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दोस्त की बेहन के साथ सुहागरात
ये एक्सपीरियेन्स मेरे बचपन के फ्रेंड की बेहन का है जो आज भी मेरा बेस्ट फ्रेंड है. वो मेरा 5थ स्टॅंडर्ड से फ्रेंड है. वो लोग 2 भाई और 3 बेहन है और हमारी उनसे फॅमिली फ्रेंडशिप है. मेरे दोस्त का नाम रोमी था और वो सारे बेहन भाइयों में सबसे छोटा था. उसकी सबसे बड़ी बेहन का नाम शन्नो, उससे छोटा भाई संजू और फिर उससे छोटी बेहन रश्मि और फिर तीसरी बेहन प्रीति और सबसे आख़िरी मेरा दोस्त रोमी था.बड़ी दीदी शन्नो हमसे 9 साल बड़ी थी और भैया संजू 6 साल बड़े और रश्मि हम से 4 साल बड़ी और प्रीति 2 साल बड़ी है. सबसे पहले शन्नो दीदी की मॅरेज पंजाब में हो गयी. उनका हज़्बेंड बहूत ही हँसमुख था और हमेशा जोक करते रहते थे. लेकिन जीजा जी नंबर एक के मदर्चोद थे, वो अपनी दोनो सालियों रश्मि और प्रीति की चूचियाँ दबाते रहते थे और गांद पर भी चुटकी काट लेते थे. वो इतने मदर्चोद थे कि हम लड़को का भी लंड पकड़ कर खींच लेते थे और हमारी गांद में उपर से चुटकी काट लेते थे और कभी कभी उंगली कर देते थे.
ऐसा मदर्चोद आदमी मैने आज तक नहीं देखा. अब आप को ये बताता हूँ कि मैने रश्मि के साथ सुहागरात कैसे मनाई. उस वक़्त मेरी एज 18 यियर्ज़ थी और कल्पना भाभी को चोद्ने के बाद मुझे चूत का भी चस्का लग चुका था. मेरे दोस्त की दूसरी बेहन रश्मि की मॅरिज होने वाली थी, दो दिन के बाद उसकी मेहन्दी की रसम थी में एक फॅमिली मेंबर की तरह था और उसकी तीनो बहनो को बहूत रेस्पेक्ट देता था. मॅरेज की वजह से में उनके घर पर ही रुका हुआ था और सारे कामो में हेल्प कर रहा था. रश्मि की मेहन्दी की रसम दो दिन के बाद थी और उन्होने कुछ रिलेटिव्स को होटेल में, कुछ को नेबर्स के घर पर स्टे करवाया था. घर का फर्निचर निकाल कर हम ने रूफ पर रख दिया और सभी रूम्स में फ्लोर पर बेडलागा दिए थे. ऐसे ही मेहन्दी के 2 दिन पहले एक रात को एक रूम में हम पाँच सो रहे थे. पहले मेरे दोस्त की बेहन रश्मि, फिर में, फिर मेरा दोस्त और फिर उसके जीजा जी और आख़िर में शन्नो दीदी सो रही थी. मेने और मेरे दोस्त ने थोड़ी ड्रिंक करी थी जीजा जी के साथ.
हम सब आराम से सो रहे थे कि अचानक मेरी जाँघ पर कस कर कुछ लगा और तेज़ दर्द से में उठ कर बैठ गया. मैने देखा कि जीजा जी रश्मि के उपर चढ़े हुए थे. दरअसल उन्होने रश्मि को चोद्ने के लिए जैसे ही उन्होने एग्ज़ाइट्मेंट मे रश्मि की टाँगो को बेंड कर के उपर उठाया तो रश्मि का घुटना मेरी जाँघ पर कस के लगा और में दर्द से कराह कर उठ गया. जीजा जी और रश्मि मुझे देख कर घबरा गये लेकिन पता नहीं कैसे में तुरंत फिर लेट कर सोने की आक्टिंग करने लगा जैसे मेने कुछ देखा नहीं और उन्हे भी यहीं लगा कि में नींद में उठ कर फिर सो गया.
वो 2 मिनिट तक मुझे देखते रहे क्योंकि मेरा फेस उनकी साइड पर ही था. जीजा जी ने मुझे टर्न करने की कोशिश की लेकिन में टर्न नहीं हुआ तो रश्मि ने जीजा जी को बोला जीजू यार जल्दी करो नहीं तो कोई और जाग जाएगा और मेरा मूड भी ठंडा करो. रश्मि के मूह से में ये सब सुन कर सर्प्राइज़्ड रह गया. जब उन्हे लगा कि में सो रहा हूँ तो उन्होने फिर से अपना सेक्स गेम स्टार्ट कर दिया और में आधी खुली आँखो से सारा नज़ारा क्लियर देख रहा था.
जीजा जी उठे और थोड़ा नीचे खिसक कर रश्मि की चूत चाटने लगे और रश्मि के दोनो बूब्स खुले हुए थे. मैने उनके बूब्स के बीच की लाइन तो कई बार देखा था लेकिन रेस्पेक्ट की वजह से में उसे अपने माइंड से निकाल देता था और आज उसके दोनो बूब्स को देख रहा था. रश्मि भी जीजा जी का लंड लोलीपोप की तरह चाट रही थी. किसी को आज सेक्स करते देख कर बहूत अच्छा लग रहा था. रश्मि जीजा जी के लंड को चूसर चूसर कर के चूस रही थी और साथ ही साथ सिसकारियाँ भी ले रही थी. जीजा जी उसकी नीचे चूत चाटने में मस्त थे और रश्मि के गोर गोरे बदन और उसकी टाइट चूचियों कोदेखते देखते थोड़ी देर के बाद मुझे भी सेक्स का नशा चढ़ने लगा. उसकी गोल गोल गोरी गोरी चूचियों को देख कर मेरा लंड टाइट हो गया और उपर नीचे हो कर उसकी खूबसूरती को सलामी देने लगा.
में रश्मि के पिंक पिंक निपल को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद काम देवता मेरे दिमाग़ और दिल पर छा गये. मेरा दिल कर रह था कि रश्मि के दोनो चूचियो को उसकी छाती से उखाड़ दूं और खा जाऊ. मेरे हाथ मचल रहे थे उसकी चूचियो को दबाने के लिए और मेरे लिप्स ड्राइ हो रहे थे. मेरा गला सुख गया और प्यास लगी जा रही थी. थोड़ी देर के बाद जीजा जी सीधे हुए और अपना लंड रश्मि के मूह से निकाल कर उससे चोद्ने के लिए रेडी हो गये, उन्होने अपना लंड रश्मि की चूत में डाल दिया और उसके लिप्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे.
में उन्हे सेक्स एंजाय करते हुए देख रहा था और सोच रहा था कि रश्मि को कैसे चोदू. थोड़ी देर के बाद जीजा जी ने तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिए और रश्मि भी अपनी गांद उछाल रही थी और थोड़ी देर के बाद दोनो झाड़ गये और जीजा जी रश्मि के लिप्स को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि उसका पूरा जूस पी जाएँगे. थोड़ी देर के बाद दोनो का जिस्म ऐतने लगा और दोनो ठंडे पड़ गये उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थी. फिर दोनो उठ कर बाथरूम मे जा कर वॉश कर के आ गये.
जीजा जी ने रूम में आ कर फिर से डोर लॉक कर दिया और जा कर अपनी वाइफ शन्नो दीदी के पास लेट गये.रश्मि भी अपनी जगह पर मेरा मतलब मेरे बगल में आ कर लेट गयी. मेरी आँखो से नींद कोसो दूर थी और रात की चाँदनी में रश्मि के चमकते चेहरे को देख रहा था और उससे चोद्ने का रास्ता सोच रहा था. थोड़ी देर के बाद जीजा जी की स्नोरिंग की आवाज़ आने लगी और रश्मि भी चुदाइ के बाद गहरी नींद में सो रही थी.
मेने सब तरह से सॅटिस्फाइड होने के बाद धीरे धीर अपने काप्ते हाथो को रश्मि की तरफ बढ़ाया और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया. मेरी धड़कन पूरी रफ़्तार पर थी और ज़बान सुख रही थी. थोड़ी देर तक मैने बूब्स पर ही हाथ रखा फिर धीरे धीरे मैं अपने हाथ से उसका नाइट गाउन उठाने लगा और पूरा नाइट गाउन उठाने के बाद मैने देखा कि उसकी चूचियाँ उसकी वाइट ब्रा में क़ैद (बंद) थी.
में ब्रा से ही उसके बूब्स दबाने लगा और उसके जिस्म की स्मेल लेने लगा. अचानक रश्मि मेरे बूब्स दबाने की वजह से उठ गयी और धीरे से गुस्से में बोली राज क्या कर रहे हो. में हिम्मत कर के बोला कि पहले क्या हो रहा था वही कर रहा हूँ. वो चुप हो गयी और में उसके बूब्स ब्रा के उपर से दबाने लगा तो रश्मि बोली कि कोई उठ गया तो प्राब्लम होगी तुम गाउन को नीचे कर दो में उपर से गाउन के बटन खोल देती हूँ. मैने वैसा ही किया और उसने गाउन के उपर के बटन खोल दिए और ब्रा को अनहुक कर दिया और ब्रा उपर उठा दी. मैने अब उसके बूब्स को ब्रा से आज़ाद कर दिया और उसके पिंक पिंक निपल को चूसने लगा.
दोस्तों इसे कहते है कि अंधे के हाथ किस्मत लगना और में उसके बूब्स को चूस चूस कर एंजाय कर रहा था फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना हाथ उसकी चूत की लव लाइन पर रख दिया और उसकी चूत के अंगूर को अपनी उंगली से सहलाने लगा और उसके बूब्स के निपल को भी धीरे धीरे अपने टीत से काट रहा था. कुछ ही देर के बाद रश्मि भी मस्त गरम हो गयी और मेरा सर खींच कर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी,
जीजा जी से चुद्ने के बाद रश्मि अच्छे से अपनी चूत को क्रीम सोप से वॉश कर के आई थी और क्रीम सोप की बहूत प्यारी स्मेल आ रही थी.मैने रश्मि को उपर आ कर मेरा लंड चूसने के लिए कहा और रश्मि भी तुरंत रेडी हो गयी में उसके इस बिहेवियर से बहूत सर्प्राइज़्ड था. रश्मि मेरे उपर अपने दोनो पाँव फैला कर लेट गयी और मेरा लंड चूसने लगी और में भी उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत पाव-भाजी के पाव की तरह फूली हुई थी और उसकी चूत को चाटने का एक अलग ही मज़ा आ रहा था ऐसा लग रह था कि जन्नत में हूँ जो कभी ख्वाबो में भी सोचा नही था वो हक़ीकत था.
दोस्तो सोचो कि कोई ऐसा हो जो हसीन हो और जवान हो और जिसके बारे में आप कभी सेक्स का सोच भी नहीं सकते हो और जिसकी आप बहूत रेस्पेक्ट करते हो और वो आप का लंड चूस रही हो और जिसको आप चोद्ने जा रहे हो तो सोचो आप का क्या हाल होगा? रश्मि बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और में भी उसकी चूत ऐसे चाट रहा था जैसे कोई भिकारी कोई झूठी प्लेट चाट रहा हो. मैने अपनी जीभ उसकी चूत की दोनो पंखुड़ियो को फैला कर उसकी चूत के अंदर डाल दी और अपनी जीभ से उसकी चूत के अंगूर को सहलाने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. रश्मि बहूत मज़ा दे रही थी और अपनी चूत मेरे लंड पर दबा रही थी. थोड़ी देर के बाद उसकी चूत का रस मेरे मूह में टपकने लगा इसके बाद मैने रश्मि को सीधा लिटाया और उसकी चूत में लंड घुसेड दिया और उसके लिप्स चूसने लगा.
वो बहूत एंजाय कर रही थी और कस कस कर सिसकारियाँ लेने लगी में भी उसकी चूत में लंड डाल कर धीरे धीरे हिला रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत के अंगूर को भी अपनी उंगली से सहला रह था. रश्मि ने मुझे कस कर अपने सीने से लगा लिया और आनी गांद उछालने लगी और मज़ा लेने लगी और में भी धक्के मारने लगा और थोड़ी देर के बाद उसका बदन टाइट होने लगा और वो झाड़ गयी और उसके झाड़ते ही मैने तेज़ तेज़ धक्के मारने लगा और 2 मिनिट के बाद में भी कस मसा गया और उसकी चूत में झाड़ गया.
उसके बाद में टाय्लेट में जा कर अपना लंड साफ कर के आ गया और उसके बाद रश्मि टाय्लेट में जा कर अपनी चूत सॉफ करके आ गयी और अंदर आ कर डोर लॉक कर लिया . पहले जीजा जी और रश्मि दो-दो बार टाय्लेट गये थे और अब में और रश्मि एक बार टाय्लेट गये थे इससे रश्मि की मोम की नींद खुल गयी और रश्मि जब टाय्लेट गयी थी तो उससे पूछ रही थी कि क्या तुम्ह बार बार टाय्लेट आ रही हो क्या प्राब्लम है?
मैने फिर से रश्मि को गले लगा लिया और उसके होंठ चूसने लगा और मैने फिर से उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और उसकी चूत को सहलाने लगा. वो भी थोड़ी देर के बाद गरम हो गयी और बोली कि जल्दी करना में 3 बार चुदवाने के बाद थक गयी हूँ और मुझे नींद आ रही है. मैने कहा ओके और उसकी चूत चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पूरा मूह मे लेकर चूस रही थी फिर जल्दी ही वो झाड़ गयी और उसकी चूत का अमृत मेरे मूह में गिर गया अब मैने उससे सीधा किया और उसकी चूत में लंड ठोक दिया और कस कस कर चोद्ने लगा और जब में झड़ने वाला था तो वो बोली कि मेरे चूत में मत झड़ना क्योंकि अब हम बाथरूम में नहीं जा सकते तो मैने बोला कि फिर क्या करूँ तो वो बोली में हूँ ना और फिर यह कह कर वह मेरा लंड अपने मूह में लेकर चूसने लगी और में उसके मूह में ही झाड़ गया और वो मेरा सारा गरम पानी पे गयी और लंड चूस्ति रही और अच्छी तरह से सॉफ करके उसने मेरा लंड छोड़ दिया.
रश्मि ने मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे नींद आ रही है और बोली कि तुम मुझे जब चाहो बाद में भी चोद सकते हो तुमसे चुद्वाने मे मुझे बहूत मज़ा आया. फिर में उसके उपर हाथ रख कर सो गया और सुबह सब कुछ नॉर्मल था. ऐसे मेरी रश्मि के साथ सुहागरात मनी उसकी शादी से पहले.
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ये एक्सपीरियेन्स मेरे बचपन के फ्रेंड की बेहन का है जो आज भी मेरा बेस्ट फ्रेंड है. वो मेरा 5थ स्टॅंडर्ड से फ्रेंड है. वो लोग 2 भाई और 3 बेहन है और हमारी उनसे फॅमिली फ्रेंडशिप है. मेरे दोस्त का नाम रोमी था और वो सारे बेहन भाइयों में सबसे छोटा था. उसकी सबसे बड़ी बेहन का नाम शन्नो, उससे छोटा भाई संजू और फिर उससे छोटी बेहन रश्मि और फिर तीसरी बेहन प्रीति और सबसे आख़िरी मेरा दोस्त रोमी था.बड़ी दीदी शन्नो हमसे 9 साल बड़ी थी और भैया संजू 6 साल बड़े और रश्मि हम से 4 साल बड़ी और प्रीति 2 साल बड़ी है. सबसे पहले शन्नो दीदी की मॅरेज पंजाब में हो गयी. उनका हज़्बेंड बहूत ही हँसमुख था और हमेशा जोक करते रहते थे. लेकिन जीजा जी नंबर एक के मदर्चोद थे, वो अपनी दोनो सालियों रश्मि और प्रीति की चूचियाँ दबाते रहते थे और गांद पर भी चुटकी काट लेते थे. वो इतने मदर्चोद थे कि हम लड़को का भी लंड पकड़ कर खींच लेते थे और हमारी गांद में उपर से चुटकी काट लेते थे और कभी कभी उंगली कर देते थे.
ऐसा मदर्चोद आदमी मैने आज तक नहीं देखा. अब आप को ये बताता हूँ कि मैने रश्मि के साथ सुहागरात कैसे मनाई. उस वक़्त मेरी एज 18 यियर्ज़ थी और कल्पना भाभी को चोद्ने के बाद मुझे चूत का भी चस्का लग चुका था. मेरे दोस्त की दूसरी बेहन रश्मि की मॅरिज होने वाली थी, दो दिन के बाद उसकी मेहन्दी की रसम थी में एक फॅमिली मेंबर की तरह था और उसकी तीनो बहनो को बहूत रेस्पेक्ट देता था. मॅरेज की वजह से में उनके घर पर ही रुका हुआ था और सारे कामो में हेल्प कर रहा था. रश्मि की मेहन्दी की रसम दो दिन के बाद थी और उन्होने कुछ रिलेटिव्स को होटेल में, कुछ को नेबर्स के घर पर स्टे करवाया था. घर का फर्निचर निकाल कर हम ने रूफ पर रख दिया और सभी रूम्स में फ्लोर पर बेडलागा दिए थे. ऐसे ही मेहन्दी के 2 दिन पहले एक रात को एक रूम में हम पाँच सो रहे थे. पहले मेरे दोस्त की बेहन रश्मि, फिर में, फिर मेरा दोस्त और फिर उसके जीजा जी और आख़िर में शन्नो दीदी सो रही थी. मेने और मेरे दोस्त ने थोड़ी ड्रिंक करी थी जीजा जी के साथ.
हम सब आराम से सो रहे थे कि अचानक मेरी जाँघ पर कस कर कुछ लगा और तेज़ दर्द से में उठ कर बैठ गया. मैने देखा कि जीजा जी रश्मि के उपर चढ़े हुए थे. दरअसल उन्होने रश्मि को चोद्ने के लिए जैसे ही उन्होने एग्ज़ाइट्मेंट मे रश्मि की टाँगो को बेंड कर के उपर उठाया तो रश्मि का घुटना मेरी जाँघ पर कस के लगा और में दर्द से कराह कर उठ गया. जीजा जी और रश्मि मुझे देख कर घबरा गये लेकिन पता नहीं कैसे में तुरंत फिर लेट कर सोने की आक्टिंग करने लगा जैसे मेने कुछ देखा नहीं और उन्हे भी यहीं लगा कि में नींद में उठ कर फिर सो गया.
वो 2 मिनिट तक मुझे देखते रहे क्योंकि मेरा फेस उनकी साइड पर ही था. जीजा जी ने मुझे टर्न करने की कोशिश की लेकिन में टर्न नहीं हुआ तो रश्मि ने जीजा जी को बोला जीजू यार जल्दी करो नहीं तो कोई और जाग जाएगा और मेरा मूड भी ठंडा करो. रश्मि के मूह से में ये सब सुन कर सर्प्राइज़्ड रह गया. जब उन्हे लगा कि में सो रहा हूँ तो उन्होने फिर से अपना सेक्स गेम स्टार्ट कर दिया और में आधी खुली आँखो से सारा नज़ारा क्लियर देख रहा था.
जीजा जी उठे और थोड़ा नीचे खिसक कर रश्मि की चूत चाटने लगे और रश्मि के दोनो बूब्स खुले हुए थे. मैने उनके बूब्स के बीच की लाइन तो कई बार देखा था लेकिन रेस्पेक्ट की वजह से में उसे अपने माइंड से निकाल देता था और आज उसके दोनो बूब्स को देख रहा था. रश्मि भी जीजा जी का लंड लोलीपोप की तरह चाट रही थी. किसी को आज सेक्स करते देख कर बहूत अच्छा लग रहा था. रश्मि जीजा जी के लंड को चूसर चूसर कर के चूस रही थी और साथ ही साथ सिसकारियाँ भी ले रही थी. जीजा जी उसकी नीचे चूत चाटने में मस्त थे और रश्मि के गोर गोरे बदन और उसकी टाइट चूचियों कोदेखते देखते थोड़ी देर के बाद मुझे भी सेक्स का नशा चढ़ने लगा. उसकी गोल गोल गोरी गोरी चूचियों को देख कर मेरा लंड टाइट हो गया और उपर नीचे हो कर उसकी खूबसूरती को सलामी देने लगा.
में रश्मि के पिंक पिंक निपल को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद काम देवता मेरे दिमाग़ और दिल पर छा गये. मेरा दिल कर रह था कि रश्मि के दोनो चूचियो को उसकी छाती से उखाड़ दूं और खा जाऊ. मेरे हाथ मचल रहे थे उसकी चूचियो को दबाने के लिए और मेरे लिप्स ड्राइ हो रहे थे. मेरा गला सुख गया और प्यास लगी जा रही थी. थोड़ी देर के बाद जीजा जी सीधे हुए और अपना लंड रश्मि के मूह से निकाल कर उससे चोद्ने के लिए रेडी हो गये, उन्होने अपना लंड रश्मि की चूत में डाल दिया और उसके लिप्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे.
में उन्हे सेक्स एंजाय करते हुए देख रहा था और सोच रहा था कि रश्मि को कैसे चोदू. थोड़ी देर के बाद जीजा जी ने तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिए और रश्मि भी अपनी गांद उछाल रही थी और थोड़ी देर के बाद दोनो झाड़ गये और जीजा जी रश्मि के लिप्स को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि उसका पूरा जूस पी जाएँगे. थोड़ी देर के बाद दोनो का जिस्म ऐतने लगा और दोनो ठंडे पड़ गये उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थी. फिर दोनो उठ कर बाथरूम मे जा कर वॉश कर के आ गये.
जीजा जी ने रूम में आ कर फिर से डोर लॉक कर दिया और जा कर अपनी वाइफ शन्नो दीदी के पास लेट गये.रश्मि भी अपनी जगह पर मेरा मतलब मेरे बगल में आ कर लेट गयी. मेरी आँखो से नींद कोसो दूर थी और रात की चाँदनी में रश्मि के चमकते चेहरे को देख रहा था और उससे चोद्ने का रास्ता सोच रहा था. थोड़ी देर के बाद जीजा जी की स्नोरिंग की आवाज़ आने लगी और रश्मि भी चुदाइ के बाद गहरी नींद में सो रही थी.
मेने सब तरह से सॅटिस्फाइड होने के बाद धीरे धीर अपने काप्ते हाथो को रश्मि की तरफ बढ़ाया और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया. मेरी धड़कन पूरी रफ़्तार पर थी और ज़बान सुख रही थी. थोड़ी देर तक मैने बूब्स पर ही हाथ रखा फिर धीरे धीरे मैं अपने हाथ से उसका नाइट गाउन उठाने लगा और पूरा नाइट गाउन उठाने के बाद मैने देखा कि उसकी चूचियाँ उसकी वाइट ब्रा में क़ैद (बंद) थी.
में ब्रा से ही उसके बूब्स दबाने लगा और उसके जिस्म की स्मेल लेने लगा. अचानक रश्मि मेरे बूब्स दबाने की वजह से उठ गयी और धीरे से गुस्से में बोली राज क्या कर रहे हो. में हिम्मत कर के बोला कि पहले क्या हो रहा था वही कर रहा हूँ. वो चुप हो गयी और में उसके बूब्स ब्रा के उपर से दबाने लगा तो रश्मि बोली कि कोई उठ गया तो प्राब्लम होगी तुम गाउन को नीचे कर दो में उपर से गाउन के बटन खोल देती हूँ. मैने वैसा ही किया और उसने गाउन के उपर के बटन खोल दिए और ब्रा को अनहुक कर दिया और ब्रा उपर उठा दी. मैने अब उसके बूब्स को ब्रा से आज़ाद कर दिया और उसके पिंक पिंक निपल को चूसने लगा.
दोस्तों इसे कहते है कि अंधे के हाथ किस्मत लगना और में उसके बूब्स को चूस चूस कर एंजाय कर रहा था फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना हाथ उसकी चूत की लव लाइन पर रख दिया और उसकी चूत के अंगूर को अपनी उंगली से सहलाने लगा और उसके बूब्स के निपल को भी धीरे धीरे अपने टीत से काट रहा था. कुछ ही देर के बाद रश्मि भी मस्त गरम हो गयी और मेरा सर खींच कर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी,
जीजा जी से चुद्ने के बाद रश्मि अच्छे से अपनी चूत को क्रीम सोप से वॉश कर के आई थी और क्रीम सोप की बहूत प्यारी स्मेल आ रही थी.मैने रश्मि को उपर आ कर मेरा लंड चूसने के लिए कहा और रश्मि भी तुरंत रेडी हो गयी में उसके इस बिहेवियर से बहूत सर्प्राइज़्ड था. रश्मि मेरे उपर अपने दोनो पाँव फैला कर लेट गयी और मेरा लंड चूसने लगी और में भी उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत पाव-भाजी के पाव की तरह फूली हुई थी और उसकी चूत को चाटने का एक अलग ही मज़ा आ रहा था ऐसा लग रह था कि जन्नत में हूँ जो कभी ख्वाबो में भी सोचा नही था वो हक़ीकत था.
दोस्तो सोचो कि कोई ऐसा हो जो हसीन हो और जवान हो और जिसके बारे में आप कभी सेक्स का सोच भी नहीं सकते हो और जिसकी आप बहूत रेस्पेक्ट करते हो और वो आप का लंड चूस रही हो और जिसको आप चोद्ने जा रहे हो तो सोचो आप का क्या हाल होगा? रश्मि बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और में भी उसकी चूत ऐसे चाट रहा था जैसे कोई भिकारी कोई झूठी प्लेट चाट रहा हो. मैने अपनी जीभ उसकी चूत की दोनो पंखुड़ियो को फैला कर उसकी चूत के अंदर डाल दी और अपनी जीभ से उसकी चूत के अंगूर को सहलाने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. रश्मि बहूत मज़ा दे रही थी और अपनी चूत मेरे लंड पर दबा रही थी. थोड़ी देर के बाद उसकी चूत का रस मेरे मूह में टपकने लगा इसके बाद मैने रश्मि को सीधा लिटाया और उसकी चूत में लंड घुसेड दिया और उसके लिप्स चूसने लगा.
वो बहूत एंजाय कर रही थी और कस कस कर सिसकारियाँ लेने लगी में भी उसकी चूत में लंड डाल कर धीरे धीरे हिला रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत के अंगूर को भी अपनी उंगली से सहला रह था. रश्मि ने मुझे कस कर अपने सीने से लगा लिया और आनी गांद उछालने लगी और मज़ा लेने लगी और में भी धक्के मारने लगा और थोड़ी देर के बाद उसका बदन टाइट होने लगा और वो झाड़ गयी और उसके झाड़ते ही मैने तेज़ तेज़ धक्के मारने लगा और 2 मिनिट के बाद में भी कस मसा गया और उसकी चूत में झाड़ गया.
उसके बाद में टाय्लेट में जा कर अपना लंड साफ कर के आ गया और उसके बाद रश्मि टाय्लेट में जा कर अपनी चूत सॉफ करके आ गयी और अंदर आ कर डोर लॉक कर लिया . पहले जीजा जी और रश्मि दो-दो बार टाय्लेट गये थे और अब में और रश्मि एक बार टाय्लेट गये थे इससे रश्मि की मोम की नींद खुल गयी और रश्मि जब टाय्लेट गयी थी तो उससे पूछ रही थी कि क्या तुम्ह बार बार टाय्लेट आ रही हो क्या प्राब्लम है?
मैने फिर से रश्मि को गले लगा लिया और उसके होंठ चूसने लगा और मैने फिर से उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और उसकी चूत को सहलाने लगा. वो भी थोड़ी देर के बाद गरम हो गयी और बोली कि जल्दी करना में 3 बार चुदवाने के बाद थक गयी हूँ और मुझे नींद आ रही है. मैने कहा ओके और उसकी चूत चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पूरा मूह मे लेकर चूस रही थी फिर जल्दी ही वो झाड़ गयी और उसकी चूत का अमृत मेरे मूह में गिर गया अब मैने उससे सीधा किया और उसकी चूत में लंड ठोक दिया और कस कस कर चोद्ने लगा और जब में झड़ने वाला था तो वो बोली कि मेरे चूत में मत झड़ना क्योंकि अब हम बाथरूम में नहीं जा सकते तो मैने बोला कि फिर क्या करूँ तो वो बोली में हूँ ना और फिर यह कह कर वह मेरा लंड अपने मूह में लेकर चूसने लगी और में उसके मूह में ही झाड़ गया और वो मेरा सारा गरम पानी पे गयी और लंड चूस्ति रही और अच्छी तरह से सॉफ करके उसने मेरा लंड छोड़ दिया.
रश्मि ने मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे नींद आ रही है और बोली कि तुम मुझे जब चाहो बाद में भी चोद सकते हो तुमसे चुद्वाने मे मुझे बहूत मज़ा आया. फिर में उसके उपर हाथ रख कर सो गया और सुबह सब कुछ नॉर्मल था. ऐसे मेरी रश्मि के साथ सुहागरात मनी उसकी शादी से पहले.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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