Monday, July 14, 2014

FUN-MAZA-MASTI चंदा रानी--2

FUN-MAZA-MASTI

  चंदा रानी--2
 ऊँची ऊँची सीत्कार की आवाज़ें निकलता हुआ मैं बहुत धड़ाके से झड़ा, लौड़े ने बीस पचीस तुनके मारे और हर तुनके के साथ गरम वीर्य के मोटे मोटे थक्के चंदा रानी के मुंह में झाड़े।
कई दिनों का जमा हुआ मक्खन निकल गया, मैं बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर फैल गया और अपनी सांसों को काबू पाने की चेष्टा करने लगा।
मेरा लंड झड़ कर मुरझा चुका था और चंदा रानी की लार व मेरे लेस की बूँदों से लिबड़ा एक तरफ को पड़ा हुआ था।
चंदा रानी ने सारा वीर्य पी लिया था और फिर उसने मेरे लौड़े को चाट चाट कर अच्छे से साफ किया नीचे से ऊपर तक।
चंदा रानी ने लंड के निचले भाग में जो मोटी सी नस होती है, उसे दबा दबा कर निचोड़ा, लेस की एक बड़ी बूंद टोपे के छेद से निकली, जिसे उसने जीभ से उठाया और पी लिया।
अब वह मेरे बगल में आकर लेट गई और प्यार से मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी।
‘राजे… तुमने इतना तगड़ा धक्का क्यों मारा मेरे मुंह में… अगर मेरा गला फट जाता तो?’ चंदा रानी ने गुस्से का नाटक करते हुए फुसफुसाई।
‘नहीं रानी… नहीं फटता गला… जब मेरी बीवी का नहीं फटा तो तेरा क्यों फटता? मुझे पता था कुछ भी नहीं होगा।’ मैं बोला।
‘अच्छा जी… तुम्हारी पत्नी भी चूसती है इस भोले-भाले को !’ उसने मेरे लौड़े को प्यार से हिलाते हुए कहा- तुम रोज़ इश्क़ लड़ाते हो?
‘मैं तो पूरी कोशिश करता हूँ कि दिन में कम से कम दो बार तो चुदाई करूँ, पर रोज़ तो नहीं हो पाती दो बार.. रोज़ एक बार तो पक्का और अंदाज़न हफ़्ते में तीन दफे दो बार और एक आध बारी तीन दफे भी !’
‘हाय…मेरे चोदू राजा… कितना चुदक्कड़ है तू… तो उसके मेंसेस में क्या करता है?..हाथ से झाड़ता है क्या?’ चंदा रानी ने एक चुम्मी लेकर कहा।
‘नहीं चंदारानी… जब उसके पीरियड होते हैं तो वह लंड को चूस चूस के खलास करती है, उसे बहुत मज़ा आता है मेरा लंड चूसने में… जब मैं झड़ता हूँ तो कुछ वह पी लेती है और कुछ वह अपने चेहरे पर मल लेती है क्रीम की तरह ! वह कहती है कि यह हर क्रीम से बेहतर होता है।’
 
‘ठीक है मैं भी ट्राइ करूँगी… पर तेरे रस से करूँगी… अपने उस चूतिए पति के वीर्य से नहीं !’ चंदरानी ने कहा।
‘क्यों? उसके लंड म़ें कांटे लगे हैं क्या?’ मैंने पूछा।
‘बस मेरा जी नहीं मानता… वह इश्क़ लड़ाने के बाद अपना लंड साबुन से साफ करता है… जैसे किसी गंदी चीज़ से छू गया हो… कभी मेरी योनि नहीं चूसता… ऐसा दिखाता है कोई गंदी वस्तु है… फिर मैं क्यों उसका वीर्य पीऊँ या मुंह पर मलूँ… क्यों ठीक है या नहीं?’ चंदा रानी अपने नालायक पति से बहुत नाराज़ थी।
साला गांडू ! इतनी सुन्दर औरत!! मादरचोद इसकी बुर नहीं चूसेगा तो बदनसीब है!!! चूत नहीं चूसता ! मेरा बस चले तो घंटों चंदा रानी की चूत चूसता रहूँ !
‘चल… मां चुदवाने दे उस हरामी को… तू अब खड़ी हो जा ताकि मैं तुझे अच्छे से निहार सकूं !’
चंदा रानी खड़ी हो गई, मादरजात नंगी !
खड़ी होकर उसने बिल्कुल फिल्मी लड़कियों की तरह अंगडाई सी लेते हुए का पोज़ बनाया, फूली हुई दूध से भरी चूचियाँ अपने निप्पल सीधे सामने की ओर निशाना साधे मेरे तन बदन में ज्वाला भड़काये जा रही थी।
वह एक जन्नत से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी ! क्या बदन था ! उसका अंग अंग बेहद खूबसूरत था ! कामुकता चंदा रानी के रोम रोम से टपक रही थी।
उसने शरारत से एक चूची का निप्पल दबाया और दूध क़ी एक छोटी सी धार मेरे मुंह की तरफ मारी।
अब तक तो मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा था। अबकी बार उसने दूध क़ी एक बौछार मेरे खड़े लौड़े क़ी ऊपर मारी।
मेरा लंड पूरा अकड़ चुका था, उस बला की सेक्सी औरत को निहारते हुए !
अभी तो उसने सिर्फ लंड चूसा था जिसमें उसने बेतहाशा मज़ा दिया, जब चुदेगी तो क्या हाल होगा !
मैंने हाथ बढ़ा के चंदा रानी को अपनी तरफ खींच लिया, मैं उसे सिर से पैर तक चूसना और चाटना चाहता था, मैं उसकी चूत का रस पीना चाहता था।
सबसे पहले मैंने उसके सुन्दर, मुलायम पैरों को चाटा, दोनों अंगूठे और आठों उंगलियाँ मुंह में लेकर चूसीं। इतना मज़ा आ रहा था जिसका कोई हिसाब नहीं।
उसने भी आनन्द लेते हुए हल्की हल्की सीत्कार भरनी शुरू कर दी।
उन खूबसूरत, दिलकश टांगों को चाटता, चूमता, हाथ फेरता हुआ मैं उसकी चूत तक जा पहुंचा, टांगें चौड़ी कर पहले तो मैंने उसके यौन प्रदेश को बड़े प्यार से निहारा, उसकी गहरे भूरे रंग की घनी झांटें मानो मुझे न्योता दे रही थीं।
मैंने अपनी नाक उन झांटो में रगड़ी तो चंदा रानी ने मज़े में एक गहरी सिसकी ली।
साफ दिख रहा था कि उसकी उत्तेजना बढ़े जा रही थी, उसके बदन ने धीरे धीरे मचलना भी शुरू कर दिया था।
गोरी, गुलाबी और बेहद दिलकश, रस से तर चूत के होंठ चौड़े कर के मैंने अपनी जीभ इधर उधर घुमाई तो उसके बदन में एकदम से हलचल सी मच गई- हाय…राजे… हाय… अब और न तड़पाओ…
उसने मुंह भींच कर बड़ी मुश्किल से आवाज़ निकाली और फिर एक गहरी सीत्कार भरी।
मैंने जल्दी से जीभ उसकी चूत में घुसाई, चूत लबालब रस से भरी हुई थी।
जीभ घुसाते ही ढेर सारा चूत रस मेरे मुंह में आ गया, उसकी चूत जैसे चू रही थी, चंदा रानी की जाँघें भी भीग गई थीं उसके रस के बहाव से !
साफ दिख रहा था था कि चन्दारानी बेहद उत्तेजित हो चुकी थी और चूदाने को बिल्कुल तैयार थी।
मैंने हुमक हुमक के उस सुहानी चूत को पीना शुरू कर दिया। चंदा रानी अब तड़पने लगी थी, उसके गले से भिंची भिंची सी सीत्कार निकल रही थी, वह अपनी टांगें कभी इधर कभी उधर कर रही थी, चूत बराबर लप लप कर रही थी और रस उगले जा रही थी।
मेरा लंड अब फटने की हालत में हो रहा था।
चंदा रानी भी बेकाबू हो गई थी।
यकायक उसने दोनों टांगें इतनी ज़ोर से भींचीं कि मेरी सांस ही रुक गई, फिर भी मैंने जीभ चूत से बाहर न निकाली।
‘बस राजे…बस… अब नहीं सहन होता… राजे तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ… अब और न तरसाओ… बस आ जाओ फ़ौरन… हाय अम्मा, मैं मर जाऊँ…हाँ..हाँ…हाँ…’
इसके साथ ही वह झड़ गई और बहुत ज़ोर से झड़ी, उसने आठ दस बार अपनी टांगें भींचीं और खोलीं, रस की फुहार चूत से बह चली। मैं सब का सब पीता गया, क्या गज़ब का स्वाद था उस चिकने चूतामृत का !
मैंने उठ कर चंदा रानी को घसीट कर बिस्तर पर डाल दिया और उसकी टांगें चौडी कर दीं।
मैं अब धधकता हुआ लौड़ा घुसेड़ने को तैयार था।
तभी चंदा रानी ने मुझे रुकने का इशारा किया, उसने उठ कर मेरी छाती पर दोनों हाथ रख के मुझे लिटा दिया और ख़ुद मेरे ऊपर चढ़ गई, अपने घुटने मेरी जाँघों के दोनों साइड में टिकाकर उसने चूत को ऐन लौड़े के ऊपर सेट किया और धीरे धीरे नीचे होना शुरू किया। लंड अंदर घुसता चला गया।
अभी आधा लंड ही घुसा था कि चंदा रानी ने वापस चूत को ऊपर उठाकर लंड को बाहर किया, सिर्फ सुपारी अंदर रहने दी।
‘राजे…ए…ए…ए…’ आवाज़ लगते हुए वह धड़ाक से लौड़े पर बैठ गई।
लंड बड़ी तेज़ी से चूत में घुसता चला गया और धम्म से जाकर उसकी बच्चेदानी के निचले भाग से टकराया।
एक बार तो उसकी चीत्कार सुन कर मैं डरा कि कहीं बच्चेदानी फट न गई हो लेकिन वो तो दर्द की नहीं बल्कि मज़े की चीत्कार थी।
उसकी चूत एक बार मां बनने के बद भी काफी कसी थी। एक बिना बालक जने लड़की की बुर जैसी कसी तो नहीं लेकिन मेरे लंड को ठीक ही जकड़े हुए थी।
चंदा रानी ने कमर आगे की तरफ झुकाते हुए खुद को मेरे से चिपका लिया, उसका सिर मेरी ठुड्डी पर टिका था और चूचे मेरी छाती को दबा रहे थे, दबाव से दूध निकल निकल कर मेरी छाती को भिगोये जा रहा था।
लंड चूत के अन्दर चूत के ऊपरी भाग को कस के दबा रहा था जिससे भग्नासा अच्छे से दब दब के उसे बेइंतिहा मज़ा दे रही थी।
चंदा रानी ने अपने को थोड़ा और आगे सरकाया, उसका मुंह बिल्कुल मेरे मुंह पर आ गया, चूत भी थोड़ी सी आगे सरकी तो लंड और भी कस के चूत में फंस गया।
अब भग्नासा पर लंड का पूरा दबाब था।
मेरे होंठ चूसते हुए चंदा रानी मेरे कानों में फुसफसाई- राजे तू एक बार खलास हो चुका है और मैं भी, अब धीरे धीरे इश्क लड़ाएंगे… तू बस आराम से पड़ा चुदाई का मज़ा लूट… देख मैं तुझे जन्नत की सैर कराती हूँ।
इतना कह के चंदा रानी ने मेरे मुंह में जीभ घुसा के बहुत देर तक प्यार दिया।
उसका मुखरस पी पी के मैं तृप्त हुआ जा रहा था।
वो अपने चूतड़ अत्यंत ही धीरे धीरे घुमा रही थी, कभी वो कमर आगे करती, तो कभी पीछे, कभी कमर उछालती और कभी अचानक बड़े ज़ोर का धक्का मारती।
कभी वो पूरा का पूरा लंड बहर निकाल कर दुबारा चूत में धड़ाम से घुसाती और कभी वो सिर्फ चूत को लप लप करते हुए लंड को ज़बरदस्त मज़ा देती।
चंदा रानी वाकयी में चुदाई की अनिभवी खिलाड़िन थी। जब वो तेज़ तेज़ धक्के मारती, तो फचक…फचक…फच…फच…फच..फच की आवाज़ कमरे में गूंज उठती, अगर कोई बाहर खड़ा सुन रहा होता तो फौरन जान जाता कि यहाँ ज़ोरदार चुदाई चल रही है।
इसी तरह हम बहुत समय तक चोदते रहे, तेज़… बहुत तेज़… धीरे… बहुत धीरे… उसके नितम्ब कभी गोल गोल घुमाते हुए तो कभी दायें बायें हिलाते हुए… चुदाई धकाधक हुए जा रही थी।
‘राजे.. और दूध पियेगा? मेरा दिल कर रहा है तुझे चोदते चोदते दूध पिलाने का।’ चंदा रानी ने मेरे कान में कहा और फिर मस्ती में आकर मेरे कान को हौले से काट लिया।
उसका बदन बहुत गर्म हो गया था, ठरक से सराबोर उसका चेहरा लाल हो गया था और पसीने की छोटी छोटी बूँदें उसके माथे पे छलक आई थी।
‘अरे रानी…अंधा क्या चाहे दो आँखें !’ मैंने कहा।
सचमुच एक अति कामुक स्त्री का चुदाई करते हुए दूध पीने के ख्याल से ही मेरी ठरक बेतहाशा बढ़ गई थी।
यह मैंने पहले कभी नहीं किया था।
तुरन्त ही मैंने चंदा रानी को कंधों से पकड़ कर थोड़ा सा ऊपर उठाया और खुद उचक कर कोहनियों पर खुद को टिकाया।
दूध से भरे हुए, फूल के कुप्पा हुए उसके चूचे किसी भी मर्द के तन बदन को आग लगा सकते थे।
मैंने अपना मुंह खोल दिया पूरा पूरा !
चंदा रानी ने एक चूची मेरे मुंह में घुसा दी और दूसरी चूची की निप्पल उमेठने लगी।
मेरे मुंह में घुसी निप्पल उसकी चरम सीमा तक बढ़ी कामवासना के कारण बहुत सख्त हो चली थी, मैंने जैसे ही उसकी अकड़ी निप्पल पर जीभ घुमाई, एक हल्की सी चीख उसके गले से निकली, कराहते हुए बोली- कचूमर निकाल दे राजे… इस कम्बख्त चूची का… आज तो चटनी बना ही दे इसकी… हरमज़ादी ने जान खींच रखी है मेरी… हाँ राजा हाँ….पीस डाल..
मैंने तुरन्त निप्पल को कस के काटा और फिर अपने दाँत चूची में गाड़ दिये।
चंदा रानी ने चिहुंक के सीत्कार भरी।
दूध की धारा बह चली मेरे मुंह में !
मैंने दांत गाड़े रखे, चंदा रानी ठरक से पागल होकर अब बहुत तेज़ तेज़ धक्के मार रही थी।
मैंने पहली चूची छोड़ के दूसरी चूची में कस के दांत गाड़े।
काम वासना के आवेश में भरी हुई चंदा रानी अब हुमक हुमक के धक्के लगा रही थी, वो स्खलन से ज़्यादा दूर न थी।
दूध पीता, ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा लूटता यह चूतनिवास भी तेज़ी से झड़ने की ओर बढ़ रहा था। फच फच फच फच की आवाज़ से कमर भर उठा, चंदा रानी अब बिजली की तेज़ी से अपनी कमर कुदा कुदा के धक्के मार रही थी, उसकी सांस फूल गई थी और गले से भिंची भिंची सीत्कार निकल रही थी।
उसका पूरा बदन तप गया था जैसे कि 104 का बुखार हो ! सारा शरीर पसीने से भीग गया था, मैं भी पसीने में लथपथ था।
चंदा रानी ने सिर्फ सुपारी चूत में छोड़कर, पूरा लंड बाहर निकाला और एक बहुत ही ताकतवर धक्का मारा, जिससे मेरा 8 इन्च का मोटा लौड़ा दनदनाता हुआ बुर में जा घुसा।
उसने अपने नाखून मेरे कंधों में गड़ा दिये और झर झर… झर झर… झड़ने लगी।
‘हाय हाय’ करते हुए फिर से आठ दस तगड़े धक्के मारे और हर धक्के में झड़े चली गई, उसके मुंह से सीत्कार पर सीत्कार निकल रहे थे, रस की फुहार चूत में बरस उठी, चंदा रानी बेहोश सी मेरे ऊपर ढेर हो गई।










हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator