Wednesday, September 3, 2014

FUN-MAZA-MASTI अरे अब तो मुझे भैया ना कहो-2

FUN-MAZA-MASTI

अरे अब तो मुझे भैया ना कहो-2

फिर कविता झड़ने लगी। रोहण के धक्के अभी भी बरकरार थे। पर अब कस कर धक्के लग रहे थे। कविता झड़ते ही उसे दूर करने की कोशिश कर रही थी। पर रोहण को तो जैसे जुनून सा सवार हो गया था। फिर उसने भी एक चीख के साथ अपना लण्ड बाहर खींच लिया और उसकी चूत पर उसे दबाने लगा। कुछ ही पलो में उसकी पिचकारियाँ छूट पड़ी। वो अपना वीर्य उसकी चूत के पास ही निकालने लगा। कविता ने प्रेमवश उसे अपने से चिपका लिया और उसे चूमने लगी। 
दोनों ने ही एक दूसरे को देखा और हंस पड़े। 
"बस हो गया ना भैया... बहुत फ़ड़फ़ड़ कर रहे थे।" 
"अरे अब तो मुझे भैया ना कहो... इतनी बढ़िया तरीके से चुदी हो, सैंया तो कहो।" 
"नहीं दुनिया वालों के लिये भैया ही ठीक रहेगा ... दिल में भले ही सैंया बन जाओ।" 
कविता ने लण्ड को फिर से मसलना शुरू कर दिया। रोहण को फिर से तरावट आने लगी। 
"अरे चुद तो गई, अब क्या करना है...?" 
"तुम्हारा सारा दम निकालना है ... आज मेरी सुहागरात समझो... कुछ ना छोड़ो ... बस अपना माल निकालते रहो। देखूँ तो जरा कितना दम है?" 
"अरे नहीं, यह तो फिर से सख्त होने लगा है... प्लीज अब नहीं ना...!" 
भैया, अपने लण्ड को तो देखो ना, बेचारे पर तुमने कितनी ही मुठ्ठ मारी होगी, अब तो उसे सही जगह पर घुसने दो...!" 
कविता ने उठ कर रोहण का लण्ड अपने मुख में डाल लिया और उसे चूसने लगी। रोहण फिर से उबलने लगा। 
"रस पियोगे...? मेरी चूत भी रस छोड़ रही है।" 
रोहण ने चूत चूसने की बात सुनी तो वो पागल सा हो उठा। उसने उठ कर जल्दी से उसकी चूत पर अपना मुख फ़िट कर लिया। कसक भरी मीठी गुदगुदी के कारण कविता चीखने लगी। 
"अरे मार डालोगे क्या...? बहुत गुदगुदी चल रही है। ओह्ह्ह्ह बस करो ना ..." 
वो खिलखिलाने लगी। कविता के आनन्द से रोहण को और जोश आ गया। वो भी उसका दाना होंठों से चूस कर उसे बेहाल करने लगा। 
कविता ने एक झटके से अपनी चूत से उसका मुख अलग किया और हंसते हुये बोली- तुम तो मुझे यू ही झड़ा दोगे ... पहले जरूरी काम तो कर लो ! 
फिर कविता ने अपनी चिकनी गाण्ड उसके लण्ड के सामने उभार दी। 
"देखो फिर गाण्ड चुद जायेगी, फिर ना कहना कि गाण्ड मार दी।" 
"तो मारो ना भैया... देर किस बात की है। मजे लेना है तो सबका लो..." 
रोहण ने कविता की कमर में हाथ डाल कर उसे थाम लिया और लण्ड पर थूक लगा कर उसे कविता की गाण्ड से चिपका दिया। 
"मारो ना सैंया ... ताजी अनछुई है..." 
"तेरी सैंया की ऐसी तैसी ... चोद दूंगा साली को ..." 
कविता फिर से खिलखिला उठी। पर दूसरे ही क्षण उसके मुख से चीख निकल गई। 
"अरे, ढीली छोड़ो ना ... इतना कस कर छेद रखोगी तो कैसे घुसेगा...?" 
कविता ने अपनी गाण्ड ढीली की और उसका लण्ड उसमें प्रवेश कर गया। जैसे छेद ने लण्ड को धन्यवाद कहा हो। बहुत कसी हुई गाण्ड थी। 
"बस अब धीरे धीरे ... है ना ... मेरी गाण्ड कभी चुदी नहीं है ... ताजा फ़्रेश माल है ... तकलीफ़ होगी ..." कविता ने विनती करते हुये कहा। 
"चिन्ता ना करो ... तकलीफ़ तुम्हे नहीं मुझे होनी है इस कसी हुई तंग गाण्ड से तो..." 
उसने धीरे धीरे आधा लण्ड ही घुसाया ... फिर अन्दर बाहर करने लगा। कविता की गाण्ड चुदने से उसे भी आनन्द आने लगा था। पर रोहण ने बड़ी सफ़ाई से उसकी गाण्ड चोदते हुये अपना लण्ड उसकी गाण्ड में पहले की ही तरह अपना लण्ड पूरा ही घुसा दिया था। पर चूंकि कविता को प्यार से चोदा था इसलिये उसे दर्द नहीं हुआ। वो भी समझ गई थी कि लण्ड पूरा समा चुका है। उसने अपने सर को धीरे से तकिये पर रख लिया और अपनी आँखें बन्द करके अपनी गाण्ड चुदाने में लगी थी। 
कविता ने गाण्ड इतनी ऊंची कर रखी थी कि उसकी चूत तक भी स्पष्ट नजर आ रही थी। रोहण ने अपना हाथ उसके नीचे घुसा दिया और उसकी चूत को भी सहलाने लगा। कुछ देर तक गाण्ड मारने के बाद फिर रोहण ने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में से निकाल कर उसकी चूत खोल कर उसमें धीरे से घुसा दिया। 
"उईईईईईई मां ... उस्स्स्स्स्स ... कैसा मजा आया ! चोद दे मेरे राजा।" 
उसका लण्ड अब कविता की चूत में चल रहा था। रोहण का सुपारा आनन्द से फ़ूल कर मस्ता रहा था। उसके चोदने की गति बढ़ती जा रही थी। पीछे से लण्ड घुसाने से वो पूरा घुस रहा था। कविता को बहुत आनन्द आ रहा था। फिर उसकी चूत में से मस्ती का पानी निकल पड़ा। वो झड़ गई थी। फिर भी वो वैसी ही बनी रही। उसकी चूत झड़ कर पनीली हो गई थी। पर इससे रोहण को कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। वो मन लगा कर उसकी चूत चोद रहा था। पता नहीं इतनी लम्बे समय तक वो कैसे चोद रहा था ? 
तभी कविता दूसरी बार झड़ने को होने लगी। उसकी गाण्ड भी आगे पीछे चलने लगी और वो एक बार फिर से झड़ गई। रोहण मस्ती से अपनी आँखें बन्द किये सटासट धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। कविता को दुबारा झड़ने के बाद तकलीफ़ होने लगी थी पर कुछ ही देर में वो फिर से जोश में आ गई थी। 
चुदते चुदते कविता फिर से झड़ने को होने लगी। तभी रोहण आनन्द से सिसकारता हुआ झड़ने लगा। तभी कविता भी फिर से तीसरी बार झड़ने लगी।
अब तक रोहण दो बार झड़ चुका था और कविता तो झड़ झड़ कर ढीली पड़ गई थी। दोनों लेटे हुये सुस्ता रहे थे। 
"मजा आ गया भैया ... क्या चुदी मैं तो ... थेंक्स्। क्या हो गया था तुम्हे ... झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे?" 
"कितनी बार चुदी हो?" रोहण हाँफ़ता हुआ बोला। 
"बस एक बार बलात्कार हुआ था ... उसका नतीजा राजा है ..." 
"और अब इसका नतीजा?" 
"तो क्या ! एक से भले दो ..." फिर खिलखिला कर हंसने लगी। रोहण उसे देखता ही रह गया। 
"तो मम्मी पापा का क्या हुआ ...?" 
मैं अभागी ... एक कार दुर्घटना में दोनों शान्त हो गये थे। किराये का मकान था। किराया कहाँ से देते ? सो खाली करना पड़ा ... तब से दर दर की ठोकरे खा रही हूँ? 
मुझसे शादी करोगी? 
नहीं कदापि नहीं ... भूल जाओ ये सब ... जहाँ तुम्हारे मम्मी पापा कहे वहीं शादी करना ... मेरे तरह काले मुख वाली के बारे में सोचना भी मत ... अरे निराश क्यों होते हो ... तब तक के लिये तो मैं हूँ ना। 
पर रोहण अपने में कुछ निश्चय कर चुका था ... वो मुस्करा उठा। इस बार उसने कविता को बहुत प्यार से चूमा... और उससे लिपट कर सो गया जैसे वो उसी की बीवी हो।






हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator