Tuesday, October 21, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाई बहन का प्यार--3

FUN-MAZA-MASTI

 भाई बहन का प्यार--3
 

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा तो उसको करेंट लगा और ज़ोऱ से चिल्लाई- हाय भैया ! आप क्या कर रहे हो ! प्लीज़ ऐसा मत करो ! मुझे कुछ हो रहा है !

और वो सिसकारी लेने लगी उउउउउउउउउउउउईईईईईईईईईईईईईईईईीमम्म्म्म्म्म्म्ममा भ्हहहहहया प्लीज़ मत क्रऊऊओ !

मैंने भी जीभ चूत में डालकर चूत को ज़ोऱ ज़ोऱ से चोदने लगा और दोनों हाथों से उसकी च़ूंची की घुंडी को अंगूठे और उंगली में लेकर ज़ोऱ ज़ोऱ से मसलने लगा।

निर्मला मेरे हाथों को पकड़ कर बोली- प्लीज़, ज़ोऱ से मत करो ! ज़ोऱ से मत करो !

मैंने उसे पूछा- क्या नहीं करूँ ज़ोऱ से?

तो बोली- भैया, प्लीज़ आप मत करो !

मैंने उसे कहा- क्या नहीं करूँ?

और मैं फ़िर ज़ोऱ ज़ोऱ से करने लगा, वो तड़पने लगी और बोली- भैया प्लीज़ !

वो ज़ोऱ से सिसकारी लेते हुए बोली- भैया, प्लीज़ जल्दी करो ! नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी !

मैंने और स्पीड बढ़ा दी और जोर ज़ोऱ से करने लगा और वो लंबी सांस लेते हुए चिल्लाई- भय ईईईईईममम्म्म्म्म्म्म्म्मी

ईईईईईईए और मेरे मुँह पर झड़ गई।

मैंने उसका पूरा चूत रस पिया और चाट कर साफ किया, थोड़ा सा रस मुँह में रख कर उसके मुँह के पास आया और उसका मुँह खोल कर मैंने उसके मुँह में डाल दिया और बोला- लो डार्लिंग ! तुम भी अपना रस टेस्ट करो और बताओ कैसा है !

वो मुझे घूरते हुए बोली- भैया, आप कितने गंदे हो और बेशरम हो ! अब मुझे जाने दो !

मैंने कहा- मैंने तेरे लिए इतना किया, तुम मेरे लिए कुछ भी नहीं करोगी?

बोली- अब मैं क्या करूँ?

मैंने अपनी अंडरवीयर उतारी और 8 इंच का लंड उसके मुँह के पास ले जाकर बोला- लो इसे भी चूसो ना !

वो बोली- नहीं भैया ! मैं नहीं करूंगी

मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर उसके होठों को छुआने लगा और जैसे ही वो कुछ बोलने लगी मैंने झट से उसका मुँह पकड़ कर लंड अंदर डाला और उसको बोला- प्लीज़ एक बार इसको चूसो !

और मैं निर्मला के बाल को पकड़ कर धक्का मारने लगा और मैं भी खुद आगे पीछे होने लगा। मैंने उसकी मुँह चुदाई चालू कर दी। करीब दस मिनट के बाद मैंने सारा लंडरस उसके मुँह में डाल दिया और उसके पास लेट गया।

करीब पाँच मिनट के बाद उसका एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख मैं खुद उसका हाथ पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और उसकी चूत को मसलने और उंगली से चोदने लगा।

तो उसने कहा- भैया प्लीज़ मुझे जाने दो।

मैंने कहा- निर्मला, असली काम अब चालू होगा !

तो वो बोली- क्या?

हाँ, मैं तुझे अब चोदूँगा !

उसने कहा- नहीं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते !

मैंने कहा- निर्मला ऐसा हर लड़की और लड़का चोदते हैं और चुदवाते हैं जैसे कि तुम्हारी मम्मी पापा से चुदवाती है, तुम्हारी भाभी भैया से चुदवाती है, मेरी पत्नी मेरे से चुदवाती है, फिर तुम क्यों मना कर रही हो !

उसका हाथ मेरे लंड पर रखते ही मेरा लंड टाइट होने लगा था और वो भी गरम हो गई इन सब बातों से, और बोली- भैया मैंने पहले कभी भी नहीं किया है !

(दोस्तो, मैं उसकी शरम मिटाना चाहता था और मैंने कल की तरह उस टॉपिक छेड़ दिया)

मैंने उससे पूछा- कल तो तुमने इतना नाटक नहीं किया, आज अचानक इतना नाटक क्यों ?

वो बोली- भैया,म कल जो हुआ वो एक हादसे की तरह था !

मैंने कहा- ठीक है !

मैंने उससे पूछा- कल तुमने अपनी मम्मी-डैडी की चुदाई देखी या नहीं?

तो बोली- भैया, नहीं !

मैंने कहा- क्यों ?

बोली- मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ !

मैंने उसको कहा- मैंने कब कहा कि तुम ऐसी लड़की हो ! मैं तो तुझे बता रहा था कि तुम सिर्फ एक बार देखो और तुमको सीखने को भी मिलेगा ! खैर कल नहीं देखी तो तुम आज देखना और मुझे बताना कि कैसी है ! ठीक है ? और मैंने चूत में उंगली आगे पीछे करना ज़ाऱी रखा और वो मेरे लंड को हिलाने लगी।

मैं अब उसके ऊपर आया और उसकी टाँगों को थोड़ा अलग किया और उसकी गीली चूत पर लंड को और मुँह पर मुँह को रख कर दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर एक ज़ोऱ का धक्का मारा, उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और लंड एक इन्च अंदर चला गया। मैं दोनों हाथों को नीचे से निकाल कर उसकी दोनों चूची के चूचुक मसलने लगा, साथ में चुम्बन भी कर रहा था। लंड अंदर रखा और धीरे धीरे उसको चोदने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने फिर एक ज़ोऱ का झटका मारा और लंड 3 इंच अंदर घुस गया और वो मेरी पीठ पर मारने लगी क्योंकि उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और उसकी झिल्ली भी फट गई। वो एक दम कुंवारी थी, खून निकलने लगा और वो तड़पने लगी, मेरे बालों को खींचने लगी। मैंने मुँह को हटाया और बोला- क्या हुआ?

वो बोली- भैया ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- निर्मला, मुझे भैया मत कहो और मेरे नाम से ही पुकारो ! ऐसा दर्द पहली बार करने से होता है, तुम घबराओ मत, मैं हूँ ना !

और मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह पर हाथ रखा और एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत पर रख और ज़ोऱ का झटका मारा, इसके साथ ही मेरा लंड 6 इंच उसकी चूत में चला गया।

मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया और चूची मसलने लगा- निर्मला, तेरी चूत तो कमाल की है !

वो बोली- भैया, प्लीज़ आप बाहर निकालो, मुझे बहुत जलन हो रही है और दर्द भी बहुत हो रहा है !

मैंने कहा- क्या निकालूँ रानी ?

भैया, आप इतने गंदे हो, इधर मैं मरी जा ऱही हूँ और आप मज़ाक के मूड में हो !

मैंने कहा- निर्मला, प्लीज़ एक बार कहो कि क्या निकालूँ!

वो बोली- प्लीज़ भैया ! मैं नहीं कहूँगी, आप बाहर निकालो !

मैंने कहा- ठीक है, जब तक तुम नहीं कहोगी, मैं बाहर नहीं निकालूँगा !

और इसके साथ ही उसको धीरे धीरे चोदने लगा और उससे बोला- तुम कितनी अच्छी हो, तुम्हारे बूब्स कितने प्यारे हैं, तुम्हारी चूत का कोई जवाब नहीं !

इतना कहने के बाद मैं उसकी चूची चूसने लगा साथ में धीरे धीरे चोदने लगा। थोड़ी देर के बाद उसको मज़ा आने लगा तो बोली- भैया प्लीज़ आप और अंदर मत डालना ! नहीं तो मैं मर जाऊँगी !

मैंने कहा- क्या अंदर नहीं डालूँ?

और मैंने लंड को बाहर निकाला और एक झटका मारा, मेरा फिर 6 इंच तक अंदर गया। निर्मला सिसकारी लेने लगी- ऊऊऊवीई ईईईईईई ईम्म्म्म्म्म्म् म्म्म्मा आआआआ !मार डाला इस पागल ने ! मैंने कहा था कि अंदर मत डालो ! फिर डाल दिया !

मैंने कहा- क्या डाल दिया?

तो बोली- भैया, मैं सिर्फ एक बार ही कहूँगी !

मैंने कहा- ठीक है, बोलो !

इसके साथ ही मैं उसको धीरे धीरे चोदने लगा और वो भी पूरी गरम हो गई और बोली- भैया, आप भाभी के साथ भी ऐसे ही करते हैं?

मैंने कहा- नहीं !

तो मेरे साथ मे ऐसा क्यों ?

मैंने कहा- मेरी बीवी तो मेरे साथ खुलकर पेश आती है, तुम्हारे जैसे नहीं है, जब मैं चोदने के मूड में नहीं होता हूँ तो मेरे पास आकर बोलती- जी आप मुझे चोदिए ना ! देखो मेरी चूत कितनी तड़प रही है तुम्हारे लंड के लिए !

भैया आप झूठ बोल रहे हैं !

मैंने कहा- तुम एक काम करो, मेरी पत्नी से कभी भी पूछ लेना !

भाभी को शरम नहीं आती?

मैंने कहा- तुमको कल ही बता दिया था- सब तेरी मम्मी ने ही सिखाया है, जब चुदाई करते हैं तो हम लोगों को गंदी भाषा बोलनी चाहिए, इससे प्रेम बढ़ता है और जीवन भर प्यार रहता है आपस में !


अब मैंने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और मैं उसके ऊपर लेट गया।

निर्मला बोली- भैया प्लीज़ बाहर निकालो ! बाहर निकालो !

मैंने कहा- जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुझे ऐसे ही चोदता रहूँगा और रगड़ता रहूंगा !

तो बोली- भैया, मुझे शरम आती है !

मैंने कहा- अपनी आंख बंद करके एक बार कहो- प्लीज़ लंड को बाहर निकालो !

तो बोली- भैया मैं नहीं कह पाऊँगी !

मैंने कहा- एक बार बोल लोगी तो टईक रहेगा, नहीं तो जिंदगी भर नहीं बोल पाओगी ! और कुछ नहीं जल्दी से बोल दो !

तो बोली धीरे से- भैया प्लीज़ लंड को बाहर निकालो !

मैंने कहा- क्या निकालूँ?

तो बोली- लंड को !

मैंने लंड को बाहर निकाला और वापस ज़ोऱ से अंदर डाला और धीरे धीरे से चोदने लगा साथ में चूची को मुँह मे लेकर चूसने लगा।

मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?

तो बोली- प्लीज़ आप मुझे मत पूछो !

मैंने उससे कहा- निर्मला, तुमको आज मैंने एक बहन से पत्नी बना दिया है, तुम्हारी आज प्रमोशन हुई है, तुझे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो मुझे कभी नहीं आया !

मैं ऐसे ही उसे गरम करके चोद रहा था और वो भी मेरा खुल्लम-खुल्ला साथ देने लगी थी।

दोस्तो मुझे इसको चोदने में इतना मज़ा आया कि आपको नहीं बात सकता ! आप समझ लीजिए कि मुझे जन्नत मिल गई थी !

मैं उसकी चूत से धीरे धीरे लंड बाहर निकालता और अंदर चूत में डाल कर चोद रहा था, बीच बीच में ज़ोऱ से शॉट भी लगाता था और वो हर शॉट के साथ वो सिहर उठती और मुझे बोलती -भैया, मुझे कुछ हो रहा है !

मैंने उसकी चूची को रगड़ते हुए पूछा- क्या हो रहा है रानी ?

तो बोली- मैं नहीं बता सकती !

मैं अब उसे ज़ोऱ ज़ोऱ से चोदने लगा और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलते हुए बोला- ले मेरी रानी, मेरा लंड ले ! और ले ! अभी तेरी चूत को भी मज़ा आ रहा है ! तू मुझे नहीं बताएगी तो तेरी चूत बताएगी !

मेरे हर शॉट का जवाब उसकी ओओओओओओओःःःःःःआआआआईईईईईईई ! जल्दी ! प्लीज़ जल्दी करो! ओओओओओओओओओ आआआआआआआआआआ ! में था।

मैं उसे ऐसे ही चोदने लगा और पूरे कमरे में पच पच और उसकी आवाज़ें गूंज रही थी। मैंने निर्मला को करीब़ 10 मिनट और चोदा !

वो कितनी बार झड़ी, मुझे नहीं मालूम ! जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने पूछा- निर्मला, मैं अब झड़ने वाला हूं, कहाँ निकालूं मेरा प्रेम रस? तेरी चूत में या फिर तेरे मुँह में?

वो बोली- भैया चूत में मत डालना ! आप बाहर ही निकाल लो !

मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके मुँह के पास लेकर उसको बोला- रानी मुँह खोलो !

वो ना करने लगी और अपने मुँह पर हाथ रख लिया। मैंने उसका हाथ हटाया और लंड को मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा और कुछ ही देर में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ी और मैंने उसे प्रेम-रस पिला दिया। जब मेरा लंड सिकुड़ गया तो मैंने बाहर निकाला। निर्मला के मुँह से लंड निकालते ही वो बेड पर निढाल हो गई और मैंने बाथरूम ज़ाकऱ शॉवर लिया और बाहर निकल अपने कपड़े पहनने लगा, साथ में निर्मला को आवाज़ लगाई- निर्मला, उठो !

तो वो उठ नहीं पा रही थी, मैंने उसको सहारा दिया और बाथरूम ले गया और उसको मूतने के लिए बोला। वो बैठ कर मूतने लगी और मुझसे बोली- भैया तुम बाहर बैठो !

मैंने कहा- अब मेरे से शरम कैसी ! अब तो हम पति-पत्नी की तरह हैं !









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