Friday, September 12, 2014

FUN-MAZA-MASTI बाली उमर

FUN-MAZA-MASTI


बाली उमर


 में माता पिता की इकलौती संतान हूँ जब पैदा हुई तो घर वाले बहुत खुश हुए क्योंकि मैं शादी के आठ साल बाद पैदा हुआ था घर वालों की आंख का तारा हूँ बचपन से ही बहुत सुंदर हूँ गोल मटोल चेहरे ऊपर नीली आँखें गोरा रंग और गाल ऐसे लाल जैसे कंधार अनार हूँ देखने वाली पहली नज़र में मैं एक सुंदर पठान समझते हैं
जब भी कोई मेहमान हमारे घर आता तो वह निश्चित रूप से मुझे गोद में उठा क्योंकि मैं बिल्कुल गुड़िया की तरह लगती थी
जब मैं चार साल की हुई तो घर वालों ने मुझे शहर का सबसे अच्छा स्कूल में भर्ती कराया, मैं कक्षा की सबसे हसीन लड़की थी एक तो हुसैन थी और ऊपर से ज़खीन भी, इसलिए क्लास की सब टीचर्स मुझे बहुत पसंद करती थीं
जब मैं तीसरी कक्षा में आई तो मेरे मोहल्ले की एक लड़की मेरे क्लास में प्रवेश किया उसका नाम तना था कुछ ही दिनों में हम सहलयाँ बन गई और खेलने के लिए एक घर आने जाने लगीं, जब भी उनके घर जाती तो और तना छत पर खेला करती थी उनकी छत पर एक पुरानी चारपाई जिसे हम दीवार के साथ खड़ा कर लिया था और हम उस पर एक बड़ी सी चादर डाल कर उसे चारों ओर से बंद कर एक छोटा सा घर बनाया हुआ था इस घर में हम अपनी गुड़िया से खेला करती थी मेरी सहेली का भाई भी कभी कभी हमारे साथ खेला करता था वह तना तीन चार साल बड़ा था,
एक दिन अपनी एक किताब वहाँ वर्ग मैं भूल आई थी मैं गेट पर खड़ी पापा का इंतज़ार कर रही थी वह मुझे लेने अभी तक नहीं पहुंचे थे स्कूल के अधिक बच्चे जा चुके थे
अचानक मुझे अपनी किताब याद आई में तुरंत अपनी कक्षा में गई और अपनी किताब उठाकर क्लास से बाहर निकली तो मेरी नज़र सामने दसवीं कक्षा की खिड़की से पड़ी तो वहाँ एक लड़का और एक लड़की एक दूसरे से चुंबन कर रहे थे मुझे बहुत अजीब लगा लेकिन वहाँ रुकी नहीं और सीधे गेट पर आ गई मेरे पापा इतनी देर में आ चुके थे मैं उनके साथ घर चली आई लेकिन यह घटना जैसे मेरे मन पर अंकित होकर रह गया था जब भी किसी फिल्म में चुंबन सीन देखती तो मेरी फ़ेलनगज़ feelings अजीब सी हो जाती हैं लेकिन समझने में असमर्थ था क्योंकि बचपन के दिन थे सेक्स के क ख भी नहीं जानती थी ऐसे ही तीन चार साल बीत गए लेकिन हमारी एक दूसरे के घर जाकर खेलने वाली आदत नहीं बदली - एक दिन हमने अपनी गुड़िया की शादी की, हम जब भी नई गुड़िया ख़रीदतें तो उनकी आपस में शादी जरूर करती थीं शादी वाले दिन हम केक, पेस्ट्री आदि तना भाई से मंगवाया था तरह वह भी शादी में शरीक हो जाता था
उसकी उम्र लगभग पंद्रह साल हो चुकी थी और मैं भी उस समय बारह साल की हो चुकी थी एक दिन हम गुड़िया की शादी की तो तना भाई ने कहा कि गुड़िया की शादी तो बहुत बार हो चुकी है अब अगली बार हम एक दूसरे शादी करेंगे और आपस में खेलेंगे
बचपन के दिन थे इतना समझ नहीं थी और न ही शादी मूल वास्तविकता से परिचित थीं इसलिए हम मान गईं
तना भाई ने कहा कि संडे हम शादी शादी खेलेंगे -
संडे वाले दिन तना के घर गई तो तना और उसके भाई सुनी मुझे लेकर छत पर चला गया छत पर हम अपने विशिष्ट कमरे में चले गए हम चारपाई से बनाया गया था सनी ने मुझसे कहा कि आज मैं और तुम शादी करेंगे आज तुम तना की भाभी बनो होगी और तना आज के बाद तुम्हारी सेवा क्या करेगी - बचपन की बातें आज याद आती है तो खुद पर हंसी आती है कि बचपन भी बस बचपन होता है लेकिन बचपन की उस घटना ने मेरी जिंदगी बदल कर रख दी थी और पहली बार सेक्स के मज़े से परिचित हुआ था कि बहुत दर्दनाक और बुरा एक्सपीरियेन्स experience था -
हाँ तो बात हो रही थी बचपन की उस घटना तो कहानी की ओर आती हूँ - सनी ने मुझसे पूछा कि तुम मुझसे शादी करोगी तो मैं तना की ओर देखा तो सनी ने कहा कि बहन भाई के बीच शादी नहीं होती इसलिए तुम्हें ही मुझसे शादी करनी पड़ेगी, मैंने कहा ठीक है कि आप मुझसे ही शादी कर लो -
जब हम गुड़िया और गुड्डे शादी करते थे तो गुड्डे से गुड़िया के गले में एक हार पहना दिया करती थीं और केक और पेस्ट्री खाकर गुड़िया और गुड्डे की छुट्टी कर देती थीं - अगर मेरा गडा होता तो मैं उसे गुड़िया साथ ले आती और अगर मेरी गुड़िया होती वहाँ छोड़ आती -
सनी के पास एक हार था उसने मेरे गले में पहना दिया और कहा कि अब तुम मेरी दुल्हन हो, मैंने कहा कि आप मेरे दूल्हे हो - तो हम मिलकर मिठाई खाई जो सुनी हमारी शादी के लिए विशेष लाया था सनी ने अपनी बहन तना कहा कि जब दुल्हन तई तई घर आती है तो वह काम नहीं करती इसलिए अब घर के काम आप कर रहे हैं बाद में घर के काम आप यह भाभी ही क्या करेगी उसने मेरी तरफ़ हाथ करते हुए कहा -
तना अब तुम हमारे लिए चाय बनाकर लाओ सनी ने कहा और तना चाय बनाते चली गई
तना जैसे ही नीचे गई तो सनी ने कहा दूल्हे और दुल्हन साथ सोते हैं इसलिए आप मेरे साथ ही लेटा करोगी अब मैं भी मामा पापा के साथ कुछ फिल्मों में देखा था कि दूल्हा और दुल्हन अलग कमरे में इकट्ठे रहते हैं लेकिन मुझे यह पता नहीं था कि वे अलग क्यों सोते हैं,
सनी ने कहा कि लेट जाओ नीचे चटाई पर लेट गई और सुन्नी भी मेरे साथ ही लेट गया
उसने मेरी तरफ़ मुंह करके अपनी टाँगें मेरी टांगों पर हाथ मेरे सीने पर रख दिया तब मेरे सीने पर बहुत मामूली उभार थे और अभी बिल्कुल ही छोटी नपल्स थीं यानी कि मेरे मम्मे (छातियाँ) निकलने की शुरुआत थी
में कुछ ख़ुशनसीब लड़कियों में से एक हूँ जिनके नपल्स का रंग गुलाबी है
इन दिनों मैं तो किसी बात का भी पता नहीं था जबकि सुनी नया नया जवान हो रहा था उसने लड़के से सेक्स से संबंधित बातें सुनी थीं कि औरत और मर्द का संबंध किस प्रकार का होता है और वे क्या करते हैं, लेकिन यह सब सुनी सुनाई बातें थीं उसे भी पूरी जानकारी नहीं थी जिसका आप आगे जाकर अनुमान हो जाएगा सुनी मेरे सीने पर धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया सुनी मेरे नए निकलते हुए बूब्स को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया मेरी इस समय अजीब सी फ़ेलनगज़ feelings हो रही थी मुझे अनजाना सा एहसास हो रहा था जो मुझे समझ नहीं आ रहा था और मेरे शरीर में विवशता सी होने लगी थी
