Saturday, October 11, 2014

FUN-MAZA-MASTI माँ बेटे की अगन --1

FUN-MAZA-MASTI

 माँ बेटे की अगन --1
 सरला बडी तनाव मे अपने बेटे विजय को फोन लगाके बात करने लगती है।
सरला- हॅलो.....हॅलो विजय बेटा....

विजय- हां हां मां क्या हुआ... मां तु रो क्यू रही है।

सरला- अरे बेटा तेरे बापू को...तेरे बापू को दील का दौर पड गया है रे उन्हे पास के अस्पताल मे भरती कीया है।

तू....तू जल्दी गांव आजा बेटा यहां तेरी बहोत जरूरत है बेटा ।

विजय- हा हा मां मै कल ही सुबह की गाडी पकड कर गांव आ जाऊंगा तू रोना बंद कर । भगवान पे भरोसा रख

बापू को कुछ नही होगा मां। और अपने आप को संभाल मै हू ना मै देख लूंगा वहा आ कर सब कुछ।

सरला- अब तेरा ही सहारा है बेटा जल्दी आ बेटा...

कुछ देर बाद विजय फोन रख देता है । ईधर शहर मे विजय को रातभर ईस खबर से निंद नही आई और गांव मे

सरला का रो रो के बुरा हाल था।

दुसरे दीन सुबह जल्द विजय कानपूर जाने वाली रेल्वे पकड कर दुसरे दीन गांव पहूंचता है।

सरला घर के दरवाजे पेही बेटे को गले लग जाती है । और जोर जोर से रोने लगती है। विजय उसके आंसू पोछता

है।

विजय- अरे मां तू रोना बंद कर मै आ गया हूं ना।

सरला- हाय हाय भगवान.. बेटा डाक्टर ने एक आपरेसन करने बोला है कहा है जल्द आपरेसन करना होगा

तुरंत ५०,००० अस्पताल जमा करने है...

विजय अस्पताल जाकर तुरंत पैसे का बंदोबस्त कर आया को बेटे के आने से सरला को थोडा मानसिक आधार

मिलता है । ऑपरेशन कामयाब रहता है पर कुछ दीन के लिए विजय के पिता को अस्पताल मे रखने को डॉक्टर

कहते है।

ऑपरेशन के कामयाबी और पती के हालात मे सुधार को देख सरला को बडी राहत होती है। सारे गांव मे विजय

की तारीफ होती है की बेटे के वजह से बाप की जान बच गई। ईससे सरला खास तौर पे विजय पे खुष हो जाती

है और होगी भी क्यू ना वो गांव की एक सिधीसाधी औरत थी जिसके लिए उसका सुहाग सबसे बढकर था। वो

घर पे विजय को बडे लाड प्यार करती है उसका गाल चुमती है। उसे विजय भगवान की तरह लगने लगता है।

सरला- हाय बेटा विजय पता नही आज तू न होता तो क्या होता मेरा और तेरे बापू का।

विजय- अरे मां उसमे क्या बात है मैने तो मेरा फर्ज निभाया है।

दोनो मां बेटे की बांते रातभर चलती रहती है।

दो दीन बीत जाते है। सुबह विजय नहाने घर के पिछे पथ्थर पर बैठ कर अपने कसरती शरीर को साबून लगा

लगा के नहाने लगता है नहाने के बाद भीगा खडा हो कर सरला से टावल मांगने लगता है । सरला टावल ले कर

आती है अचानक उसकी नजर सुरज के धूप मे चमकते विजय के कसरती शरीर पर पडती है और वो शरम से

नजर झुकाती है और टावल थमा के निकल जाती है।

गांव मे मनोरंजन का कोई साधन नही था गांव पिछडा था इसलिए दोपहर को विजय बंद कमरे मे अपने

मोबाईल पे गाने सुनता है और बादमे ब्लू-फिल्म देखने लग जाता है विजय का दिमाग जोश से भर जाता है।

दुसरे दीन विजय गाव के पास के शहर जाता है घर के लिए सामान खरीद लाता है साथ ही ना चाहते हुए भी वो

एक चमकीले लाल रंग का नायलोन का नाईट गाऊन सरला के लिए ले आता है।

घर आकर सरला को सामान के साथ वो नाईट गाउन देता है।

सरला- ये क्या लाया बेटा मै इसका क्या करूंगी, मेरी कोई उमर है ये पहनने की। कोई साडी ले आता इससे

अच्छी।

विजय- अरे मां सोते समय तेरी साडी खराब हो जाती होगी ईसलिये लाया हूं।

फिर विजय कमरे मे चला गया, और वो कमरे मे बैठे फीर ब्लू-फिल्म देखने लगा चुदाई के सीन देखते विजय

मदहोश हो रहा था तभी सरला गाऊन पहनकर कमरे मे आ गई

सरला- देख बेटा कैसे लग रही है ये, मुझे तो बडी शरम आ रही है।

और विजय हडबडाके फोन बंद कीया पर सामने जो नजारा था वो देख कर दंग रह गया। गांव की औरते उन्हे ब्रा

पहनने की आदत नही होती सरला की दोनो पपीते जैसी बडी चुंचिया नाईट गाउन मे नंगी थी उसकी मनुके

जितनी बडी घुंडीया चमकते गाउन मे अपनी जगह दीखा रही थी। मोटे मोटे चुत्तड तो नाईट गाउन को चिपके

हूए थे पुरे गोल गोल जरा भी हीलने पर थिरक रहे थे।


 वो कीसी मोडेल की तरह विजय के सामने सिर छुकाए खडी थी विजय घुरे ही जा रहा था। उसे कुछ सुज
ही नही रहा था। वो पागलो की तरह उसे भुके भेडीये के नजर से उसके गोरे बदन को लार टपकाये देख

रहा था ।

सरला- अरे बेटा बताना कैसे लग रही है ये ना..नायटी ।

विजय अपने होश संभालता है ।

विजय- हा ह... वाह मां तू तो कमाल की सुंदर लग रही है। बिल्कूल नई दुल्हन की तरह।

सरला- चल हट बेशरम कुछ भी कहता है । मै नही पहनने वाली ये मुझे बडा अजिब लगता है इसमे ।

विजय- अरे मां मै तेरे लिए ईतने प्यार से लाया हूं और तू ऐसी बात कर रही है ।

सरला- ठीक है बेटा बस तेरे लिए ये रात मे पहनूंगी खूष।

नाईट गाऊन का गला काफ़ी नीचे तक था, और वह सरला के साईज से कम थी इसकारण सरला का साडी मे

छुपा हुआ सुंदर बदन खिल उठा था उसके मादक गोल भरे हुए अंग नाईटी मे ऊभर के आ रहे थे। ये सब नजारा

देख विजय को शहर की रंडीया जिन्हे वो चोदता था वो उसके मां की खुबसुरती के सामने फीकी दीखने लगी ।

सरला तो वहा से जा चुकी थी पर उसके बदन को याद करके उसका लंड झटके मारने लगा। विजय के दीमाग मे

सरला के बारे मे गंदे खयाल आने लगे । रात को विजय अपनी सोई हुई मां को निंद मे अपना बदन मसलते हुए

देख लिया वो बुरी तरह से पसिना हो रही थी ।विजय भांप गया यह उसके मां की अगन है पर सरला बडी ही

संस्कारी पतीव्रता औरत थी इसलिए वो इस अगन को दबाकर रखती थी । अब तो विजय को बुरी तरह से सरला

को चोदने की चाहत होने लगी ।

वो बस मौके की तलाश मे था दो दीन विजय को निंद नही आई । सुबह विजय के काम से फोन आया तो विजय

छुट्टी और बढाई ताकी वो सरला को फांस ने की योजना बना सके । पर उसी दीन अस्पताल से उसके बापू के

हालत सुधरने के बारे मे फोन आया। पर उसे ईस खबर से खास खुषी नही हुई । विजय दोपहर खटीया पे पडे हुए

सोच रहा था तो सरला कमरे मे आ गई और विजय के पास बैठ गई वो विजय पे बडी खुष थी विजय विजय का

सर अपने नरम जांघो पर रख दीया ।

सरला- बेटा बडी सोच मे पडा हुआ है क्या हुआ।

विजय- अरे मां शहर से फोन आया था काम पे बुलाया था।

सरला के चेहरे पर उदासी छा गई।

विजय- अरे मां उदास क्यो होती है मैने छुट्टी बढा दी है।

सरला- सच बेटा... पर तुझे भी तो शहर जाना जरूरी होगा ना ।

विजय- अरे मै मेरी प्यारी मां को थोडीना ऐसे परेशानी मे छोडकर जा सकता हूं ।

सरला- चल बडा आया मुझसे प्यार करने वाला झुटा।

विजय- सच मां तु मुझे बहोत प्यारी लगती है , तुझे भी मै प्यारा लगता हूं ना मां।

विजय ने सरला का हांथ हांथ मे ले लिया।

सरला- अरे तु तो मेरे कलेजे का तुकडा है रे , मै तेरे लिए कुछ भी कर सकती हूं ।

विजय- सच ना मां तो मेरी एक बात मानेगी। मना तो नही करेगी।

सरला- अरे मेरे लाल तू मेरे लिए सबकुछ है तेरी कसम, मै नही मना करूंगी ।

विजय ने उठ के दरवाजा बंद कर दीया और आके खटीया पे सरला के बगल मे बैठ गया

विजय- ठीक है पर मुझे नही लगता तू मुझे वो दे पाएगी

सरला- अरे पर बता तो सही।

विजय- मां मुझे तुम्हे प्यार से चुमना है ।

सरला आगे बढी और विजय अपना गाल आगे बढाया

सरला- इतनी सी बात ले चुमले।

विजय ने अपनी उंगली उसके होंटो पर रखी

विजय- यहां नही यहां ।

सरला- क्या बात कर रहा है बेटा मै तेरी मां हूं हम एसे नही चुम सकते ।

विजय ने उसकी एक नही सुनी और उसका मुंह हाथो मे भरकर उसके होंट चुमने लगा ।

सरला ने जैसे तैसे खुदको उससे अलग कीया और चुप चाप सिर निचे कीये बैठी रही ।

 विजय- चल मां अब मुझे तेरे होंट चुमने है।
सरला नाराजी के आवांज मे बोली

सरला- और अभी जो तुने कीया वो

विजय- अरे मां वो नही वो होंट जो तुने यहां छुपाके रखे है।

और विजय अपना मुंह सरला के जांघो के बिच रगडने लगा। सरला ने जैसे तैसे उसका सिर जांघो से हटाया।

सरला- विजय ये क्या पागलपन लगा रखा है।

तभी विजय ने सरला को पकडने को हाथ लपका तो सरला उससे बचके दरवाजे के पास भागने लगी तो विजय

उसे कसके चबोच लिया और उसकी जांघो के बीच हाथ मलने लगा।

विजय- अरे मां तू समझती क्यो नही मै तुझे बेतहा चाहता हूं

विजय सरला को खटीया पे पटका, और अपनी हाफ पेंट निचे सरकाई उसका ८ ईंच लंबा काला दंडा सांप की तरह

फन निकाले सरला को देख रहा था । सरलाने डरकर अपने हाथोंसे मुंह ढक लिया।

विजय- अरे मां ये क्या तू एसा करेगी तो कैसे चलेगा । कब तक तू एसी सती-सावीत्री बनी रहेगी । कभी तो

तुझे मेरे पास आना ही पडेगा मुझे पता है तू बडी प्यासी है । आ मां पास आ शरमा मत, देख तुने मेरी कसम

ली है वर्ना मै मर जाउंगा।

ये कहते ही सरला ने अपना हांथ विजय के मुंह पर रख दीया

सरला- ना ना बेटा ऐसी बात नही करते, तू ही तो मेरा सहारा है बेटा , पर ये दुष्कर्म मत कर ये पाप है, मै तेरी

मां हूं रे कोई अजनबी औरत नही। मां और बेटा ये नही कर सकते बात को समझ मेरे लाल।

विजय पे हवस का भूत सवार था । विजय उसका हांथ पकड कर अपने लंड पर रख दीया । और मसलने लगा,

विजय सरला को मनाने के लिए झुट बोलना शुरू कीया।

विजय- अरे मां तू कौनसे जमाने मे रह रही है । शहर मे ये सब आम बात है, मेरा दोस्त अजय और उसकी मां

तो रोज रात चुदाई करते है। और तु ईतनी सुंदर है क्यू जवानी बरबाद करती है मजे ले इसके।

ये सब सुनकर सरला को झटकासा लगा और वो चुप हो गई।

विजयने पास मे एक सिंदूर की डीबीया रखि थी उसमे से सिंदूर लिया सरला ने बहोत विरोध कीया पर विजय ने

सरला के मांग मे सिंदूर भर दीया सरला रोने लगी ।

विजय- ले अब तो तू मेरी हो गई है, और आज से मै तेरा सुहाग हूं । अब तुझे मेरी प्यास बुझानी ही होगी ।

सरला सुधबुध खोई रो रही थी। बाल बिखरे हुए थे बालों मे सिंदूर फैला हुआ था।

विजय को सरला की हालत देखी नही गई । विजय सरला को पास ले कर उसके आंसू चाटने लगा

विजय- मां माफ कर दे मुझे , मुझे ऐसा नही करना चाहीये था पर क्या करू शहर मे मुझे औरतो का नशा लग

गया है। मुझे हफ्ते मे कमसे कम एक बार औरत ना मिले तो मै पागल हो जाता हूं। पता नही मैने कीतने पैसे

लुटाये उन रंडीयो पर, देख मां तू रोना बंद कर दे नही तो मै हमेशा हमेशा के लिए तुझसे दूर चला जाऊंगा।

ये सुन कर सरला दहल गई । उसके आंसू थम गये । विजय उठ कर पेंट पहन कर दरवाजे के पास जाने लगा,

तो सरला ऊठ खडी हुई वो बोली।

सरला- रूक जा विजय।

सरला ने खडी हो कर साडी का पल्लू गिरा दीया और साडी की गांठ खोल दी और साडी को निकाल करके बाजू मे

फेंक दीया। और सिर छुकाए खडी रही । विजय को तो यकीन ही नही हो रहा था की उसकी पुराने रीवाजो वाली मां

बेटे से चुदाई को मान गई थी चाहे वो मजबूरी मे ही क्यू ना । सरला की मोटी मोटी गोरी चुचिंयो पर पल्लू नही

था जैसे तैसे वो ब्लाऊज मे कैद थी उनके वजन की वजहसे ब्लाऊज निचे सरका था । उपर से थोडी देर पहली

खिंच-तान मे उसका पेटीकोट सरक के उसके मोट गठीले मांसल चुत्तडो तक निचे आ गया था। उससे आगे से

उसके चुत के झांटे थोडे दीख रहे थे । बदन की ये नुमाईश देख कर विजय का माथा ठनका उसके अंदर का

भेडीया जाग गया था। पर संयम बरते हुए विजय सरला को कहा

विजय- मां तुम पर कोई जबरदस्ती नही है।

सरला- बस तू वो शहर वाली गंदी आदत छोड दे।

विजय ने झटसे सरला को बाँहों में ले लिया और सरला को पागलो के तरह चूमने चाटने लगा ।

विजय- मां तेरी कसम तेरे सिवाय कीसी औरत को देखूंगा तक नही।


हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator