Tuesday, April 8, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाभी जी अकेली ही थी

FUN-MAZA-MASTI

भाभी जी अकेली ही थी

मैं  एक माध्यम परिवार से हु मेरी उम्र 40 साल की है और मैं  नौकरी करता हु पर मैं आज भी अच्छा हट्टा-कट्टा जवान हु 40 साल में भी 35 का लगता हु | मेरी भाभी और भैया भी है, भाभी की उम्र भी करीब 45 साल की है पर ओ आज भी 38 -40  साल की लगती है  मेरे भैया करीब 50 साल के है पर सराब पी पी कर ओ बूढ़े हो गए 50 में 58  लगते है भैया पहले सेना में थे तब से उन्हें सराब पीने की बुरी लत लग गई जो आज भी वैसी ही है इस कारन भैया का सरीर कमजोर हो गया है पहले जैसा नहीं रहा | जबकि भाभी को सराब से बहुत नफरत है इस कारण दोनों में आये दिन झगडे होते रहते है | भैया एक कंपनी  आफीसर है कंपनी के काम से कभी कभी बाहर भी जाते है | भैया के दो लड़के और एक लड़की है लड़की की सादी कर दिया पर दोनों लडको की सादी अभी नहीं हुई है दोनों बाहर नौकरी करते है |
             
   मैं मेरे सहर से  दूर नौकरी करता हु पर गाव आते जाते समय भैया के  पटना शहर वाले मकान में आता-जाता हु | 
      अभी -अभी  की बात है मैं मई महीने की बिकराल गर्मी में गाव गया था | नौकरी पर वापस जाते समय  पटना वाले  भाभी के माकान में गया  मैं जब गया उस समय पर भाभी जी अकेली ही थी ,भाभी उस समय पर एक चुस्त गाउन पहल रखा था उस गाउन में भाभी का मस्त जिस्म साफ़ साफ दिखाई दे रहा था उनके बड़े- बड़े  स्तन की झलक साफ़ साफ दिख  रहे थे  जब मैं भाभी के घर  पहुचा उस समय पर करीब सुबह के 10 बज रहे थे  पर बहुत ही भयंकर धुप और गर्मी थी ,मैं गेस्ट रूम में बैठ गया ,जाते ही भाभी ने ठंडा सरबत पिलाया और पास ही बैठ गई चिपक कर और मेरा हाल चाल पूछ लिया मेरे से | मैंने बोला की बहुत गर्मी है कूलर चलाता हु तो बोली की कूलर की पानी वाली मोटर बंद है इस कारण नहीं चलेगा ,तब मिअने बोल की टीक है | तब भाभी जी ने कहा की आप लीविंग रूम में चलिए (भाभी जी के लीविंग रूम और बेड रूम में AC लगा हुआ है और दोनों कमरे आपस में जुड़े हुए है बस बीच में एक दरवाजा है ) और मैं बेग लेकर कर लीविं रम में चला गया साथ में बहभी जी भी थी 
      
  बात चीत होते रही हम दोनों के बीच में मई भाभी के बेड रूम में तकिये के नीचे अजन्ता अलोरा और खजुराहो की कुछ पुस्तके देखा जिसमे नग्न फोटो थी जिसे मैं देखने लगा और  हिम्मत करके  पूछ लिया की कब गई थी आप यहाँ तो भाभी जी ने कहा की बहुत पहले गई थी , समय पास करने के लिए पढ़ रही थी , तब मैंने पूछा की क्यों दादा कहा है, तो बोली की ओ तो टूर पर गए है कल ही सात दिन के लिए (मैं मन ही मन खुस हो गया की चलो इस बार मोका मिल गया भाभी के साथ बहुत दिन बाद सम्भोग करने का ) मैंने जान बुझकर खजुराहो की मूर्तियों के बारे में बात सुरु कर दिया तो भाभी भी मजे लेकर बात करने लगी की बहुत ही मस्त मुर्तिया है खजुराहो की |  भाभी ने  पूछा की एक बात बताओ बबुआ जी क्या कोई ओरत किसी जानवर जैसा की शेर ,घोड़ा के साथ कैसे सेक्स सहन कर सकती है | इस तरह  की फ़ालतू मुरितिया भी लगी है  खजुराहो में , असंभव है ना जानवर के साथ सेक्स तब मैंने बोला की  संभव है जानवर के साथ सेक्स तब भाभी ने कहा की कैसे आप बताओ मैं नहीं मानती तुम्हारी बात , तब मैंने भाभी को मोबाइल से कई वीडिओ दिखाया जिसमे ओरत शेर .घोड़ा ,कुत्ता के साथ सेक्स कर रहे है और भाभी जी ने सभी वीडिओ देखा और चकित रह गई (भाभी का चेहरा उस समय देखने लायक था जब ओ सेक्सी वीडिओ देख रही थी उनका चेहरा एक दम से लाल पड़ गया था जैसे सम्भोग करते समय ओरतो का चेहरा पड़ जाता लाल ) बोली की मैं तो सोच भी नहीं सकती थी ये सब भी हो सकता है | ये सब करते करते करीब १२ बज गए भाभी ने बोल की तुम स्नान कर लो फिर मैं भी करती हु स्नान मैंने बोला टीक है और मैं बाथरूम में  स्नान करने जाने लगा तो बोली की बाहर  ही नहा  लो  वह पर वासिंन्ग  मशीन है जगह कम पड़ेगी और तब मैंने बाथरूम के सामने ओपन जगह में स्नान करने लगा और भाभी मुझे किसी न किसी बहाने देखने आ जाती कभी किचेन जाने के बहाने तो कभी गेस्ट रूम में जाने के बहाने मैं जब नहा  चुका तब भाभी ने कहा की तुम तो आज भी मस्त जवान लग रहे हो बहुत किस्मत वाली है मेरी देवरानी और हसने लगी | और फिर बोली की अब मैं भी नहा लू आप इधर नहीं आना ,तब मैंने हस्ते हुए कहा की आप तो मुझे बार बार देख रही थी अब मैं भी आपको देखूगा नहाते समय तो बोली की चल हट, नटखट कोई भला ऐसा करता है क्या[इसके पहले भाभी को एक बार नंगा  नहाते देखा था जब मैं 12 वी में था ] और बोली की चलो जाओ आगे के रूम में बैठ कर TV देखो मैं नहा कर खाना बनाती हु लेट मत करो जाओ ,और मैं चला गया लीविंग रूम में | और मैं TV देखने लगा पर मेरे मन में तो भाभी का जिस्म नाच रहा था मैं उसे देखना चाहता  था तो मन को रोक नहीं पाया और चुपचाप भाभी के बेड रूम  की खिड़की से झाकने लगा | क्या मस्त जिस्म है  भाभी का आज भी कसे हुए बिना लटके हुए स्तनों की मल्लिका है भाभी बस पहले से मोटी हो गई है | भाभी का पेट ज़रा सा भी बाहर नहीं निकला हुआ है और सरीर की बनावट ऐसी है की आज भी एक दम से मस्त जवान लगती है सुडौल जांघे है हलके मोटे नितम्ब है बड़े बड़े आकार के बिना लटके हुए अच्छी गोलाई लिए हुए बूब्स है मन कर रहा है  की जाकर लिपट जाऊ और चोद दू भाभी को मेरा लंड तन कर खडा हो गया बेताब हो गया भाभी को चोदने के लिए पर मैं हिम्मत नहीं कर पाया | और देखता रहा भाभी को नहाते हुए,भाभी  बार बार स्तनों में साबुन लगा लगा कर स्तनों को मल रही थी स्तन कभी  इधर तो कभी उधर उनके हाथ से मछली की तरह फिसल  रहे थे मैं ये सब देखता रहा अब भाभी ने तौलिया उठाया और अपनी संग मरमर सरीखे वदन  को पोछने लगी और टावेल लगा कर ही बेड रूम  की तरफ आने लगी तो मैं जल्दी से चला गया लीविंग  रूम में |
                    भाभी 5 मिनट बाद 5 हुक वाली (जिसके हुक भाभी की नाभि तक लगे हुए थे ) एक गाउन पहन कर आई  जसके ऊपर के दो हुक नहीं लगाया था भाभी ने  ब्रा भी नहीं पहना हुआ था जिस कारण उन्केगोल गोल बड़े स्तन साफ़ साफ़ झलक रहे थे | गाउन का हुक नहीं लगा होने के कारण दोनों स्तनों के बीच की घाटिया (उतार चढ़ाव ) साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी | मैं इन घाटियों को देख कर उत्तेजित होने लगा मेरा लंड तन कर खडा हो गया जिसे छिपाने के लिए मैं पेट के बल बिस्तर में लेट गया तब भाभी ने समझ लिया की क्या मामला है पर ओ मंद मंद मुस्कुरा रही थी मुझे निमत्रण देते हुए उकसा रही थी पर मैं डरपोक ठहरा हिम्मत नहीं कर पा  रहा था | 
                     
 भाभी अब उठकर किचेन में चली गई और फटाफट खाना बनाया और हम दोनों साथ बैठ कर खाना खाया तब तक करीब 2 बज गए और मैं लीविंग रूम में आकर बिस्तर पर लेट कर  TV देखने लगा तो भाभी भी आ गई और सोफे पर लेट गई और TV देखने लगी और कुछ देर में भाभी को नीद लग गई और ओ सोफे में उलटा ही पीठ के बल लेट गई उनके स्तन किसी पोर्न स्टार की तरह एक दम से मस्त कड़क से गाउन से झांक रहे थे मैंने भाभी के स्तनों को बड़े प्यार से पास जाकर देखने लगा जी भर का देखा स्तनों को ऐसा लग रहा था की दबा दू स्तनों को पर हिम्मत नहीं पडी और फिर बिस्तर पर्जाकर लेट गया और मुझे भी कब नीद  लग गई पता ही नहीं चला जब नीद खुली तब साम के 6 बज गए थे भाभी पहले ही उठ गई थी और किचेन में कुछ कर रही थी ,मैं पानी पीने गया तो बोली की रुकिए सरबत बना रही हु आपके लिए और कुछ देर में भाभी ने सरबत बना कर दिया मैंने ओ सरबत पिया बहुत ही अच्छा  लगा  ,अब भाभी ने कहा की बाजार में कुछ काम है चलिए चलते है मैंने बोला टीक है हम दोनों बाजार गए बाइक से मेरी इच्छा थी कार से चलने की पर भाभी ने बोला की मार्किट में भीड़ बहुत रहती है बाइक से चले तब दोनों बाइक से बाजार गए रास्ते में भाभी मेरे साथ ऐसे बैठी हुई थी की दोनों स्तन मेरे पीठ से घिसा रही थी बार बार और मैं खूब उत्तेजित हो गया  बाजार में कुछ सामान लिया भाभी ने, मैंने भी मोका देखा कर एक मेडिकल स्टोर से बियाग्रा की टेबलेट और कंडोम ले लिया क्योकि भाभी जिस तरह से मेरे साथ बाइक में बैठी थी उससे मैनेअन्दाज लगा लिया की आज रात में भाभी जरुर चुदाईयेगी |
भाभी पीछे से ऐसी ही लगती है



              हम दोनों बाजार से आ गए भाभी  ने खाना बनाया और हम दोनोफ़िर से साथ साथ खान खाए तब तक रात के 10 बज गए थे मैं लीविंग रूम में आकर लेट गया और TV देखने लगा कुछ देर में भाभी भी आ गई और सोफे में लेटकर टीवी देखने लगी मैं जल्दी ही सोने का बहाना करने लगा तो भाभी बोली की इधर (बेड  रूम के तरफ इसारा  करके) से ही आप टॉइलेट  जाइयेगा क्योकि रात में बाहर की तरफ का दरवाजा नहीं खोलना तब मैंने कहा क टीक है और मैं सोने का नाटक करने लगा और कुछ देर में भाभी भी TV और लाइट बन्द करके चली गई ,मैं चुपचाप उठा और एक बियाग्रा की गोली खा लिया और सोने का नाटक करते करते कब हलकी सी  झपकी लग गई पता ही नहीं चला पर रात में करीब ११.३० बजे मेरी नीद खुल गई , मैं टॉइलेट जाने के लिए भाभी के कमरे से गया और टॉइलेट करके वापस आया तो भाभी को देखने लगा सोते हुए (कमरे में हलकी से लाइट जल रही थी ) भाभी की गाउन घुटनों के ऊपर तक  खिसकी हुई थी जिससे उनके दोनों सुडौलजांघे दिखाई दे रही थी, मैं चुपचाप भाभी के बेड पर बैठ गया और भाभी  की जांघे हलके हलके सहलाने लगा 5 मिनट तक जांघे सहलाते रहा की अचानक भाभी ने दाई टाग को मोड़ लिया तब भाभी की " बुर  " दिखाई देने लगी क्योकि भाभी ने पेंटी नहीं पहन रखी थी  अब मैंने धीरे से चुत को उगली लगाया और हलके हलके सहलाने लगा और कुछ देर बाद चुत में थोड़ी सी  उगली  डाल दिया और चुत के अन्दर सहलाने लगा उगुली से अब मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैंने मेरे सारे कपडे उतार लिया और फिर से चुत को उगली करने लगा और एक हाथ को  स्तन पर रख दिया और हलके हलके स्तनों को सहलाने लगा (भाभी अभी भी सोने का नाटक कर रही थी जबकि ओ पुरी तरह से जाग गई थी) कुछ ही समय में ओ (भाभी) दुसरी टाग को भी घुटनों से उठा लिया  और दोनों टागों को फैला दिया तो उनकी चूत का छेद  पूरी तरह से  दिखाई देने लगा ,तब मै उनकी चूत को चाटने लगा तो ओ और उत्तेजित हो गई उनके चहरे से लग रहा था पर अभी भी सोने का नाटक कर रही थी और उनकी चूत में चिकनाहट आ गई चूत गीली हो गई और इधर मेरा धैर्य  टूटने लगा तब मैंने अपने बड़े, मोटे चूतखार  लंड की आगे की चमड़ी को पीछे किया और फनफनता हुआ लंड को उनकी चूत में धीरे से डालने लगा तो कुछ कठिनाई हुई तब मैंने टांगो को और फैलाया और एक झटके से डाल दिया (मेरा लंड तो सुहागरात से भी ज्यादा कड़क और लम्बा पड़ गया है .बियाग्रा के प्रभाव से ) तो ओ तुरंत ही ओ माई गाड  और अससी सी की आवाज करके जाग गई और बोली की क्या कर रहे हो ,तब मैंने बोला की अब नाटक नहीं करिए भाभी अब तो आज तबियत से चोदुगा आपको तो ओ कुछ नहीं बोली और मेरे सर पर ,बालो में उगलिया घुमाने लगी कभी कभी पीठ पर ,तो कभी मेरे मजबूत कंधो पर हाथ घुमाने लगी और बोली की आप तो आज भी बहुत दमदार लगते है और बोली की निकालिए तो ज़रा देखू तो सही कितना बड़ा हो गया है तब मैंने लंड को निकल दिया और ओ मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर लंड से खेलने लगी और उन्होंने लंड कोचुम भी लिया और बोली की पहले से बड़ा हो गया है ये 'आज इसे जम कर चोदो  बबुआ जी तबियत से बहुत फडफडाती है ये (चूत) | तब मैंने उनकी गाउन कोनिकाल कर बाहर कर दिया अब ओ मेरे सामने नंगी पड़ी है बिस्तर में | 

      मैंने उन्हें  पीठ के बल लिया दिया और मेरा 10 इंची लंबा और मोटा लंड को घुसेड दिया मुलायम चूत में और ऊपर लेट कर झटके मरने लगा मेरा लड उनकी चूत में एक दम से फिट था ज़रा सा भी ढीला नहीं था फिर क्या था ओ मजे से चुदाती रही और मैं उन्हें चोदता रहा ओ मुझे कस कर मेरी पीठ को पकड़ लिया और चिपका लिया और करीब 3 मिनट में ही ढीली पड़ गई (मैं समझ गया ओ अस्खलित हो चुकी है पर ज़रा से आवाज नहीं किया न तो आह न तो सी की )  पर मेरा लंड सांत नहीं हुआ  और झटके मारता रहा और करीब 5 मिनट बाद बहुत सा वीर्य निकला और चूत से बहने लगा और मैं थोड़ा हाफ्ते हुए बगल में लेट गया | तब रात के 12 बज चुके थे ओ मेरे पास नंगी ही लेटी  रही सारी सरम हया को छोड़ कर और फिर रात भर  में एक बार और तबियत से चुदाई किया अलग अलग तरीके से ओर रात भर दोनों नंगे पड़े रहे साथ साथ अगले सुबह उठे तो भाभी बहुत खुस थी बोली कि बबुआ जी बहुत दिन बाद मजा आया आपके भैया में ओ दम  नहीं बचा |  अब --दोनों ने चाय नास्ता किया साथ साथ । |
मई में भयंकर गर्मी  पड़ रही थी मेरा मन भाभी को नहला कर चोदने को हुआ मैं घर के सभी रडवाजो ओ बंद कर दिया जिससे कोई अंदर नहीं आ पाये मैंने भाभी को बोला कि  भाभी जी फिर कुछ बाजार   का काम है तो बोली कि बबुआ जी आप नहा लो पहले मुझे बहुत काम है अभी मैं 11  नहाऊगी मैं बोला कि टीक है और मैं नहाने चला गया नहा कर बाहर आ गया मैं समझ गया भाभी कब नहायेगी मैंने नहाने के बाद एक वियाग्रा कि  खा लिया और आराम से टीवी देखने लगा भाभी करीब पौने ग्यारह बजे नहाने के लिए बाथरूम में घुसी पर दरवाजा नहीं लगाया और नहाने लगी मैं पानी पीने के बहाने गया और नहाते हुए भाभी को देखने लगा तो बोली कि जाओ बबुआ जी यहाँ से सरम आ रही है तब मैं बोला कि रत पर नंगी पडी रही तब सरम नहीं आई तो बोली कि ओ बात अलग थी तब मैंने बोला भाभी मैं नहला दू आपको ,तो बोली कि चल हट इतनी उम्र हो गई पर बचपना नहीं गया अभी तक इतना कह कर बाथरूम का दरवाजा लगाने लगी तो मैं तुरंत ही बाथरूम में घुस गया और भाभी से लिपट गया तो बोली कि दिन है कोई आ जायेगा तब मैंने बोला कि दरवाजा बंद करके आया हु तो बोली कि नहीं दिन में नहीं रात 
भाभी कि चूची ऐसी ही है 

में कर लेना पर मैं नहीं माना और भाभी के बूब्स दबाना सुरु कर दिया तब भाभी जी बोली कि आप तो नहलाने वाले थे ये क्या कर रहे हो ...तब मैं बोला टीक है आप बैठ जाओ तब भाभी बैठ गई और मैं  साबुन लगा कर बूब्स को मसलने लगा चिकने चिकने बूब्स साबुन लगने के बाद और मस्त हो गए बार बार हाथ से फिसल रहे थे फिर मैंने भाभी कि पीठ में जांघो में साबुन लगा लगा कर घिसने लगा फिर धीरे से बुर में साबुन लगाया और बुर को सहलाने .लगा अब भाभी गर्म पड़ने लगी तो मेरे कपड़ो को उतरने लगी तो मैं खुद ही सभी कपडे उतार कर नंगा हो  गया तब भाभी ने मेरे लण्ड में साबुन लगालगा कर खिलाने लगी लण्ड  को .और बोली कि बहुत मस्त है ये और चूमने लगी लण्ड को तो मैं जबरजस्ती भाभी के मुह में लण्ड डालने लगा पर भाभी ने मना कर दिया तब मैं उनकी बुर  को चाटने लगा भाभी मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी तब मैं दोनों टांगो को फैला  कर बैठ गया और भाभी कि दोनों टांगो को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और भाभी के दोनों टांगो को अपने कमर पर चढ़ा लिया और 10 इंची फनफनाता हुआ लण्ड भाभी कि बुर के सामने कंडोम लगाकर खड़ा कर दिया और भाभी की चुचिया चूसने लगा तब भाभी ने अपने चूतड़ो को धीरे से खिसकाया  और लण्ड को बुर में डालने लगी मुस्किल से लण्ड का सुपारा ही घुसा था तब भाभी ने मेरी कमर में हाथ डाला और अपनी तरफ पकड़ कर खीचा तब लण्ड 4 इंच तक बुर से मस्मासा कर जा घुसा और भाभी अपने चूतड़ो को इधर उधर हिलाने लगी तब मैं हलके हलके झटके मारने लगा बीच बीच में लण्ड  को पूरा बाहर निकाल लेता फिर बुर के मुहाने में लण्ड को थोड़ा सा स्पर्श करता तब भाभी अपनी कमर को जबरजस्त तरीके से हिलाती और लण्ड को अंदर करते मैं फिर लण्ड को बाहर  निकल लेता और बुर के सामने जरा सा टच कर देता तब भाभी फिर जोर से झटका देती कमर को और लण्ड अंदर ले लेती यह क्रम लगातार 3 मिनट तक किया तो भाभीहोठो को किस करते हुए बोली कि कब तक तड़पावेगे बबुआ और इतना कह कर मेरे को नीचे लिटाते हुए लण्ड को बुर में  घुसेड़ कर ऊपर चढ़ गई और मेरे सीने पर हाथ रख कर हिलने लगी तब मैं पास से ही बाथरूम का सॉवर चालु कर दिया गर्मी में पानी कि हलकी हलकी बौछार ऊपर गिराने लगी तब हम  के वदन का सारा साबुन धूल गया भाभी अपनी चुचियो को कुदा कुदा कर ऊपर नीचे होकर चोदने लगी मुझे मैं भाभी कि चुचियो को चूसता कभी होठो को चूसता पर भाभी उछल उछाल कर चोद रही थी मुझे मैं नीचे लेटा लेटा भाभी का  साथ दे रहा था बाथरूम में पानी की बुदो के बीच में फट फट 




कि आवाज गुज रही थी भाभी बार बार अपने होठो को चबाती करीब 5 मिनट तक कूदने के बाद भाभी मेरे सीने पर लेट कर चिपक गई और लेटे लेटे अपने चूतड़ो को आगे पीछे हिलाने लगी मैंने भाभी के चूतड़ो में हाथ लगाया सहारा दे दिया 3 मिनट बाद मैंने भाभी को बाथरूम के  बाहर   खड़ा कर दिया और भाभी को उठा लिया तो भाभी ने अपने दोनों हाथो को मेरे गले में और जांघो ओ कमर में डालकर ऐसी लिपट गई जैसे नाग नागिन काम क्रीड़ा करते समय लिपट जाते है मैंने एक हाथ भाभी  के कमर में और एक हाथ भाभी के चूतड़ के नीचे हाथ  लगा कर कस कर पकड़ लिया और भाभी को ऊपर नीचे कर के हवा में झूला झुलाकर चोदने लगा लगातार 4 मिनट तक हवा में उछाल उछाल कर भाभी को चोदा भाभी के मुह से आ आ आ आ आह अह अह सी सी सी उ उ उ उड़ उड़ उड़ उफ़ उफ़ कि आवाज निकलती और मेरे गले में बार बार चूमती हलके हलके दांत से काट भी लेती मैं थक गया तो भाभी को उठाये उठाये बेडरूम में ले गया और भाभी को घोड़ी बना दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा बेड के सामने लगे हुए 

कांच में भाभी के चेहरे का इम्प्रेशन देखते बन रहा था भाभी कि चुचिया जोर जोर से हिलती थी आगे पीछे ऐसा लगता था कि चुचिया जिस्म से अलग हो जायेगी 3 मिनटतक झटके खाने के बाद भाभी स्खलित हो गई पर मैं अभी भी जोर जोर के 30 - 35 झटके मारा और भाभी के ऊपर उसी तरह से चढ़ गया जैसे कोई भैसा ,भैंस के ऊपर चढ़ जाता जाता है तब भाभी मेरे बजन को सहन नहीं कर पाई और पेट के बल लेट गई तब मैं भी भाभी के पीठ से ऐसे चिपका गया जैसे मेढक -मेढ़की सम्भोग के समय चिपक जाते है फिर बाद भाभी के ऊपर से उठा हम दोनों पसीने पसीने हो गए इसके बाद पसीना सुखाया और दोनों एक साथ फिर से नहाये और खाना खाया और साथ में सो गए मैं भाभी के पास 5 दिन रुका और भाभी रोज रोज चुदाती थी |


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