Thursday, July 10, 2014

FUN-MAZA-MASTI मम्मी का बुलंद दरवाजा

FUN-MAZA-MASTI


मम्मी का बुलंद दरवाजा



दोस्तों ये है मेरी और मेरी मम्मी की सच्ची कहानी। मम्मी का साइज़ बता देता हूँ। उम्र: 40 कमर: 36 गांड: 40.. मेरा और भूपी का एक समान दोस्त है दीपू। उसका घर दो मंजिल है। नीचे वाला कंप्लीट है जहाँ पर वो रहता है और उपर वाले का अभी काम चल रहा है। फर्निश नही हुआ है। पर छत डली हुई है। दीपू ने अपने जन्म दिन पर अपने निकट दोस्त बुलाए थे और हमे और भूपी दोनो को बुलाया था। तो मम्मी और हम जन्मदिन में चले गये। मम्मी कुर्ता और पजामा पहनी हुई थी और हम वहां पहुंचे।
करीब 8 बजे पार्टी शुरू हुई और सब बातें करने लगे और फिर सब को ड्रिंक सर्व होने लगी सभी अपने अपने दोस्तों में बैठ कर मजे कर रहे थे। करीब 40 से 50 लोग समारोह में थे। में अपने एक दोस्त के साथ बैठ गया। मम्मी भूपी और एक मम्मी की दोस्त भी बैठ गयी और सब बातें करने लगे भूपी ड्रिंक कर रहा था और मम्मी उसकी बची हुई कोल्डड्रिंक ले रही थी। रात के करीब 9.45 हो गये थे।
अचानक लाइट बंद हो गयी पर इन्वर्टर की लाइट में समारोह चल रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी वहाँ से चली गयी बोल कर की अभी आती हूँ और उसके 5 मिनिट बाद भूपी ने दीपू को बोला मुझको थोडा काम है 30–35 मिनिट में आ जाऊँगा। और फिर चला गया। मेरी समझ में आ गया की मम्मी ने चुदवाने का प्रोग्राम बना लिया है।
मेंने भूपी का पीछा किया भूपी सामने की इमारत से छत पर चला गया। और में दोबारा आकर समारोह में बैठ गया और फिर करीब 10 मिनिट बाद मैने दीपू को बोला आ रहा हूँ क़िसी का फोन आया है और फिर में अंधेरे में पीछे की इमारत जो की पास में ही थी वाहा से ऊपर चड़ गया। मुझको कुछ दिखाई नही दे रहा था पर धीमी धीमी आवाज़ सुनाई दे रही थी।
मम्मी: कोई ऊपर आ गया तो।
भूपी: आंटी कोई नहीं आएगा सब समारोह में मस्त है और ऊपर का मकान तो अभी पूरा नहीं बना है। कोई यहाँ क्या करने आएगा रात के 10 बजे है।
मम्मी: फिर भी कोई आ गया तो क्या कहोगे।
भूपी: बोल देंगे ऊपर की छत देखने आए थे क्योंकि अचानक लाइट बंद हो गयी थी। मम्मी: चलो फिर थोडा जल्दी जल्दी कर लो अपना काम।
भूपी: आंटी वो तो करूँगा ही जैसे ही तुम पार्टी में आई थी। यह ड्रेस देख कर मेरा तो वैसे ही लंड खड़ा हो गया था और पजामा इतना टाइट पहने हुई थी की अंदर की पैनटी की शेप नज़र आ रही थी।
मम्मी: बहुत गहरी नज़र से देखते हो।
भूपी: क्या करे आंटी लंड थमता ही नहीं है।
मम्मी: यह होल इसको थामने के लिए ही तो है। फिर अंदर से छप छप की आवाज़ आनी शुरु हो गयी। ऐसा लग रहा था जैसे स्मूच कर रहे हो।
मम्मी: आआहहह्ह्ह
भूपी: हााआ उफफफफ्फ़ अचानक लाइट आ गयी और रोड़ लाइट की थोड़ी सी लाइट अंदर जा रही थी। पर सब कुछ साफ नज़र आ रहा था। मम्मी का कुर्ता पूरा ऊपर था और उनके दोनो बूब्स बाहर लटक रहे थे। एक बूब्स भूपी चूस रहा था। वो स्मूच की आवाज़ नहीं बूब्स चूसने की आवाज़ थी मम्मी का साइड पोज़ मुझको साफ नज़र आ रहा था। एक बूब्स मूह में और दूसरा चूस रहा था और मम्मी मस्त हो रही थी।
मम्मी: बहुत बड़े कर दिए तुमने चूस चूस कर यह तो कुछ टाइम बाद कुर्ता फाड़ देंगे। भूपी: फटने दो ना थोड़ा बड़ा बनवा दूँगा पर बूब्स मोटे मोटे ही चूसने का मज़ा आता है। भूपी ने अच्छी तरह मम्मी के दबा कर बूब्स चूसे और मम्मी मज़ा ले रही थी।
मम्मी: भूपी अपनी छेद करने की मशीन तो बाहर निकालो।
भूपी: रानी ले चूस अब इसको।
मम्मी: आह कितनी सक्त है तुम्हारी छेद करने की मशीन।
भूपी: ऐसे ही थोड़ी बड़ी बड़ी तुम जैसी मोटी चूत में होल करती है।
मम्मी: भूपी बड़ा सक्त है। लो अब मेरी चूत चाटो।
भूपी: आंटी तुम्हारा तो पजामा बहुत टाइट है।
मम्मी: कोई बात नहीं जितनी टांगे चौड़ी करो ऊतना खुल जाता है। फिर मम्मी ने एका एक पजामा नीचे किया और भूपी चाटने लगा।
भूपी: उफ़फ्फ़ उफफफफ्फ़ आंटी क्या मस्त ख़ान है हीरे की।
मम्मी: जाओ फिर अंदर जाकर हीरा निकाल लो जल्दी करो। फिर मम्मी दीवार के साथ लग के घोड़ी बन गयी और दोनो टांगे खोल के बोली। डालो अब अपना साँप इस चूत में। एका एका भूपी ने अपना लंड मम्मी की चूत में सरका दिया।
मम्मी: यूउपप्प्प आ आ अहहा। नीचे से तुछ उप की आवाज़ आ रही थी।
मम्मी: ह्म ह्म तेज़ करो ना ऊऊहह ऑ भूपी नीचे से मम्मी की ठुकाई कर रहा था और दूसरे हाथ से उसने क़िसी को फोन लगाया।
भूपी: क्या कर रहा है जल्दी ऊपर आजा पर लंड खड़ा करके आना और फिर उसने फोन स्पीकर को चालू कर के मम्मी को दिया मम्मी के मुहं से आवाज़ें निकाल रही थी। ऊऊहह ऑश ज़ोर से चोदो और जोर से तेज़ तेज़ चोदो करीब 2 मिनट बाद फिर भूपी ने कहा खड़ा हो गया है तो आजा यार।
और फिर करीब 1 मिनट बाद दीपू ऊपर आया। दीपू ने आते ही अपना लंड बाहर निकाला और मम्मी के मुंह में डाल कर आगे पीछे करने लगा। पीछे से भूपी मम्मी की चुदाई कर रहा था। दीपू जल्दी में था उसने मम्मी के मूह से लंड बाहर निकाल और फिर 1 मिनट मम्मी के बूब्स चूस कर बोला।
दीपू: भूपी चल अब मुझको करने दे में सिर्फ 5 मिनट के लिए बाथरूम का बहाना करके आया हूँ। फिर भूपी ने अपना लंड बाहर निकाला और दीपू को बोला तू शान्ति से काम कर ले। दीपू पीछे आया और मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया और बोला आंटी आपका तो बुलंद दरवाज़ा तो भूपी ने पहले ही खोल दिया है।
मम्मी: तुम्हे इंतज़ार ना करना पड़े इस लिया खुलवा लिया था।
मम्मी: दीपू बड़ा पक्का निशानेबाज है सीधा निशाने पर वार किया।
दीपू: आंटी 7 साल हो गये चोदते हुए अब भी निशाना पक्का नही होगा तो कब होगा और तुम्हारे जंगल में तो ख़ास कर मैने बहुत शिकार किया हुआ है। इस लिए चप्पे चप्पे का पता है। दीपू: आंटी तुम दीवार से हाथ हटा दो और जमीन पर रख दो ताकि तुम्हारी चूत ऊपर आ जाएगी। वरना इस पोज़ में तो मेरी सारी पेंट गीली हो जाएगी। एक तो मेरा भी वीर्य मेरे ऊपर गिरेगा और दूसरी तुम्हारी चूत तो ऐसे गीली हो गई है जैसे नदी में बाढ़ आ गई हो।
मम्मी: बाढ़ तो आ गई है। मेरी चूत को तो तुम्हारे दोनो के अलावा कोई चोदता ही नही।
दीपू: चलो आंटी जल्दी करो टेड़ी हो जाओ।
फिर मम्मी ने अपने दोनो हाथ जमीन पर रख दिये ओर दीपू ने मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा। भूपी मम्मी की गांड की साइड पर अपना लंड तेज़ कर रहा था।
दीपू: आंटी होने वाला है और तुम्हारा?
मम्मी: तुम अपना काम कर लो अभी मुझे दूसरे को भी निपटना है। भूपी की हालत इतनी खराब है की अगर उसका लंड ठंडा नहीं किया तो वो पार्टी में सब के सामने चोदेगा।
भूपी: आंटी ठीक बोल रही है। तू अपना माल निकाल और चला जा नहीं तो अगर कोई तुमको ढूँढने ऊपर आ गया तो फिर ग़लत हो जाएगा।
दीपू: क्या आंटी अंदर ही वीर्य डाल दूँ।
मम्मी: जोश में होश मत खोना बाहर निकाल कर जमीन पर ही गिरा देना अपना वीर्य।
दीपू: नहीं आंटी जमीन पर नहीं गिराऊंगा आपकी चूत पर ही डालूँगा। मम्मी: नहीं नहीं कुर्ता गंदा हो जाएगा।
दीपू: चलो गांड पर डालने दो।
मम्मी: ठीक है डाल लो गांड तो क़िसी को भी दिखाई नहीं देगी। फिर एकाएक दीपू तेज़ हो गया और उसने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाला और सारा वीर्य मम्मी की गांड पर डाल दिया।
भूपी: तुम चले जाओ अब में 10 मिनट में आता हूँ। दीपू चला गया और फिर भूपी जोश में आया।
मम्मी: दीपू को तो अच्छा जन्म का उपहार मिल गया।
भूपी: हाँ आंटी इस से बड़िया गिफ्ट उसको कहाँ मिलेगा।
मम्मी: में घोड़ी बने हुए थक गयी हूँ।
भूपी: आंटी कोई और तरीका भी तो नहीं है। यहाँ पर लेटने का भी कोई इंतज़ाम नहीं है।
मम्मी: ऐसा करते हैं तुम पेंट उतारो और इस कुर्सी के ऊपर बैठ जाओ और में ऊपर से झटका मारती हूँ।
भूपी: ठीक है मेरी रांड फिर भूपी पेंट खोल कर कुर्सी पर बैठ गया और मम्मी उसके ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे करने लगी और मम्मी की गांड ऊपर नीचे हिलने लगी। भूपी आंटी जल्दी करो होने वाला है।
मम्मी: थोडा टाइम लगेगा मुझको।
भूपी: नहीं मेरा होने वाला है निकल जाएगा। मम्मी ने लंड बाहर निकाला और बोली चलो 2 मिनट ऊँगली करो फिर बताती हूँ।
भूपी: कितनी डालूं?
मम्मी: तीन डाल दो।
भूपी ने तीन ऊंगली डाली और मम्मी को ऊँगली करने लगा 2 मिनट बाद मम्मी बोली निकालो ऊँगली और लंड मेरी चूत के अंदर डालो। मम्मी फिर घोड़ी बन गयी और भूपी ने मम्मी की चूत में लंड डाल दिया।
मम्मी: तेज़ करो फिर मम्मी ने अपनी गांड उसके साथ दबा कर रुक गयी।
मम्मी: भूपी मेरे नीचे हाथ लगा कर देखो कितना रस निकाला है।
भूपी: वॉवववव आंटी यह तो पूरा एक पेग जितना है।
भूपी: लो अब मेरा वीर्य भी निकालो। मम्मी भूपी की मूठ मारने लगी और फिर।
भूपी: रूको तुम्हारी जांगो पर डालना है और फिर उसने अपना सारा वीर्य मम्मी की जांगो पर डाल दिया।
मम्मी: भूपी तुमने तो मज़ा दे दिया।
भूपी: आंटी तुमने भी
और फिर सब नीचे चले गये। दोस्तों आज भी मेरे ये दोनों दोस्त मिलकर मेरी माँ चोदते है। और वो भी बड़े मजे से चुद्वाती है।




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