Thursday, October 30, 2014

FUN-MAZA-MASTI बदलाव के बीज--46

 FUN-MAZA-MASTI
 बदलाव के बीज--46

अब आगे...


 मैं: अम्मा मैंने जो कहना था वो बड़के दादा से कह दिया| मैं जानता हूँ की इसका कोई असर नहीं पड़ेगा पर हाँ कम से कम मेरी अंतर-आत्मा तो मुझे नहीं कचोटेगी| खेर यहाँ कोई लेडी डॉक्टर है... मेरा मतलब महिला डॉक्टर जो भौजी का एक बार चेक-अप कर ले?

बड़की अम्मा: हाँ है शर्मीला जी|

मैं: ठीक है आप तैयारी करो मैं पिताजी से कह के बैल गाडी मँगवाता हूँ|

मैं वापस बहार आया और देखा तो बड़के दादा नहीं थे .. वो खेत जा चुके थे सिर्फ पिताजी थे जो चारपाई पे लेते सोच रहे थे;

मैं: पिताजी मैं बैलगाड़ी वाले को बोल आता हूँ| भौजी का चेक-अप होना जर्रुरी है|

पिताजी: एक बात बता, मैं तुझे डाँट नहीं रहा बस कुछ पूछना चाहता हूँ| तुझमें इतनी हिम्मत कैसे आ गई? कुछ दीं पहले तू कभी किसी बात का विरोध नहीं करता था... जो कह दो चुप-चाप करता था| पर पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ तू ने जवाब देना शुरू कर दिया है| सही-गलत माइन अंतर करना सीख लिया है... ये अच्छी बात है पर मुझे इनकी आदत नहीं है| तूने अभी जो भी कहा वो बिलकुल ठीक कहा पर अभी भी बहुत सी बातें हैं जो तू नहीं जानता क्योंकि तू छोटा है| खेर मैं बड़े भैया को समझा लूंगा पर उनका बर्ताव मैं नहीं सुधार सकता|

मैं: पिताजी आपने मुझे शिक्षा ही ऐसी दी है की मैं कुछ भी गलत होता नहीं देख सकता| उस दिन जब माधुरी ने शादी की बात कही तो पहली बार मैंने आपका विरोध किया परन्तु विरोध के पीछे जो कारन था वो आपको समझा अवश्य दिया| आज भी जो हुआ वो मैं सह नहीं पाया और अंदर का आक्रोश इस तरह बहार आ गया| खेर मैं बड़के दादा से अपने इस रोह व्यवहार के लिए माफ़ी अवश्य मांग लूंगा पर मैंने कोई गलत बात नहीं की और उसके लिए मैं माफ़ी नहीं माँगूँगा|

पिताजी: ठीक है बीटा ये सब हम बाद में सोचेंगे की तू कहाँ गलत है और कहा सही, फिलहाल तू जाके बैलगाड़ी वाले को बोल आ| मैं बड़े भैया के पास जा रहा हूँ|

मैं तुरंत बैलगाड़ी के पास भाग और रास्ते में मैंने जो कहा उसके बारे में सोचने लगा| मुझे नहीं लगता की मैं कहीं गलत था पर ऐसी कुछ बातें जर्रूर थीं जिनके बारे मैं मैं नहीं जनता था| ये बातें मुझे सिर्फ भौजी से ही पता लग सकती थीं| पर ये सही समय नहीं था उनसे पूछने का| और सबसे बड़ी बात की पिताजी आज मुझसे इतने प्यार से क्यों बात कर रहे थे? उनका मेरे प्रति रवैया हमेशा से ही सख्त मिजाज रहा है! हो सकता है की मैं अब बड़ा हो चूका हूँ इसलिए वो अब मुझ पे उतना दबाव नहीं डालते जितना पहले डालते थे|

खेर मैं बैलगाड़ी वाले को बोल आया और वापस आके भौजी और माँ को बताया की बैलगाड़ी वाला 15 मिनट में आ रहा है|

भौजी: आप भी चलोगे ना?

माँ: (बीच में बात काटते हुए) बहु ये वहाँ क्या करेगा? तू यहीं रुक और अगर हमें देर हो गई तो नेहा का ध्यान रखिओ|

मैं: जी|


 मैं जानता था की भौजी चाहती थीं की मैं उनके साथ आऊँ पर माँ और बड़की अम्मा तो जा ही रहे थे और ऐसे में मेरा जोर देना गलत बात पे ध्यान आकर्षित करता| मैं और माँ बहार आ गए और जैसे ही बैलगाड़ी वाला आया मैं भौजी को बुलाने अंदर गया| भौजी मेरे से लिपट गईं और रूवांसी हो गई| मैंने उन्हें प्यार से चुप कराया और डॉक्टर के भेजा| अब मैं अकेला घर पे था और कुछ ही देर में रसिका भाभी भी उठ के आ गईं|

रसिका भाभी: मानु जी, सब लोग कहाँ हैं? यहाँ तो कोई भी नहीं दिख रहा?

मैंने उन्हें सारी बात बताई और ये खुश खबरी सुन के वो कुछ ख़ास खुश नजर नहीं आईं| कारन क्या था ये मुझे बाद में पता चला| (ये बात उनके बेटे वरुण के बारे में थी|)
वाकई में भौजी, अम्मा और माँ को काफी देर लगी और अब तो नेहा के स्कूल से आने का समय हो गया था| इधर रसिका भाभी बेमन से खाना पका रहीं थीं और मैं नेहा को स्कूल लेने निकल पड़ा| घर आके नेहा ने अपनी मम्मी के बारे में पूछा;

नेहा: पापा मम्मी कहाँ है?

मैं: बेटा आपका छोटा भाई या बहन आने वाला है उसके लिए उन्हें डॉक्टर के पास जाना पड़ा|

नेहा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था और वो ख़ुशी से उछल पड़ी| खुश तो मैं भी था परन्तु एक दर सता रहा था| चन्दर भैया की प्रतिक्रिया मैंने देखि थी और वो अब तक शांत थे| जाहिर था की ये चुप्पी तूफ़ान से पहले का सन्नाटा है| मैं मन ही मन इस तूफ़ान को झेलने की ताकत बटोर रहा था और तैयारी कर चूका था की अगर मौका आया तो मैं सब के सामने ये कबूल कर लूंगा की ये बच्चा मेरा है! खेर मैंने नेहा के कपडे बदले और उसे खाना खिलाया और वो मेरी ही गोद में सो गई| करीब आधे घंटे बाद सब उसी बैलगाड़ी में लौट आये| भौजी सीधा अपने घर में घुस गईं, बैलगाड़ी वाले को पैसे मैं पहले ही दे चूका था तो अम्मा और माँ सीधा रसोई के पास वाले छप्पर के नीचे बैठ गए| मैंने उन्हें पानी पिलाया और फिर पूछने लगा की डॉक्टर शर्मीला ने क्या कहा, तो अम्मा ने बताया; "बेटा चिंता की कोई बात नहीं है, तुम्हारी भौजी माँ बनने वाली हैं| बस कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखने को बोला है बस| ब्लड प्रेशर, खून वगैरह चेक कर रहे थे इसलिए इतना टाइम लगा| तुम जाके अपनी भौजी से मिल लो|" मैं भौजी से मिलने घर में पहुँचा तो भौजी को देख के जो ख़ुशी हुई उसे मैं बयान नहीं कर सकता| अब जाके हमें कुछ टाइम मिला था साथ बैठने का|


 भौजी: आइये मेरे पास बैठिये, जब से ये खबर आपको पता चली है तबसे आपको मेरे पास बैठने का टाइम ही नहीं मिला! चलिए अब मुँह मीठा करिये|

भौजी ने एक बर्फी का टुकड़ा मुझे खिलाया और मैंने वही टुकड़ा उन्हें भी खिलाया|

मैं: मुझे पूछने की जर्रूरत तो नहीं क्योंकि आपके चेहरे से ख़ुशी साफ़ झलक रही है|

भौजी: हाँ आज मैं बहुत खुश हूँ!!!

मैं: तो डॉक्टर ने क्या कहा?

भौजी: बस कुछ सवाल पूछे, की आखरी बार सम्भोग कब किया था?

मैं: और आपने क्या बताया?

भौजी: करीब 15-20 दिन पहले| (जो बिलकुल सच था)

मैं: और आपको कुछ हिदायतें भी दी होंगी?

भौजी: हाँ... की ठीक से खाना खाना है, अपना ज्यादा ध्यान रखना है और उसके लिए आप तो हो ही|

मैं: (मैं जानता था की मैं हमेशा यहाँ नहीं रहूँगा पर मैं ये कह के उनका दिल नहीं तोडना चाहता था|) बस? मैंने तो फिल्मों में देखा है की डॉक्टर कहता है की आप को खुश रहना है, कोई मेहनत वाला काम नहीं करना, ज्यादा से ज्यादा आराम करना है, पौष्टिक खाना खाना है, कोई स्ट्रेस या टेंशन नहीं लेनी|

भौजी: हाँ यही सब कहा उन्होंने| पर आपको बड़ा इंट्रेस्ट है इन चीजों में|

मैं: अब भई पहली बार बाप बनने जा रहा हूँ तो अपनी पत्नी का ख्याल तो रखें ही होगा! और हाँ एक और बात डॉक्टर कहते हैं की इन दिनों पति-पत्नी को थोड़ा सैयाम बरतना होता है|

भौजी: ना बाबा ना ...ये मुझसे नहीं होगा| मैं आपको अपने से दूर नहीं रहने दूंगी और वैसे भी ये बात अभी लागू नहीं होती| ये तो तब के लिए है जब चार-पांच महीने हो जाते हैं| अभी के लिए कोई रोक टोकनहीं है|

मैं: पर प्रिकॉशन (Precaution) लेने में क्या हर्ज है?

भौजी: ना बाबा ना.... मैं आपके बिना नहीं रह सकती| और मुझे खुश रखना है तो ....

मैं: ठीक है बाबा समझ गया| पर हमें सब के सामने तो थोड़ी दूरी बनानी होगी| वरना सब को शक होगा!

भौजी: कैसा शक?

मैं: मैं आपको बताना तो नहीं चाहता था पर जब अम्मा ने ये खबर चन्दर भैया को दी तो उनके मुख पे कोई भाव नहीं थे| जैसे उन्हें कोई फरक ही नहीं पड़ा| पर अगले ही पल वो कुछ सोचने लगे और खेतों की ओर चले गए| मुझे पूरा यकीन है की वो आपसे सवाल पूछनेगे की ये बच्चा किस का है| और अगर उन्होंने आपसे कोई बदसलूकी की तो मैं सब सच कह दूंगा की ये बच्चा मेरा है!

भौजी: नहीं!!! आप ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे!!! आपकी जिंदगी तबाह हो जाएगी... आप पे उम्र भर का लांछन लग जायेगा| आप मुझपे भरोसा रखो, मैं सब संभाल लुंगी|

मैं: कैसे संभाल लोगे? सालों से भैया ने आपको नहीं छुआ और अब ये बच्चा ... वो आपसे पूछेंगे नहीं की ये कैसे हुआ?


 आगे की बात पूरी होने से पहले ही चन्दर भैया आ गए और उबके चेहरे से साफ़ लग रहा था की वो बहुत गुस्से में हैं| मैंने फैसला किया की मैं यहीं रहूँगा क्योंकि मुझे अब भी चिंता थी की कहीं वो भौजी पे हाथ न उठा दें| हालाँकि उन्होंने अपनी माँ की कसम खाई थी की वो कभी भौजी पे हाथ नहीं उठाएंगे पर मैं उन पे भरोसा कैसे करता|

चन्दर भैया: (कड़क आवाज में) कुछ बात करनी है|

भौजी कुछ बोली नहीं बस मेरी ओर देखने लगीं... मैं समझ गया था पर फिर भी हिला नहीं|

चन्दर भैया: मानु भैया आप बहार जाओ मुझे आपकी भौजी से कुछ बात करनी है|

मैं हैरान था की आखिर वो मुझसे इतनी हलिमि से बात क्यों कर रहे हैं| मजबूरन मैं बहार चला गया और कुऐं की मुंडेर पे भौजी के घर के दरवाजे की ओर मुँह करके बैठ गया| घर से मुझे कुछ वाजें तो आ रहीं थीं पर ज्यादा ऊँची नहीं थी... इधर मेरा मन बेकाबू होने लगा और मैं आखिर उठ के दरवाजे की ओर चल पड़ा| मेरे अंदर घुसने से पहले ही चन्दर भैया बहार निकले ओर अब उनके मुख पे कुछ संतोष जनक भाव थे| मैं अंदर घुसा तो देखा भौजी चारपाई पर बैठीं है, जिज्ञासा वष मैंने उनसे पूछा;

मैं: आपकी तरकीब काम कर गई| पर क्या हुआ अभी? उन्होंने आप को छुआ तो नहीं?

भौजी: नहीं... आप चिंता ना करो मैंने उन्हें समझा दिया|

मैं: क्या समझा दिया और वो मान कैसे गए?

भौजी: मैंने उन्हें कह दिया की जिस दिन उन्होंने नशे मैं धुत्त होके हाथापाई की थी उसी दिन उन्होंने मेरे साथ वो सब जबरदस्ती किया| (ये कहते हुए भौजी बहुत गंभीर हो गईं जैसे वो मन ही मन अपने आप की इस जूठ के लिए कोस रहीं हों|)

मैं: मैं समझ सकता हूँ आप पे क्या बीत रही है|

बस मेरा इतना कहना था की भौजी टूट गईं और मुझसे लिपट के रोने लगीं| उन्हें अफ़सोस इस बात का था की वो मेरे बच्चे को चाह कर भी मेरा नाम नहीं दे सकती थीं| पर फिर भी मैं जानना चाहता था की आखिर दोनों में बात क्या हुई|

मैं: बस..बस... चुप हो जाओ| आप जानते हो ये मेरा बच्चा है... मैं जानता हूँ ये मेरा बच्चा है, बस हमें दुनिया में ढिंढोरा पीटने की कोई जर्रूरत नहीं है| बस अब आप चुप हो जाओ ... आपको मेरी कसम!

तब जाके भौजी का रोना बंद हुआ.... मैं उनके लिए भोजन लाया और उनके साथ बैठ के ही भोजन किया| उनका मन अब कुछ शांत था पर मेरे मन में जो कल से सवाल उठ रहे थे उनका निवारण जर्रुरी था|


हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator