Sunday, September 7, 2014

FUN-MAZA-MASTI चुदक्कड़ घोड़ियाँ -3

FUN-MAZA-MASTI

 चुदक्कड़ घोड़ियाँ -3

 “ओ री सुधिया..........ज़रा दोनों हाथों से गांड फेला ले अब.........उन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्नन्न” नंदू लंड को हाथ में लेकर बोला.
“बिलकुल हीरा पे गया है कुत्ता ..... वो भी ऐसे ही कहता है “ओ री सुधिया”..........और मैं समझ जाती हूँ कि मैं चुदने वाली हूँ.........ले घुसा” मम्मी ने एक हाथ से अपनी गांड खोलने की कोशिश की.
“काकी दोनों हाथों से फेलाओ अपने चूतड़........तब मज़ा आएगा” नंदू मम्मी के नंगे चूतड़ पे थपकी मारकर बोला.
“दोनों हाथों से कैसे फेलाऊँ???.....मैं कुर्सी पे हूँ ........अपनी छाती कहाँ टिकाऊँ?? अगर तू चाहता है कि मैं अपने दोनों हाथों से अपनी गदराई गांड फेला कर तेरे सामने परोसूं तो अपनी इस घोड़ी को उठा के बिस्तर पर ले चल ताकी मैं आगे झुक कर अपनी गर्दन बिस्तर पे टिका लूं. यहाँ कुर्सी पे तो बड़ी दिक्क़त होगी. और जब तू गांड मारेगा तो मुझे सहारा तो चाहिए ना!! यहाँ तो सहारे के लिए कुर्सी ही पकडनी पड़ेगी ....... और अगर कुर्सी पकडूगी तो गांड कैसे फेलाउंगी??” मम्मी जब दोनों हाथों से चूतड़ फेलाने की कोशिश करने लगीं तो घोड़ी बनी रहने की कोशिश में अपने दोनों घुटनों पे बैलेंस करने लगीं. इतने में ही नंदू ने उनकी खुली गांड में अपने मोटे लंड से ज़ोरदार शॉट मारा. मक्खन लगा लंड का सुपाड़ा दनदनाता हुआ मम्मी की गांड में दाख़िल हो गया. पर इससे मम्मी का बैलेंस बिगड़ा और संभलने के लिए मम्मी ने हाथों से अपने चूतड़ छोड़ झट से कुर्सी पकड़ ली. अगर मम्मी को पहले से हाथों का सहारा होता तो नंदू का लंड काफ़ी अंदर तक उनकी गांड में घुस जाता क्यूंकि नंदू गांड मारने के लिए बैचैन था और इसलिए इतना तगड़ा धक्का अपनी काकी की नंगी गांड में दे मारा था. पर फिर भी नंदू का सुपाड़ा मम्मी की गांड में जाकर फ़स गया था और मम्मी अपनी गांड से नंदू के लंड पे अटकी हुई थीं.
गांड लंड की मुंडी अपने मुंह में दबाये फूल पिचक रही थी और मम्मी पीछे मुड़ कर नंदू की तरफ़ देखती हुई अपने होंठ गोल करके “उन्न्ह्हह्ह ...उन्न्न्हह्ह्ह” कर रहीं थीं. पर दृश्य बड़ा मादक था. मुझे पहली बार लगा कि काश मम्मी की जगह मैं उस कुर्सी पे होती और ठीक इसी तरह मेरी गांड में उस मोटे लंड की नथुनी फंसी होती. हालाँकि तब तक मेरी खुद की गांड कभी नहीं चुदी थी पर मम्मी के चेहरे को देख कर और उनकी मादक सिसकी सुन कर ऐसा लगा जैसे उनकी गांड में फंसी उस मोटे लंड की नोक उनकी गांड में मीठी गुदगुदी पैदा कर रही थी. अनायास ही मेरा हाथ सलवार के ऊपर से मेरी गुदा को कुरेदने लगा. ये पहली बार था जब मेरे दिल में अपने आप ही ये ख्याल आया कि काश मेरा चोदू हीरा काका भी इसी तरह अपने उस मोटे चूहे को मेरी गांड में घुसेड़ दे. उफ्फ्फ्फ़.....कितना गुदगुदाता होगा ना लंड गांड में घुस कर. मैं आज तीसरी बार हीरा काका से अपनी चूत चुदवा के आई थी. पर मुन्ना काका तो अभी अभी कह रहे थे कि हीरा काका गांड नहीं चोदते. मैं सोच में पड़ गयी कि जिस गांड को चोदने और चाटने के लिए ये तीनों सांड मरे जा रहे हैं हीरा काका तो उसे हाथ भी नहीं लगाते. आज ही उन्होंने खेत पर मुझे एक प्लास्टिक की उलटी बाल्टी पर बिलकुल नंगी करके घोड़ी बना कर पुरे घंटे भर चोदा था पर काका ने मेरी गांड और गुदा को छुआ तक नहीं जबकि लड़की को पीछे से घोड़ी बना के चोदने से उसकी गुदा हमेशा मर्द के सामने होती है. हीरा काका चाहते तो मेरी गुदा को कम से कम ऊँगली से तो छेड़ ही सकते थे. मैं देख ही रही थी कि कैसे मुन्ना काका अभी भी गीता दीदी को चोदते हुए उनकी भूरी लचीली गुदा पे मक्खन मल रहे थे. मुन्ना काका के चेहरे पर ऐसे भाव थे जैसे कोई नायाब चीज़ उनके हाथों में हो. और सच में लड़की की गांड का छेद बेहद नायाब होता है. अगर लड़की पूरी नंगी भी खड़ी हो जाये तो भी उसकी गुदा उनके चूतडों में दुपकी रहती है. लड़की को थोड़ा झुका कर और उसके चूतडों के पट खोल कर ही आप लड़की की मलाईदार गुदा को देख सकतें हैं. तो हीरा काका ने मेरी गुदा को हाथ क्यूँ नहीं लगाया?? और यहाँ हॉल में दो मदमस्त नंगी घोड़ियों को अपनी गांड चुद्वाते देख कर मेरा मन भी गांड मरवाने का करने लगा. पर मुझे हीरा काका से कोई उम्मीद नहीं लग रही थी. जब उन्होंने रम्भा, सज्जो और मम्मी जैसी इतनी गदराई और गरम औरतों की गांड नहीं मारी तो वो मेरी क्या मारेंगे. मुझे लग रहा था कि आने वाले वक़्त में नंदू, भोंदू या फिर मुन्ना काका में से कोई एक मेरी गांड चटकाएगा.....मेरी मटकी फोड़ेगा. मैं ये सोच के रोमांचित हो रही थी कि तभी एक तेज़ थप्पड़ की आवाज़ ने मुझे चौका दिया.
“चटाक”
ये थप्पड़ नंदू ने मम्मी की गांड पे जड़ा था. मम्मी की गांड एकदम से थिरक गयी पर नंदू के लंड की नथुनी अभी भी उनकी गांड में फंसी थी.
“सुधिया काका फेलाओ ना अपने चूतड़........ “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”....” नंदू मम्मी की गांड में लंड फंसाए लगभग गुर्राता हुआ बोला और उनकी गांड पे ज़ोर ज़ोर से चांटे जड़ने लगा.
“आःह्ह्ह...........हरामी....कह तो रही हूँ कि बिस्तर पर ले चल फिर आराम से कूद कूद के चोदना........आस्सीईईईई....उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह .... उह्ह्हह्ह ....कमीने पहले लंड तो दाल दे गांड में फिर चाहे कितने थप्पड़ मार लेना. .....उन्ह्हह्ह्ह्हह्ह तू तो मुन्ना से भी बेरहमी से थप्पड़ लगाता है.”
मुझे अब ये नज़ारा बड़ा अच्छा लगने लगा था. भोंदू को तो मैंने रम्भा की गांड चोदते हुए तब देखा जब उसका लंड उसकी माँ की गांड में एडजस्ट होके सटा सट उस रंडी की गांड चोद रहा था. पर यहाँ में नंदू को मम्मी की गांड में लंड की एंट्री करवाते हुए देख रही थी. देखने से ही ऐसा लग रहा था कि भले ही गांड रोज़ चुदती हो पर हर रोज़ लंड को गांड में घुसेड़ने में थोड़ा टाइम लगता है और मेहनत भी. ये बात मुझे तब और ज्यादा समझ आई जब मेरी खुद की गांड रोज़ चुदने लगी थी. गांड रोज़ रात को सोने के बाद वापस नार्मल हो जाती और अगले दिन मेरी गांड चोदने वाले को अपना लंड मेरी गांड में दाखिल करने में टाइम लगता. मुझे तो सच्ची ....... पर्सनली शुरू के वो 15-20 मिनट...... जब मर्द अपने मोटे लंड को धीरे धीरे मेरी गांड में घुसेड़ते है ......... बड़े मस्त लगतें हैं. और तब तो काफ़ी मज़ा आता है जब लड़का लंड घुसेड़ने का प्रयास करता है पर बार बार नाकाम होता है. बार बार दिल में टीस उठती है कि इस बार लंड गांड में दाखिल हो जायेगा पर लंड गांड में घुसता ही नहीं. मैं बार बार अपनी नंगी गांड अपने चोदू को सोपती हूँ इस उम्मीद में कि वो इस बार जरूर मेरी फुदकती गांड में लंड दाल देगा और चोदना शुरू करेगा पर वो किसी ना किसी कारण से नाकाम हो जाता. कभी ज़ोर लगने से लंड गुदा से फिसल जाता है और गांड में नहीं घुसता और लड़के की झंड हो जाती है. कभी अगर लंड की मुंडी गांड में अटक भी जाती है तो अगले धक्के का कोण सही ना होने पर लंड उछल कर गांड से बाहर आ जाता है. ऐसे में तो बड़ा गुस्सा आता था क्यूंकि लंड की नथुनी गांड में दाखिल होकर झनझनाहट पैदा कर देती थी और गांड लंड खाने के लिए फड़क उठती थी पर लंड उछल कर किसी स्प्रिंग की तरह गांड से बाहर आ जाता था. पूरा मज़ा किरकिरा हो जाता था और लड़का फिर कोशिश में लग जाता था. चुदाई के भाषा में इसे “घोड़ी को नथ पहनाना” या “गांड का पनीर फाड़ना” भी कहा जाता है. “घोड़ी को नथ पहनाने” या “गांड का पनीर फाड़ना” का मतलब होता है कि लड़की या औरत की गांड में लंड को जड़ तक घुसेड़ने में कामयाब होना. दरसल गांड काफ़ी मामलों में चूत से अलग होती है. पर सबसे बड़ी खूबी गांड की ये होती है कि गांड चाहे जितना चुद ले पर दो या तीन दिनों के लिए भी अगर इसकी चुदाई ना हो तो गांड में कसावट वापस आ जाती है यानि “गांड का पनीर फिर जम जाता है”. इसे चुदाई की भाषा में “लड़की की नथ उतरना” कहतें हैं. और अगर गांड हफ्ते, दो हफ्ते ना चुदे तो बिलकुल कुंवारी जैसी हो जाती है बस फ़र्क इतना होता है कि चुदी चुदाई गांड को फिर से चुदवाने में औरत को पहली बार के मुकाबले 60 से 70 फीसदी तक कम दर्द होता है. बाकि मर्द पे निर्भर करता है कि वो औरत को कितना दर्द देना चाहते हैं. क्यूंकि मर्दों को गांड चोदने में तब बड़ा आनंद आता है जब औरत चुदते टाइम दर्द से बिलबिलाती है, चीखती है और दहाड़े मारती है. दर्द से रम्भाती घोड़ी को मर्द बड़े ही चाव से घंटों चोदते रहतें हैं और बड़े ही जोशीले ढंग से चोदते हैं. कई चुदक्कड़ औरतें तो मर्दों को और ज्यादा उकसाने के लिए ज़ोरों से दहाड़े मारती हैं ताकि मर्द किसी पागल कुत्ते की तरह उनकी गांड चोदे. इसलिए ही तो कहतें है कि औरत की गांड किसी ऐसी जगह पे चोदनी चाहिए जहाँ कोई ना हो दूर दूर तक. जैसे की पुराने खंडरों में, या किसी तहखाने में. क्यूंकि 3-4 दिनों में ही औरत की नथ उतर जाती है और ये नियम है कि जब जब कोई मर्द किसी “घोड़ी को नथ पहनाता” है तो औरत चीखती है, चिल्लाती है. मुझे तो जब भी कोई मर्द नथ पहनाता है तो मेरी किल्ली निकल जाती है. पर वो गांड मरवाना ही क्या जिसमे किल्ली न निकले. खेर ये सब ज्ञान तो मुझे तब मिला जब मैं भी खूब गांड मरवाने लगी. पर उस वक़्त जब मैं हॉल में खड़ी ये ग्रुप चुदाई देख रही थी मेरी गांड एकदम कुंवारी थी. गांड तो गांड मेरी तो चूत भी सिर्फ ३ बार चुदी थी. इसलिए मुझे इस चीज़ का तो बिलकुल अहसास नहीं था कि मम्मी या रम्भा या दीदी को अपनी गांड में लंड लेना कैसा लगता होगा पर नंदू का लंड मम्मी की गांड में घुसते ही जो आनंद उनके चेहरे पे दिख रहा था उसे देख के लग रहा था जैसे बहुत आनंद दे रहा था उन्हें नंदू का लंड. मैं बड़े चाव से उन्हें देख रही थी कि कैसे १७ साल का नंदू एक ४४ साल की अधेड़ औरत की गांड में अपना मोटा लंड फंसाए खड़ा था.
“चूतड़ फेलाओ ना काकी.....”नंदू की आवाज़ में गुर्राहट थी.
“अरे मुन्ना काका तुम मेरी कुर्सी मम्मी की कुर्सी से बिलकुल सटा दो. इस तरह मम्मी और मैं बिलकुल अगल बगल एक दुसरे से सट के घोड़ी बन जाएँगी.” दीदी ने पीछे घूम कर अपने नंगे चूतडों से खेलते मुन्ना काका से कहा. पता नहीं दीदी ने ऐसा क्यूँ कहा था.
“हाँ तब तो और मज़ा आएगा......क्या कहता है नंदू? पर तू ही अपनी घोड़ी की कुर्सी इधर सरका नंदू. मेरी घोड़ी तो लंगड़ी है. उसे उतरने चड़ने में दिक्क़त होती है.” काका दीदी के पैरों की परेशानी की वजह से दीदी को कुर्सी से उतारना नहीं चाहते थे.