अब सनी ने अपना हाथ मेरे सीने से नीचे मेरे पेट पर फेरना शुरू कर दिया मैं अनजाने सी खुशी महसूस करने लगी थी उसका हाथ मेरे पेट से उठता हुआ नीचे मेरी पेशाब वाली जगह जाने लगा लेकिन इससे पहले ही उसका हाथ मेरी जांघों की ओर चला गया और सुनी मेरी नरम और नाजुक थाईवं thigh को सहलाने लगा उन पर बड़ी ाखसतगी और नरमी से हाथ फेरने लगा मेरे कुंवारी शरीर में अजीब खुशी भरा खमार छा रहा था जो मुझे इस समय बिल्कुल भी समझ नहीं थी लेकिन मीठा मीठा एहसास मेरी रगों में जरूर उतर रहा था, उसकी उंगलियों के सभी स्ट्रोक मेरे शरीर में करंट पैदा कर रही थी और फ़ेलनगज़ मुझे मज़ा दे रही थी इसलिए मैं सुनी रोक नहीं पा रही थी मुझे इतना तो पता था कि यह ठीक नहीं है लेकिन इतना गलत होगा इसका मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था
अब सनी ने मेरे चेहरे को चूमना शुरू कर दिया था उसके होठों के स्पर्श मुझे मजे की अनोखी दुनिया से अवगत कराया जिस तरह आजकल लोग होठों में होंठ डाल कर किस करते हैं इन दिनों ऐसी आदतें लोगों में बहुत कम थीं आजकल तो सेक्स की शुरुआत ही होठों से चुंबन से होती है
हाँ तो मैं बता रही थी कि सनी ने मुझसे चुंबन शुरू कर दी थी जो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेरी सांसों की गति में तेजी आ रही थी और सुनी एक हाथ में मेरी फदी पर चला गया था और वह पर उंगलियां फेरने लगा उसके हाथ मेरी फदी पर लगना ही था कि मेरे शरीर को खुशी भरा झटका लगा और मजे की हद गहराई में डूब गया और मेरे मुंह से स्वतः आह. . . ओह. . . ऑफ. . . आह. . . जैसे सिसकारियां निकलने लगीं
इससे पहले कि सुन्नी मेरे साथ कुछ करता सुनी बहन चाय बना कर ले आई उसकी सैंडलों आवाज सीड़ियों से सनी ने सुन ली थी इसलिए तुरंत वह सीधा हो गया और मुझे कहा कि तना कुछ नहीं बताना -
तना तीन कप चाय बना कर लाई थी उसने एक कप सुनी दिया और एक कप मेरी तरफ बढ़ाया, उसकी नज़र मेरे चेहरे पर पड़ी तो उसने मुझसे पूछा कि
क्या बात है तुम्हारा चेहरा इतना लाल क्यों हो रहा है?
इस समय मेरे दिल की धड़कनें बहुत तेज थी और मेरा शरीर हौले हौले कांप रहा था लेकिन तना महसूस नहीं किया था,
मैं चुप रही, मैंने कोई जवाब नहीं दिया, मुझे चुप पाकर सनी ने अपनी बहन से कहा कि उसे अचानक बुखार हो गया है और बुखार की वजह से उसका चेहरा भी लाल हो गया है - आज सोचती हूँ तो हंसी आती है कि यह कोई उचित बहाना नहीं था अगर तना जगह उसकी माँ या मेरी माँ होती तो शायद मामला भांप जाती लेकिन तना भी मेरी तरह बारह साल की थी उसे भी इन दिनों ऐसी बातों का पता नहीं था इसलिए उसने परेशानी से कहा कि जल्दी से डॉक्टर के पास जाना - सनी ने कहा कि अब उसे चाय तो पी लेने दो - आज ही मेरी शादी हुई है और तुम मेरी दुल्हन भगा रही हो - तना कहा दूल्हे जी पहले दुल्हन की दवाई तो लाओ - मैंने कहा कि मैं पापा के साथ चली जाऊँगी मुझे घर जाना है तना कहा कि पहले चाय तो पी लो, मैं चाय पीने के बाद अपने घर आ गई -
उस दिन पहली बार मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ था और मुझे बहुत अच्छा लगा था मैं घर में किसी को नहीं बताया और न ही अपनी किसी सहेली को तना भी नहीं, दिल के किसी कोने में यह निश्चित था कि यह गलत काम है इसलिए किसी को नहीं बताना चाहिए और न ही किसी को बताया था,

इतना कुछ हो जाने के बाद भी मैं अभी पुरुष और महिला के बीच संबंधों पर नज़र नहीं मिल सकी थी पहले केवल तना खेलने के लिए जाती थी लेकिन उस दिन के बाद मेरे दिल में यह इच्छा भी होती थी कि सुन्नी मेरे कुंवारी शरीर पर अपना हाथ फेरा और मुझे चूमे, मेरी याददाश्त में चार साल पहले वह घटना भी रोटेशन करने लगा था जब मैंने दसवीं कक्षा के लड़के और लड़की को किस kiss करते देखा था
सामान्य अनुसार तना घर खेलने जाता सुनी कभी घर होता था तो कभी दोस्तों के साथ खेलने गया होता था, तना के होते हुए फिर ऐसा कोई मौका नहीं आया कि सुन्नी खुलकर वैसी हरकत करता है, लेकिन मौका स्थान देखकर वह कभी मुझे उंगली कर देता था तो कभी मेरे सीने पर चुटकी भर लेता, ऐसे ही एक महीना बीत गया, एक महीने में ही मेरी छातियाँ जो न के बराबर थी अब स्पष्ट होना शुरू हो गई थी जबकि तना की वैसी की वैसी थीं -
इस समय सातवें कक्षा में थी और सनी ने दसवीं के बाद अब कॉलेज में दाखिला लिया ही था और उसके दोस्तों में एक लड़का बुरी सोहबत का शिकार था जिसने सुन्नी को पुरुष और महिला के संबंधों के बारे में बहुत सी बातें बताई थीं जो क्योंकि वे मेरे साथ यह सब कर रहा था (यह सब कुछ सनी ने मुझे बाद में बताया) -
ऐसे ही एक दिन में तना के घर गई तो घर में सनी के सिवा कोई नहीं था - सुनी मेरे पूछने पर बताया कि तना मामा के साथ बाजार गया है और उन्हें आने में काफी समय लगेगा, चाहिए तो यह था कि मैं वापस चली जाती लेकिन मन के किसी कोने में उस दिन का मज़ा था जो मुझे जाने न दिया, सनी मुझे कहने लगा कि आओ इतनी देर हम दूल्हा दुल्हन खेलते हैं वह मुझे लेकर कमरे में चला गया
कमरे में ले जाकर सनी ने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा और खुद मेरे साथ बैठ गया, उसने मुझसे पूछा कि "उस दिन वाली बात किसी को बताई तो नहीं?"
न में सिर हिलाया तो सनी ने कहा - "इस दिन अच्छा था"?
मैं असबात में सिर हिलाया तो सनी ने कहा "आज फिर कर रहे हैं",
मैं चुप रही तो सनी ने मुझे वहाँ ही बेड पर लिटा लिया और खुद भी साथ लेट कर मुझे सीने से चिमटा लिया यानी कि मुझे झप्पी डाल ली, मेरे सीने के छोटे उभार उसके सीने से लगे हुए थे थोड़ी देर तो वह ऐसे ही रहा तो उसने मेरी कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, उसके हाथों के स्पर्श मेरे अंदर अजीब सी विवशता भर दी थी, इस दौरान उसका लिन तनाव की स्थिति में आ गया था और मुझे अपनी टांगों पर दृढ़ता महसूस हो रही थी और मुझे गुदगुदी का अहसास हो रहा था - फिर उसने मेरे चेहरे को चूमना शुरू कर दिया उसके होंठों के स्पर्श मेरे शरीर में आग लगा दी थी और मेरे कुंवारी शरीर विवशता की लहरें डोरने लगीं थीं उस समय बारह साल की थी और मेरी मासिक भी अभी शुरू नहीं हुआ था और मुझे सेक्स की भी कोई शदबद नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मुझे बहुत मज़ा आ रहा था -
सनी ने अब की बार मेरा शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी एकाध निकली छोटी छातियों को एक हाथ से सहलाना शुरू कर दिया जिससे मुझे और भी मज़ा आने लगा था और मेरी सांसें स्वतः बहुत तेज हो गई थीं उसे दोस्तों ने बताया कि महिला संभोग करने से पहले उसे गर्म करते हैं और गर्म करने का जो तरीका यह बताया गया था कि यह चूमते हैं उसकी छातियाँ सहलाते हैं उसके शरीर पर हाथ फेरते हैं वह उन पर अमल कर रहा था और वह मेरे साथ ऐसा ही कर रहा था मुझे चुदाई का तो पता नहीं था क्या गर्म होना था क्योंकि मैं पहले से ही एक तरह गरम थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था वैसे भी जिन लड़कियों को सेक्स के बारे में जानकारी होती है लेकिन अब सेक्स नहीं होता तो वह हाथ लगाने से ही गरम हो जाती हैं अब बारह साल की एक छोटी बच्ची थी और मुझे इतना मजा आ रहा था तो एक जवान कुंवारी लड़की का क्या हाल होता होगा वह तो मजे से मरने वाली हो जाती होगी थोड़ी देर उसने मेरी छाती मसलना जारी रखा तो उसने मेरी शर्ट उतारने की कोशिश की, न उतारने दी तो वे मुझे नग्न करना चाहिए रहा था और यह बहुत गलत काम था पर मैंने उसे रोका था लेकिन दिन कहाँ रुकने वाला था उसने पहले अपनी शर्ट उतार दी और फिर बहुत आग्रह के बाद मेरी शर्ट भी उतर गई मैंने सुना की जिद के आगे हार मान ली थी सुनी मेरे छोटे बूब्स पर अपने होंठ रख दिए उसके होंठों के मेरे बूब्स पर स्पर्श ने मुझे एक नई दुनिया से परिचित करा दिया था और वह दुनिया मजे की दुनिया थी, जिसमें से केवल बारह साल की उम्र में ही परिचित हो गया था और जब उसने मेरी पिंक छाती को अपने होंठों में लिया तो बेइख्तियार मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई आह. . . ऑफ. . . . आं. . . आह. . . आह :::: आह. . . . जैसी आवाजें मेरे मुँह से निकलने लगी जैसे वह मेरी छातियों को मुँह में लेकर चूस रहा था बहुत मजे में थी सुनी मेरी एकाध खुली जवानी से खेल रहा था
सुन्नी मेरी एकाध खुली जवानी से खेल रहा था लेकिन मुझे यह एहसास नहीं था कि औरत की इज़्ज़त उसकी इज़्ज़त होती है और नादानसतगी में सम्मान लटवा रही थी - आज के दौर में जब लड़के और लड़की सेक्स के बारे में जागरूकता कम उम्र में ही हो जाती है तो ऐसे में माता पिता का कर्तव्य है कि बच्चों को अच्छे बुरे का एहसास छोटी उम्र में ही दिलाना शुरू, दस बारह साल की उम्र में बच्चों को ऐसे मामलों से संबंधित अच्छे बुरे कामों का पता होनाचाहएाोर यह ट्रैकिंग माता पिता द्वारा ही होनी चाहिए क्योंकि हमारे यहां सेक्स शिक्षा जागरूकता से संबंधित कोई साधन नहीं है ऐसे में बच्चों के भटकने का अंदेशा रहता है -
मैं सनी के घर के एक कमरे में उसके साथ यौन क्रिया में व्यस्त थी और वह मेरे कुंवारी शरीर का आनंद रहा था - सुनी शर्ट के बिना था में शर्ट के बिना हम दोनों ऊपरी शरीर नंगा था सुनी मेरे ऊपर था और मेरे शरीर पर चुंबन कर रहा था और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था - फिर सनी ने पहले पेंट उतारी उसने अंडर क्लाइंट नहीं पहना हुआ था उसका लिन शायद तब चार इंच से थोड़ा बड़ा था पूरा तनाव की स्थिति में बिल्कुल सीधा खड़ा था उसने मेरी सलवार को हाथ डाला और एक ही झटके से मेरी सलवार उतार दी उस समय मजे में थी और मैं नंगा होने पर बहुत शर्म महसूस नहीं की क्योंकि मैं इस समय एक नई दुनिया की खोज में सुन्नी का साथ दे रही थी - सुनी मुझे भी नंगा कर दिया था आप कल्पना करें कि एक बारह वर्षीय लड़की जो छोटे मम्मे हूँ और जो फदी बालों से मुक्त हो और फदी के लिप्स आपस में मजबूती से जुड़े हों मतलब बहुत टाइट फदी हो और ऐसी लड़की के सामने नंगे लेटी हो और अपने पहुँच में हो तो आप कितना मज़ा आएगा? सनी भी तब उतने ही मजे में था वह मेरे ऊपर लेटा हुआ था और मेरी गुलाबी छोटी नपल्स मुंह में लेकर सुक suck कर रहा था और मेरे शरीर में खुशी की अनोखी लहरें घूम रही थीं -
आमतौर पर पहली बार सेक्स करने वाले इतना लंबा तुरपले foreplay नहीं लेकिन सनी ने तुरपले foreplay में काफी समय लगा दिया था और फिर उसने अपने जीवन में पहली बार लिन फदी में करने की कोशिश शुरू, उसने अपना चार्जर मतलब कि अपना लिन मेरे फदी के तंग छेद पर रखा और एक झटका मारा लेकिन लिन मेरी फदी में प्रवेश न हुआ और मेरे पट्टों में स्लिप कर गया सुनी अंदाज़ा नहीं था कि लिन फदी में गया है या बाहर, इसलिए उसने ऊपर नीचे होना शुरू दिया आकर्षित वह अंदर बाहर कर रहा था लेकिन उसका *** मेरी फदी ऊपर ऊपर ही हरकत कर रहा था थोड़ी देर ऊपर नीचे हरकत की तो उसे एहसास हुआ कि लिन अंदर नहीं गया तो उसने मुझसे पूछा कि क्या फदी के अंदर जा रहा है तो न में सिर हिलाया तो सुनी फिर से लिन मेरी फदी छेद पर रखा और फिर एक झटका मारा लेकिन इसका *** इस बार फिर मेरी फदी ऊपर से स्लिप कर गया और अंदर नहीं गया इस बार ऊपर स्लिप हुआ था इसलिए सुनी को पता चल गया कि अंदर नहीं गया जिस तरह वह अंदर की कोशिश कर रहा था शैली में अंदर जाना काफी मुश्किल होता है और अनुभवी आदमी ही ऐसे अंदर कर सकता है, बिल्कुल सीधी लेटी हुई थी और मेरी टाँगें भी बिल्कुल सीधी थीं उसका ऊपरी शरीर मेरे ऊपर था और पैर मेरे पैर के दाहिने बाएं थीं और वह मेरे ऊपर लेट कर अन्दर करने की कोशिश कर रहा था
संभोग के मामले में सुन्नी बिल्कुल अनाड़ी था - दो बार उसने अन्दर करने की कोशिश की थी और असफल रहा था, उसे इन दिनों पैर उठाकर या साइडों में कर जो फदी का छेद ठीक हो जाता है और अंदर की आसानी रहती है जैसे आसान शैली का पता नहीं था और वैसे भी जंसीात में सुनी सुनाई बातों और प्रैक्टिकल में बहुत अंतर होता है - सुनी बहुत कुछ सुना था लेकिन प्रैक्टिकल में असफल हो रहा था, तीसरी बार कोशिश में नाकाम रहने पर उसने मुझे उल्टा लिटा दिया, अब मैं पेट के बल उल्टी लेटी हुई थी और सुनी पीछे से मेरे ऊपर सवार हो गया और लिन मेरे नरम और नाजुक चूतड़ों के बीच अपनी तरफ से मेरी फदी छेद पर रख कर अन्दर करने लगा और फिर फिर से ऊपर नीचे होने लगा लेकिन वही ढाक के तीन पात, सनी फिर विफल रहा था शायद उसे एहसास हो गया था कि इससे अंदर नहीं होना इसलिए उसने अब जोर जोर से अपने लिन मेरे चूतड़ों में आगे पीछे करना शुरू कर दिया था, वह बहुत उत्साह से कर रहा था कि अचानक मेरे मुंह से एक जोरदार चीख के साथ निकला
"माता जी"!
इसका लिन गलती से मेरी गाण्ड में प्रवेश मार चुका था और मुझे ऐसा लगा था जैसे मेरी गाण्ड में दहकता अनगारह चला गया हो या फिर किसी ने मेरी गाण्ड में लाल मिर्च डाल दी हों, एकबारगी मेरे शरीर में दर्द और परेशानी का एक रेला उमड़ आया था की प्रतिक्रिया में मेरे मुंह से जोरदार चीख के साथ माता जी निकला था, दर्द और पीड़ा के गंभीर भावना से रोना शुरू कर दिया, लिन जो तेजी से अंदर गया था उतनी ही तेजी से बाहर आ गया था क्योंकि सनी बहुत उत्साह और तेजी से ऊपर नीचे हो रहा था मेरी चीख के साथ ही सुनी भी रुक गया और सीधी हो गई और मैं रोना शुरू कर दिया था सुनी मुझे रोता देखकर डर गया और मुझे चुप कराने की कोशिश करने लगा - मैं दर्द जो इक करारा झटका लगा था धीरे धीरे उसकी तीव्रता में कमी आने लगी थी और लगभग पांच दस मिनट रोने के बाद शांत हो गई और सनी ने मुझे मेरी सलवार कमीज पकड़ाई जिसे पहन कर वापस अपने घर आ गई -
जैसे कि मैं आपको बता चुकी हूँ कि मेरे जीवन का यह पहला अनुभव बहुत दर्दनाक साबित हुआ था और अनुभव पिछले सारा मज़ा भुला दिया था और पिछले अनुभव था
उसने मुझे फिर ऐसे किसी काम में शामिल होने से रोके रखा और शादी तक मैंने ऐसा कुछ नहीं किया -
इस घटना के बाद कुछ महीने बाद ही वयस्क हो गई थी और मासिक प्रारम्भ हो गई थी और मेरी छातियाँ भी स्वस्थ व ऊर्जा हो गई थी जबकि तना मुझसे दो साल बाद जवान हुई थी और उसकी छातियाँ भी मुझसे बहुत छोटी रह गईं थीं -
उसके बाद कुछ समय के लिए तना के घर गई और तना मेरे घर आने लगी और फिर मैं भी उसके घर जाना शुरू कर दिया - अब मैं जवान हो चुकी थी और मुझे इन बातों का पता चल गया था और आप के लिए सम्मान बच जाने पर बहुत धन्यवाद किया था -
मेरे पापा और मामा के यहाँ मेरा कोई जोड़ नहीं था, सनी ने तना से मुझसे शादी की इच्छा जताई थी तना ने मुझसे पूछा तो मैंने भी आपत्ति नहीं और फिर तना के मामा पापा ने मेरे मामा पापा से मेरा रिश्ता मांगा और फिर बीस साल की उम्र में मेरे सुनी शादी हो गई और सुहाग रात सनी ने पहली बार अपना लिन जड़ तक मेरी फदी में घुसा दिया था और इस बार मेरे रोने की परवाह नहीं की और अपना काम जारी रखा - अब मैं कभी कभी मजाक करती हैं कि बचपन में तुम कितने शरीफ़ थे -
पाठकों! आप अखबारों में पढ़ा होगा कि पांच वर्षीय बच्ची से बलात्कार, कभी दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार और कभी बारह वर्षीय बच्चे बलात्कार,
यह कई कारणों लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण माता पिता जो अपने बच्चों पर ठीक से ध्यान नहीं देते, घर से यह बता कर जाती थी कि तना घर जा रही हूँ लेकिन कभी भी मेरे मामा पापा ने यह जानने की कोशिश नहीं कि वहाँ क्या करती हूँ और साथ में कौन खेलता है? अब बच्चे के भाग्य जो घर में जा रहा / रही है इस घर में कोई यौन कट्टर तो नहीं रहता, अगर रहता हुआ तो यहां से बच दुर्भाग्य शुरू होता है और फिर सारा जीवन यह दुर्भाग्यपूर्ण उसके साथ रहती है, वह मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव से नहीं निकल सकता और जीवन की दौड़ में काफी पीछे रह जाता है, आमतौर पर ऐसे बच्चे जिनके साथ बचपन में यौन शोषण हो चुका हो, उनमें से ज्यादातर बड़े होकर नैतिक गिरावट का शिकार हो जाते और ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं - ऐसे लोगों से अपने बच्चों को बचाकर रखना चाहिए - मैं इस कहानी के माध्यम लोगों को यह संदेश देना चाहती हैं कि अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे का यौन शोषण न हो तो अपने बच्चों को दूसरों के घरों में जाकर खेलने की अनुमति और बच्चों पर नजर रखें कि दोस्ती कैसे लोगों से है -
मेरा यौन शोषण हुआ लेकिन एक अनाड़ी के हाथों, जिसे अभी यौन मामलों की इतनी समझ नहीं थी और मेरा सौभाग्य है कि मैं अब उसकी सच में दुल्हन हूँ और हर कोई मेरी तरह भाग्यशाली नहीं है -

समाप्त


हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator