Tuesday, April 8, 2014

FUN-MAZA-MASTI तूफानी हलचल

FUN-MAZA-MASTI


तूफानी हलचल

       ----- मेल से मिली कहानी को यहाँ बिस्तार से लिखा है -----

मैं एक कंप्यूटर सेंटर रन करता हु ,मेरी उम्र 45 साल है | मेरे यहाँ पर एक विवाहित ओरत दीपमाला करीब 32 साल उम्र की कंप्यूटर कोर्स करती थी जिसकी मार्कसीट नहीं आई  यूनीवर्सिटी  से नहीं आई कुछ कारण से करीब तीन साल हो गए बार बार दीपमाला का  फोन आया मैंने भी कई बार कोशिस किया यूनीवर्सिटी में पर मार्कसीट नहीं आने से मैंने दीपमाला को राय दिया की तुम यूनीवर्सिटी चली जाओ वह से लाओ मार्कसीट , तो ओ बोली की  टीक है पर एक सप्ताह  बाद दीपमाला का फिर से फोन आया और बोली की सर कोई नहीं जा रहा है यूनीवर्सिटी आप चलिए मेरे साथ | तब मैंने दीपमाला को समझाया की आप क्सिऎ अपने वालो के साथ जैसे पति या भाई के साथ जाए ..क्योकि हो सकता है रात में रुकना भी पड़ जाए काम नहीं होने पर --तब ओ बोली की सर भाई लोग नहीं जायेगे उन्हें छुट्टी नहीं मिल रही है और ये (पति) ठहरे अनपढ़ (दीपमाला का पति सिर्फ 10 वी पास है ) तब मैंने कहा की टीक है जब बोलोगी चल दुगा तुम्हारे साथ | मैं मन ही मन खुस था की सायद दीपमाला को चोदने का मोका मिल जाए क्योकि दीपमाला के बड़े बड़े टाईट स्तन बहुत ही सेक्सी है  मस्त जिस्म की मल्लिका है दीपमाला वैसे काली है पर क्या  कमी है चूत तो सभी ओरतो की काली ही हो जाती है चुदाते चुदाते |
                 
                    और ओ दिन भी आ गया 8 जून 2012 को मैंने और दीपमाला मेरी कार से  यूनीवर्सिटी को चल दिए { रास्तेभर दीपमाला से बाते करता रहा मैं बड़े प्यार से बात बात में मैंने जानकारी ले लिया की दीपमाला पति से खुस नहीं रहती है,पर दीपमाला ने खुल कर नहीं बताया ,मैंने रास्ते भर दीपमाला की खूब तारीफे करते रहा उसकी सुन्दरता की ओ खूब गदगद थी मेरे ऊपर दीपमाला मेरे पास वाली सीट में बैठी थी मैं कभी कभी दीपमाला का हाथ प्यार से दबा देता था पर उसने कोई बिरोध नहीं किया तब मैं समझ गया था की थोड़ा सा प्रयास किया जाए तो ये चुदा सकती है मेरे से |}जो करीब 200 KM दूर है हम यूनीवर्सिटी  करीब १.३० PM पर पहुच गए और यूनीवर्सिटी में दीपमाला का काम करीब ५.३० बजे हो गया और हम यूनीवर्सिटी से निकला लिए और मैं निराश हो गया की दीपमाला की चूत नहीं चाट पाउगा क्योकि रुकने का काम ही नहीं पडा |  पर जब सहर के भीड़ - भाड से बाहर  निकला तो कार का रेडियेटर लीक हो गया और सारा कुलेन्ट बह गया  और कार गर्म पड़ गई किस्मत से एक मैकेनिक की दूकान पास ही थी पर उसी समय जोर से बारिश होने लगी फिर भी मैं कार से बाहर निकला और उस मैकेनिक के  पास गया और बताया तो ओ मैकेनिक कार को देखकर बोल की साब इसे यहाँ से ले चलना पडेगा और मैकेनिक कार को अपनी दूकान पर लाया और बोला की कम से कम 2 घंटा लग जाएगा मैंने बोला की टीक है कर दो 
                  मैकेनिक अपने कम में लगा गया पर पानी उस समय भी जोर से गिर रहा था और हम दोनों लगभग गीले हो गए थे दीपमाला का ब्लाउज उसके वादन से चिपक गया था जिस कारण उसकी ब्रा साफ़ साफ झलक रही थी ब्रा के अन्दर बड़े बड़े स्तन स्पस्ट समझ आ रहे थे आने जाने वालो की निगाहें दीपमाला की तरफ बरबस ही खीच जाती थी जो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तब मैंने कार में पड़ी एक टावेल दीपमाला को दे दिया की इसे ओढ़ लो तब दीपमाला ने टावेल ले लिया और बड़ी प्यार भरी निगाहों से मेरी तरफ देखी और मुस्कुरा कर थैंक्स कहा |
 
दीपमाला कि चुचिया इसी तरह से बड़ी बड़ी है
                  अब तक  करीब ६.३० साम को हो गए अँधेरा होने लगा और दीपमाला को ठंडी लगने लगी क्योकिउसकी साडी बहुत ही पतली है फिर भी मैंने बोल की टीक है दीपू जी आप कुछ समय और इन्तजार करेअभे टीक हो जायेगी कार तब तक चलते है किसी जगह पर चाय पीते  है और हम दोनों पास ही एक छोटे से होटल में चाय पीने चले गए जब वापस आये तब साम को ७.१५बज गए थे पर मैकेनिक अभी  तक कार को टीक नहीं किया और हम दोनों उसके गैराज में ही बैठे रहे | करीब ८.०० बजे मैकेनिक आया और बोल की साहब आज नहीं हो पायेगे कार क्योकि वेल्डिंग करने वाला नहीं मिलामैंने कई दुकानों में तलास किया सभी  पानी के कारण  जल्दी दूकान बंद कर दिया अब तो कल ही हो पायेगी  कार तब मैंने बोला ओह ये तो बहुत गलत हुआ अब क्या करे दीपू जी|  तब मैकेनिक ने कहा की साहब आप पास के ही होटल में रुक जाए भाभी जी के साथ अच्छा होटल है तब मैंने  कहा की टीक है दीपू रुक जाए क्या तब दीपमाला ने हां कह दिया | पर समस्या ये थी की दोनों के पास और कपडे नहीं थे होटल में रुके तो रात में क्या पहने मेरे पास तो टावेल थी दीपू के पास तो कुछ भी नहीं था तब मैंने दीपू को बोला की क्या पहन कर 
दीपमाला 90% ऐसे  ही है 

ओगी तब ओ बोली की चलिए काहीसे एकात गाउन खरीद लू पर आस पास दूकान नहीं थे गाउन की तब मैंने मैकेनिक से उसके बाइक मागी और मार्किट गया रस्ते में ठंडी लगने के कारण दीपमाला मेरे से चिपकी रही और मेरे को गर्म करती रही और खुद भी गर्म पड़ रही  थी ,हम दोनों बाजार गएदीपमाला ने एक टू-पीस वाला सिल्की पतले कपडे का गाउन लिया .मैंने भी मोका देख कर पास की ही मेडिकल की दूकान से बियाग्रा की गोली और कंडोम ले लिया मैं समझ गया की दीपमाला आज रात भर चुदायेगी मेरे से और मैं कही कमजोर नहीं पड़ जाऊ इस कारण आगे से तैयारी कर लिया और फिर हम दोनों वापस आये और पास के ही एक अच्छे होटल में रूम ले लिया और मैकेनिक को फोन किया की बाइक ले जाओ तब मैकेनिक ने बोला की आप बाइक रखिये अपने पास आज जब कार लेना तब बाइक दे देना नहीं तो आप कैसे अपना काम  करेगे अपना मैंने कहा टीक है | फिर हम होटल के कमरे में गए और दीपमाला को बोला की तुम कपडे बदल लो ज्यादा गीली हो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी तब दीपामला वाथरूम में जाकर गाउन पहन कर आ गई पतले से गाउन में ओ एक दम से मस्त और सेक्सी लग रही थी.उसके बड़े बड़े स्तनों की निप्पल तक झलक रही थी | मैंने भी कपडे उतार कार सिर्फ टावेल लगा लिया बनियान भी गीली थी तो उसे भी उतार दिया और अब सिर्फ टावेल लगाकर नंगे वदन बैठा था दीपमाला बाथरूम से निकली और मुझे देखा कर बोली की सर जी आप तो आज भी मस्त जवान की तरह लगते है तब मैंने हस्ते हुए बोल की तूने अभी मेरी जवानी देखि कहा तब उसने पलट कर तुरंत ही बोली की टीक है देख लूगी आपकी जवानी भी की आप कितने जवान है और हसने लगी  और तब हम दोनों ने उसी होटल में खाना खाया अपने ही रूम  में मगा कर तब तक रात के ९.३० बज गए थे और अब दीपमाला मेरे साथ खूब घुल मिल गई थी | मैं मोका देखकर एक बियाग्रा की गोली ले लिया था और अब मेरे लंड  में तूफानी हलचल सुरु हो गई थी |

                                      अब हम दोनों बेड पर लेट गए और मैंने TV ओन कर लिया और एक फिल्म "जवानी दीवानी " आ रही थी उसे देखना लगा ..जब AD आनेलगा तो मैंने चैनल बदलने लगा की एक इंग्लिश फिल्म का चेनेल आ गया जिसमे एक सेक्सी फिल्म आ रही  थी  मैंने उसे देखने लगा काफी बोल्ड सीन थे .अब मेरे से नहीं रहा गया और मैंने उसे जोर से पकड़ कर चिपका लिया और एक जोरदार किस ले लिए होठो का उसने कोई बिरोध नहीं किया तब मैंने उसके स्तन को दबा दिया और चिपका लिया जोर से ओ भी अपना हाथ मेरे कमर में दाल कर चिपक गयी मेरे से तब मैंने उसके गाउन के ऊपर वाला हिस्सा को उतार दिया अब उसकी मस्त मस्त बाहे दिखाई दे गई तो मैंने उन्हें हाथ से खिलने लगा और साथ ही चूमने भी लगा और कुछ देर में गाउन का बचा हुआ हिस्सा भी उतार दिया अब ओ मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेटी  हुई है और मैं अब उतावला हो गया उसे चोदने के लिए और मैंने तुरंत ही ब्रा और पेंटी भी निकाल दिया और अपनी भी टावेल और चड्डी को उतार कर एक दम से नगा हो गया और चिपका लिया जोर से और उसके होठो का ,जीभ का रस पीने लगा ओ भी काम्गनी में तड़प उठी और मेरे लंड को पकड़ कर उसे खिलीं लगी और धीरे से कुछ बोली जो समझ नहीं आया तब मैंने पूछा की क्या बोली तुम तो बोली की कुछ नहीं और लंड को हाथ से पकडे रही जब मैंने बार बार आग्रह किया तो बोली की मस्त लंड है आपका और आज खूब मस्तिकरुगी इसके साथ {लंड की तारफ इशारा किया }| 
                    मैं 69 की पोजीसन में उसकी चुत को हलके हलके चाटने लगा तो ओ भीमेरे लंड को मुह में दाल कर चूसने लगी और हम दोनों करीब 2 मिनट में ही सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हम दोनों और मैं लेट गया और उसे कहा की तुम बैठ जाओ और मेरे लंड को डालो चुत में और मेरे खड़े लंड पर मलखम्ब करने लगी उसके बड़े बड़े बूब्स ऊपर नीचे उछल रहे थे जिसे मैं बार बार दबा दबा कर उसे और उत्तेजित करने लगा ओजोर जोर से झटके मरने लगी तो लंड बार बार निकल जाता था तो ओ रुक कर बोली की मजा नाहिया रहा है अब आप मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदिये तभी मुझे मजा आएगा नस नस को तोड़ डालिए फाड़ दीजिये आज मेरी चुत को इतना झटके मारिये और ओ बार बार कुछ बडबडा रही थी उसके आँखे , चेहरा एक दम से लाल पड़ गए  थे उस समय ओ तुरंत ही नीचे लेट गई और बोली की सर प्लीस अब और ज्यादा नहीं तरसाए नहीं तो मर जाउगी तब मैंने बोला की रुको कंडोम लगा लू तो बोली की नहीं कंडोम नहीं लगाए अभीअभी दो दिन पहले ही महीने (माहवारी ) से  फुर्सत हुई हु मुझे आपके जैसा एक लड़का चाहिए सुन्दर ,गोरा चिठ्ठा और होसियार सा मेरे पति तो ठिगने से बुद्धू टाईप है तब मैंने बोला की टीक है और मेरा फंफंता हुआ लंड उसकी चुत में डाल कर आगे -पीछे कर कर के चोदने लगा ओ बार बार उह उह उह ससे से से सी सी आह आह ऊ ऊ उइ माँ आ उ ऊ ऊउ ऊ आह अह सी सी उफ़ उफ़ आह आह की जोर जोर से आबाज निकाल रही थी और मेरे सर पर अपना हाथ बड़े प्यार से घुमा रही थी और मैं जोर जोर से धक्के मार रहा था दीपमाला ने बोल की सर जी और जोर जोर से चोदिये बहुत मजा आ रहा है और मैंने और जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदने लगा फट फट की आवाज गुज रही थी कमरे में हम दोनों मस्त थे एक दुसरे कोचोदने में ओ जोर से चिपका गई मेरे साथ और इतने में ओ ठंडी पड गई और हाफ़ते हुए ओ पसीना पासीना हो कर हाथ हटा लिया मेरे ऊपर से मैं समझ गया की इसका कम लग गया  पर मेरे ऊपर वियाग्रा का अशर था जिस कारण मैं जल्दी से ठंढा नहीं पड़ने वाला था मुझे पता था क्योकि मेरी बीबी के साथ भी ऐसा ही होता हो मेरी बीबी जल्दी स्खलित हो जातीहै बाद में मैं उसे घोडी बना कर चोदता हु तब मेरा नासा उतरता है मैंने दीपमाला के साथ भी यही किया मैंने दीपमाला कोबोला की तुम अब घोड़े बन जाओ और मैं तुम्हे घोड़ा बन कर चोदुगा तब जाकर मेरा लंड शांत होगा तो ओ बोली की आप आभी तक रिलेक्क्स नहीं हुए तब मैंने कहा देखो ना इसे (लंड की तरफ इशारा किया) तो ओ बोली की बाप रे बाप मेरे पाती तो बहुत जल्दी शांत हो जाते है कभी कभी तो मैं ऐसी ही रह जाती हु तो ओ जबरजस्ती ढीले लंड से मेरा नशा उतारते है पर आप तो अभी भी मस्त है आज रात भर चुदाउगि  आपसे आप अभी अपने आप को कंट्रोल करिए तब मैंने बोला की टीक है और मैं अपने आपको कंट्रोल किया करीब 1 घंटे बाद दीपमाला को फिर से गरम कर दिया और इस बार दीपमाला को घोडी बना कर खूब चोदा जोर जोर से झटके मार मार कर और हम रात भर में तीन बार दीपमाला कोचोदा अगले दिन  हम दोनोकी लेट नीद  खुली .दीपमाला इतनी थक गई थी की रात भर  मेरे बाहों में नंगी ही पडी रही सुबह  करीब 10 बजे नीद  खुली तो फिर हम दोनों फ्रेस हुए और दीपमाला से बोला की कितने बजे तक चलना है तो बोली की इअसा करते है आज और रुक जाते रात भर कल साम के समय 5 बजे निकला लेगे तब तक अपन दोनों इस नए सहर में घूमते है मौज मस्ती करते है तब मैंने बोल की टीक है (मेरी पत्नी अभी गाव में है इस कारण मुझे पत्नी की चिंता नहीं थी और) और हम अगले दिन 12 बजे अपनी कार को ले लिए और िफ़र एक वाटर पार्क में हम दोनों गए वहा पर दीपमाला ने बिकिनी पहनकर मेरे साथ खूब मस्ती किया और फिर हम वापस होटल में आये और फिर रात में अलग अलग पोजीसन में दीपमाला को तीन बार चोदा और संतुस्ट हो गई और मेरी चुदाई का परिणाम है की दीपमाला को एक सुन्दर सा गोरा सा लड़का पैदा हुआ अभी अभी  फरवरी में दीपमाला ने फोन करके बताया है की बिलकुल आप जैसा है |और बोल रही थी की मैं फिर से आउगी मम्मी के यहाँ तो आपसे मिलूगी |


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