“काका तुम भी ना.............बस........अरे देख नहीं रहे हो नंदू ने मम्मी की गांड में लंड दाल रखा है. वो लोग अब शुरू कर चुके हैं. उन्हें मत हिलने के लिए बोलो. मैं उतरती हूँ कुर्सी से तुम मेरी कुर्सी सटा दो मम्मी की कुर्सी से.” कहते हुए दीदी जमीन पर हाथ रख कर कुर्सी से नीचे उतर गयीं.
मुम्म काका ने दीदी की कुर्सी जैसे ही मम्मी की कुर्सी से सटा के रखी मेरी लंगड़ी दीदी बड़ी फुर्ती से फिर से कुर्सी पर चड़ गयीं और चौपाया होकर घोड़ी बन गयीं. अब दीदी की नंगी गांड मम्मी की नंगी गांड से साइड से टच हो रही थी. तभी नंदू ने शरारत की और अपनी बायीं हाथ की पहली ऊँगली अपने थूक में भिगो कर दीदी की गांड में घुसेड़ दी. दीदी की गांड में पहले से ही मक्खन लगा था. ऊँगली फुचुंक से दीदी की गांड में घुस गयी.
“उन्नंहह्न्न्नन्न ...........” दीदी सीसक पड़ी.
“ओह्ह्ह.......मुन्ना चाचा......तुमने तो मस्त चिकनी कर रखी है दीदी की मतवाली गांड..........उन्ह्ह्हह कितनी गरम हो रही है अंदर से जैसे गांड में गरम गरम मूंग दाल का हलवा भरा हो...........पर छल्ला बड़ा टाइट है चाचा इस चुदैल की गांड का. देखो कैसे गांड चुदाने के लिए उछल कर घोड़ी बन गयी ये लंगड़ी कुतिया.” नंदू ऊँगली दाल कर दीदी की गांड में चारों तरफ घुमा रहा था.
“चल नंदू अब इन दोनों माँ बेटियों को नथ पह्नातें हैं, फाड़ते हैं इनका दो दिन पुराना पनीर ...........दाल देते हैं इन दोनों की मतवाली गांडो में अपने अपने लंड.........उह्ह्हन्न्न्नन्न ........आज तो गांड फाड़ डालूँगा इस लंगड़ी घोड़ी की. खूब कूद कूद के चोदुंगा इस सूअर की बच्ची को. साली लंगड़ी रांड.” मुन्ना दीदी की गांड को बुरी तरह मसलता हुआ बडबडाने लगा.


 “चल नंदू अब इन दोनों माँ बेटियों को नथ पह्नातें हैं, फाड़ते हैं इनका दो दिन पुराना पनीर ...........दाल देते हैं इन दोनों की मतवाली गांडो में अपने अपने लंड.........उह्ह्हन्न्न्नन्न ........आज तो गांड फाड़ डालूँगा इस लंगड़ी घोड़ी की. खूब कूद कूद के चोदुंगा इस सूअर की बच्ची को. साली लंगड़ी रांड.” मुन्ना दीदी की गांड को बुरी तरह मसलता हुआ बडबडाने लगा.
“ओह्ह्ह्हह्ह........तू भी मुझे गन्दी गन्दी गालियाँ दे कर चोदना जैसे तू गीता को चोदता है.” मम्मी ने पीछे मुड़ कर नंदू से कहा.
“ऊऊऊऊईईईईईईईइम्मम्मम्मम्मम्मम्माआआआआआआ..........” मम्मी की किल्ली निकल गयी जैसे ही नंदू ने ज़ोर से अपने लंड को मम्मी की गांड में धकेला. गालियाँ देकर चोदने वाली बात को सुन के नंदू तुरंत गरमा गया और लंड को मम्मी की गांड में ठेलने लगा.
“अबे नंदू रुक.......मादरचोद........मैं भी तो अपने लंड की मुंडी इस लंगड़ी की गदराई गांड में अटका दूं. फिर एक साथ चीरेंगे इन दोनों की कददू जैसी गांडो को.”
“ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चाचा अब घुसेड़ भी दो अपने इस हलब्बी लंड को इस बहन की लौड़ी की गरम गांड में. मुझसे अब नहीं रुका जा रहा चाचा. अब तो मैं इस सुधिया छिनाल को खूब पीट पीट कर चोदुंगा. भोंदू ने भी आज रम्भा रांड को क्या चोदा होगा जो मैं चोदुंगा इस हरामखोर चुदैल घोड़ी को.” नंदू लगभग गुर्रा रहा था.
उधर चाचा ने भी जोश में आकर आख़िरकार गीता दीदी की गुदा पर अपने लंड की मुंडी रख दी. गीता दीदी ने भी मम्मी की तरह अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ फेला लिए. तभी मुन्ना काका ने ज़ोर का शॉट लगाया पर दीदी बैलेंस नहीं बना पायीं और धक्का लगने से आगे को हो गयीं. हालाँकि धक्का लगने से काका के लंड की मुंडी दीदी की गांड में घुस गयी थी पर दीदी के तेज़ी से आगे को झुकने की वज़ह से काका का लंड दीदी की गांड से छिटक कर बाहर आ गया. चाचा अपनी पहली कोशिश में नाकामयाब हो गए थे. लंड से बच कर दीदी की गांड कामुक अंदाज़ में लहर रही थी जैसे काका के लौड़े को चिढ़ा रही हो. लंड बुरी तरह फड़क रहा था. काका की बेहाली देख कर नंदू भी उनकी तरफ देख कर मुस्कुरे लगा.
“चाचा आप तो मार ही नहीं पाए चिड़िया”
“अबे चिड़िया नहीं मुर्गी है रंडी ..........मुर्गी.........कोई नहीं नंदू होता है. वैसे भी घोड़ी को नथ पहनाने में टाइम तो लगता ही है.”
“मैंने तो अपनी इस चुदैल सुधिया घोड़ी को पहना भी दी नथ..........!!! देखो कैसे ये कुतिया अपनी गांड में लंड फंसाए घोड़ी बनी खड़ी है.”
“अबे जा जा........पूरी की पूरी “नथ” तो तेरी सुधिया की गांड से बाहर झूल रही है. सिर्फ लंड की नोंक गांड में पीरो देने को नहीं कहते “घोड़ी को नथ पहनाना”..........
काका ने फिर से कोशिश की पर इस बार उन्होंने दीदी को कस कर अपने हाथों से कुर्सी को पकड़ने के लिए बोला. दीदी ने कुर्सी पकड़ ली और उधर काका ने दीदी की मटकती गांड पकड़ ली. और फिर काका ने अपने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ चौड़े किये और अपने टनटनाते लंड को अपनी टांगों और कमर के सहारे एडजस्ट करते हुए दीदी की गुदा पर रख दिया. वो धक्का देने ही वाले थे कि दीदी ने कहा
“काका एक मिनट...” और दीदी अपना एक हाथ पीछे लायीं और काका का लंड पकड़ कर उन्होंने ठीक से अपनी गुदा पे सेट किया. शायद दीदी को पता लग गया था की काका का लंड गांड के सुराख़ पे ठीक से नहीं बैठा है.
काका मुस्कुराये और एक करारा धक्का दीदी की गांड में दे मारा. काका के लंड का आलू जैसा सुपाड़ा दीदी की गांड को चीर कर दनदनाता हुआ उनकी गुदा में घुस गया.
“ह्ह्हाआअय्य्य्य........मर्र्र्रर्र्र्रर .........गयी री माआआआअ.........” दीदी इतनी ज़ोर से चीखीं की पास में सोफे पे भोंदू से भकाभक चुदती रम्भी भी चोंक गयी और मम्मी भी डर गयीं. दीदी का मुंह बिलकुल मम्मी के कान के पास था. काका दीदी की कमर को सहलाने लगे.
बड़ा मस्त नज़ारा था. दो घर के नौकर मिलकर मेरी दीदी और माँ की गांड में अपने अपने लंड फंसाए खड़े थे.
“ले भई नंदू .........चटका दी इस लंगड़ी घोड़ी की गांड.......ऊईई कैसे फुदक रही है सूअर की बच्ची”
“आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मम्मी बड़ी ज़ोर से चुभ रहा है काका का लंड गांड में. तुम कैसे चुदवा लेती हो इतने तगड़े लंड से रात रात भर. और आज रात को भी तुमने मुन्ना काका से गांड मरवाने का प्लान बना लिया. अभी नंदू से मरवा रही हो........रात में काका तुम्हारी गांड चोदेंगे. तुम्हें इतना पसंद है गांड मरवाना??”
“गीता मैं तो दीवानी हूँ दीवानी गांड मरवाने की. मुझे अलग अलग मर्दों से गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आता है. मुझे मुन्ना से गांड मरवाने में बड़ा आनंद आता है. कुत्ता ऐसे चोदता है जैसे किसी रंडी छिनाल को चोद रहा हो. बड़ा मज़ा आता है गीता. अभी जब तुझे चोदेगा तो ख़ूब चीखें मारते हुए चुदवाना. औरत की चीखें सुन के तो मुन्ना और पागल हो जाता है और गांड ओखली की तरह धून के रख देता है.” मम्मी गीता दीदी की जैसे ट्रेनिंग कर रहीं थीं.
“पर मम्मी मेरी गांड में तो अभी से दर्द हो रहा है जबकि अभी तो मुन्ना काका ने सिर्फ अपने लंड की नोंक ही भीतर घुसाई है. जबकि काका तो पिछले हफ्ते भी मेरी गांड मार चुके है फिर इतना दर्द क्यूँ होता है मुझे?? आप तो मस्त होके गांड में लंड का मज़ा लेती हो पर मुझे इतना दर्द क्यूँ होता है मम्मी??”
“अरी मेरी गुड़िया...... “नथ पहनाते” टाइम तो दर्द हमेशा होता है. न तेरी गांड दो दिन से चुदी है न मेरी. हम दोनों की गांड की नथ उतर गयी है और हम दोनों की गांड में फिर से पनीर जम गया है. गांड मरवाने के दो दिन बाद ही गांड में पनीर जम जाता है. और गांड का पनीर जितना पुराना होता है मर्द को उतना ही ज्यादा मज़ा आता है और औरत को उतनी ही ज्यादा तकलीफ़. वैसे आम औरतों की नथ तीन चार दिन तक बिना चुदे रहने से उतरती है पर मेरी गांड दो दिन में ही नथ उतार देती है. तभी तो मुन्ना मुझे अक्सर दो दो दिन छोड़ छोड़ के चोदता है गांड में. ताकी वो बार बार मुझे नथ पहनाने का मज़ा ले सके. तू भी शायद मेरे पे गयी है. लगता है तेरी गांड भी जल्दी नथ छोड़ देती है. चल बस आधे घंटे में ये दोनों गांडखोर हम दोनों की गांडो को नथ पहना देंगे और हम दोनों की गांड मस्त रवां हो जाएगी. तब बड़ा मज़ा आएगा गांड मरवाने में.”
“आआईईस्ससीईयययययी ....ध्ध्धध्धीईईईईईईईईईईईइरेरेरे ..... नंन्नन्नदूऊऊ ...”
“आआआआआआअ .......काका मरर्रर्रर गयी.....”
नंदू और मुन्ना ने एक साथ दीदी और सुधिया की गांड में धक्के मारे और दोनों दर्द से चीख पड़ीं. और फिर तो दीदी और मम्मी दोनों 15 मिनट तक दर्द से चीखें मारती रहीं. दोनों घोड़ों में बस ये होड़ लगी थी कि कोन पहले गांड पनीर फाड़ने में कामयाब होता है. दोनों मर्दों को काफी महनत करनी पड़ रही थी. दोनों ज़ोर लगा कर अपने मोटे लम्बे लंडों को दोनों कुतियों की गांड में घुसा रहे थे.
“ओह्ह्ह्ह मम्मी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.........आआऐईईईम्म्म्मम्म्मम्म्म्मा......काका को बोलो न........मुम्म्मम्ममी ...............मरर गयी.”
“बस इक बार पनीर फाड़ दू तेरी गांड का रंडी फिर देख कैसे तुझे हुमच हुमच के चोदुंगा. तुझे तेरी मम्मी, नानी, दादी सब याद आ जाएगी आज. अबे नंदू इस लंगड़ी की गांड में लगता है कुछ ज्यादा ही पनीर जम गया. मेरा लंड तो अभी आधा भी अंदर नहीं गया. लगता है तू ही मुझसे पहले पहना देगा अपनी घोड़ी को नथ. क्यूँ सुधिया मज़ा आ रहा है नंदू से गांड फड़वाने में? मुझे तो आज तेरी ये रंडी बेटी पागल ही कर देगी. ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ........... कितनी टाईट गांड है सुधिया इस लंगड़ी रांड की.........आःह्ह्ह......बड़ा मज़ा आ रहा है नंदू. सुधिया की मस्त पकी हुई अधेड़ गांड से बिलकुल अलग मज़ा है इस लंगड़ी की कच्ची गांड का.” मुन्ना काका को दीदी की गांड में लंड डालकर बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और वो अपनी किस्मत को दात दे रहे थे कि इतनी कम उम्र की लड़की उनसे अपनी गांड मरवा रही थी.
उधर नंदू की भी हालत खस्ता हो रही थी. उसका लंड लगभग 6 इंच मम्मी की गांड में घुस गया था और उसके चेहरे से ही लग रहा था कि उसे अत्याधिक आनंद आ रहा था. उसने कस के मम्मी के नंगे चूतड़ पकड़े हुए थे और अपने लंड को उस गरम गांड में और अंदर डालने में लगा था.
“ओह्ह .......चाआअचा ..........मस्त है रे इस सुधिया की गांड तो.....उन्फफ्फ्फ्फ़.........बहनचोद ......कितनी गरम और गहरी है.......मेरे तो लंड के तोते बोल गए चाचा इस हंडिया सी गांड में घुस के. और देखो तो रंडी कैसे रम्भा रही है जैसे पहली बार गांड मरवा रही हो.” नंदू गांड चोदने से पागल सा हो गया था.
पर वो सही कह रहा था. मम्मी सच में बहुत ज़ोर से दहाड़ रहीं थीं. उनके चेहरे पे भी दर्द साफ़ नज़र आ रहा था.
“आआआआआआआआआआअ ..........य्य्य्यय्य्य्य .......... थोड़ा और मक्खन लगा ले गांड में नंदू .........फिर डालना. अभी तो मेरी जान निकल रही है तेरे लंड से. उन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्न ........ कुत्ते.....नन्दूऊऊऊऊऊउ......मेरी गांड फाड़ दी तूने आज. हाय्य्य्यय्य्य्यी ......रीईईईए ..हरामी की औलाद......आज के बाद कभी हाथ भी नहीं लगाने दूंगी तुझे अपनी गांड पे. चोदना अपनी माँ रम्भा की अरु सज्जो की.”
“मेरी बेबो सुधिया.........रम्भा की भी चोदी है और सज्जो की भी पर तुम्हारी गांड में अलग ही मज़ा आ रहा है. आंन्ह्ह्ह हाआअ ....... कितनी मस्त, भरवां और फूली हुई है. आज तो चोद चोद के बुरी तरह चटका डालूँगा तेरी ये हंडिया रंडी. “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”...... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह .....ले रंडी.........उन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह......हो गया.......” नंदू ने लंड को पूरा मम्मी की गांड में दाल दिया और उनकी नंगी गांड पे दोनों हाथों से थप्पड़ लगा के अपनी जीत का ऐलान सा करने लगा.
“मैंने तो फाड़ डाला चाचा इस रांड का गांड पनीर .......... मस्त भट्टी सी गरम हो रही है काकी की गांड अंदर से. मुझे तो तुम से जलन हो रही है चाचा कि तुम पिछले 8 साल से चोद रहे हो इस मस्त कददू जैसी गांड को. उन्न्नन्ह्ह कितना ठूंस ठूंस के मज़ा भरा है इस रंडी औरत की गांड में चाचा...........मस्ती में फुदक रहा है लंड. आआआआआआअह्ह्ह्ह ............. काकीईईईईईईईईईईईईईइ...............”
“हाय रे तूने तो जान ही निकाल दी कमीने ...............नंदू.............बदमाश........ऐसे घुसेड़ा जाता है क्या किसी औरत की गांड में लंड. ऐसा लग रहा है जैसे गांड में बेहद गरम लोहे की रोड दाल दी हो. और अभी भी कितना दुःख रहा है.......उन्न्न्हह्ह्हह्ह्ह्ह हुन्न्न”
उधर मुन्ना ने भी गीता दीदी के मस्त चूतडों को पकड़ कर कई ज़ोरदार धक्के एक के बाद एक मारे और अपने गरम ऐंठे हुए लंड को जड़ तक दीदी की गांड में फिट कर दिया. मुन्ना के इतने ताकतवर धक्को ने दीदी के मुंह से चीखें और आँखों से आंसू निकाल दिए. दीदी की हालत ख़राब हो गयी थी.
“ऊऊईईईईईईईईईम्मम्मम्माआआआआआआआआआआआअ .... देखो न मुन्ना ने मेरी गांड का क्या हाल कर दिया...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ..............मुझे नहीं मरवानी गांड......मम्मी बोलो न मुन्ना को मेरी गांड से लंड बाहर निकलने के लिए..... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ...मुझे बड़ा दर्द हो रहा है.” दीदी ज़ोर ज़ोर से सीसक रहीं थी.
क्या नज़ारा था...........दीदी एकदम नंगी थी, घोड़ी बनी सुबक रहीं थीं और उनकी गांड में लगभग 8 इंच लम्बा और बेहद मोटा नाग जड़ तक अंदर घुसा पड़ा था. और उधर मम्मी ठीक दीदी के बगल में उनसे चिपकी हुई घोड़ी बनी हुई थी और उनकी गांड में भी जवान नंदू का लंड ऐसे घुसा हुआ था जैसे कोई तलवार पूरी की पूरी अपनी म्यान में घुसी हो. और मुन्ना और नंदू दोनों बिलकुल स्थिर खड़े अपनी अपनी घोड़ियों के नंगे चूतड़ सहला रहे थे और दोनों की आँखें मज़ा से बंद थीं.
मम्मी दीदी से बोलीं:
“पगली ऐसा होता है.........अब चुदाई का मज़ा लेना है तो थोडा दर्द तो सहना ही पड़ेगा. तुझे क्या लग रहा है कि मुझे दर्द नहीं हो रहा. मेरी भी जान निकाल दी इस नंदू ने. पर अब थोड़ी देर में कितना मस्त कर देंगे ये दोनों हम माँ बेटी को मैं तो ये ही सोच के रोमांचित हो रहीं हूँ. मुझे नंदू से गांड मरवाने में बड़ा आनंद आता है गीता. कमीना खूब उतावला होके ऐसे चोदता है जैसे फिर कभी चोदने को न मिलेगी गांड. मुन्ना तो एक लम्बे अरसे से मेरी गांड चोद रहा है इसलिए वो बड़ी तस्सल्ली से और बिना उतावला हुए चोदता है. पर नंदू ने तो अभी पिछले महीने से ही गांड मारनी शुरू की है. उसकी हसरतें बिलकुल नई हैं और वो बहुत उतावला भी रहता है. मुन्ना के मुकाबले बड़े ही अलग तरह का मज़ा आता है ऐसे उतावला जवान लौंडे से गांड चुदवाने में” मम्मी कह कर दीदी के चेहरे पे फेले आंसू चाटने लगीं. जीभ से दीदी की हलकी सी सिसकी निकली जिससे दीदी को थोड़ा आराम मिला और दीदी भी मम्मी को चूमने लगी.
“अभी मत चोद नंदू.......थोड़ा लंड की सिकाई हो जाने दे....नहीं तो जल्दी ही पिचकारी छोड़ देगा तेरा लंड. अब जब लंड घुसेड़ा है तो कम से कम घंटे भर तो चोदना बनता है.” नंदू हलकी हलकी ठुमकी लेने लगा तो मम्मी ने उसे मना किया.
“हाँ नंदू सुधिया ठीक कह रही है........पहले अपने लंड को अच्छे से सेक ले फिर चोदना ......... देख कितना मज़ा आएगा और काफी देर तक चोद सकेगा तू अपनी इस पसंदीदा गांड को. 10-15 मिनट ऐसे ही गांड में दाल के रख लंड को ताकि लंड की अच्छे से सिकाई हो जाये और तेरे लंड का तापमान भी सुधिया की दहकती गांड जितना हो जाये.” मुन्ना ने भी नंदू को समझाया.
“चाचा सच में बड़ी गरम और गोश्त से भरी गांड है सुधिया मालकिन की तो. मैं तो मरा जा रहा हूँ अब इसे चोदने के लिए......उफ्फ्फ्फ़ कितने मादक चूतड़ हैं” नंदू मज़ा से पगला रहा था और अब ज़ोरों से चोदना चाहता था.
“अबे मान जा मेरी बात नहीं तो सही कह रही है सुधिया कि थोड़ी देर में ही ढेर हो जायेगा. तुझे क्या लग रहा है कि इस लंगड़ी की गांड क्या कम गरम है. साला ऐसा लग रहा है जैसे उबले हुए तरबूज़ में लंड दाल दिया हो........ओह्हन्न्न्न .........कुतिया की गांड जैसे सुलघ रही है अंदर से. पर मैं भी तो बस लंड घुसेड़े अपने लौड़े की सिकाई कर रहा हूँ ताकि मेरे लंड का तापमान भी इस रंडी की गांड जितना हो जाये. अगर अभी से इस कुतिया की गांड चोदना शुरू कर दिया तो लंड 10 मिनट में उबाल खा के इसकी गांड में मांड भर देगा. यहीं तो लोग मात खाते हैं नंदू. लोग नहीं जानते की औरत की गांड कैसे मारी जाती है. तू खुद सोच कि अगर 5 -10 मिनट में ही मर्द औरत की गांड में झड़ जाये तो औरत को क्या मज़ा आएगा. वो तो यही सोचेगी कि बेकार ही इतना दर्द सहना पड़ा. और फिर वो कभी भी गांड नहीं मरवाना चाहती. अगर 15 मिनट औरत ने इतना दर्द सहा है तो कम से कम घंटा-डेड घंटा उसे मस्ती भी तो मिलनी चाहिए. है कि नहीं?? बस १० मिनट और पड़ा रहने दे अपने लंड को इस रांड की उबलती गांड में फिर देख कैसे जी उठेगा तेरा लंड और कम से कम घंटे भर तक टिका रहेगा मैदान में.”
मैं ये देख कर हैरान थी कि भले ही गीता दीदी और मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि उन दोनों की ही गांड में बड़े ही भयंकर और मोटे लंड जड़ तक घुसे पड़े थे पर फिर भी दोनों में से कोई भी लंड को बाहर निकालने की कोशिश भी नहीं कर रहीं थीं. मुन्ना और नंदू दोनों उनकी गांड में लंड फंसाए आहें भर रहे थे और अपनी अपनी कुतियों के नंगे चूतड़ सहला रहे थे. उधर भोंदू रम्भा काकी की अभी तक गांड चोद रहा था. वो तो सोफ़े के ऊपर ही चढ़ गया था और उसने रम्भा की चुटिया पकड़ रखी थे जैसे वो कोई कुतिया हो. और रम्भा काकी तो जैसे ज़ोर ज़ोर से ज़ाहिर कर रहीं थी कि उन्हें भोंदू का इस तरह गांड मारना कितना मज़ा दे रहा था. भोंदू जितना ज़ोर से उनकी मस्त ठुकी हुई गांड में धक्का मारता काकी को उतना ही आनंद आता. भोंदू जितना ज़ोर से चुटिया खींचता काकी को उतना ही ज्यादा मज़ा आता. वैसे आम तौर पे सर के बाल खींचने पे बड़ा दर्द होता है. अगर कोई मजाक में भी आपके बाल खींच दे तो उसे चांटे मारने का मन करता है. इसलिए मैं उस समय यही सोच रही थी कि भोंदू इतनी ज़ोर से काकी की चुटिया पकड़कर खींच रहा है और काकी दर्द की बजाए मज़े से चिल्ला रही हैं. पर अब मुझे समझ में आया कि ज्यादातर लड़कियों और औरतों को चुदाई के वक़्त अपने सर के बाल ज़ोरों से खींचवाने में बड़ा मज़ा आता है. मर्द जब चोदते वक़्त बाल खींचते हैं तो चुदाई का मज़ा डबल हो जाता है.




















हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator