५०-६० धक्कों मे संतुष्ट  हो गयी और करीब २० धक्कों बाद जीत ने भी फ़ाइनल शूट मारा. जीत को शूट करने मे मज़ा आ गया था. करीब १० मिनट  वो चाची के चूत मे अपना लण्ड डाले लेटा रहा. चाची भी संतुष्ट  हो कर सो गयी थी. जीत उठा और नंगा ही खिड़की के पास चला गया. चाची की चूत से उसका माल बाहर आ रहा था. यह देख कर उससे बड़ा उत्तेजक लगा.  वो फ़िए आ के चाची से लिपट गया। वो भी उससे लिपट गयी थोड़ी ही देर मे दोनो उत्तेजित हो गये और उस ने चाची की चूत मे अपना लण्ड एक बार फ़िर पेल दिया और एक बार फ़िर चुदाई की. चाची ने दूसरी बार भी पूरा साथ दिया.

दुसरे दिन, चाची अलार्म बजने पर भी नहीं उठी. जीत के लण्ड मे अभी भी आग लगी थी. सुबह के वक़्त वैसे भी लण्ड

खड़ा हो जाता है.जीत ने चाची के मोटी मोटी जांघे फैला कर अपना लण्ड उस की चूत मे फ़िर पेलदिया,

चाची की आंख खुल गयी. वोः बोली" अरे यह क्या...."

जीत कुछ नहीं बोला बल्कि उस की चूचियाँ चूसने लगा और चुदाई में मस्त हो गया. चाची ने साथ दिया और बड़ी मस्त चुदाई कराई. उस दिन चाची ने स्कूल  से छुट्टी ले ली और जीत भी काम पर नहीं गया. चाची और जीत साथ साथ नहाये और बाथरूम मे शावर मे जीत ने चाची की चूत को खूब चाटा. चाची की दिन भर, रात मिला कर पूरे ६ बार चुदाई की. इस  तरह जीत हर १० दिन के लिये चाची की चूत मे बरस जाता था







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